उम्मीद जगाने वाली कांग्रेस की दमदार वापसी होगी! https://ift.tt/kN92os5

ऐसा लग रहा है, जैसे कांग्रेस के कुछ नेता हराकिरी करके अपने ही दल को समाप्त कर देने को आतुर हैं। ऐसा भी कह सकते हैं कि मौकापरस्त कुछ नेता भारतीय जनता पार्टी के साथ अंदरखाने मिलकर उसके ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ के नारे को साकार करने पर तुले हों। आज वह समय नहीं रहा जब कांग्रेस में महात्मा गांधी,पं. जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, डॉ. राजेंद्र प्रसाद,सरदार बल्लभ भाई पटेल, बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे नि:स्वार्थ भाव से काम करने वाली शख्सियत हुआ करती थीं जिनका मकसद भारत से अंग्रेजों को भगाकर भावी पीढ़ियों को स्वतंत्र देश के नागरिक के रूप में स्वच्छंद भाव से जीने की आजादी दिलाना था। ऐसे महामानवों का उद्देश्य देश को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कराना था । इसी वजह से कांग्रेस की तूती बजती थी। हजारों प्राणों की आहुति के बाद देश को आजादी मिली।

हालांकि, उस दौर में भी कांग्रेस में कई बार उतार-चढ़ाव आए, लेकिन हर बार कांग्रेस और मजबूती से उभरकर सामने आई। वर्षों तक इस दल का शासन देश पर रहा। शून्य से अपनी स्थिति से खुद को उठाने के साथ देश को भी विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाती रही। हालांकि, बाद में कुछ गलत नीतियों ने उसे जनता की नजरों से गिरा दिया जिसके कारण पिछले कुछ वर्षों से वह सत्ता से बाहर है। वर्षों से इस पर मनन किया जाता रहा है कि सवा सौ वर्ष पुरानी इस पार्टी को अभी पिछले दिनों पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में मुंह की क्यों खानी पड़ी! कहीं भी कांग्रेस की सरकार क्यों नहीं बन सकी! लोगों को लगने लगा कि अब यह दल जनता में अपनी साख शायद बचा नहीं पाएगा।

पिछले दिनों जिन पांच राज्यों में चुनाव हुए उनमें एक पंजाब ही कांग्रेस के कब्जे में था। वहां उसकी सरकार थी, लेकिन एक सड़ी मछली ने पूरे तालाब को गंदा कर दिया जिससे पंजाब भी कांग्रेस के हाथ से फिसल गया। पंजाब, जहां भाजपा की आंधी में भी अपनी पार्टी की सरकार को बचाकर रखने वाले कद्दावर नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह को सत्ताच्युत करके अपने ही हाथों उस राज्य को आम आदमी पार्टी के हाथों में सौंप दिया।

दूसरा राज्य उत्तराखंड था, जहां कांग्रेस को कुछ उम्मीद थी कि हो सकता है कि भाजपा के हाथों से सत्ता खिसक जाए, लेकिन भाजपा की नीति के सामने उसकी एक नहीं चली और फिर से सरकार भाजपा की ही बनी। रही बात उत्तर प्रदेश, गोवा और मणिपुर की, तो इन राज्यों के लिए तो पहले से ही तय था कि वहां भाजपा फिर से अपनी सरकार बनाएगी। और ऐसा ही हुआ भी।

भाजपा के नीति-निर्माताओं ने इन राज्यों की जनता की मानसिकता को पढ़कर अच्छी तरह समझ लिया था और उसके अनुसार ही अपनी नीतियों पर काम करके जनमानस के मन में अपने दल के प्रति विश्वास जगाया और फिर से सरकार बनाकर जनता में अपना विश्वास बरकरार रखने में कामयाब रहे। इन पांच राज्यों के चुनाव में यही लगा कि शायद विपक्ष का कोई ऐसा चेहरा ही नहीं है जो इन राज्यों में चुनाव में अपनी पार्टी को जीत दिला सकें। इन राज्यों के बड़े-बड़े कांग्रेस के नेता राज्य में अपनी सरकार बनाने की बात कौन करे, वह अपनी सीट भी नहीं बचा सके। ऐसा लगता है कि मतदाताओं के मन में कांग्रेस के प्रति उदासीनता का भाव आ गया है और उसकी समझ में यह बात आ गई कि भाजपा का कोई विकल्प आज कांग्रेस के पास नहीं है।

अभी चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस की स्थिति पर एक प्रस्ताव पार्टी हाईकमान के समक्ष रखा। इसके तुरंत बाद से कांग्रेस के असंतुष्ट नेता इस बात को बर्दास्त नहीं कर पा रहे हैं कि कोई उसकी कमी को दूर करने के लिए उसे सलाह दे, उनसे राय-मशविरा करे। इसलिए प्रशांत किशोर के हाई कमान को प्रस्ताव देने के बाद से ही असंतुष्ट खेमा अपनी पार्टी के अंदर मरने-कटने और दल को छिन्न-भिन्न करने के लिए तैयार हो गए हैं।

ऐसे असंतुष्ट नेता प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने और उनके प्रस्ताव को ढकोसला मानते हुए यह भी कह रहे हैं कि इससे कुछ हासिल होने वाला नहीं है। वह इस बात पर अडिग होकर कहते हैं कि पार्टी की ध्वस्त हो चुकी जमीन को वापस हासिल करना कोई जादू का खेल नहीं है कि एक रणनीतिकार के जादुई नुस्खे से अचानक सब कुछ सही हो जाएगा।

उनका यह भी कहना है कि कांग्रेस की राजनीतिक वापसी की चाबी इसके लाखों कार्यकर्ताओं के पास है, लेकिन दुर्भाग्यवश जमीन से आ रही इस आवाज को भी नजरंदाज किया जा रहा है। वे यह भी कहते हैं कि बैठक में उनको अलग रखकर उनके भरोसे को तोड़ा गया। बैठक में सबसे संवाद करते हुए प्रस्ताव पर कांग्रेस अध्यक्ष को विचार करना चाहिए था, जो नहीं किया गया। वे यह भी कहते हैं कि इस तरह कुछ चुनिंदा लोगों के साथ बैठक करना पार्टी के लिए अहितकारी ही होगा। इसे पार्टी के फायदे की बात कहना निहायत बेवकूफी है। यह भी कहा जा रहा है कि असुंतुष्ट गुटों का गुस्सा इतना बढ़ गया है कि कुछ नेता इस प्रकरण पर बातचीत के मूड में भी नहीं हैं तथा अंदर-ही-अंदर पार्टी में बड़े विस्फोट की तैयारी में जुट गए हैं।

यहां तक कि केरल से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. जे. कुरियन के इस बयान का हवाला देते हुए कहा गया है कि नेहरू गांधी परिवार को पार्टी नेतृत्व छोड़ देना चाहिए। हो सकता है कि इस मामले पर चिंतन शिविर के बाद इस दिशा में कुछ बड़ी बात हो। ज्ञात हो कि 13 मई से राजस्थान के उदयपुर में तीन दिनों के लिए चिंतन शिविर होने जा रहा है, जिसमें देश के विभिन्न भागों से लगभग 400 नेता हिस्सा लेंगे। इसकी तैयारी में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य के प्रभारी अजय माकन जुटे हुए हैं और उदयपुर का दौरा भी कर चुके हैं।

जो भी हो , प्रशांत किशोर ने जो सुझाव दिया है उस पर कांग्रेस अध्यक्ष ने आठ कमेटी बनाकर उसकी मजबूती को परख कर उसपर अपने वरिष्ठ नेताओं को रिपोर्ट देने को कहा है , इसलिए प्रशांत किशोर का कांग्रेस में शामिल होने का बाजार गर्म था, उस पर विराम लग गया है, क्योंकि चुनावी राजनीतिकार प्रशांत किशोर स्वयं कांग्रेस में जाने का खण्डन कर दिया है।

आइए, अब देखते हैं कि पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर का कांग्रेस के उत्थान के लिए जो प्रस्ताव दिया उसका लब्बो-लुआब क्या है। बताया जाता है कि प्रशांत किशोर ने पार्टी बैठक में एक प्लान बताया है जिसके मुताबिक कांग्रेस 370 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। इतना ही नहीं, कुछ राज्यों में गठबंधन को लेकर भी फॉर्मूला सामने रखा गया है। प्रशांत किशोर ने यह भी सुझाव दिया है कि कांग्रेस को यूपी, बिहार और ओडिशा में अकेले चुनाव लड़ना चाहिए, जबकि तमिलनाडु, प. बंगाल और महाराष्‍ट्र में गठबंधन करना चाहिए।

पीके के इस प्लान पर राहुल गांधी ने भी सहमति जताई है। पीके ने एक विस्तृत प्रेजेंटेशन के जरिये बताया था कि कैसे कांग्रेस को चुनाव की रणनीति तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने बताया है कि कांग्रेस को राज्य-दर-राज्य चुनावी रणनीति पर आगे बढ़ने की जरूरत है। इसके अलावा पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की जरूरत पर भी बल दिया गया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि पार्टी के वैसे राज्यों में गठबंधन के लिए ज्यादा हाथ-पांव नहीं मारना चाहिए जहां उसकी उपस्थिति नगण्य है, बल्कि यहां पार्टी को नई शुरुआत के बारे में सोचना चाहिए।

इसके अलावा कांग्रेस को वैसे साझीदार को चुनने को प्राथमिकता देनी चाहिए जो अपना वोट ट्रांसफर करवा सके, तभी चुनावी गठबंधन सफल होगा। प्रशांत किशोर के मिशन-2024 के प्रेजेटेंशन को लेकर कांग्रेस कितनी संजीदा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसकी कमान खुद प्रियंका गांधी ने संभाल रखी है। पीके के प्रस्ताव पर प्रियंका, पी. चिदंबरम, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला 10-जनपथ पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ चार घंटे तक माथापच्ची की।

विदेश दौरे पर होने के कारण राहुल गांधी बैठक में शामिल नहीं हो पाए थे। इस बीच कांग्रेस में अभी भी दुविधा की स्थिति है। कुछ नेताओं ने दावा किया है कि पिछले सप्ताह सोमवार को हुई बैठक अगले विधानसभा चुनाव को लेकर है और प्रशांत किशोर को लेकर इसमें कोई चर्चा नहीं की गई है। हालांकि, कहा यह भी जा रहा है कि इस संबंध में पीके ने कांग्रेस अध्यक्ष से अलग से मुलाकात की।

एक सामान्य सोच तो यही बताती है कि मजबूत विपक्ष का होना देश हित में होता है, लेकिन विपक्ष के रूप में नहीं सत्ता पाने के लिए यदि कोई तर्कसंगत प्रस्ताव देता है तो उसे स्वीकार करने और उस पर अमल करने में कांग्रेस के कुछ शीर्ष नेतृत्व क्यों पार्टी में अलगाव का बीजारोपण करने लगे हैं, यह समझ से परे है। किसी की सलाह पर बैठक करके उस पर मंथन करके निर्णय लेने में क्या बुराई है! कांग्रेस क्षेत्रीय पार्टी तो कभी रही ही नहीं। उसका गठन ही राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य के लिए किया गया था।

यह ठीक है कि इस पार्टी का गठन भारत में कार्यरत एक अंग्रेज अधिकारी एओ ह्यूम ने सन् 1885 में किया था, लेकिन उस काल में भी उस पार्टी में शीर्ष नेतृत्व तो उस समय के देश को राष्ट्रीय फलक पर ले जाने वाले दादाभाई नौरोजी, दिनशा वाचा आदि भारतीय ही तो थे। उद्देश्य था सन् 1857 वाली स्थिति देश में फिर न आने पाए। ऐसी पुराने, गुणियों और क्रांतिकारी लोगों से बनी एक पार्टी हित के लिए दिए गए एक प्रस्ताव पर कांग्रेस हिल जाएगी, यह सोचकर ही देश के भविष्य पर खतरे का बदल मंडराता हुआ नजर आता है। वैसे ऐसा बार-बार इस पार्टी के साथ होता रहा है, लेकिन हर बार वह गिरकर संभाल जाती है और देश सेवा में नए आयाम स्थापित करती है। इस बार भी कुछ अच्छा ही होगा, इसकी उम्मीद की जानी चाहिए।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं)



अलविदा की नमाज: हैदराबाद की मक्का मस्जिद में रो पड़े ओवैसी, फिर खुद को संभालते हुए बोले- स्माइल करके बोल रहा हूं, अक्लमंद को इशारा काफी है https://ift.tt/Q1a5zUv

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी शुक्रवार को अलविदा की नमाज के बाद भावुक हो गए। हैदराबाद में भाषण के दौरान असदुद्दीन ओवैसी रो पड़े। ऐतिहासिक मक्का मस्जिद से ओवैसी लोगों को संबोधित कर रहे थे। एआईएमआईएम ने रमजान के आखिरी जुमे पर मक्का मस्जिद में ‘यौम-उल-कुरान’ का आयोजन किया था।

शुरुआती तकरीर के बाद हिंसा की घटनाओं का जिक्र करते हुए ओवैसी भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “उन लोगों के फोन आते हैं और वे बताते हैं कि उनको डर लगता है। उन्होंने कहा कि वे समझाते हैं कि डरने की जरुरत नहीं है। मक्का मस्जिद में लोगों को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, “खरगोन में 22 घरों को उजाड़ दिया गया, मुसलमानों के घरों को तोड़ दिया गया। सेंधवा में 13 घरों को तोड़ डाला गया।”

एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, “ये सच है कि वसीम शेख जिसके दोनों हाथ कटे हुए हैं, उसकी दुकान को पत्थर फेंकने के आरोप में तोड़ दिया गया।” ओवैसी ने जहांगीरपुरी हिंसा का जिक्र किया और कहा, “जहांगीरपुरी में मस्जिद के सामने अवैध दीवार को तोड़ दिया, दुकान को तोड़ दिया, हमारे हिंदू भाइयों के भी दुकानों को तोड़ दिया, लेकिन अपनी हिम्मत को पस्त मत होने दो।”

हैदराबाद से सांसद ने मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी जुलूस के दौरान भड़की हिंसा का भी जिक्र किया। हिंसा की इस घटना के बाद प्रशासन ने कथित आरोपियों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चला दिए थे। ओवैसी ने कहा, “जिनको डराया जा रहा है, दबाया जा रहा है, जिनकी दुकानों को तोड़ा जा रहा है, जिन लोगों पर तलवारें चलाई जा रही हैं, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि सब्र से और हिम्मत से काम करें।”

ओवैसी ने आगे कहा, “जालिमों, सुनो। मुझे मौत का खौफ नहीं है, हम तुम्हारे जुल्म से डरने वाले नहीं हैं। हम न तुम्हारी ताकत से डरेंगे और न ही तुम्हारी हुकूमत से डरेंगे। हमें अगर मुकाबला करना है तो सब्र से मुकाबला करेंगे।” ये कहते हुए ओवैसी रो पड़े। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को जुल्म के जरिए मिटाने की कोशिश की जा रही है लेकिन हम मैदान नहीं छोड़ेंगे और अल्लाह से डरते हुए इन लोगों से मुकाबला करेंगे।” इस बीच, उन्होंने कहा, “स्माइल करके बोल रहा हूं, समझने वाले समझ गए होंगे। अक्लमंद को इशारा काफी है।”



भागवत के बयान पर डिबेट: संबित पात्रा ने पूछा- मुसलमान पत्‍थरबाज है क्‍या? विवेक श्रीवास्तव बोले- आप ही मजबूर करते हैं https://ift.tt/Q1a5zUv

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने देश के कई हिस्सों में विभिन्न समूहों के बीच हुई हिंसा पर बात करते हुए कहा था कि हिंसा से किसी भी समाज का फायदा नहीं हो सकता है। उन्होंने ये भी कहा था कि जिस समाज को हिंसा प्रिय है, वर्तमान में वह अपने अंतिम दिन गिन रहा है। मोहन भागवत के इस बयान पर एक टीवी डिबेट के दौरान बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने जब पूछा कि मुसलमान पत्‍थरबाज है क्‍या? इसका जवाब देते हुए सीपीआई नेता विवेक श्रीवास्तव ने कहा कि आप ही मजबूर करते हैं।

डिबेट के दौरान रामनवमी, हनुमान जयंती पर हुई हिंसा और धर्म के नाम पर खरगोन, करौली और जहांगीरपुरी में हुई हिंसा पर बात करते हुए सीपीआई नेता विवेक श्रीवास्तव ने कहा कि अगर किसी के घर पर बुलडोजर चलाया जाएगा तो पत्थरबाजी उचित है। अगर किसी पर उंगली उठाई जाएगी तो वो पत्थरबाजी करेगा। इसके जवाब में संबित पात्रा ने पूछा कि कि क्या अगर मुस्लिम इलाकों में राम और हनुमान की शोभायात्रा जाएगी तो पत्थर मारा जाएगा?

इस दौरान सीपीआई नेता ने उदाहरण देते हुए कहा कि देश में 85 प्रतिशत हिंदू सशक्त हैं। सभी ऊंचे पदों पर हिंदू बैठे हैं वो भी अपर कास्ट हिंदू। इस तर्क के जवाब में बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि क्या आपको लगता है कि मुसलमान पत्‍थरबाज है क्‍या? इस सवाल के जवाब में विवेक श्रीवास्तव ने कहा कि आप ही उन्हें मजबूर करते हैं।

पूरे धर्म को क्यों बदनाम करते हैं? डिबेट के दौरान संबित पात्रा से जब ये पूछा गया कि मुस्लिमों में भी सिर्फ कुछ लोग ही अपराधी हो सकते हैं, इसके आधार पर आप पूरे धर्म और समाज को क्यों बदनाम करते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की कोई भी योजना हो चाहे वो उज्ज्वला योजना हो या सुकन्या योजना, उसका फायदा किसी का नाम-धर्म देखकर नहीं दिया जाता है। संबित पात्रा ने कहा कि सभी योजनाओं का लाभ सलमा, राम, रहीम सभी को मिलता है, ऐसे में हम धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करते हैं।

वहीं दूसरी ओर सीपीआई नेता विवेक श्रीवास्तव ने कहा कि कई दलित भेदभाव का शिकार होने के बाद इस्लाम में परिवर्तित हुए पर उनकी आर्थिक हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। जिसके जवाब में संबित पात्रा ने सवाल उठाया कि दलित मुसलमान क्या होता है? क्या मुसलमानों में भी जातिवाद है क्या?

क्या कहा था मोहन भागवत ने? गुरुवार (28 अप्रैल 2022) को महाराष्ट्र के अम​रावती जिले में एक कार्यक्रम के दौरान संघ संचालक मोहन भागवत ने कहा, “हिंसा से किसी का भला नहीं होता है। हमें हमेशा अहिंसक और शांतिप्रिय होना चाहिए। इसके लिए सभी समुदायों को एक साथ लाना और मानवता की रक्षा करना जरूरी है। हम सभी को इस काम को प्राथमिकता के आधार पर करने की जरूरत है।”



कश्‍मीरी पंडितों पर डिबेट के दौरान हंस पड़े आसिफ मोहम्‍मद खान तो भड़क गए संबित पात्रा, अनुराग भदौरिया बजाने लगे घंटी https://ift.tt/Q1a5zUv

कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर एक टीवी डिबेट में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा उस वक्त भड़क गए जब आसिफ मोहम्मद खान डिबेट के दौरान हंस पड़े। आसिफ मोहम्मद खान पर निशाना साधते हुए संबित पात्रा ने कहा कि ऐसा क्यों होता है कि जब हम कश्मीरी पंड़ितों के मुद्दे पर बात करते हैं तो आप लोग हंसते हैं, ये हंसने का विषय नहीं है।

न्यूज18 के डिबेट शो ‘आर-पार’ के दौरान, संबित पात्रा ने कहा, “क्या कश्मीरी पंडितों का ये अधिकार नहीं है कि 32 वर्षों तक जो कुछ उनके साथ हुआ है, उस पर बात की जाए, उस पर चर्चा की जाए। आज भी इस मुद्दे पर डिबेट में कुछ लोग ठहाके मारकर हंसते हैं। अगर मैं मुसलमानों के किसी विषय पर हंस दूं, हालांकि, मैं ऐसा करूंगा नहीं। लेकिन अगर मैं ऐसा कर दूं तो फतवा जारी हो जाएगा।”

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया के बार-बार घंटी बजाने पर निशाना साधा तो सपा प्रवक्ता ने पलटवार करते हुए कहा कि अब इनको घंटी बजाने से भी दिक्कत होने लगी है क्या? दूसरी तरफ, बुलडोजर एक्शन पर भी शो के दौरान तीखी बहस देखने को मिली। जब एंकर ने सपा प्रवक्ता से पूछा कि बुलडोजर से लेकर लाउडस्पीकर तक… क्या योगी मॉडल की देश को भी जरूरत है? इस पर अनुराग भदौरिया ने कहा, “मॉडल की बात करेंगे तो सबसे ज्यादा पेपर लीक उत्तर प्रदेश में होता है।”

योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “मेडिकल के सामान में सबसे ज्यादा घोटाला यूपी में ही हुआ है।” उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि कि सत्ताधारी दल कहता है कि दूसरे धर्म के लोग कानून का पालन नहीं करते हैं। वहीं, उनके सवाल का जवाब देते हुए संबित पात्रा ने कहा, “जैन धर्म के लोग कभी किसी को डिस्टर्ब करने की कोशिश नहीं करते हैं। बौद्ध धर्म के लोग शांतिप्रिय लोग हैं और उनको डिबेट में घसीटने की समाजवादी पार्टी कुचेष्टा कर रही है। इसकी मैं निंदा करता हूं।”



कोरोना से जंग: 12-17 साल के बच्चों के लिए सीरम इंस्टीट्यूट की कोवोवैक्स को मिली मंजूरी https://ift.tt/Q1a5zUv

राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट के कोवोवैक्स को 12-17 साल के आयुवर्ग के बच्चों पर इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। टीकाकरण कब से शुरू होगा, इस बारे में अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। इसके पहले, डीजीसीआई ने 6-12 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन लगाने को मंजूरी दी थी। इस आयुवर्ग के बच्चों के लिए भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी मिली है। यह फैसला ट्रायल के नतीजों के बाद लिया गया था।

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बीते बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने टीकाकरण अभियान पर जोर देने की बात कही थी। ऐसे में कोवोवैक्स को मंजूरी मिलने के बाद इस अभियान में और भी तेजी आने की उम्मीद की जा सकती है।

स्कूलों के पूरी तरह खुल जाने के बाद बच्चों के माता-पिता को कोरोना को लेकर खासी चिंता थी। हालांकि, बच्चों के लिए वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद माता-पिता राहत की सांस ले सकते हैं। 6 से 12 साल के बच्चों के लिए कोवैक्सीन, 5 से 12 साल के बच्चों के लिए कोर्वेवैक्स और 12 साल से ऊपर के बच्चों के लिए ZyCoV-D के इस्तेमाल को मंजूरी मिली है।

बता दें कि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में मजबूती से कदम बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने बूस्टर डोज को लेकर बड़ा ऐलान किया था। 18 साल से अधिक उम्र के सभी वयस्क प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटरों पर प्रीकॉशन डोज लगवा सकते हैं। यह अभियान 10 अप्रैल से शुरू हो चुका है। जो लोग 18 साल से अधिक उम्र के हैं और कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक लिए 9 महीने का समय बीत चुका है, वे प्रीकॉशन डोज ले सकते हैं।

देश की लगभग 96 प्रतिशत आबादी को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। हालांकि, अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के वैक्सीन ट्रैकर के हिसाब से भारत में यह आंकड़ा 73 फीसदी है।



भीमा कोरेगांव इन्‍क्‍वायरी कमीशन ने शरद पवार को भेजा समन, 5 मई को होगी पूछताछ https://ift.tt/5f4i1KD

भीमा कोरेगांव इन्‍क्‍वायरी कमीशन ने राष्ट्रवादी कांग्रेस के सर्वेसर्वा शरद पवार को बतौर गवाह फिर से समन भेजा है। उन्हें 5 और 6 मई को पेश होने का आदेश दिया गया है। हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस जेएन पटेल की अगुवाई वाला दो सदस्यीय कमीशन 1 जनवरी 2018 को कोरेगांव भीमा इलाके में हुई हिंसा की जांच कर रहा है। घटना में 1 शख्स की मौत हुई थी जबकि कई लोग जख्मी हो गए थे।

कमीशन ने इससे पहले 23 व 24 फरवरी को शरद पवार को पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन पवार ने 21 फरवरी को कमीशन के दफ्तर जाकर सुनवाई को स्थगित करने की मांग की थी। उनका कहना था कि अपना जवाब दाखिल करने के लिए उन्हें कुछ और वक्त की जरूरत है। कमीशन के सचिव ने कहा कि पवार ने कुछ दिनों पहले अपना अतिरिक्त हलफनामा दाखिल कर दिया था। फिलहाल हमने उन्हें लैटर ऑफ रिक्वेस्ट भेजा है। उनसे कहा गया है कि वो 5 और 6 मई को कमीशन के सामने उपस्थित होकर अपना जवाब दाखिल करें।

पवार ने 2018 में भी आयोग के समक्ष अपना हलफनामा दाखिल किया था। भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर उनका कहना था कि हिंदुत्व ग्रुप की इसमें भूमिका संदिग्ध है। लेकिन अपने हलफनामे में उनका कहना था कि वो इस स्थिति में नहीं हैं कि दावे के साथ कह सकें कि कौन से संगठन का हिंसा में हाथ था। पवार का कहना था कि ये दुख की बात है कि सरकार आम आदमी के हितों की रक्षा नहीं कर सकी। दक्षिण पंथी ताकतों का इसमें हाथ होने से इन्कार नहीं किया जा सकता। लेकिन इसके बारे में जांच एजेंसी पुख्ता तौर पर कह सकती हैं।

उधर, बुधवार को कमीशन ने उस पुलिस अधिकारी गणेश मोरे को क्रास एग्जामिन किया जिसने हिंदुत्ववादी नेता मिलिंद एकबोते औक संभाजी भिंडे के मामले की जांच की थी। गणेश मोरे पुणे ग्रामीण पुलिस में तैनात थे। घटना के समय वो धौड में बतौर सब डिवीजनल अफसर नियुक्त थे। वो दिसंबर 2018 में रिटायर हुए थे। उन्हें एडवोकेट बीजी बानसोदे ने क्रास एग्जामिन किया। वो दलित गवाहों की पैरवी कर रहे हैं।

ध्यान रहे कि दलित कार्यकर्ता अनिता ने भिडें और एकबोते के खिलाफ केस दर्ज कराया था। उन पर हिंसा का आरोप है। एकबोते को पुलिस ने अरेस्ट किया था। अभी वो जमानत पर है। जबकि भिंडे को न तो गिरफ्तार किया गया और न ही पुलिस ने उसके खिलाफ कोई चार्जशीट दाखिल की।



असम के मुसलमानों की पहचान के लिए हिमंत बिस्वा सरमा सरकार लाई नया ID प्रपोजल, उठने लगे सवाल https://ift.tt/5f4i1KD

असम सरकार राज्य के मुसलमानों को एक अलग समूह के रूप में पहचान के लिए नया आईडी प्रपोजल लाई है। इसे लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। कहा जा रहा है कि यह प्रोपोजल समुदाय के भले के लिए लाया गया है या फिर मुसलमानों के बीच विभाजन के मकसद से ऐसा किया जा रहा है।

पिछले हफ्ते, एक पैनल ने मुस्लिम समुदाय की पहचान के लिए पहचान पत्र या प्रमाण पत्र और अधिसूचना जारी करने की सिफारिश की थी। बंगाली भाषा बोलने वाले मुस्लिम जो बांग्लादेश से आए थे, उनको प्रस्ताव में शामिल नहीं किया गया है। इनके अलावा, असम में अपनी उत्पत्ति का दावा करने वाले मुसलमानों को मुख्य चार समूहों में विभाजित किया गया है। ये समूह गोरिया और मोरिया (ऊपरी असम से), देशी (निचले असम से) और जुल्हा मुस्लिम (चाय बागानों से) हैं।

पैनल का गठन पिछले साल जुलाई में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की विभिन्न क्षेत्रों के असमिया मुसलमानों के साथ बैठक के बाद किया गया था। सरमा का इन लोगों से मुलाकात का मकसद समुदाय का कल्याण था। बैठक में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि असमिया मुसलमानों की विशिष्टता को संरक्षित किया जाना चाहिए।

सात उप-समितियों में विभाजित, पैनल ने 21 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट पेश की। पैनल ने शिक्षा, राजनीतिक प्रतिनिधित्व, स्वास्थ्य, कौशल विकास और महिला सशक्तिकरण से संबंधित मामलों पर भी सुझाव दिए। सिफारिशों को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये काम करने योग्य हैं।

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विधायक अमीनुल इस्लाम ने कहा कि पैनल का प्रस्ताव एक “राजनीतिक बयानबाजी” का हिस्सा था। उनका आरोप है कि राज्य सरकार मुसलमानों के बीच विभाजन लाना चाहती है, इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमारे पास इसका कोई आधार नहीं है कि असमिया कौन हैं। साथ ही उन्होंने यह भी सवाल किया कि असमिया और बंगाली मुसलमानों के बीच कई शादियां हुई हैं। ऐसे परिवारों की पहचान कैसे की होगी?



आसिफ खान ने पूछा- रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को निकालकर उनके देश क्यों नहीं भेज आते हैं? संबित पात्रा ने दिया ये जवाब https://ift.tt/5f4i1KD

शाहीन बाग में बुल्डोजर चलाने की बात पर हुई एक टीवी डिबेट में बीजेपी के संबित पात्रा और आसिफ खान के बीच जोरदार बहस हुई। आसिफ खान ने सवाल उठाया कि रोहिंग्या और बांग्लादेशियों पर एक्शन क्यों नहीं लेते। संबित ने उन्हें करारा जवाब देकर कहा कि जब हम कुछ करते हैं तो आप लोग ही अपने घर की महिलाओं को सामने खड़ा कर देते हैं।

आसिफ खान ने कहा कि आप सात साल से पावर में बैठे हैं। इन्हें इनके मुल्क क्यों नहीं भेज देते। सरकार इनके खिलाफ एक्शन क्यों नहीं ले रही है। आसिफ खान का कहना था कि इन लोगों को किसी ने भी बसाया हो लेकिन आपने क्या किया। उनका सवाल था कि बांग्लादेशियों और रोहिंग्या को कब तक उनके देश में नहीं भेज रहे हैं। उनका सर्वे क्यों नहीं करा रहे हैं। आप रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को उनके मुल्क में छोड़कर आईए। हिम्मत है तो आप करके दिखाए पर बोलिए मत।

उनका कहना था कि आप धर्म के आधार पर आतंकित कर रहे हैं। 2021 में आपकी सरकार में दिल्ली स्पेशल प्रोविजन बिल पारित किया था। संसद में आप कानून पास करते हैं लेकिन कारपोरेशन के चुनाव में शाहीन बाग को मुद्दा बना रहे हैं। आसिफ खान के तेवर तल्ख थे। उन्हें एंकर अमिश देवगन ने बार बार रुकने के लिए बोला। नहीं माने तो आडियो बंद कर दिया।

संबित पात्रा का कहना था कि रोहिंग्या आपके क्या लगते हैं। क्या आपकी खाला की ओला चल रही है जिनमें बिठाकर इनको छोड़ आए। संबित का कहना था कि रोहिंग्या को वो ही हटाएंगे। ये यूएपीए की सरकार नहीं है। ये बीजेपी की सरकार है। जो कुछ करेंगे वो ठोक बजाकर करेंगे। दरअसल डिबेट के दौरान यूपीए सरकार को आसिफ खान ने गलती से यूएपीए बोल दिया था। संबित उनका मजाक उड़ाने के लिए ऐसा बोल रहे थे।

संबित का कहना था कि जब हमने सीएए एनआईसी पर बात की तो ये लोग अपने घर की बुजुर्ग महिलाओं को लेकर धरना प्रदर्शन करने लग गए। उस समय ये क्यों विरोध कर रहे थे। संबित का कहना था कि बीजेपी सरकार सिद्धांतों पर चलती है। देशहित में जो हमें ठीक लगता है उसे हम जरूर करते हैं।

डिबेट में मौजूद तस्लीम रहमानी भी बीजेपी पर जमकर बरसे। उनका कहना था कि ये लोग चुनाव आते ही हिंदू मुस्लिम का राग अलापने लग जाते हैं। रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को भारत में बसाने वाली बीजेपी ही है।



प्रमोद कृष्‍णम बोले- हो सकता है कांग्रेस ने प्रशांत किशोर के प्रस्‍तावों को ठुकरा दिया हो, चिदंबरम ने कहा- PK के कुछ सुझावों पर लेंगे एक्शन https://ift.tt/5f4i1KD

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर आखिरकार विराम लग गया है। पीके ने खुद ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी कि वे कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहे हैं। उनके इस फैसले के कई मायने निकाले जा रहे हैं। ऐसी बातें उठ रही हैं कि शायद एंपावर्ड ग्रुप में एक सदस्य के रूप में ऑफर से प्रशांत किशोर खुश नहीं हैं और वे इसे अपना अपमान समझ रहे हैं। कांग्रेस ने ऐसी खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है।

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्‍णम ने कहा कि पीके का अपमान कांग्रेस क्यों करेगी जब वे पार्टी की मजबूती के लिए काम करने पर बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, “जो बातें हो रही हैं कि प्रशांत किशोर ने कांग्रेस या उसके प्रस्ताव को ठुकरा दिया। ये सिक्के का एक पहलू है लेकिन दूसरा पहलू ये भी हो सकता है कि पार्टी ने ही उनके प्रस्तावों को ठुकरा दिया हो।”

प्रमोद कृष्णम ने कहा, “कांग्रेस तो प्रशांत किशोर के पास गई नहीं थी, वे खुद प्रस्ताव लेकर आए थे कि कैसे कांग्रेस पार्टी को मजबूत किया जाए। कांग्रेस ने भी अपने वरिष्ठ नेताओं की मौजदूगी में उनकी प्रजेंटेशन सुनी और नेताओं से अपने विचार देने को कहा। अगर ऐसा कुछ था तो पहले ही दिन पीके को कह देना चाहिए था कि मैं सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी के अलावा बात ही नहीं करूंगा।”

उन्होंने कहा कि पीके जो सुझाव दे रहे हैं कि कांग्रेस की लीडरशिप बदलनी चाहिए, तो अभी तक यह साबित हुआ नहीं है कि वे एक अच्छे नेता हैं। वे एक अच्छे रणनीतिकार हैं लेकिन एक नेता के तौर पर वे स्टेबलिश नहीं हुए हैं।

वहीं, पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने प्रशांत किशोर के सुझावों की तारीफ करते हुए कहा कि इनमें से कुछ पर एक्शन लिया जाएगा। साथ ही, उन्होंने पार्टी में शामिल न होने की बात पर कहा कि प्रशांत किशोर ने बिना कोई कारण बताए एंपावर्ड एक्शन ग्रुप की सदस्यता का प्रस्ताव ठुकरा दिया। बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने एंपावर्ड एक्शन ग्रुप का गठन किया है। पी. चिदंबरम भी उन नेताओं में शामिल हैं जो प्रशांत किशोर की प्रजेंटेशन के दौरान मौजूद थे।



पता होता मुस्लिमों के अधिकारों की रक्षा नहीं होगी तो कश्‍मीर के भारत में विलय को लेकर निर्णय कुछ और होता, बोले उमर अब्‍दुल्‍ला https://ift.tt/5f4i1KD

नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला का कहना है कि अगर पता होता मुस्लिमों के अधिकारों की रक्षा नहीं होगी तो कश्‍मीर के भारत में विलय को लेकर निर्णय कुछ और होता। उनका कहना था कि हमने ये सोचकर विलय के लिए स्वीकृति दी थी कि भारत में सभी धर्मों का सम्मान होता है। लेकिन आज के हालात देख लगता है कि यहां केवल एक ही धर्म है।

मस्जिदों में लाउड स्पीकर के मुद्दे पर भी वो तल्ख दिखे। उमर बोले कि क्यों नहीं मस्जिद में लाउडस्पीकर होने चाहिए। हमने तो मंदिरों और गुरुद्वारों के माइक पर कभी नहीं एतराज किया। हलाल मीट पर उनका कहना था कि इसमें क्या गलत है। हमारे धर्म में इसे खाने की मान्यता है। हमने किसी दूसरे को तो जबरन हलाल मीट नहीं खाने को कहा। जो हमारा धर्म कहता है उसे हम नहीं मानेंगे तो वो पूरी तरह से गलत होगा।

अब्दुल्ला ने कहा कि इस देश में सभी को अपना धर्म मानने की आजादी है। यह हमारे संविधान में लिखा है कि हम धर्मनिरपेक्ष देश हैं। इसका अर्थ है कि सभी धर्म समान हैं। उन्हें नहीं लगता है कि किसी सरकार को इससे छेड़छाड़ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे खतरे से खेलने से देश के लिए समस्या खड़ी हो सकती है। हम चाहेंगे कि ऐसे फैसले ना लिए जाएं। सभी पंथों के लोग अपना-अपना धर्म मानने के लिए आजाद हैं।

कर्नाटक में हाल ही में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर हुए विवाद पर उन्होंने कहा कि बेवजह का विवाद फैलाया जा रहा है। उनका कहना था कि आपको हमारे खाने से चिढ़ है। हमारे कपड़े पहनने के तरीके पर एतराज है। ये सब दो समुदायों के बीच घृणा फैलाने के लिए किया जा रहा है।

संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने से जुड़ी याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए उमर ने कहा कि ये फास्ट-ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 2019 से कई बदलाव हुए हैं, जो नहीं होने चाहिए थे। देरी होने का मतलब होगा कि इन बदलावों को पलटा नहीं जा सकेगा।

ध्यान रहे कि केंद्र ने अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त कर दिया था। सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य को दो संघ शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। इसका विरोध न हो इसके लिए कश्मीर के तमाम नेताओं को नजरबंद करके रखा गया था।



पिता से मिलकर दे दूंगा इस्तीफा- लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप का ऐलान https://ift.tt/nuQj9BV

बिहार के पूर्व सीएम और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपने एक ट्वीट से बिहार में सियासी हलचल बढ़ा दी है। दरअसल उन्होंने एक ट्वीट के जरिए इस्तीफा देने की बात कही है। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि तेज प्रताप विधानसभा से इस्तीफा देंगे या अपनी पार्टी की सदस्यता से।

25 अप्रैल की देर शाम तेज प्रताप यादव ने खुद का इस्तीफा देने को लेकर ट्वीट में लिखा, “मैं अपने पिता के नक्शे कदम पर चलने का काम किया। सभी कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया जल्द अपने पिता से मिलकर अपना इस्तीफा दूंगा।”

तेज प्रताप यादव के ट्वीट का स्क्रीनशॉट/@TejYadav14

तेज प्रताप यादव अपने ट्वीट और कार्यशैली को लेकर अक्सर चर्चा में बने रहते हैं। वहीं कई दिनों से उनके बयानों से कयास लगाए जाते रहे हैं कि उनके और उनकी पार्टी के नेताओं के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। बीते 26 मार्च को तेज प्रताप यादव ने दो ट्वीट में कई नेताओं के चेहरों को बेनकाब करने की बात कही थी।

पहले ट्वीट में उन्होंने कहा, “वक़्त आ चुका है…एक बड़े खुलासे का,जल्द उन सभी चेहरों से नकाब उतारूंगा…जिन्होंने मुझे नासमझ समझने की भूल की।” वहीं दूसरे ट्वीट में तेज प्रताप यादव ने लिखा था, “गले में तुलसी माला और दिल में पाप….ईश्वर के नाम का सहारा लेने वाले इन ढोंगियों को जल्द सजा मिलेगी..जल्द खुलासा कुछ इस कदर होगा की नर्क भी नसीब ना होगा इनको।”

दरअसल तेज प्रताप यादव अपने मुखर बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। वहीं अब उन्होंने अपने इस्तीफे की बात कहकर बिहार की राजनीति में सनसनी मचा दी है। हालांकि इस्तीफे से पहले उन्होंने अपने पिता लालू यादव से मुलाकात करने की बात कही है।

बता दें कि तेज प्रताप यादव बिहार के समस्तीपुर जिले के हसनपुर विधानसभा से आरजेडी विधायक हैं। बिहार की पूर्व महागठबंधन सरकार में तेजप्रताप स्वास्थ्य मंत्री थे। वो बीते कुछ दिनों से अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से नाराज देखे गये हैं।



दिल्ली के मोहम्मदपुर इलाके में अज्ञात बैग से मिला पुराना ग्रेनेड, मौके पर बम निरोधक दस्ता मौजूद https://ift.tt/egoE2OB

दिल्ली के मोहम्मदपुर इलाके में एक अज्ञात बैग मिलने से हड़कंप मच गया। इस अज्ञात बैग मिलने पर बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया गया। वहीं दिल्ली पुलिस ने जानकारी दी है कि दक्षिण पश्चिम दिल्ली के मोहम्मदपुर इलाके में एक अज्ञात बैग मिला है, जिसमें से एक पुराना और जंग लगा ग्रेनेड बरामद हुआ है।

बता दें कि घटनास्थल पर दिल्ली पुलिस और बम स्क्वायड की टीम डॉग स्क्वायड के साथ पहुंची और इलाके की सघन तलाशी ली। वहीं इस जगह लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा फायर ब्रिगेड की गाड़ी को भी मौके पर भेजा गया।

ग्रैनेड ही है, जांच के बाद होगा साफ: साउथ वेस्ट के डीसीपी ने बरामद हुए सामान को लेकर कहा है कि हम इसकी जांच कर रहे हैं। अभी तक यह कोई डमी खिलौना जैसा लग रहा है। लेकिन इसकी जांच के बाद ही साफ तौर पर कुछ कहा जा सकता है। स्थानीय पुलिस का कहना है कि हमें एक फोन कॉल के जरिए बम रखने की जानकारी दी गई थी। मौके पर पहुंचकर हमने आसपास बैरिकेड कर दिया है।

पुलिस ने बताया कि आम लोगों को इस जगह आने जाने की अनुमति नहीं है। बता दें कि मोहम्मदपुर इलाके में एक अज्ञात बैग मिलने की सूचना मिली थी। स्थानीय पुलिस और बम स्क्वायड की टीम ने मौके पर पहुंचकर बैग की तलाशी ली जिसमें एक पुरानी और जंग लगी गेंद बरामद हुई है। हालांकि पुलिस का कहना है कि अभी साफ नहीं कहा जा सकता है कि ये ग्रेनेड है।

दिल्ली में इससे पहले भी विस्फोटक मिलने खबरें आ चुकी हैं। इससे पहले दिल्ली के सीमापुरी इलाके के एक घर में आईईडी मिला था। जिसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक तलाशी अभियान के बरामद किया था। एक बैग में संदिग्ध सीलबंद पैकेट मिला था। वहीं दिल्ली में ही गाजीपुर फूल मंडी इलाके में एक बैग मिला था जिसमें विस्फोटक था। इसका वजन करीब 3 किलो था।



Gujarat-Model के झूठे सपने दिखाकर देश को ठगा गया- कांग्रेस नेता ने दावा कर गिनाईं सरकार की कमियां https://ift.tt/egoE2OB

भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने गुजरात मॉडल को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने बेरोजगारी और विकास के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को निशाना पर लेते हुए ट्वीट किए हैं। श्रीनिवास ने कहा कि गुजरात में 27 साल भारतीय जनता पार्टी की सरकार होते हुए भी बेरोजगारी है। साथ ही उन्होंने कहा कि विकास छिपाने के लिए बीजेपी को पर्दे लगाने पड़ते हैं।

एक ट्वीट में उन्होंने कहा, “27 साल से गुजरात में BJP का राज है, लेकिन आज भी गुजरात का युवा बेरोजगार है, हालात ऐसे है कि जब भी कोई विदेशी मेहमान गुजरात आता है तो मोदी जी अपना विकास छिपाने के लिए ‘पर्दे’ लगाने पड़ते है, अब ऐसी निकम्मी सरकार को बेपर्दा करने का समय आ चुका है।”

कांग्रेस नेता ने सरकार की कमियां गिनाते हुए एक और ट्वीट किया। दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि देश के वर्तमान हालातों के लिए ‘गुजरात-मॉडल’ जिम्मेदार है। इस मॉडल के झूठे सपने दिखाकर ही देश को ठगा गया है। उन्होंने बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गुजरात में परीक्षाओं के पेपर लगातार लीक हो रहे हैं और युवा बेरोजगार है। विकास पर्दे में छिपा हुआ है और कोरोना के कारण राज्य में जो स्थिति है वो भी किसी से छिपी नहीं है।

कांग्रेस नेता के ट्वीट पर यूजर्स की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता के इन ट्वीट्स पर यूजर्स ने भी प्रतिक्रिया दी है। राघव नाम के एक यूजर ने रिप्लाई करते हुए सवाल किया कि इतनी समस्याएं हैं, फिर भी 27 साल से बीजेपी का राज क्यों है? उन्होंने कहा, मैं बताता हूं, कांग्रेस शब्द के सुनते ही लगता है चोरों और डाकुओं ने घेर लिया है। प्रोब्लम तो रहेगी ही पर उसको सुलझाने चोरों को निमंत्रण दे ये किस घर में होता है।” एक अन्य यूजर हिम्मत सिंह ने कहा, “पर्दा इज्जतदार लोग करते हैं भूखे नंगे कौन-सा पर्दा करेंगे? समझ नही आया होगा? यहां तो 95% इज्जत पर कपड़े हैं 5% को परदे से ढका गया था।”

एक और यूजर प्रकाश गोडबोले ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “गुजरात आके देखो तुम्हारे राज्य के कितने लोग यंहा रोजगार पाते हैं और देश के कितने प्रान्तों से लोग यंहा आकर रोजगार पाते हैं। गुजरात का युवा देश के लोगों को रोजगार देता है। कितनी हजारों छोटी और मध्यम इकाई युवा संचालित करते हैं।”



Twitter के अगले मालिक हो सकते हैं Elon Musk, 43 अरब डॉलर के ऑफर पर विचार कर रही कंपनी https://ift.tt/egoE2OB

टेस्‍ला कंपनी के CEO एलन मस्‍क ट्विटर के अगले मालिक हो सकते हैं। क्‍योंकि एलन मस्‍क ने जो ऑफर ट्विटर को दिया था, उसपर सोशल मीडिया कंपनी द्वारा विचार किया जा रहा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्‍क और ट्विटर के बीच डील कभी भी हो सकती है। वहीं इस खबर के बीच ट्विटर के शेयर प्रीमार्केट ट्रेडिंग में 5.3% बढ़ चुके हैं।

जानकारी के अनुसार, ट्विटर के प्रति शेयर की कीमत 54.20 डॉलर एलन मस्‍क द्वारा पेश किया गया था। जिसे टेस्‍ला के सीईओ ने सर्वश्रेष्ठ और अंतिम कहा था। नई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ट्विटर सोमवार देर रात तक 43 अरब डॉलर के सौदे की घोषणा कर सकता है या फिर एनल मस्‍क के सामने नए ऑफर भी रख सकता है। ऐस इसलिए क्‍योंकि सोशल साइट के बोर्ड ने ट्विटर शेयरधारकों को लेनदेन की सिफारिश करने के लिए मुलाकात की है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि ज्‍यादा संभावना है कि सौदा आखिरी मिनट में टूट भी जाए।

43 अरब डॉलर का दिया था ऑफर
एलन मस्‍क ने ट्विटर को खरीदने के लिए 43 बिलियन डॉलर यानी कि करीब 3273.44 अरब रुपये का ऑफर दिया था। लेकिन ट्विटर ने इसे ठुकरा दिया था और इसे लेकर विवाद भी बढ़ गया था। हालाकि, अब एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सोशल साइट एलन मस्‍क से डील करने की तैयारी कर रही है। अगर ट्विटर के बोर्ड में सहमति बनती है और मस्‍क से अच्‍छी डील मिलती है तो ट्विटर एलन मस्‍क का ट्विटर पर 100 प्रतिशत हक हो जाएगा।

पेश हो सकता है नया ऑफर
यह भी कंफर्म नहीं है कि ट्विटर एलन मस्‍क के द्वारा दिए गए ऑफर्स को मान लेगा। इसे लेकर अभी और बात हो सकती है और सोशल साइट और अच्‍छे डील की तलाश कर सकती है।

एलन मस्‍क हैं दुनिया के सबसे अमीर व्‍यक्ति

टेस्‍ला कंपनी के सीईओ एलन मस्‍क दुनिया के सबसे अमीर शख्‍स हैं, जिनकी वर्तमान में ट्विटर में हिस्‍सेदारी 9.2 फीसद है। इनकी नेटवर्थ 269.7 बिलियन डॉलर की है। यानी कि करीब 20.68 लाख करोड़ रुपये है।



हथियार निर्यात में भी भारत का बढ़ रहा दबदबा, टॉप-25 देशों में शामिल, सबसे ज्यादा म्यांमार ने खरीदा https://ift.tt/egoE2OB

हथियारों को निर्यात करने को लेकर भारत अबतक पीछे नजर आता था लेकिन 2017 से 2021 के दौरान इस छवि में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। बता दें कि भारत से जो देश हथियार निर्यात कर रहे हैं उनमें म्यांमार, श्रीलंका और मॉरिशस टॉप 3 देशों में से एक हैं। वहीं भारत से हथियारों का आधा निर्यात म्यांमार में जाता है।

चीन (36%) और रूस (27%) के बाद म्यांमार भारत को तीसरे सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्ता के रूप में जगह देता है। जो इसके आयात का 17% हिस्सा है। वहीं हथियारों के खर्च और निर्यात पर स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की नई वैश्विक रिपोर्ट 2021 देखें तो भारत हथियार निर्यात के मामले में दुनियाभर में 24 वें स्थान पर है।

2017-21 के आधे दशक के दौरान श्रीलंका और आर्मेनिया ने भारत के हथियारों के निर्यात का 25 फीसदी और 11 फीसदी हिस्सा खरीदा है। 2012-16 से 2017-21 के बीच वैश्विक हथियारों के व्यापार में भारत की हिस्सेदारी लगभग दोगुनी हो गई। लेकिन यह वैश्विक व्यापार के 0.2% हिस्से के साथ शीर्ष 25 निर्यातक देशों में 23 वां सबसे बड़ा निर्यातक था।

हथियारों के निर्यात को लेकर इसी साल 25 मार्च तो रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि भारत द्वारा हथियारों के निर्यात का मूल्य 2014 के बाद से लगभग छह गुना बढ़ा है जिसमें चालू वित्त वर्ष में अब तक 11,607 करोड़ रुपये का निर्यात दर्ज किया गया है।

लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा था कि वित्त वर्ष 2015 में 1,941 करोड़ रुपये से 2021-22 में रक्षा निर्यात का मूल्य बढ़कर 11,607 करोड़ रुपये हो गया है।

वहीं हथियारों को निर्यात करने के मामले में अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और जर्मनी शीर्ष पांच में शामिल हैं। इन देशों ने मिलकर 2017-21 के दौरान कुल 77 फीसदी हथियार निर्यात किया।

सेना पर तीसरा सबसे बड़ा खर्च करने वाला देश भारत: सेना पर खर्च करने के मामले में अमेरिका 801 बिलियन डॉलर, चीन 293 बिलियन डॉलर, और भारत 76.6 अरब डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर है।



मुंबईः पीएम मोदी को मिला लता दीनानाथ मंगेशकर अवार्ड, लोगों ने पूछा- इन्होंने कौन सा गाना गाया था? https://ift.tt/oCGRaqt

पहला लता दीनानाथ मंगेशकर अवार्ड पीएम मोदी को मिला है। पीएम मोदी रविवार को इसके आयोजन में शामिल हुए, जहां उन्होंने ये अवार्ड ग्रहण किया है। पीएम मोदी को इस अवार्ड के मिलने पर सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि पीएम ने कौन सा गाना गया था, जिसके लिए ये अवार्ड मिला है। वहीं कुछ लोग उन्हें बधाई भी दे रहे हैं।

दरअसल यह पुरस्कार लता मंगेशकर की स्मृति में स्थापित किया गया है। इस साल से ही इस अवार्ड की शुरूआत हुई है। अवार्ड मिलने के बाद पीएम मोदी भावुक होते दिखे। उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर उनकी बड़ी बहन जैसी थीं। उन्होंने कहा- “मेरे लिए लता दीदी एक बड़ी बहन की तरह थीं। मुझे उनसे हमेशा अपार प्यार मिला है। जब पुरस्कार लता दीदी जैसी बड़ी बहन के नाम पर होता है, तो यह उनकी एकता और मेरे लिए प्यार का प्रतीक है। इसलिए, मेरे लिए इसे स्वीकार नहीं करना संभव नहीं है।”

अब इसी अवार्ड को लेकर सोशल मीडिया यूजर जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इंतजार (@Intzar29674257) नाम के यूजर ने लिखा-मोदी जी को क्यों मिला इन्होंने कौन सा गाना गया था? माइकल (@MichaelForIndia) नाम के यूजर ने लिखा- इस अवार्ड के लिए गलत चुनाव, ये लता मंगेशकर का अपमान है”।

एक अन्य यूजर एस मजूमदार (@ASMazumdar) ने लिखा- “लता दीदी के अवार्ड के लिए सबसे विवेकपूर्ण चयन के लिए एलडीएम अवार्ड सोसायटी का बधाई और मोदी जी को अवार्ड के लिए बधाई। लता दीदी न केवल एक अद्वितीय गायिका थीं, बल्कि एक महान राष्ट्रवादी भी थीं”!

मास्टर दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान चैरिटेबल ट्रस्ट ने एक बयान में कहा कि यह पुरस्कार लता मंगेशकर की स्मृति में स्थापित किया गया है और राष्ट्र निर्माण में अनुकरणीय योगदान के लिए हर साल एक व्यक्ति को दिया जाएगा। पीएम के अलावा अभिनेत्री आशा पारेख और जैकी श्रॉफ को “सिनेमा के क्षेत्र में समर्पित सेवाओं” के लिए मास्टर दीनानाथ पुरस्कार दिया गया। राहुल देशपांडे को भारतीय संगीत के लिए मास्टर दीनानाथ पुरस्कार मिला, जबकि सर्वश्रेष्ठ नाटक का पुरस्कार “संजय छाया” नाटक को दिया गया।

इससे पहले, महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और शिवसेना नेता सुभाष देसाई ने हवाई अड्डे पर पीएम की अगवानी की। साथ ही, आदित्य ठाकरे मुंबई में पीएम के स्वागत के लिए प्रोटोकॉल मंत्री के रूप में मौजूद थे।



तेलंगानाः कांग्रेस में PK की एंट्री पर अभी तक फैसला नहीं, उधर I-PAC ने कर लिया चंद्रशेखर राव से करार https://ift.tt/oCGRaqt

प्रशांत किशोर लगातार चर्चाओं के केंद्र में हैं। एक तरफ कांग्रेस में उनकी एंट्री को लेकर सोनिया गांधी के दिग्गज नेता मंथन कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ एक ऐसी खबर सामने आई जो कांग्रेस नेतृत्व को परेशान करने वाली है। दरअसल रिपोर्ट हैं कि तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव की पार्टी से पीके की कंपनी आईपैक ने करार कर लिया है। खास बात है कि शनिवार सुबह से प्रशांत किशोर सीएम तेलंगाना के घर पर ही टिके हुए हैं।

हालांकि, तेलंगाना में वो चंद्रशेखर राव की पार्टी को जिताने के लिए अर्से से मंथन कर रहे थे। लेकिन कांग्रेस से चल रही बातचीत के बीच माना जा रहा था कि पीके वहां से अपना पीछा छुड़ा सकते हैं। तेलंगाना में कांग्रेस मजबूती से लड़ाई लड़ने का ऐलान कर चुकी है। जाहिर है कि ऐसे में वो चंद्रशेखऱ राव के साथ हाथ मिलाने से तो रही। अगर पीके कांग्रेस ज्वाईन कर लेते हैं तो फिर बड़ा सवाल है कि वो अपनी ही पार्टी की एक ऐसे सूबे में मुखालफत क्यों करेंगे जहां जल्दी चुनाव होना है।

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के दिग्गजों का मानना है कि पीके की क्षेत्रीय दलों से नजदीकी उनके लिए ठीक नहीं है। आंध्र प्रदेश में वो वाईएसआर के करीब हैं तो पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के लिए रणनीति तैयार करने का काम करते हैं। उनका मानना है कि पहले पीके को सभी ऐसे दलों से नाता तोड़ना होगा जो कांग्रेस को चुनौती देने की स्थिति में हैं। तभी कांग्रेस में उनकी एंट्री कुछ फलदायी साबित हो सकती है।

वैसे पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद पीके कह चुके हैं कि अब वो आईपैक का कामकाज नहीं देखेंगे। ऐसे में बड़ा सवाल है कि तेलंगाना में अपनी कंपनी के करार के बाद क्या वो आईपैक से पूरी तरह से किनारा कर लेंगे या फिर चंद्रशेखर राव उनके साथ अपना नाता खत्म कर लेंगे। राव पहले कई बार पीके को अपना बेहतरीन दोस्त तक करार दे चुके हैं। 2024 में बदलाव के लिए वो पीके के कहने पर ही तमाम रणनीति बना रहे थे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की समिति आज सोनिया को रिपोर्ट सौंपने वाली है। प्रशांत किशोर ने सोनिया को दी प्रेजेंटेशन में कहा था कि 2024 में कांग्रेस को 370 लोकसभा सीट पर ध्यान देना चाहिए। उनका ये भी कहना था कि एकला चलो के साथ कांग्रेस को मजबूत साझीदारों के साथ भी मैदान में उतरना चाहिए।



जम्मूः अपनी मूर्ति बनाने वाले कलाकार से मिलने पहुंचे पीएम मोदी, जताया धन्यवाद तो लोगों ने तंज कस कही ये बात https://ift.tt/oCGRaqt

रविवार (24 अप्रैल 2022) को जम्मू कश्मीर के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां कई बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू के सांबा जिले के पल्ली गांव में स्थापित INTACH फोटो गैलरी का दौरा किया। पीएम के साथ जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी वहां उनकी मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार से मिले।

पीएम नरेंद्र मोदी के पल्ली दौरे के दौरान जम्मू के प्रसिद्ध मूर्तिकार रविंद्र जामवाल की बनाई गई प्रधानमंत्री की छह फीट ऊंची प्रतिमा को सभास्थल पर प्रदर्शित किया गया। INTACH फोटो गैलरी में प्रधानमंत्री की प्रतिमा प्रदर्शित करने की अनुमति मिलने और पीएम मोदी से मिलने पर मूर्तिकार जामवाल काफी उत्साहित हैं।

15 दिन में तैयार की प्रतिमा- रविंद्र जामवाल ने प्रधानमंत्री के सम्मान में फाइबर ग्लास की ये प्रतिमा महज 15 दिन में तैयार की। मूर्तिकार रविंद्र को जैसे ही पता चला कि प्रधानमंत्री मोदी पल्ली में आ रहे हैं तो वह प्रतिमा बनाने में जुट गए। इसकी लागत लगभग 80,000 रुपये आई है। प्रतिमा को अंतिम रूप देने के लिए पठानकोट से कारीगर भी बुलाया गया।

पीएम मोदी को सम्मान देने के लिए बनाई मूर्ति- अंतिम समय तक उन्हें प्रतिमा लगाने की अनुमति नहीं मिल पा रही थी, लेकिन शनिवार को इजाजत मिलते ही रविंद्र जामवाल तुरंत प्रधानमंत्री की मूर्ति लेकर सभास्थल पर पहुंचे। पूरी सुरक्षा जांच के बाद मूर्ति को सभास्थल पर लगाया गया। मूर्ति लगाने के साथ ही रविंद्र को मूर्ति के साथ खड़े रहने के लिए भी कहा गया। उन्होंने बताया कि वह दिल से चाहते थे कि कभी प्रधानमंत्री से मिलें। रविंद्र जामवाल ने बताया कि पीएम मोदी को सम्मान देने के लिए उन्होंने यह मूर्ति बनाई है।

सोशल मीडिया पर लोगों ने कसे तंज- वहीं, दूसरी ओर पीएम मोदी के अपनी मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार से मिलने की खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दीं। कुछ लोगों ने जहां मूर्तिकार की कला के सम्मान में कसीदे पढ़े, वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने अपनी ही मूर्ति देखने के लिए पीएम मोदी का मजाक उड़ाया। एक सोशल मीडिया यूजर ने तो यहां तक कहा कि पीएम मोदी इतिहास में शायद पहले ऐसे प्रधानमंत्री होंगे जिन्होंने अपनी खुद की प्रतिमा का अनावरण किया है।



Amway अमीर बनने का दिखाती थी सपना, संपत्तियां बेच-बेच लोगों ने MLM में लगाए पैसे, पर गंवा बैठे सब; समझें- पर्दे के पीछे की कहानी https://ift.tt/oCGRaqt

प्रवर्तन निदेशालय ने इस हफ्ते नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी एमवे इंडिया की 757 करोड़ रु से अधिक की संपत्ति को धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जब्त कर लिया। एमवे इंडिया पर मल्टीलेवल मार्केटिंग स्कैम चलाने का आरोप लगा है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा एमवे इंडिया से संबंधित संपत्तियों की कुर्की सालों की मेहनत की परिणति है। कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा एमएलएम कंपनियों में लंबी और गहन जांच की गई है। इसमें आईपीएस वीसी सज्जनार का नाम भी प्रमुख है।

इस मामले में गजन छानबीन करने वाले अन्य आईपीएस अधिकारियों में चारु सिन्हा, जिन्होंने एमवे पर दबाव बनाए रखा। उनके अलावा कुरनूल के पुलिस अधीक्षक के रूप में के. रघुराम रेड्डी ने एमवे इंडिया के प्रबंध निदेशक विलियम स्कॉट पिकनी और द्वारका तिरुमाला राव को गिरफ्तार किया था। अविभाजित आंध्र प्रदेश की तरह किसी अन्य राज्य ने एमवे के खिलाफ मामला नहीं देखा। वीसी सज्जनार, जो अब तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के प्रबंध निदेशक हैं, 2005 में एक युवा एसपी थे। जब वे हुबली के दौरे पर थे, उन्होंने जापान लाइफ नामक एक कंपनी के होर्डिंग विज्ञापन उत्पादों को देखा।

द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए वीसी सज्जनार कहते हैं, “मैं इसके बारे में जानना चाहता था और मैंने अपने दोस्तों से होर्डिंग्स के बारे में पूछा। मुझे ऐसा लग रहा था कि सब कुछ सही नहीं है। अगले दिन, यह बताए बिना कि मैं एक पुलिस अधिकारी हूं, मैंने वितरकों द्वारा आयोजित एक मीटिंग में हिस्सा लिया, जहां वे लोगों को बता रहे थे कि वितरक बनकर और सदस्यों को जोड़कर किस तरह जल्दी से पैसे कमाए जाएं।”

सज्जनार ने कहा, “14 अगस्त 2006 को, मैंने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जनता से एमएलएम कंपनियों के जाल में न फंसने की अपील की। उस अपील के कारण एमवे के खिलाफ आर्थिक अपराधों की जांच के लिए डेडिकेटेड एक पुलिस स्टेशन में पहली कार्रवाई योग्य और सबसे विस्तृत एफआईआर दर्ज की गई।”

आईपीएस अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान मालूम हुआ कि एमएलएम कंपनियों के साथ लोगों को जोड़ने को लेकर एक-दूसरे के आपसी रिश्ते खराब होने लगे थे। परिवार के सदस्य और रिश्तेदार एक-दूसरे के खिलाफ हो रहे थे और तलाक की याचिका या पुलिस मामले दर्ज कर रहे थे, या कमीशन पाने के लिए अधिक सदस्यों को नामांकित करने के प्रयास में एक-दूसरे से झगड़ रहे थे। वीसी सज्जनार कहते हैं, “परिवार टूट रहे थे और सामाजिक ताना-बाना टूट रहा था। लोगों ने एमएलएम कंपनियों में निवेश करने के लिए संपत्ति बेची या गिरवी रखी और अपना सब कुछ खो दिया था।”

पीएमएलए के तहत कुर्क की गई कंपनी की कुल 757.77 करोड़ रुपये की संपत्ति में से, अचल और चल संपत्ति 411.83 करोड़ रुपये की है। जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी डायरेक्ट सेलिंग मल्टीलेवल मार्केटिंग नेटवर्किंग की आड़ में ‘पिरामिड फ्रॉड’ चला रही है।



Multibagger Stock: कभी 15 रुपये थे इस शेयर के भाव, 1 साल में मिला करीब 12 गुना रिटर्न; एक लाख रुपये बने 11 लाख की रकम https://ift.tt/oCGRaqt

स्‍टॉक मार्केट में निवेश करना ज्‍यादा रिस्‍क है, लेकिन कोविड महामारी के बाद कई कंपनियों के शेयरों ने बड़ी तेजी छलांग लगाई है। वित्त वर्ष 2021-22 में, भारतीय द्वितीयक बाजार ने लगभग 190 मल्टीबैगर स्टॉक ने अधिक रिटर्न दिया है। वहीं वित्त वर्ष 2022 के चौथे क्‍वार्टर में ऐसे स्‍टॉकों की संख्‍या करीब 90 है।

राधिका ज्वेलटेक के शेयर उन 190 मल्टीबैगर शेयरों में से एक हैं, जो भारतीय शेयर बाजार में वित्त वर्ष 2021-22 की अवधि के दौरान बढ़ोतरी दर्ज की है। पिछले एक साल में राधिका ज्वेलटेक के शेयर की कीमत 15.30 रुपये के स्तर पर थी। लेकिन यह एक साल बाद बढ़कर 178.10 रुपये प्रति शेयर स्तर पर पहुंच गई है। इस अवधि में इसने करी 1050 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है।

राधिका ज्वेलटेक शेयर ने कब-कब की बढ़ोतरी
पिछले एक महीने में इस मल्टीबैगर स्टॉक ने 15 प्रतिशत रिटर्न दिया। वहीं YTD समय में राधिका ज्वेलटेक के शेयर ने 2022 में लगभग 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। वहीं पिछले 6 महीनों में मल्टीबैगर ज्वेलरी स्टॉक लगभग 86 रुपये से 178 रुपये प्रति शेयर स्तर तक बढ़ गया है। इस अवधि में 110 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसी तरह, पिछले एक साल में यह मल्टीबैगर स्टॉक ने लगभग 1050 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की है।

कितना हुआ लाभ
राधिका ज्वेलटेक के शेयर कीमतों के अनुसार, अगर किसी निवेशक ने एक महीने पहले इस मल्टीबैगर स्टॉक में 1 लाख रुपये का निवेश किया होता, तो उसका 1 लाख रुपये वर्तमान में 1.15 लाख रुपये हो जाता। वहीं साल 2021 के अंत में निवेश करने पर 1 लाख 1.35 लाख बन जाते। इसी तरह 6 महीने पहले इस शेयर में 1 लाख रुपये का निवेश करने पर उसका 1 लाख रुपया वर्तमान में 2.10 लाख रुपये हो जाता। इसी प्रकार एक साल पहले निवेश किया गया होता तो इस मल्टीबैगर स्टॉक में 1 लाख रुपये आज 11.50 लाख रुपये बन जाते।

कंपनी के बारे में
इस मल्टीबैगर स्टॉक की वर्तमान बाजार पूंजी लगभग 421 करोड़ रुपये है और इसकी व्यापार मात्रा 86,000 के करीब है। इसका बुक वैल्यू प्रति शेयर 69.29 है और इसका 52-सप्ताह का उच्च स्तर 178.50 रुपये है। गौरतलब है कि रिटेल ज्वेलरी कंपनी ने हाल ही में बीएसई को वह राजकोट सिटी में अपना दूसरा रिटेल शोरूम खोलने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रही है।



भारत में हिंदू सालों से कर रहे समझौता, अब यह रुकना चाहिए, पर…बोले सुब्रणमयम स्वामी https://ift.tt/oCGRaqt

देश में इन दिनों ‘हिंदू-मुसलमान’ को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ी हुई है। अजान के दौरान लाउडस्पीकर हटाने और हनुमान चालीसा का पाठ करने को लेकर मचे बवाल के बीच, अब भाजपा के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का बड़ा बयान सामने आया है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि भारत में हिंदू सालों से समझौता कर रहे हैं और ये चीजें अब रुकनी चाहिए।

मैसूर हिंदू फोरम को संबोधित करते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि इजिप्ट 21 सालों में पूरी तरह मुस्लिम देश बन गया। इराक मुस्लिम देश बन गया। उन्होंने कहा कि 50 सालों में यूरोप क्रिश्चियन बन गया। मैसूर हिंदू फोरम को संबोधित करते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि हम हजारों सालों तक लड़ाई लड़ने के बाद भारत में 80 फीसदी हैं।

उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर कोई दो मत नहीं होना चाहिए कि भारत की संस्कृति हिंदू है, चाहें धर्म कोई भी हो। अमेरिका में रहने वाले भारतीय भी हिंदू त्योहार मनाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में हम (हिंदू) सालों से समझौता ही करते आ रहे हैं लेकिन ये चीजें अब रुकनी चाहिए।

मैसूर हिंदू फोरम में उन्होंने डीएमके के पूर्व संरक्षक एम करुणानिधि का भी जिक्र किया हिंदी के साथ-साथ संस्कृत भाषा का भी विरोध करना शुरू कर दिया था। स्वामी ने कहा, “करुणानिधि ने कहा कि द्रविड संस्कृति से संस्कृत का कोई लेना-देना नहीं है, इसपर मैंने उनसे कहा कि आपके नाम में भी संस्कृत है और आपकी पार्टी के निशान में भी संस्कृत है।”

हिंदू-हिंदुत्व को लेकर पहले भी दे चुके हैं बयान

इसके पहले भी सुब्रमण्यम स्वामी ने हिंदू, हिंदुत्व और भारत के संदर्भ में बयान दिया था। अमेरिकी राजदूत के मानवाधिकारों को लेकर दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वामी ने कहा था कि भारत की उतनी ही हिंदू पहचान है जितनी अमेरिका की ईसाई है। कुछ दिनों पहले जम्मू-कश्मीर पीस फोरम द्वारा आयोजित अंतर सामुदायिक सांस्कृतिक उत्सव ‘नवरेह मिलन’ के अवसर पर स्वामी ने कहा था कि मुसलमान और पंडित एक जैसे ही हैं, उनमें एक जैसा ही खून है। उन्होंने कहा था कि डीएनए जांच किया जाए तो एक जैसे ही परिणाम आएंगे।



अलर्ट! WhatsApp Support वाला अकाउंट हो सकता है फेक, सिर्फ एक गलती और अकाउंट हो सकता है खाली https://ift.tt/oCGRaqt

WhatsApp के तहत एक बड़ी जानकारी सामने आई है। WhatsApp Support असली व्‍हाट्सऐप सपोर्ट की आड़ में सामने आया है। यह लोगों की व्‍यक्तिगत जानकारी और अन्‍य विवरण जैसे डेटा चोरी करना आदि ले सकता है। अगर आपने इसे असली समझकर भरोसा कर लिया और इसके द्वारा मांगी गई जानकारियां साझा की तो आपका अकाउंट भी खाली हो सकता है।

व्हाट्सएप सपोर्ट होने का दिखावा करने वाले साइबर फ्रॉड एक त्वरित संदेश भेजते हैं और लोग आमतौर पर यह पता नहीं लगा पाते हैं कि यह असली है या नकली और इस तरह उनके साथ बहुमूल्य जानकारी साझा कर देते हैं। अगर आपको ऐसे संदेश मिल रहे हैं तो सबसे पहले आपको इन संदेशों की जांच करनी चाहिए और संदेश संदिग्‍ध मिलने पर तुरंत रिपोर्ट और अकाउंट को ब्‍लॉक करना चाहिए।

सत्‍यापित टिक के साथ प्रोफाइल तस्‍वीर का इस्‍तेमाल
साइबर अपराधियों द्वारा सत्‍यापित टिक के साथ अपनी प्रोफाइल तस्‍वीर में व्‍हाट्सऐप लोगो सेट करते हैं। जिस कारण आम उपयोगकर्ताओ के लिए नकली और असली में अंतर करना मुश्किल हो जाता है। यहां हम आपको बताते हैं कि कैसे सत्यापित किया जाए कि व्हाट्सएप सपोर्ट असली है या नकली।

कैसे असली नकली में करें पहचान?
WABetaInfo के अनुसार, जब आप एक सत्यापित संपर्क के साथ चैट कर रहे होते हैं, तो वार्तालाप स्क्रीन में नाम और उनकी चैट जानकारी के आगे एक प्रमाणित बैज होता है। इसके अलावा अगर आप किसी अन्‍य जगह जैसे प्रोफाइल फोटो पर बैज देखते हैं तो यह फेक हो सकता है। साथ ही अगर वे आपसे कोई व्‍यक्तिगत जानकारी जैसे- क्रेडिट कार्ड का विवरण, व्‍हाट्सऐप यूपीआई और पिन या सीवीवी की जानकारी मांगते हैं तो आपका खाता खाली हो सकता है।

मैसेजिंग ऐप कोई भी गोपनीय जानकारी नहीं मांगता है
व्हाट्सऐप कभी भी आपके क्रेडिट कार्ड और आपके 6 अंकों के कोड या दो-चरणीय सत्यापन पिन जैसी जानकारी के बारे में विवरण नहीं मांगता है। इसके अलावा व्हाट्ऐप अकाउंट बंद करने से बचने के लिए पैसे या गोपनीय जानकारी भी नहीं मांगता है। अगर कोई यह जानकारी प्राप्त करना चाहता है, तो इसका मतलब है कि यह एक नकली खाता है जो आपको घोटाला करने की कोशिश कर रहा है।



RBI का निर्देश: 7 दिनों के अंदर क्रेडिट कार्ड नहीं हुआ बंद, तो हर दिन कार्डधारकों को 500 रुपये देगा बैंक https://ift.tt/zLGkwS8

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्रेडिट कार्ड को लेकर सख्‍त निर्देश जारी कर दिया है। RBI ने ग्राहकों के मर्जी के बिना क्रेडिट कार्ड जारी करने, मौजूदा कार्ड की सीमा बढ़ाने या अन्‍य सुविधाएं शुरू करने से मना कर दिया है। जारी हुई गाइडलाइन के अनुसार, कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड का ग्राहक द्वारा बकाया चुकाए जाने के बाद अगर 7 वर्किंग डे के दौरान बैंक क्रेडिट कार्ड बंद नहीं करता है तो ग्राहकों को हर दिन 500 रुपये देना होगा।

इस बदले हुए नए नियम को 1 जुलाई 2022 से लागू किया जाएगा। इस गाइडलाइन को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (क्रेडिट कार्ड एंड डेबिट कार्ड- इश्यूएंस एंड कंडक्ट) डायरेक्शन्स, 2022 के नाम से जाना जा सकता है। बदले हुए नए न‍ियम के अनुसार बैंकों को क्रेडिट कार्ड बंद किए जाने की सुचना एसएमएस के जरिए ग्राहकों को देनी होगी।

आरबीआई के निर्देश
रिजर्व बैंक ने कहा है कि कार्ड होल्‍डर्स को पोस्‍ट या दूसरे माध्‍यम से क्‍लोजर रिक्‍वेस्‍ट भेजने के लिए कंपनियां मजबूर नहीं कर सकती हैं। इस कारण रिक्‍वेस्‍ट मिलने में देरी भी हो सकती है। वहीं कपनियों को 7 दिनों के अंदर कार्ड को बंद करना होगा, अगर कंपनी या बैंक द्वारा यह काम तय समय के अंदर नहीं किया जाता है तो 500 रुपये बैंक ग्राहकों को हर रोज जुर्माने के तौर पर देगी।

इन नियमों को भी जानें

  • क्रेडिट कार्ड का इस्‍तेमाल एक साल तक या अधिक समय तक नहीं होता है तो बैंक या कंपनी ग्राहकों को बताने के बाद आपके क्रेडिट कार्ड को बंद कर सकती है।
  • अगर कार्ड होल्डर 30 दिन के भीतर कोई रिप्लाई नहीं करता है तो सभी बिल क्लियर होने की स्थिति में कार्ड इश्यूअर कार्ड को क्लोज किया जा सकता है।
  • कार्ड इश्यूअर को कार्ड बंद करने के 30 दिन के भीतर क्रेडिट इनफॉर्मेशन कंपनी को बताना होता है।
  • वहीं अगर क्रेडिट कार्ड अकाउंट क्लोज करने के दौरान क्रेडिट कार्ड में बैलेंस क्रेडिट है तो ग्राहक के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करना होता है।


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Indian Railways की ट्रेन में बंट गया “विवादित अखबार”, IRCTC ने लाइसेंसी को चेताया https://ift.tt/eBPE8ab

Indian Railways IRCTC Latest News: कर्नाटक के बेंगलुरू शहर में शुक्रवार (22 अप्रैल, 2022) को रेल यात्रियों से चेन्नई (तमिलनाडु) जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में विवादित अखबार पाया गया। अनाधिकृत प्रकाशन की इन प्रतियों में आपत्तिजनक लेख थे। मामला सामने आने पर इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने ऑनबोर्ड सेवाएं मुहैया कराने वाले लाइसेंसी को चेतावनी जारी की है।

बेंगलुरू के प्रकाशन आर्यवर्थ एक्सप्रेस (Aryavarth Express) में पहले पन्ने पर “Genocide of Hindus, Sikhs, Buddhists, under Islamic rule needs to be recognised” (इस्लामी शासन के तहत हिंदुओं, सिखों, बौद्धों के नरसंहार को पहचानने की जरूरत है) और “UN should label Aurangzeb as perpetuator of holocaust like Hitler” (संयुक्त राष्ट्र को औरंगजेब को हिटलर की तरह लेबल करना चाहिए) शीर्षक वाले आर्टिकल थे।

ट्रेन के लाइसेंसी पीके शेफी ने बताया कि जिन अखबारों को भारतीय रेल की ट्रेनों में बांटने की मान्यता मिली हुई है, उन्हीं के अंदर सप्लीमेंट के तौर पर वेंडर की ओर से इस पेपर (विवादित) को पहुंचाया गया था। हालांकि, विवादित अखबार की प्रति पाने वाले एक यात्री ने इस बीच ट्वीट कर दावा किया वह मुख्य अखबारों के अंदर नहीं था।

शेफी के मुताबिक, “हमारे जिन लड़कों ने अखबार बांटा, उन्हें यह नहीं मालूम था कि विवादित अखबार मेन न्यूजपेपर्स के अंदर है। किसी भी मामले में वे खुद बांटे जाने वाले समाचार-पत्रों की सामग्री को असल में नहीं पढ़ते हैं।” उन्होंने आगे बताया- मैंने अब उन्हें निर्देश दिया है कि वे किसी प्रकार के सप्लीमेंट या फिर पैंपफ्लेट न बांटें। वे इस दौरान सिर्फ मुख्य अखबार ही वितरित करें।

@gopikabashi नाम के टि्वटर अकाउंट से 22 अप्रैल, 2022 के अंक वाले इस अखबार के फ्रंट पेज का फोटो शेयर किया गया। उन्होंने इसके साथ ही लिखा और पूछा- आज सुबह मैं बेंगलुरू-चेन्नई शताब्दी एक्सप्रेस (Bangalore-Chennai Shatabdi Express) में चढ़ी। वहां मुझे हर सीट पर प्रोपोगेंडा चलाने वाले प्रकाशन का अखबार आर्यवर्थ एक्सप्रेस नजर आया। मैंने पहले कभी इसके बारे में नहीं सुना था. आखिरकार आईआरसीटीसी (टैग करते हुए) इसे ट्रेनों में कैसे मंजूरी दे रहा है?

आईआरटीसीटी की चेयरमैन और एमडी रजनी हसीजा ने कहा- हमने लाइसेंसी को चेता दिया है। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक, लाइसेंसी सिर्फ डेक्कन हेराल्ड (Deccan Herald) और कन्नड अखबार की कॉम्पलिमेंट्री कॉपियां ही ट्रेनों में दे सकते हैं। उन्हें कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से चलना चाहिए।

गोपिका बख्शी के अलावा अन्य टि्वटर यूजर्स ने भी भारतीय रेल की ट्रेन में विवादित लेख वाले अखबार पहुंचने को लेकर सवालिया निशान लगाए। ऐसे ट्वीट्स के जवाब में आईआरसीटीसी की ओर से बताया गया कि उसने एक्शन ले लिया है। कहा- हमने वेंडर को सख्ती के साथ नसीहत दी है कि अखबारों के भीतर इस तरह के आइटम भविष्य में न मिलें। साथ ही बताया गया कि ट्रेन पर मौजूद मॉनिटरिंग स्टाफ भी इस बाबत नजर रखेगा। ट्रेन के लाइसेंसी को भी इस बारे में जानकारी दे दी गई।



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CBSE ने 10वीं की किताब से हटाए पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज के शेर https://ift.tt/zLGkwS8

सीबीएसई ने 2022-23 का शैक्षणिक पाठ्यक्रम गुरुवार को जारी किया गया था, जिसमें से फैज की दो नज्मों को बाहर रख दिया गया है। पिछले एक दशक से भी अधिक समय से सीबीएसई के छात्रों ने एनसीईआरटी की कक्षा 10 की पाठ्यपुस्तक ‘डेमोक्रेटिक पॉलिटिक्स II’ के ‘धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति – सांप्रदायिकता, धर्मनिरपेक्ष राज्य’ खंड में फैज़ अहमद फैज़ द्वारा उर्दू में इन कविताओं के नज्मों को पढ़ा है। लेकिन अब इसे पाठ्यक्रम से बाहर कर दिया गया है।

नए पाठ्यक्रम में बताया गया कि पेज नंबर 46, 48, 49 पर फोटो को छोड़कर धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति पर खंड पाठ्यक्रम सामग्री का हिस्सा बना रहेगा। इन तीनों पृष्ठ में दो पर पोस्टर बने हैं जबकि एक पर राजनीतिक कार्टून बना है। केवल दो पोस्टर और कार्टून ही ऐसे चित्र हैं जिन्हें पाठ्यक्रम सामग्री से बाहर रखा गया है। सीबीएसई ने इसके सम्बन्ध में इंडियन एक्सप्रेस के सवालों का जवाब नहीं दिया।

वेब पोर्टल रेख़्ता के अनुसार जिस कविता से ये छंद लिए गए थे, उसकी रचना फैज अहमद फैज ने तब की थी जब उन्हें लाहौर की एक जेल से जंजीरों में जकड़ कर एक दंत चिकित्सक के कार्यालय में एक तांगे में ले जाया जा रहा था, जो उनसे परिचित थे।

फ़ैज़ के छंदों के साथ दो पोस्टरों में से एक पोस्टर एनजीओ अनहद द्वारा जारी किया गया था, जिसके सह-संस्थापकों में सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी और हर्ष मंदर शामिल हैं। वहीं दूसरे पोस्टर में फैज़ की अन्य कविताओं के अंशों के साथ Voluntary Health Association of India द्वारा जारी किया गया था, जो खुद को 27 राज्य संघों के एक संघ के रूप में वर्णित करता है। रेख़्ता ने बताया कि फ़ैज़ ने यह कविता 1974 में ढाका की अपनी यात्रा के बाद लिखी थी।

वहीं जिस कार्टून को हटाया गया है वो अजीत निनन का कार्टून है, जिसे टाइम्स ऑफ इंडिया से लिया गया है। इस कार्टून में धार्मिक प्रतीकों से सजी हुई एक खाली कुर्सी को दर्शाया गया है, जिसके साथ कैप्शन लिखा गया है कि, “यह कुर्सी मनोनीत मुख्यमंत्री के लिए अपनी धर्मनिरपेक्ष साख साबित करने के लिए है, बहुत कुछ होगा।”



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नीति आयोग: राजीव कुमार ने दिया इस्तीफा, अर्थशास्त्री सुमन बेरी होंगे नए उपाध्यक्ष https://ift.tt/zLGkwS8

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार पद से हट गए हैं। उनकी जगह सुमन के बेरी को नीति आयोग का नया उपाध्यक्ष बनाया गया है। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह बताया गया, ‘मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने राजीव कुमार के इस्तीफे को मंजूरी दे दी है।’ उन्हें 30 अप्रैल 2022 की तारीख से कार्यमुक्त किया जाएगा।

फिलहाल उनके पद से हटने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। बयान में आगे कहा गया, ‘डॉ. सुमन के बेरी को राजीव कुमार की जगह एक मई 2022 से अगले आदेश तक नीति आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त करने को मंजूरी दी गई।’ बेरी के लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, वे ब्रुसेल्स में एक आर्थिक नीति अनुसंधान संस्थान ब्रूगल के एक अनिवासी फेलो हैं।

कुमार को बदलने का कदम अचानक उठाया गया है। उपाध्यक्ष का कार्यकाल परंपरागत रूप से सरकार के कार्यकाल के साथ समाप्त होता रहा है। प्रधान मंत्री सरकारी थिंक टैंक के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं, जो तत्कालीन योजना आयोग के बंद होने के बाद आकार में आया था।

बेरी को तत्काल प्रभाव से 30 अप्रैल 2022 तक नीति आयोग का सदस्य बनाया गया है। जाने-माने अर्थशास्त्री राजीव कुमार ने अगस्त 2017 में नीति आयोग के उपाध्यक्ष का पदभार संभाला था। तत्कालीन उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के आयोग से हटने के बाद कुमार को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। कुमार ने आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में डाक्टरेट और लखनऊ विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की थी। वह सेंटर फार पालिसी रिसर्च में वरिष्ठ ‘फेलो’ भी रह चुके हैं। इसके अलावा वे निजी क्षेत्र में भी काम किए हैं। उद्योग लॉबी समूह सीआईआई और फिक्की के महासचिव के साथ मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में भी उन्होंने काम किया है।

दूसरी तरफ सुमन बेरी एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं और उन्होंने आर्थिक थिंक टैंक नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) के महानिदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं। वह प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद, सांख्यिकीय आयोग और भारतीय रिजर्व बैंक की तकनीकी समिति के सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने देश के आर्थिक सुधारों के दौरान विश्व बैंक के लिए भी काम किया है; उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के विशेष सलाहकार के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।



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विश्व पृथ्वी दिवस: दुनिया को खतरे से बचाने के लिए मिट्टी से जुड़ने का आह्वान; ईशा फाउंडेशन के सद्गुरु ने चेताया- धरती तेजी से खो रही अपनी जैविक सामग्री https://ift.tt/cHmpbEZ

जब दुनिया भर में प्रदूषण का जोर बढ़ता जा रहा है तब ईशा फाउंडेशन के सद्गुरु ने लोगों से मिट्टी से जुड़ने की अपील की है। उनका कहना है कि मिट्टी ही शुद्ध जल, साफ हवा और जीवन है। बिना इसके जीवन किसी काम का नहीं है। उन्होंने कहा, “यह धरती ‘अगले 30-40 सालों में गंभीर संकट में आ सकती है।’

विश्व पृथ्वी दिवस पर भारत के 80 से अधिक शहरों के हजारों लोग सुबह-सुबह अपने घरों से #ConnectWithSoil के उद्देश्य को पूरा करने के लिए बाहर निकले और चमकीले रंग की, मुश्किल से छूटने वाली सेव सॉयल टी-शर्ट पहने, वाराणसी के अस्सी घाट, आगरा के सिकंदरा किला, गेटवे ऑफ इंडिया, मुंबई में मरीन ड्राइव, गोवा के मीरामार सर्कल, पटना के गंगा घाट, हैदराबाद के नेकलेस रोड, बैंगलोर के लाल बाग, चेन्नई के हवाई अड्डे जैसे स्थानों पर लोगों को जागरूक किया। सद्गुरु ने कहा कि यह वैश्विक आंदोलन है। उन्होंने मिट्टी को ठीक करने की तत्काल आवश्यकता के बारे में समझ पैदा करने पर जोर देते हुए कहा धरती अपनी जैविक सामग्री को तेजी से खो रही है।

संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेज़र्टिफिकेशन (UNCCD) और खाद्य और कृषि संगठन (FAO) जैसी संयुक्त राष्ट्र की इकाइयों ने चेतावनी दी है मिट्टी का विनाश भोजन और जल सुरक्षा के लिए एक वैश्विक खतरा खड़ा कर रहा है और इससे दुनिया में निर्मम गृह युद्ध छिड़ सकता है। इससे अभूतपूर्व पलायन शुरू हो सकता है जो हर देश के लिए सुरक्षा का खतरा बन सकता है।

अपनी वैश्विक जागरूकता यात्रा के क्रम में जर्मनी से गुजरते सद्गुरु।

पिछले महीने सद्गुरु ने मिट्टी को बचाने के लिए वैश्विक अभियान शुरू किया है। तत्काल नीतिगत सुधारों के लिए वैश्विक सहमति बनाने के लिए, उनकी यात्रा यूरोप, मध्य-एशिया, और मध्य-पूर्व से होकर जून में कावेरी नदी घाटी में समाप्त होगी। फिलहाल वे सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में हैं और वहीं से ‘सारे पृथ्वीवासियों को शुभकामनाएं’ देते हुए सद्गुरु ने कहा कि यही समय है कि हम इसके प्रति सचेत हों, अन्यथा मानव समाज और अन्य जीवों के लिए प्रकृति के साथ रह पाना असंभव हो जाएगा।

21 मार्च को लंदन से अपनी यात्रा शुरू करते हुए सद्गुरु अब तक कई देशों की यात्रा कर चुके हैं। यूके, नीदरलैंड, जर्मनी, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया, ऑस्ट्रिया, इटली सहित, स्लोवेनिया, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, बेल्जियम, हंगरी, बुल्गारिया, रोमानिया और सर्बिया में वह लाखों लोगों से मिले। इसमें मशहूर हस्तियां और मीडिया के अलावा विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक, व्यावसायिक और सांस्कृतिक नेताओं से भी बातचीत की।
मिट्टी के विलुप्त होने के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए सद्गुरु ने कई शहरों में सार्वजनिक कार्यक्रम भी आयोजित किए। सद्गुरु की यात्रा इस साल जून में कावेरी नदी बेसिन में समाप्त होगी।



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बिना किसी शर्त के कांग्रेस जॉइन करना चाहते हैं प्रशांत किशोर, बोले कांग्रेस नेता तारिक अनवर https://ift.tt/HdjmTLq

प्रशांत किशोर के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की अटकलों के बीच कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने प्रशांत किशोर को बड़ा ब्रांड बताते हुए गुरुवार को कहा कि वह (प्रशांत किशोर) बिना किसी शर्त के पार्टी में शामिल होने के इच्छुक हैं। तारिक अनवर ने ये भी कहा कि उनके शामिल होने से निश्चित रूप से पार्टी को मदद मिलेगी।

अनवर ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी वरिष्ठ नेताओं को विश्वास में लेना चाहती हैं और इस बारे में उनकी राय लेना चाहती हैं कि किशोर का पार्टी में शामिल होना फायदेमंद होगा या नहीं? सोनिया गांधी इस मामले में सोचविचार कर फैसला लेना चाहती हैं। तारिक अनवर का कहना है कि पार्टी में कोई भी अकेले फैसला नहीं लेता है। कांग्रेस अध्यक्ष सर्वोच्च होता है, लेकिन पार्टी प्रमुख सभी वरिष्ठ नेताओं को विश्वास में लेता है। सभी दौर की बातचीत में उन्होंने वरिष्ठ नेताओं को बुलाया है. दो राज्यों के सीएम को भी बुलाया गया है।

गांधी परिवार में है राष्ट्रीय अपील- पार्टी के भाग्य पर चर्चा करते हुए तारिक अनवर ने कहा कि कांग्रेस 2024 के आम चुनावों में बीजेपी विरोधी मोर्चे को लीड करेगी। उन्होंने कहा कि किसी दूसरी पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर इतनी बड़ी पहुंच नहीं है। अनवर ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं की भी यही इच्छा है लेकिन पार्टी आगामी चुनावों में फैसला करेगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने तारिक अनवर ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, “कुछ लोग कहते हैं कि गांधी परिवार को चले जाना चाहिए लेकिन कांग्रेस में अगर किसी चेहरे की राष्ट्रीय स्तर पर उपस्थिति और अपील है, तो वह गांधी परिवार का है। इसलिए हम एक ऐसा नेता चाहते हैं जिसकी राष्ट्रीय अपील हो।”

प्रशांत किशोर एक ब्रांड हैं- पार्टी में आगे होने वाले बदलाव में किशोर की भूमिका के बारे में बताते हुए तारिक अनवर ने कहा, “प्रशांत किशोर एक ब्रांड हैं और उन्होंने साबित कर दिया है कि 2014 से उन्होंने जिस भी पार्टी के लिए काम किया है, वह पार्टी सफल रही है। एकमात्र अपवाद उत्तर प्रदेश है (2017 में कांग्रेस-सपा के लिए)।” उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस, आप और द्रमुक समेत विभिन्न पार्टियों की चुनावी रणनीति बनाने वाले किशोर कांग्रेस में आकर उसकी मदद करना चाहते हैं.

अनवर ने बताया कि प्रशांत किशोर बिना किसी शर्त के कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है जो बीजेपी का मुकाबला कर सकती है। उन्होंने यह महसूस किया है और वे एक अच्छे विश्लेषक हैं। निश्चित रूप से उनके शामिल होने से पार्टी को मदद मिलेगी अगर कांग्रेस उन्हें शामिल करती है।

सलाहकार नहीं होंगे प्रशांत किशोर- अनवर ने कहा कि प्रशांत ने सलाहकार की नौकरी छोड़ दी है और किसी भी पार्टी के लिए सलाहकार नहीं होंगे। वह कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं और पार्टी के लिए अपने अनुभव का इस्तेमाल करना चाहते हैं। प्रशांत को लेकर पार्टी में आंतरिक बहस पर बात करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि जब कोई नया व्यक्ति आता है या नया फॉर्मूला अपनाया जाता है तो बहस होती है क्योंकि यह एक लोकतांत्रिक पार्टी है।

सोनिया गांधी से चौथी मुलाकात- प्रशांत किशोर ने बुधवार (20 अप्रैल 2022) को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दिल्ली स्थित आवास पर चौथी बार मुलाकात की। कांग्रेस ने कहा कि इस मामले पर 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट आने की उम्मीद है। लगातार चुनाव हार रही कांग्रेस के लिए प्रशांत किशोर का चुनावी रणनीतिकार के तौर पर साथ बेहद अहम माना जा रहा है। यही कारण है कि सोनिया गांधी ने इस कदम के लिए अपने सबसे भरोसेमंद लोगों को चुना है। प्रशांत किशोर के साथ बुधवार को हुई चौथे दौर की बैठक में भूपेश बघेल और अशोक गहलोत के अलावा जयराम रमेश, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल के अलावा खुद सोनिया गांधी भी मौजूद रहीं।



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मुसलमान कब तक अल्‍पसंख्‍यक रहेंगे, हर फ्राइडे को सड़कों पर आ जाते हैं तब कोई दंगे नहीं होते, बीजेपी छोड़कर महिला ने सभी पार्टियों से पूछा सवाल   https://ift.tt/HdjmTLq

देश में हाल ही में हुईं हिंसा पर लगातार विरोध-प्रदर्शन चल रहा है। इसको लेकर सियासी जगत में काफी उबाल है। सत्ताधारी भाजपा के खिलाफ पूरा विपक्ष खड़ा हो गया है। विपक्ष का आरोप है कि इसे 2024 के चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भाजपा एक योजना के तहत अंजाम दे रही है। यह भाजपा की सियासी साजिश है। टेलीविजन चैनलों पर भी इसको लेकर खूब बहसबाजी हो रही है।

न्यूज-18 पर एंकर अमीश देवगन के साथ एक डिबेट के दौरान एक महिला ने भाजपा छोड़कर पैनल में मौजूद अन्य दलों के प्रवक्ताओं से पूछा कि “देश के टुकड़े तभी क्यों होते हैं, जब हिंदू अपने त्यौहार मनाते है। जब हिंदू जागता है, तभी देश में दंगे क्यों होते हैं। हर शुक्रवार को मुस्लिम सड़कों पर नमाज के लिए जमा होते हैं, तब कुछ नहीं होता है। मोहर्रम का जुलूस निकलता है तब कुछ नहीं होता है, लेकिन हिंदू समाज अपनी कोई शोभायात्रा निकालती है तो दंगे शुरू हो जाते हैं, ऐसा क्यों है? मुसलमान कब तक अल्‍पसंख्‍यक रहेंगे?”

इस सवाल के जवाब में शोएब जमई ने सीधे-सीधे कुछ कहने के बजाए कहा कि आप व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी से पढ़कर आई हैं। कहा कि 130 करोड़ लोगों के बीच 20 फीसदी लोग अल्पसंख्यक ही कहे जाएंगे। 49 फीसदी लोग भी अल्पसंख्यक कहे जाएंगे। कहा कि, “अगर हिंदू इतना ही जाग गया है तो सुबह सहरी के वक्त हमें जगा दिया करें, आजकल हमें बहुत नींद आती है।”

उधर, कर्नाटक के हुब्बली में एक समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाले एक कथित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हाल में हुई हिंसा के सिलसिले में गुरुवार को एक धर्मगुरु को गिरफ्तार किया गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि वसीम पठान को बुधवार रात मुंबई से उठाया गया, जहां वह छिपा हुआ था और आज सुबह यहां लाया गया।

वीडियो फुटेज में कथित तौर पर पठान को पुलिस की जीप पर खड़ा और पुराना हुब्बली पुलिस थाना के बाहर जमा भीड़ को संबोधित करते देखा जा सकता है। भीड़, शनिवार रात सोशल मीडिया पर सामने आये एक कथित पोस्ट में एक मस्जिद पर भगवा ध्वज लगा दिखाये जाने के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए जमा हुई थी। भाषण के बाद, भीड़ ने पुलिस के कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और पास के एक अस्पताल और मंदिर पर पथराव किया।



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