पता होता मुस्लिमों के अधिकारों की रक्षा नहीं होगी तो कश्‍मीर के भारत में विलय को लेकर निर्णय कुछ और होता, बोले उमर अब्‍दुल्‍ला https://ift.tt/5f4i1KD

नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला का कहना है कि अगर पता होता मुस्लिमों के अधिकारों की रक्षा नहीं होगी तो कश्‍मीर के भारत में विलय को लेकर निर्णय कुछ और होता। उनका कहना था कि हमने ये सोचकर विलय के लिए स्वीकृति दी थी कि भारत में सभी धर्मों का सम्मान होता है। लेकिन आज के हालात देख लगता है कि यहां केवल एक ही धर्म है।

मस्जिदों में लाउड स्पीकर के मुद्दे पर भी वो तल्ख दिखे। उमर बोले कि क्यों नहीं मस्जिद में लाउडस्पीकर होने चाहिए। हमने तो मंदिरों और गुरुद्वारों के माइक पर कभी नहीं एतराज किया। हलाल मीट पर उनका कहना था कि इसमें क्या गलत है। हमारे धर्म में इसे खाने की मान्यता है। हमने किसी दूसरे को तो जबरन हलाल मीट नहीं खाने को कहा। जो हमारा धर्म कहता है उसे हम नहीं मानेंगे तो वो पूरी तरह से गलत होगा।

अब्दुल्ला ने कहा कि इस देश में सभी को अपना धर्म मानने की आजादी है। यह हमारे संविधान में लिखा है कि हम धर्मनिरपेक्ष देश हैं। इसका अर्थ है कि सभी धर्म समान हैं। उन्हें नहीं लगता है कि किसी सरकार को इससे छेड़छाड़ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे खतरे से खेलने से देश के लिए समस्या खड़ी हो सकती है। हम चाहेंगे कि ऐसे फैसले ना लिए जाएं। सभी पंथों के लोग अपना-अपना धर्म मानने के लिए आजाद हैं।

कर्नाटक में हाल ही में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर हुए विवाद पर उन्होंने कहा कि बेवजह का विवाद फैलाया जा रहा है। उनका कहना था कि आपको हमारे खाने से चिढ़ है। हमारे कपड़े पहनने के तरीके पर एतराज है। ये सब दो समुदायों के बीच घृणा फैलाने के लिए किया जा रहा है।

संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने से जुड़ी याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए उमर ने कहा कि ये फास्ट-ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 2019 से कई बदलाव हुए हैं, जो नहीं होने चाहिए थे। देरी होने का मतलब होगा कि इन बदलावों को पलटा नहीं जा सकेगा।

ध्यान रहे कि केंद्र ने अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त कर दिया था। सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य को दो संघ शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। इसका विरोध न हो इसके लिए कश्मीर के तमाम नेताओं को नजरबंद करके रखा गया था।



Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

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