शिर्डी: पुन्हा नवीन वादाची चिन्हे, एका भक्ताचे थेट द्वारकामाईत दर्शन, कायदा फक्त ग्रामस्थांसाठीच का?

शिर्डी: साईबाबा संस्थान शिर्डीचे कार्यकारी अधिकारी कान्हूराज बगाटे व शिर्डी ग्रामस्थ यांच्यातील वाद गेल्या 31 डिसेंबर पासून सुआहे. गावकऱ्यांना दर्शनासाठी अडवणूक व वेगवेगळे कठोर नियम हा ह्या वादाचा मुख्य मुदा असून गेल्या काही दिवसांपासून ह्या वादाशी संबंधित शिर्डी ग्रामस्थ व साई संस्थान चे अधिकारी यांच्यात अनेक बैठका होत आहेत. 
ह्या बैठकांमध्ये खूप वेळा 'गरमा गरमी' सुद्धा पहायवास मिळाली, परंतु कान्हूराज बगाटे यांनी शेवटी ग्रामस्थांच्या मागण्या मान्य करत दर्शन व्यवस्था पुन्हा सुरळीत सुरू करू असे आश्वासन दिले आणि हे आस्वासन अजून प्रत्यक्षात उतरण्याआधीच नवीन वाद उभा राहण्याची शक्यता निर्माण झाली आहे. 

चक्क द्वारकामाईत दर्शन घेत असतानाचा एका कुटुंबाचे फोटो 'खबर भारत' च्या हाती लागले आहेत.
हा माणूस कोन आहे माहित नाही पण मुख्य कार्यकारी अधिकारी यांच्या आशीर्वादाने डायरेक्ट द्वारकामाईत दर्शन का?




मग कायदा आणि व्यवस्था फक्त ग्रामस्थांसाठीच असा प्रश्न उपस्थित होणारच.
(वरील फोटो कधीचे आणि कोणाचे आहे याबाबत खबर भारत कोणताही दावा करत नाही) 

डोंबिवली: भाजप नगरसेवकाच्या आईची निर्घृण हत्या; मृतदेह जाळण्याचा प्रयत्न

डोंबिवली: डोंबिवलीतील शेलारनाका परिसरात क्षुल्लक वादातून पतीने पत्नीची गळा चिरून केल्याच्या घटनेला ४८ तास उलटत नाही तोच पुन्हा ८४ वर्षीय वृद्धाने घरगुती किरकोळ वादातून आपल्या ८० वर्षीय पत्नीची धारदार शस्त्राने सपासप वार करून हत्या केल्याची खळबळजनक घटना डोंबिवलीत घडली आहे. धक्कादायक बाब म्हणजे, या निर्दयी पतीने तिचा मृतदेह जाळण्याचा प्रयत्न केला. पार्वती पाटील असे या दुर्दैवी घटनेतील महिलेचे नाव असून, कल्याण-डोंबिवली महापालिकेचे भाजप नगरसेवक रमाकांत पाटील यांची ती आई आहे. या प्रकरणी मानपाडा पोलिसांनी पती बळीराम पाटील यांना अटक केली आहे. इतकी वर्षे सुखाचा संसार केल्यावर आयुष्याच्या संध्याकाळी एकमेकांची काळजी घेत गत आठवणींना उजाळा देण्याच्या काळात जोडीदाराला कायमचा संपवण्याच्या या वृद्धाच्याकृत्यामुळे शहरात एकच खळबळ उडाली. पूर्वेकडील गोळवली गावात भाजप नगरसेवक रमाकांत पाटील यांचे वडील बळीराम पाटील (८४) हे आपल्या पत्नी, पत्नी, मुले, सुना, नातवंडासह दोन मजली बंगल्या राहतात. काल रात्री ९ वाजून १५ मिनिटांनी नेहमीप्रमाणे पार्वती आणि बळीराम जेवण झाल्यावर आपल्या खोलीत झोपण्यासाठी गेले होते. यानंतर पती-पत्नीत नेहमीप्रमाणे काही करणावरून वाद झाले. संतापाच्या भरात बळीराम यांनी आपल्या पत्नीची कोयत्याचे मानेवर, पाठीवर, गळ्यावर, कानावर वार करत हत्या केली. हत्येनंतर त्याने पुरावा नष्ट करण्यासाठी तिचा मृतदेह त्याच खोलीत जाळण्याचा प्रयत्न केला. मात्र तोपर्यत सकाळ झाल्याने सुना उठल्याचे कळताच अर्धवट जळलेल्या अवस्थेत मृतदेह सोडून त्याने घर सोडून पळ काढला. सासू-सासऱ्याच्या खोलीतून धूर येत असल्याने सुनेने या खोलीत धाव घेत पाहणी केली असता, सासूचा अर्धवट जळलेल्या आणि चेहऱ्यावर धारदार हत्याराच्या खुणा असलेला मृतदेह खाटेवर पडलेला दिसला. या प्रकरणी सुनेच्या तक्रारीवरून पोलिसांनी घटनास्थळावरून हत्येसाठी वापरलेले धारदार हत्यार जप्त केले. निर्दयी पती बळीराम याला अटक करत पुढील तपास सुरू असल्याची माहिती पोलीस उपायुक्त विवेक पानसरे यांनी दिली.


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Mann Ki Baat: दिल्ली हिंसा पर बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी- 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख देश दुखी हुआ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2021 के पहले मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत पीएम मोदी ने नए साल की उपलब्धियों से की। पीएम मोदी ने कहा, जब मैं मन की बात करता हूं। ऐसा लगता है कि मैं आप लोगों के बीच आपके परिवार के साथ उपस्थित हूं। आज जनवरी 2021 का आखिरी दिन है। लगा नहीं एक महीना बीत गया। थोड़े दिन पहले ही तो नया साल शुरू हुआ था। इस बीच बजट सत्र भी शुरू हो गया है।

पीएम मोदी ने कहा, मन की बात में श्रोताओं को क्या पसंद आता है, ये आप बेहतर जानते हैं। लेकिन मुझे मन की बात में सबसे अच्छा लगता है कि मुझे बहुत कुछ जानने-सीखने और पढ़ने को मिलता है। एक प्रकार से परोक्ष रूप से आप सबसे जुड़ने का मौका मिलता है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देखकर देश बहुत दुखी हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जी द्वारा संसद के संयुक्त सत्र को सम्बोधन के बाद ‘बजट सत्र’ भी शुरू हो गया है।  इन सभी के बीच एक और कार्य हुआ, जिसका हम सभी को बहुत इंतजार रहता है - ये है पद्म पुरस्कारों की घोषणा। इस साल भी, पुरस्कार पाने वालों में, वे लोग शामिल हैं, जिन्होंने, अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम किया है, अपने कामों से किसी का जीवन बदला है, देश को आगे बढ़ाया है।

पीएम मोदी ने कहा, कुछ दिन पहले की ही तो बात लगती है जब हम एक दूसरे को शुभकमनाएं दे रहे थे, फिर हमने लोहड़ी मनाई, मकर संक्रांति मनाई, पोंगल, बिहु मनाया। देश के अलग-अलग हिस्सों में त्योहारों की धूम रही। राष्ट्रपति जी द्वारा संसद के संयुक्त सत्र को सम्बोधन के बाद ‘बजट सत्र’ भी शुरू हो गया है। इन सभी के बीच एक और कार्य हुआ, जिसका हम सभी को बहुत इंतजार रहता है - ये है पद्म पुरस्कारों की घोषणा।

मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, इस महीने, क्रिकेट पिच से भी बहुत अच्छी खबर मिली। हमारी क्रिकेट टीम ने शुरुआती दिक्कतों के बाद, शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती। हमारे खिलाड़ियों का hard work और teamwork प्रेरित करने वाला है।

मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, इस साल की शुरुआत के साथ ही कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को भी करीब-करीब एक साल पूरा हो गया है। जैसे कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई एक उदाहरण बनी है, वैसे ही, अब, हमारा Vaccination programme भी, दुनिया में एक मिसाल बन रहा है।आप जानते हैं, और भी ज्यादा गर्व की बात क्या है? हम सबसे बड़े Vaccine programme के साथ ही दुनिया में सबसे तेज गति से अपने नागरिकों का Vaccination भी कर रहे हैं। 

पीएम मोदी ने कहा, हर बार आपके ढेर सारे पत्र मिलते है, NaMoApp और @mygovindia पर। आपके messages, phone calls के माध्यम से आपकी बातें जानने का अवसर मिलता है। इन्हीं संदेशों में एक ऐसा भी संदेश है, जिसने मेरा ध्यान खींचा। ये संदेश है, बहन प्रियंका पांडेय जी का। ‘Made-in-India Vaccine’, आज, भारत की आत्मनिर्भरता का तो प्रतीक है ही, भारत के, आत्मगौरव का भी प्रतीक है। संकट के समय में भारत, दुनिया की सेवा इसलिए कर पा रहा है, क्योंकि, भारत, आज दवाओं और Vaccine को लेकर सक्षम है, आत्मनिर्भर है। यही सोच आत्मनिर्भर भारत अभियान की भी है।

पीएम मोदी ने कहा, भारत के हर हिस्से में, हर शहर, कस्बे और गांव में आजादी की लड़ाई पूरी ताकत के साथ लड़ी गई थी। भारत भूमि के हर कोने में ऐसे महान सपूतों और वीरांगनाओं ने जन्म लिया, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। इस वर्ष से भारत, अपनी आजादी के, 75 वर्ष का समारोह, अमृत महोत्सव शुरू करने जा रहा है।

पीएम मोदी ने कहा, भारत के हर हिस्से में, हर शहर, कस्बे और गांव में आजादी की लड़ाई पूरी ताकत के साथ लड़ी गई थी। भारत भूमि के हर कोने में ऐसे महान सपूतों और वीरांगनाओं ने जन्म लिया, जिन्होंने, राष्ट्र के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। Young Writers के लिए India Seventy Five के निमित्त एक initiative शुरू किया जा रहा है। इससे सभी राज्यों और भाषाओं के युवा लेखकों को प्रोत्साहन मिलेगा।
 



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Mann ki Baat live updates Prime Minister Narendra Modi is addressing the radio programme Mann Ki Baat
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प्रबुद्ध भारत पत्रिका की 125वीं वर्षगांठ पर बोले पीएम मोदी- भारत ने कोरोनाकाल में दूसरे देशों को मदद की, यही प्रबुद्ध भारत की संकल्पना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्वामी विवेकानंद द्वारा शुरू की गई पत्रिका प्रबुद्ध भारत की 125वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब तक गरीबों का विकास नहीं होगा तब तक देश का विकास नहीं हो सकता। अगर गरीब बैंकों तक नहीं पहुंच सकते तो बैंकों को गरीबों तक पहुंचाया जाए। यही जन धन योजना ने किया। अगर गरीब स्वास्थ्य सेवाओं तक नहीं पहुंच सकते तो स्वास्थ्य सेवाओं को गरीबों तक पहुंचाया जाए, यही आयुष्मान भारत योजना ने किया है।

पीएम मोदी ने कहा, स्वामी विवेकानंद भारत को प्रबुद्ध बनाना चाहते थे। वे गरीबों के लिए कल्याण और उत्थान पर ध्यान देते थे। स्वामी विवेकानंद के फोकस में दरिद्र नारायण थे। पीएम ने कहा,  गरीबों के विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं है। पीएम ने कहा विवेकानंद के सिद्धातों पर चलते हुए कोरोना काल के दौरान हमने न सिर्फ समस्या का देखा, बल्कि उसका समाधान निकाला। हमने न सिर्फ पीपीई किट का प्रोडक्शन किया, बल्कि दुनिया की फॉर्मेसी बन गए। भारत कोरोना वैक्सीन विकसित करने में सबसे आगे रहा। हम इस क्षमता का इस्तेमाल दुनिया के दूसरे देशों को मदद करने में कर रहे हैं। असल मायने में यही प्रबुद्ध भारत की संकल्पना है।

पीएम मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने इस पत्रिका का नाम प्रबुद्ध भारत रखा, क्योंकि वो इसके जरिए भारत की भावना व्यक्त करना चाहते थे। बता दें कि 'प्रबुद्ध भारत' पत्रिका भारत के प्राचीन आध्यामिक ज्ञान के संदेश को प्रसारित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम रही है। इसका प्रकाशन चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) से शुरू किया गया था जहां से दो साल तक इसका प्रकाशन होता रहा। 

पत्रिका 'प्रबुद्ध भारत' का प्रकाशन चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) से साल 1896 में शुरू हुआ, जहां दो सालों तक इसका प्रकाशन जारी रहा जिसके बाद यह अल्मोड़ा से प्रकाशित हुआ। बाद में अप्रैल 1899 में पत्रिका के प्रकाशन का स्थान उत्तराखंड में मायावटी स्थित अद्वैत आश्रम में स्थानांतरित कर दिया गया था और तब से यह लगातार प्रकाशित हो रही है। 



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India is following Swami Vivekananda in empowering poor, says PM Modi
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डॉ. भालचंद्र मुणगेकर यांचा पंतप्रधान मोदी, केंद्र सरकारवर हल्लाबोल, म्हणाले...

पुणे: काँग्रेस नेते आणि माजी खासदार डॉ. भालचंद्र मुणगेकर यांनी पंतप्रधान नरेंद्र मोदी आणि केंद्र सरकारवर जोरदार टीकास्त्र सोडले आहे. नोटबंदीपासून देशात भारतीय अर्थव्यवस्थेची घसरण सुरू असून या घसरणीला पंतप्रधान नरेंद्र मोदी आणि केंद्र सरकार जबाबदार असल्याचा आरोप डॉ. मुणगेकर यांनी केला आहे. मोदी सरकार हे केवळ घोषणांच्या बळावर जगलेले भारताच्या इतिहासातील एकमेव सरकार असल्याचेही डॉ. मुणगेकर यांनी म्हटले आहे. अर्थतज्ज्ञ डॉ. भालचंद्र मुणगेकर यांनी उद्याच्या अर्थसंकल्पाबाबतही भाष्य केले आहे. उद्याच्या अर्थसंकल्पात अर्थव्यवस्थेला उभारी देणाऱ्या ठोस तरतुदी असण्याची शक्यता नसल्याचे डॉ. मुणगेकर म्हणाले. सलग तीन वर्षे आर्थिक वृद्धीचा दर उणे असणारा भारत हा एकमेव देश असल्याचेही ते म्हणाले. देशाची क्रयशक्ती वाढवण्यासाठीही सरकारने काहीही केले नसून मोदी सरकार देशाच्या अर्थव्यवस्थेबाबत गंभीर नसल्याचेही डॉ. मुणगेकर म्हणाले. 'सरकारने बाऊ न करता कृषी कायदे मागे घ्यावेत' केंद्र सरकारने कोणताही बाऊ न करता नवे कृषी कायदे मागे घ्यावेत, असे आवाहनही डॉ. मुणगेकर यांनी केंद्र सरकारला केले आहे. सरकारच्या प्रतिष्ठेपेक्षा जनतेची प्रतिष्ठा महत्वाची आहे. एमएसपी काढण्यानंतर कायदेशीर हमी न दिल्यास देशातील कृषी क्षेत्र उद्ध्वस्त होईल, अशी भितीही डॉ. मुणगेकर यांनी व्यक्त केली आहे. शेतकऱ्यांच्या आंदोलनावर बोलताना डॉ. मुणगेकर यांनी सरकारला पंजाबमध्ये पुन्हा खलिस्तान घडवायचे आहे का?, असा सवालही उपस्थित केला. लाल किल्ल्यावर इतका बंदोबस्त असताना सिद्धू तेथे पोहोचलाच कसा?, असा सवाल करताना, हे शेतकऱ्यांचे आंदोलन बदनाम करण्याचे षडयंत्र असल्याचा आरोपही त्यांनी केला.


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किरीट सोमय्यांच्या मुलावर खंडणीचा आरोप; राष्ट्रवादीनं केली 'ही' मागणी

मुंबईः भाजप नेते यांचे पुत्र व नगरसेवक नील सोमय्या हे चौकशीच्या फेऱ्यात अडकले आहेत. नील सोमय्यांची खंडणीच्या एका जुन्या प्रकरणात चौकशी करण्यात आली आहे. या पार्श्वभूमीवर राष्ट्रवादी काँग्रेसनं किरीट सोमय्यांवर निशाणा साधला आहे. किरीट सोमय्या यांच्याकडून सातत्याने राज्यातील महाविकास आघाडीला लक्ष्य करण्यात येत होते. शिवसेना नेत्यांवर किरीट सोमय्या सातत्याने भ्रष्टाचाराचे आरोप करत होते. त्यामुळं राष्ट्रवादी काँग्रेसचे प्रदेश प्रवक्ते महेश तपासे यांनी किरीट सोमय्यांना या प्रकरणी घेरलं असून आता सोमय्या गप्प का?, असा सवाल केला आहे. किरीट सोमय्या यांच्या मुलाची खंडणीप्रकरणी चार तास कसून पोलिस चौकशी झाली आहे. यावर आता किरीट सोमय्या गप्प का?, असा त्यांनी केला आहे. तसंच, ज्याला कर नाही त्याला डर कशाची, असा प्रश्नही आमच्या मनात येतो. यासंबंधी किरीट सोमय्या यांनी त्यांच्या मुलाच्या संदर्भातील भूमिका स्पष्ट करावी, अशी मागणी तपासे यांनी केली आहे. वाचाः काय आहे संपूर्ण प्रकरण? भाजप नगरसेवक नील सोमय्या यांचे नाव एका खंडणीच्या प्रकरणात आले होते. हे जुने प्रकरण असून याप्रकरणी नील यांची नव्याने चौकशी सुरू करण्यात आली आहे. मुलुंड पोलीस ठाण्यात नील यांचा जबाब नोंदवण्यात आला. नील यांच्यावर बिल्डरकडून खंडणी उकळल्याचा आरोप झाला असला तरी अद्याप याप्रकरणी त्यांच्यावर कोणताही गुन्हा दाखल करण्यात आलेला नाही, असेही कळते. त्यामुळे नील यांचा जबाब नोंदवल्यानंतर पोलीस आता कोणती कारवाई करतात, हे लवकरच स्पष्ट होणार आहे. वाचाः


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पुणे: ११ वर्षीय मुलगा बेपत्ता होता, दोन दिवसांनंतर...

म. टा. प्रतिनिधी, : दोन दिवसांपासून बेपत्ता असलेल्या अकरा वर्षांच्या मुलाचा परिसरात रविवारी दुपारी मृतदेह आढळून आला आहे. त्याच्या डोक्यात जखमा असल्यामुळे त्याचा खून केल्याचा संशय पोलिसांनी व्यक्त केला आहे. या प्रकरणी कोथरूड पोलीस ठाण्यात गुन्हा दाखल करण्याचे काम सुरू होते. विश्वजीत वजारी (वय ११, रा. केळेवाडी, कोथरूड) असे खून झालेल्या मुलाचे नाव आहे. विश्वजीत हा २९ जानेवारी रोजी सायंकाळी चार वाजल्यापासून बेपत्ता झाला होता. त्याच्या नातेवाइकांनी पोलिसांकडे तक्रार दिली होती. या प्रकरणी कोथरूड पोलीस ठाण्यात अपहरणाचा गुन्हा दाखल करण्यात आला होता. विश्वजीत याचा कोथरूड पोलीस शोध घेत होते. रविवारी दुपारी त्याचा मृतदेह केळेवाडी परिसरातच आढळला. त्याच्या डोक्यात मारहाण केल्याचे दिसून आले आहे. त्याच्या डोक्यात जखमा असल्यामुळे त्याचा खून केल्याची शक्यता पोलिसांनी व्यक्त केली आहे. या प्रकरणी कोथरूड पोलिसांनी चौकशी सुरू केली आहे.


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विहिरीत आढळली कार अन् मानवी सांगाडा!

म. टा. वृत्तसेवा, : पंचाळे-पांगरी रस्त्यावरील (ता. ) शेतातील विहिरीत कार (एमपी ०९ सीआर ६२९४) शनिवारी सकाळी आढळून आली. विशेष म्हणजे या कारमध्ये मानवी सांगाडा आढळून आल्याने खळबळ उडाली. एमआयडीसी पोलिसांनी काही तासांतच या प्रकरणाचा उलगडा केला. संबंधित कार मध्य प्रदेशातील इंदूर येथील दिनेश तिवारी यांच्या मालकीची आहे. तर मृत व्यक्ती कारचालक संजय आहिरे (रा. , ता. मालेगाव) याचा आहे. पांगरी गावाकडे जाणाऱ्या मार्गावर सुमारे एक किलोमीटरवर पंचाळे शिवारात सुधाकर बेदरकर यांच्या शेतातील पन्नास फूट खोल विहिरीत स्विफ्ट कार आढळून आली. बेदरकर यांचा मुलगा केतन हा सकाळी मका पिकाला पाणी देण्यासाठी गेला. मोटार पाणी खेचत नसल्याने त्याने विहिरीत डोकावून बघितले. त्याला आतमध्ये कार आढळून आली. आतापर्यंत विहिरीला पाणी जास्त होते. मात्र, आता पिकांना पाणी देण्याचा हंगाम सुरू असल्याने विहिरीतील पाणी उपसा झाल्याने बुडालेली कार दिसून आली. एमआयडीसी पोलिस ठाण्याचे निरीक्षक दशरथ चौधरी, सहाय्यक उपनिरीक्षक गोरक्षनाथ बलक, गौरव सानप यांनी घटनास्थळी धाव घेत क्रेनच्या सहाय्याने कार विहिरीतून बाहेर काढली. कारमध्ये मानवी सापळा आढळून आल्याने सर्वांनाच आश्चर्याचा धक्का बसला. सिव्हिल रुग्णालयाच्या पथकाने देखील घटनास्थळी भेट दिली. दरम्यान, एमआयडीसी पोलिस ठाण्यात आकस्मिक मृत्यूची नोंद करण्यात आली आहे. ..असा झाला उलगडा संबंधित कारच्या नंबरवरून ती कार मध्य प्रदेशातील इंदूर येथील दिनेश तिवारी यांच्या मालकीची असल्याची माहिती पोलिसांच्या तपासात उघड झाली. कारमध्ये त्यांच्या नावाचे ड्रायव्हिंग लायसन्स देखील पोलिसांना मिळाले. त्यांच्या पुणे येथे कामास असलेल्या मुलाने संबंधित कार पुणे येथून इंदूर येथे वडिलांकडे पोहोच करण्यासाठी संजय आहिरे नावाच्या ड्रायव्हरकडे जबाबदारी दिली होती. संजय ही कार इंदूरच्या दिशेने जात असताना पंचाळे शिवारात कारचे टायर फुटलले आणि चालकाचा ताबा सुटल्याने कार बेदरकर यांच्या शेतातील विहिरीत कोसळली असण्याची शक्यता एमआयडीसी पोलिसांनी व्यक्त केली. ही घटना काही महिन्यांपूर्वीची आहे. तिवारी यांच्याकडे कार न पोहोचल्याने त्यांच्या मुलाने पुण्यातील वाकड पोलिस ठाण्यात तक्रार दाखल केली होती.


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गोळीबार करून फरार झाला होता, ७ वर्षांनी...

म. टा. प्रतिनिधी, : परिसरातील प्रकरणात सात वर्षांपासून फरारी असलेल्या आरोपीला गुन्हे शाखेच्या युनिट तीनने अटक केली आहे. सोपान नारायण तावरे (वय ४०, रा. जांभळी, ता. हवेली) असे अटक केलेल्याचे नाव आहे. वडगाव बुद्रुक येथील शेळकेनगर येथे ७ मे २०१४ रोजी तुकाराम बाबूराव पासलकर यांच्या घरावर गोळीबार झाला होता. या गुन्ह्यातील तीन आरोपींना अटक केली होती; पण आरोपी तावरे फरारी होता. पोलिस कर्मचारी विल्सन डिसोजा यांना माहिती मिळाली, की तावरे कै. वसंतराव बागूल उद्यान येथे येणार आहे. त्यानुसार पोलिस निरीक्षक राजेंद्र मोकाशी, उपनिरीक्षक दत्ता काळे यांच्या पथकाने त्याला अटक केली. त्याला पुढील कारवाईसाठी दत्तवाडी पोलिसांच्या ताब्यात दिले आहे. युनिट तीनच्या पथकाने बेकायदा पिस्तूल बाळगल्याप्रकरणी सराईत गुन्हेगार सारंग विष्णू भोसले (२१, रा. पद्मावती सहकारनगर) याला अटक केली. त्याच्याकडून एक पिस्तूल व दोन काडतुसे असा ४० हजारांचा मुद्देमाल पोलिसांनी जप्त केला आहे. या प्रकरणी, भोसलेविरुद्ध अलंकार पोलिस ठाण्यात गुन्हा दाखल करण्यात आला आहे. गुन्हे शाखेच्या युनिट तीनकडून सराईत गुन्हेगारांची तपासणी सुरू होती. त्या वेळी सराईत गुन्हेगार भोसले कोथरूड परिसरात आला असून, त्याच्याकडे पिस्तूल असल्याची माहिती मिळाली. त्यानुसार पथकाने सापळा रचून त्याला ताब्यात घेतले.


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सुशांतसिंह राजपूत प्रकरणः एनसीबीनं १२० मोबाइलमधून मिळवली माहिती

मुंबई : अंमली पदार्थविरोधी मोहिमांचा धडाका सुरू असल्याने 'नारकॉटिक्स कंट्रोल ब्युरो'चा () मुंबई विभाग सध्या चांगलाच चर्चेत आहे. 'एनसीबी'ला यासाठी आवश्यक असलेल्या न्यायवैद्यक तपासणीला इस्रायली 'टच' आहे. खास इस्रायलहून प्रशिक्षण घेतलेले निवृत्त सहाय्यक पोलिस आयुक्त मकरंद वाघ हे त्यासाठी मदत करीत आहेत. मकरंद वाघ यांचा सर्व प्रकारच्या गुन्ह्यांचा डिजिटल पद्धतीचा तपास करण्यात हातखंडा आहे. यासाठी त्यांनी इस्रायलच्या ''सारख्या संस्थेकडून तेथे जाऊन विशेष प्रशिक्षण घेतले आहे. या प्रशिक्षणाचा गुन्ह्याच्या तपासासाठी उच्चस्तरावर लाभ मिळावा यासाठी, त्यांनी स्वेच्छानिवृत्ती घेतली व स्वत:च्या 'मॅकान्स इन्फोटेक' व मॅकान्स सायबर क्लिनिक या कंपन्या सुरू केल्या. आता या कंपनीअंतर्गतच ते एनसीबीसह ईडी, सीबीआय तसेच मुंबई पोलिसांच्या आर्थिक गुन्हे विभागाला आगळी अशी मदत करीत आहेत. वाघ यांच्या दिमतीला २० न्यायवैद्यक तज्ज्ञांचा चमू आहे. हे सर्व जण सरकारच्या न्यायवैद्यक प्रयोगशाळेतून निवृत्त झालेले आहेत. त्यांच्यामार्फत ते प्रामुख्याने आरोपीचा मोबाइल, लॅपटॉप क्रॅक करणे, त्यातील पुसण्यात आलेली (डिलिट) माहिती बाहेर काढणे, विविध सामाजिक माध्यमांवरील त्याच्या खात्याची, चॅटची पूर्ण माहिती काढणे आदी काम केले जाते. या कामासाठी वाघ यांच्या कंपनीने खास इस्रायलहून विशेष उपकरणे आयात केली आहेत. 'मॅकान्स इन्फोटेक'ने अभिनेता सुशांतसिंह राजपूत प्रकरणात तपास संस्थांना माहिती मिळवून देण्याचे काम केले होते. १२० मोबाइल हॅण्डसेट व लॅपटॉपमधील डिलिट झालेली माहिती त्यांनी मिळवली. काही माहिती घेण्यासाठी ११-११ तासांचा अवधी लागला. 'अशाप्रकारे माहिती काढण्यासाठी त्याबाबत कायद्याची माहिती हवी, उपकरणांना परवाना हवा व न्यायालयात सिद्ध होईल असा तपास करणे, हे महत्त्वाचे असते. यासाठी आम्ही निवृत्त न्यायवैद्यक सरकारी अधिकाऱ्यांनाच सोबत घेतले आहे,' असे वाघ यांनी 'महाराष्ट्र टाइम्स'ला सांगितले. केवळ सुशांतसिंह राजपूत प्रकरणच नाही तर अशाप्रकारच्या अनेक प्रकरणांत न्यायवैद्यक सहकार्याची गरज असतेच. यामुळेच जेव्हा-जेव्हा गरज भासेल 'एनसीबी'कडून 'मॅकान्स इन्फोटेक'ची मदत घेतली जाते. त्यांनी मिळवलेल्या माहितीचा आजवर बराच उपयोग झाला आहे.ॉ - , विभागीय (झोनल) संचालक-एनसीबी डिजिटल व सामाजिक माध्यमांच्या युगामुळे प्रत्येक गुन्ह्यात मोबाइल किंवा लॅपटॉपचा समावेश असतोच. त्यामुळे आता आरोपीला थर्ड डिग्री देऊन कबुली जबाब घेणे जवळपास संपले आहे. डिजिटल न्यायवैद्यक प्रयोगशाळेत गुन्हेगार किंवा आरोपीची संपूर्ण माहिती बाहेर येते व ती न्यायालयात सिद्धदेखील होते. - मकरंद वाघ, सहसंस्थापक, 'मॅकान्स इन्फोटेक'


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'कोव्हिशील्ड'नंतर आणखी एका करोनाप्रतिबंधक लसीसाठी सीरम'चा अर्ज

वृत्तसंस्था, नवी दिल्ली सीरम इन्स्टिट्यूटच्या 'कोव्हिशील्ड'च्या चाचण्या देशभर सुरू असताना आता 'सीरम'ने 'नोव्हाव्हॅक्स'च्या '' या करोनाप्रतिबंधक लशीच्या चाचण्या सुरू करण्याची मागणी औषध महानियंत्रकांकडे मागितली आहे. 'सीरम'चे सीईओ यांनी ट्विट करून शनिवारी याबाबत माहिती दिली. आदर पूनावाला म्हणाले, 'नोव्हाव्हॅक्ससोबत विकसित करण्यात आलेल्या करोना प्रतिबंधक लशीचेही सकारात्मक परिणाम दिसून आले असून, देशात या लशीच्या मानवी चाचण्या सुरू करण्यासाठी आम्ही परवानगी मागितली आहे. जून २०२१ पर्यंत ही लस बाजारात उपलब्ध होण्याची शक्यता आहे.' ऑक्सफर्ड-अॅस्ट्राझेनेका यांच्या सहकार्याने सीरमने 'कोव्हिशील्ड' ही लस बाजारात आणली असून भारतात तिचे लसीकरणही सुरू झाले आहे. 'नोव्हाव्हॅक्स' या अमेरिकी कंपनीच्या करोनाप्रतिबंधक लशीबाबतचे संशोधन व उत्पादन करण्याबाबत कंपनीने सीरम इन्स्टिट्यूटशी ऑगस्ट २०२० मध्ये करार केला आहे. 'नोव्हाव्हॅक्स' कंपनीच्या लशीचे भारतात उत्पादन करण्याचा हक्क या कराराद्वारे ''ला मिळाला. उच्च मध्यम किंवा उच्च उत्पन्न असलेले देश वगळता अन्य देशांसाठी करोना साथरोगाच्या काळात सीरम इन्स्टिट्यूटला 'नोव्हाव्हॅक्स' लशीचे उत्पादन करण्याचा हक्क मिळाला आहे. सर्व परवानग्या मिळून चाचण्या सुरळीत पार पडल्यास 'कोव्हाव्हॅक्स' ही भारतात आपत्कालीन वापरासाठी परवानगी मिळणारी तिसरी लस ठरणार आहे. सध्या देशात 'कोव्हिशील्ड' आणि 'कोव्हॅक्सिन' या दोन्हींचे लसीकरण सुरू आहे. दरम्यान, देशात सुमारे ३५ लाख नागरिकांना गेल्या चोवीस तासांत करोनाचे लसीकरण करण्यात आले, अशी माहिती आरोग्य मंत्रालयाकडून देण्यात आली. नवे दोन हजार ६३० रुग्ण मुंबई : महाराष्ट्रात शनिवारी दिवसभरात दोन हजार ६३० करोनाबाधित रुग्ण आढळले, तर एक हजार ५३५ करोनाबाधित रुग्ण बरे होऊन घरी परतले. राज्यात आजपर्यंत एकूण १९ लाख २७ हजार ३३५ करोनाबाधित बरे झाले आहेत. यामुळे राज्यात रुग्ण बरे होण्याचे प्रमाण ९५.२३ टक्के झाले आहे, अशी माहिती आरोग्यमंत्री राजेश टोपे यांनी दिली. राज्यात करोनाबाधित रुग्ण बरे होणाऱ्यांच्या तुलनेत शनिवारी दिवसभरात करोनाबाधित रुग्णांची संख्या वाढली आहे. शनिवारी राज्यात दोन हजार ६३० नवीन करोनाबाधित रुग्णांचे निदान झाले आहे. यामुळे राज्यातील करोनाबाधित रुग्णांची एकूण संख्या २० लाख २३ हजार ८१४ इतकी झाली आहे. आजपर्यंत राज्यात तपासण्यात आलेल्या एक कोटी ४५ लाख ५९ हजार १६० प्रयोगशाळा नमुन्यांपैकी २० लाख २३ हजार ८१४ नमुने पॉझिटिव्ह आले आहेत. हे प्रमाण १३.९ टक्के इतके आहे. राज्यात शनिवारी दिवसभरात ४२ करोनाबाधित रुग्णांचा मृत्यू झाल्याची नोंद करण्यात आली आहे. राज्यात आजतागायत करोनामुळे दगावलेल्या रुग्णांची एकूण मृत्यू संख्या ५१ हजार ४१ इतकी झाली आहे. सध्या राज्यातील मृत्यूदर २.५२ टक्के इतके आहे. सध्या राज्यात एक लाख ९१ हजार ९७५ व्यक्ती घरात विलगीकरणामध्ये आहेत. दोन हजार २३४ व्यक्ती संस्थात्मक विलगीकरणामध्ये आहेत. राज्यात सध्या एकूण ४४ हजार १९९ उपचाराधीन रुग्ण आहेत.


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PM मोदी के बयान पर राकेश टिकैत का पलटवार, कहा- क्या तिरंगा सिर्फ प्रधानमंत्री का है ?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रविवार को मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा था कि - इस महीने 26 जनवरी को लाल किले पर तिरंगे का अपमान देखकर देश बहुत दुखी हुआ है " इस वाक्य में पीएम मोदी ने परोक्ष रुप से यह टिप्पणी किसान नेता और कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे राकेश टिकैत के खिलाफ हो सकती है। जिसपर जवाब में किसान नेता टिकैत ने कहा है कि क्या तिरंगा सिर्फ प्रधानमंत्री का है ?

राकेश टिकैत ने कहा कि सारा देश तिरंगे से प्यार करता है, सिर्फ प्रधानमंत्री ही नहीं। इसके बाद जब उनसे सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों पर बातचीत फिर शुरू करने पर पूछा गया, तो राकेश टिकैत ने कहा कि - बंदूक की नोक पर बातचीत नहीं होगी। हम प्रेशर में बातचीत नहीं करेंगे, हम बातचीत करेंगे लेकिन सरकार कंडीशन रख कर बात ना करे।    

बता दें कि, 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर आंदोलन के दौरान कुछ उपद्रवियों ने लाल किले पर उस स्थान पर निशान साहिब का झंडा फहरा दिया था, जहां प्रधानमंत्री हर साल स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराते हैं। इस आंदोलन में कई किसानो के साथ कई पुलिस कर्मी भी घायल हुए थे। ऐसा पहली बार हुआ है प्रधानमंत्री ने बजट बिल आने से पहले देश से मन की बात की है।   

 

 



 



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Rakesh Tikait's counter attack on PM Modi's statement
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from दैनिक भास्कर हिंदी

'कोहिनूर-ए-गझल' इलाही जमादार यांचे निधन

पुणेः आपल्या लेखणीनं मराठी गझलविश्व समृद्ध करणारे इलाही जमादार यांचे वृद्धापकाळानं निधन झालं. ते ७५ वर्षांचे होते. सांगलीतील मुळ गावी त्यांच्या पार्थिवावर अत्यंसंस्कार होणार आहेत. जमादार यांचा जन्म १ मार्च १९४६ रोजी सांगलीतील दुधगाव येथे झाला होता. मात्र, ते पुण्यात वास्तव्यास होते. १९७०च्या आसपास सुरेश भटांनी उर्दू गझलेला मराठीत अढळ स्थान प्राप्त करुन दिल्यानंतर मराठी गझल विश्वात यांचे नाव घेतले जाते. इलाही जमादार यांच्या गझला या महाराष्ट्रासोबतच देशभरात प्रसिद्ध आहेत. त्यांच्या काव्यवाचनाचे कार्यक्रमाचे कार्यक्रमांनाही प्रेक्षकांची अलोट गर्दी असायची. त्याचबरोबर, अकाशवाणी, दुरदर्शनसोबतही त्यांनी काम केलं आहे. वाचाः नवोदित मराठी कवींसाठी गझल कार्यशाळाही घेत होते. वाचलेली माणसे गेली कुठे, हे असे बागेवरी उपकार केले, अनाथ होईल वेदना जगी माझ्यानंतर या त्यांच्या काही प्रसिद्ध गझल होत्या. वाचाः दरम्यान, काही वर्षांपूर्वी तोल जाऊन पडल्यामुळं त्यांच्या डोक्याला मार लागला होता. तसंच, त्यांना स्मृतीभ्रंशाचा आजारही जडला होता. त्यांच्यावर पुण्यातील रुग्णालयात उपचारही सुरु होते.


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जेव्हा अजितदादा स्वतःच चिमुकल्याला पोलिओ डोस देतात...

म. टा. प्रतिनिधी, : पल्स पोलिओचे समूळ उच्चाटन करण्यासाठी शासन स्तरावरून प्रयत्न सुरू असून, राज्यातील एकही बालक लसीकरणापसून वंचित राहू नये, असे आवाहन राज्याचे उपमुख्यमंत्री यांनी केले. राष्ट्रीय पल्स पोलिओ मोहिमेत पाच वर्षांपर्यंतच्या बालकांच्या जिल्हास्तरीय लसीकरण मोहिमेचा शुभारंभ उपमुख्यमंत्री अजित पवार यांच्या हस्ते आज बारामती महिला रुग्णालयात बालकांना पोलिओ डोस पाजून मोहिमेचा शुभारंभ झाला यावेळी ते बोलत होते. यावेळी बारामतीच्या नगराध्यक्षा पौर्णिमा तावरे, पंचायत समितीच्या सभापती नीता बारवकर, जिल्हा शल्यचिकित्सक डॉ. अशोक नांदापूरकर, जिल्हा आरोग्य अधिकारी डॉ. भगवान पवार, उपविभागीय अधिकारी दादासाहेब कांबळे, तहसीलदार विजय पाटील, बारामती रुग्णालयाचे अधीक्षक डॉ. सदानंद काळे, तालुका आरोग्य अधिकारी डॉ. मनोज खोमणे आदी यावेळी उपस्थित होते. वाचाः पवार म्हणाले, पुणे जिल्हयात या मोहिमेत सुमारे ११ लाख ३२ हजार ३५१ बालकांच्या लसीकरणाचे उद्दिष्ट आहे. त्यानुसार आज जिल्ह्यात ६ हजार ७०० बुथवर लसीकरण करण्यात येत आहे. ६ हजार २५४ पथकांच्या मदतीने गृहभेटी देत लसीकरण करण्यात येणार आहेत. त्यानुसार सरकारने नियोजन केले आहे. पल्स पोलिओ लसीकरण मोहीम प्रभावीपणे राबविण्यातील अडथळे दूर करण्यासाठी राज्य सरकार सर्वतोपरी प्रयत्न करेल, अशी ग्वाही उपमुख्यमंत्री अजित पवार यांनी दिली आहे. वाचाः


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बीएमसीचा हेरिटेज वॉक; भाजपनं उपस्थित केले 'हे' सवाल

मुंबईः आशिया खंडातील सर्वात मोठ्या ऐतिहासिक मुंबई महानगर पालिकेत आता सर्वसामान्यांना करता येणार आहे. पालिकेच्या या उपक्रमावर भाजपने काही सवाल उपस्थित केले आहे. ऐतिहासिक वास्तू असलेल्या मुंबई महापालिकेला पर्यटकांना भेट देता यावी म्हणून मुंबई महापालिकेने हे हेरिटेज वॉक सुरू केले आहे. यामुळे आता कोणत्याही सर्वसामान्य व्यक्तीला या वास्तू पाहता येणार आहे. मात्र, भाजपचे नेते आशिष शेलार यांनी ट्विटच्या माध्यमातून महापालिकेवर काही प्रश्न उपस्थित केले आहेत. एकीकडे हेरिटेज वॉक सुरु करुन ऐतिहासिक मुंबई महापालिकेची वास्तू खुली केली. दुसरीकडे कर्ज रोखे काढून महापालिकेला 'बाजारात' उभी केलीत. अखेर श्रीमंत महापालिकेची शोभा व्हायची ती झालीच, असं म्हणत शेलार यांनी नीट काळजी घेताय ना?, कर्ज रोखेच विकताय ना?, ७/१२वर मालक मुंबईकरच राहणार ना?, असे सवाल उपस्थित केले आहेत. वाचाः मुंबई महापालिकेसाठी भाजपची तयारी मुंबई महापालिका निवडणुकीसाठी भाजपनं आत्तापासूनच कंबर कसली आहे. पालिकेवर एक हाती सत्ता मिळवण्यासाठी भाजपनं मिशन मुंबईदेखील सुरु केलं आहे. तर, एकीकडे शिवसेनेनंही महापालिकेवरील सत्ता कायम राखण्यासाठी हालचाली सुरु केल्या आहेत. वाचाः


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Coronavirus in India: देश में 24 घंटे के भीतर मिले 13,052 नए मरीज, 127 लोगों की मौत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का असर कम होता जा रहा है। देश में कोरोना का टीका आने के बाद से लोगों को राहत भी मिली है। टीकाकरण का अभियान पूरे देश में जारी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमण के 24 घंटे में 13 हजार 52 नए केस सामने आए हैं।

इस दौरान 13 हजार 965 लोग ठीक भी हुए हैं। वहीं, 127 लोगों की जान गई है। कोरोना वायरस को भारत में एक साल और एक पूरा हो चुका है। 30 जनवरी 2020 को कोरोना का पहला केस केरल में सामने आया था। अबतक ये संख्या करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है। 

देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 1 करोड़ 7 लाख 46 हजार 183 पर पहुंच गया है। वहीं 1 करोड़ 4 लाख 23 हजार 125 लोग इस बीमार से स्वस्थ भी हो चुके हैं। कोरोना संक्रमण 1 लाख 54 हजार 274 लोगों की मौत भी हो चुकी है। फिलहाल देश की अलग-अलग अस्पतालों में 1 लाख 68 हजार 784 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। कोरोना से बचाव के लिए केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर देशभर में चल टीकाकरण अभियान पर नजर बनाएं हुए हैं।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़े
 

No. Name of State / UT Active Cases* Cured/Discharged/Migrated* Deaths**
Total Change since yesterday Cumulative Change since yesterday Cumulative Change since yesterday
1 Andaman and Nicobar Islands 4 4928 62  
2 Andhra Pradesh 1289 19  879278 147  7153
3 Arunachal Pradesh 14 16758   56  
4 Assam 1914 42  214124 70  1082
5 Bihar 976 45  257021 164  1499
6 Chandigarh 151 20414 25  334  
7 Chhattisgarh 4260 98  297144 502  3698
8 Dadra and Nagar Haveli and Daman and Diu 6 3390 2  
9 Delhi 1436 115  622671 290  10849
10 Goa 759 17  51831 76  766  
11 Gujarat 3469 120  253368 441  4387
12 Haryana 1134 58  263654 153  3017
13 Himachal Pradesh 383 40  56135 52  976
14 Jammu and Kashmir 761 62  121752 135  1936
15 Jharkhand 576 52  117004 100  1071
16 Karnataka 5995 85  920657 547  12213
17 Kerala 71714 768  848476 7032  3722 18 
18 Ladakh 70 9519 130
19 Lakshadweep 49 30 16  0  
20 Madhya Pradesh 2760 66  248319 283  3807
21 Maharashtra 45437 1053  1927335 1535  51042 42 
22 Manipur 136 28545 21  371  
23 Meghalaya 74 13541 17  146  
24 Mizoram 40 4323 9  
25 Nagaland 52 11950 88  
26 Odisha 1090 30  331962 138  1906  
27 Puducherry 306 11  38094 32  647  
28 Punjab 2184 70  165291 146  5609
29 Rajasthan 2260 135  312370 238  2766
30 Sikkim 94 5861 133  
31 Tamil Nadu 4575 26  820907 526  12350
32 Telengana 2240 114  290630 276  1599
33 Tripura 21   32939 391  
34 Uttarakhand 1202 87  93223 168  1643
35 Uttar Pradesh 5682 236  585747 474  8650
36 West Bengal 5671 40  553934 341  10164
Total# 168784 1040  10423125 13965  154274 127 
*(Including foreign Nationals)
**( more than 70% cases due to comorbidities )
#States wise distribution is subject to further verification and reconciliation
#Our figures are being reconciled with ICMR


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India reports 13052 new coronavirus cases and 127 deaths in the last 24 hours
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उपोषण टळले; पण, अण्णा हजारेंसमोर आता 'ही' मोठी अडचण

म.टा. प्रतिनिधी, नगर: शेतकऱ्यांच्या प्रश्नांवर उच्चाधिकार समिती नियुक्त करण्याचे लेखी आश्वासन घेऊन ज्येष्ठ समाजसेवक अण्णा हजारे यांनी आपले उपोषण स्थगित केले असले तरी आता त्यांना नव्या अडचणींना समोरे जावे लागणार आहे. या समितीवर त्यांनी सूचविलेले सदस्य घेण्याचे ठरले आहे. मात्र, असे राष्ट्रीय पातळीवर काम करू शकणारे तज्ज्ञ आणि विश्वासू कार्यकर्त्यांची हजारे यांच्याकडे कमतरता आहे. त्यामुळे समिती झाली असली तरी त्याद्वारे होणाऱ्या कामकाजावर लक्ष आणि नियंत्रण ठेवण्याचे मोठे आव्हान हजारे यांच्यापुढे आहे. आपल्या जुन्या प्रलंबित मागण्यांसाठी हजारे यांनी ३० जानेवारीपासून राळेगणसिद्धी येथे उपोषणाचा इशारा दिला होता. मात्र, त्याच्या एक दिवस आधीच केंद्रीय कृषी राज्यमंत्र्यांच्या उपस्थितीत आणि विरोधी पक्ष नेते देवेंद्र फडणवीस यांच्या मध्यस्थीने तोडगा निघाला. त्यामुळे हे उपोषण टळले. हजारे यांनी केलेल्या मागण्यासंबंधी उच्चाधिकार समिती नियुक्त करण्याचा प्रस्ताव पुढे आला होता. त्याला दोन्ही बाजूंनी संमती मिळाली आहे. केंद्रीय कृषिमंत्री या समितीचे अध्यक्ष असणार आहेत. तर कृषी राज्यमंत्री, नीती आयोगातील संबंधित अधिकारी, सरकारकडून तज्ज्ञ अधिकारी आणि हजारे यांनी सूचविलेल्या तज्ज्ञ व्यक्ती अशसासकीय सदस्य म्हणून समितीत असणार आहेत. स्वत: हजारे यांनाही समितीवर निमंत्रित सदस्य म्हणून घेण्यात येणार आहे. वाचाः आता अडचण आहे ती हजारे यांच्याकडून कोणाला पाठवायचे याची. सध्या टीम अण्णा विस्कळीत झाली आहे. पूर्वी अण्णांसोबत विविध क्षेत्रातील तज्ज्ञ मंडळी त्यांच्या फायद्यासाठी का होईना असत. आता मात्र, अशी माणसे खूपच कमी राहिली आहेत. त्यातच शेतीमालाला हमी भाव आणि त्यासंबंधीच्या तरतुदी, स्वामीनाथन आयोगाच्या शिफारशी वगैरे विषय वाटतात तेवढे सोपे नाहीत. शिवाय सरकारी खाक्यातून ते सादर करताना अधिक किचकट बनलेले असतात. ते समजून घेणे, त्यांचे फायदे तोटे, पळवाटा वगैरेचा अभ्यास करून त्यावर सर्वमान्य तोडगा सूचविणे किचकट, वेळखाऊ आणि तुलनेत अवघड काम आहे. हे काम पाहू शकणारे, हजारे यांच्याशी बांधिल असणारे आणि भविष्यातही राहू शकणारे तज्ज्ञ शोधण्याची कसरत करावी लागणार आहे. वाचाः सध्या हजारे यांचे कामकाज आणि आंदोलन स्थानिक पातळीवरूच हातळले जात आहे. त्यामध्ये हजारे यांच्या निकटवर्तीय, विश्वासू कार्यकर्त्यांचा समावेश आहे. त्यांच्याबद्दल हजारे यांना शंका असण्याचे कारण नाही. मात्र, अशा राष्ट्रीय समित्यांवर अभ्यासू सदस्य म्हणून काम करण्याची क्षमता त्यांच्यापैकी किती जणांमध्ये आहे, हा प्रश्नच आहे. शिवाय भाषेची अडचण आणि एकूणच त्यांचा वकुब मुरलेल्या सरकारी अधिकाऱ्यांच्या तुलनेत किती टिकणार, हाही प्रश्नच आहे. दिल्ली अगर अन्य ठिकाणचे सदस्य घ्यायचे तर त्यांच्याशी समन्वय, नियंत्रण ठेवण्याचे कामही अवघड आहे. शिवाय हजारे यांचे आंदोलन गुंडाळण्याची क्षमता ठेवणाऱ्या सरकारकडून या सदस्यांना हाताशी धरून हव्या त्याप्रमाणे तरतुदी करून घेण्याची शक्यताही नाकारता येत नसल्याने हजारे यांच्यापुढे आता पेच निर्माण झाला आहे. त्यामुळे आता या उच्चाधिकार समितीसाठी हजारे कोणाची निवड करतात, याची उत्सुकता आहे. वाचाः


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उपोषण टळले; पण, अण्णा हजारेंसमोर आता 'ही' मोठी अडचण

म.टा. प्रतिनिधी, नगर: शेतकऱ्यांच्या प्रश्नांवर उच्चाधिकार समिती नियुक्त करण्याचे लेखी आश्वासन घेऊन ज्येष्ठ समाजसेवक अण्णा हजारे यांनी आपले उपोषण स्थगित केले असले तरी आता त्यांना नव्या अडचणींना समोरे जावे लागणार आहे. या समितीवर त्यांनी सूचविलेले सदस्य घेण्याचे ठरले आहे. मात्र, असे राष्ट्रीय पातळीवर काम करू शकणारे तज्ज्ञ आणि विश्वासू कार्यकर्त्यांची हजारे यांच्याकडे कमतरता आहे. त्यामुळे समिती झाली असली तरी त्याद्वारे होणाऱ्या कामकाजावर लक्ष आणि नियंत्रण ठेवण्याचे मोठे आव्हान हजारे यांच्यापुढे आहे. आपल्या जुन्या प्रलंबित मागण्यांसाठी हजारे यांनी ३० जानेवारीपासून राळेगणसिद्धी येथे उपोषणाचा इशारा दिला होता. मात्र, त्याच्या एक दिवस आधीच केंद्रीय कृषी राज्यमंत्र्यांच्या उपस्थितीत आणि विरोधी पक्ष नेते देवेंद्र फडणवीस यांच्या मध्यस्थीने तोडगा निघाला. त्यामुळे हे उपोषण टळले. हजारे यांनी केलेल्या मागण्यासंबंधी उच्चाधिकार समिती नियुक्त करण्याचा प्रस्ताव पुढे आला होता. त्याला दोन्ही बाजूंनी संमती मिळाली आहे. केंद्रीय कृषिमंत्री या समितीचे अध्यक्ष असणार आहेत. तर कृषी राज्यमंत्री, नीती आयोगातील संबंधित अधिकारी, सरकारकडून तज्ज्ञ अधिकारी आणि हजारे यांनी सूचविलेल्या तज्ज्ञ व्यक्ती अशसासकीय सदस्य म्हणून समितीत असणार आहेत. स्वत: हजारे यांनाही समितीवर निमंत्रित सदस्य म्हणून घेण्यात येणार आहे. वाचाः आता अडचण आहे ती हजारे यांच्याकडून कोणाला पाठवायचे याची. सध्या टीम अण्णा विस्कळीत झाली आहे. पूर्वी अण्णांसोबत विविध क्षेत्रातील तज्ज्ञ मंडळी त्यांच्या फायद्यासाठी का होईना असत. आता मात्र, अशी माणसे खूपच कमी राहिली आहेत. त्यातच शेतीमालाला हमी भाव आणि त्यासंबंधीच्या तरतुदी, स्वामीनाथन आयोगाच्या शिफारशी वगैरे विषय वाटतात तेवढे सोपे नाहीत. शिवाय सरकारी खाक्यातून ते सादर करताना अधिक किचकट बनलेले असतात. ते समजून घेणे, त्यांचे फायदे तोटे, पळवाटा वगैरेचा अभ्यास करून त्यावर सर्वमान्य तोडगा सूचविणे किचकट, वेळखाऊ आणि तुलनेत अवघड काम आहे. हे काम पाहू शकणारे, हजारे यांच्याशी बांधिल असणारे आणि भविष्यातही राहू शकणारे तज्ज्ञ शोधण्याची कसरत करावी लागणार आहे. वाचाः सध्या हजारे यांचे कामकाज आणि आंदोलन स्थानिक पातळीवरूच हातळले जात आहे. त्यामध्ये हजारे यांच्या निकटवर्तीय, विश्वासू कार्यकर्त्यांचा समावेश आहे. त्यांच्याबद्दल हजारे यांना शंका असण्याचे कारण नाही. मात्र, अशा राष्ट्रीय समित्यांवर अभ्यासू सदस्य म्हणून काम करण्याची क्षमता त्यांच्यापैकी किती जणांमध्ये आहे, हा प्रश्नच आहे. शिवाय भाषेची अडचण आणि एकूणच त्यांचा वकुब मुरलेल्या सरकारी अधिकाऱ्यांच्या तुलनेत किती टिकणार, हाही प्रश्नच आहे. दिल्ली अगर अन्य ठिकाणचे सदस्य घ्यायचे तर त्यांच्याशी समन्वय, नियंत्रण ठेवण्याचे कामही अवघड आहे. शिवाय हजारे यांचे आंदोलन गुंडाळण्याची क्षमता ठेवणाऱ्या सरकारकडून या सदस्यांना हाताशी धरून हव्या त्याप्रमाणे तरतुदी करून घेण्याची शक्यताही नाकारता येत नसल्याने हजारे यांच्यापुढे आता पेच निर्माण झाला आहे. त्यामुळे आता या उच्चाधिकार समितीसाठी हजारे कोणाची निवड करतात, याची उत्सुकता आहे. वाचाः


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'त्या' घटनेवर मोदी, शहा गप्प का?; राऊतांचा सवाल

मुंबईः पंतप्रधान मोदी व अमित शहा इतर वेळी राहुल गांधींपासून ममता बॅनर्जींपर्यंत राजकीय विरोधकांवर बरसत असतात, पण दिल्लीत २६ जानेवारी रोजी इतका मोठा हिंसाचार झाला, त्यावर ना पंतप्रधान बोलले ना आपले गृहमंत्री, अशा शब्दांत संजय राऊत यांनी मोदी, शहांवर हल्ला चढवला आहे. दिल्लीत २६ जानेवारी रोजी घडलेल्या हिंसाचाराचे देशभरात पडसाद उमटले आहेत. शेतकरी आंदोलनात पंतप्रधानांनी घेतलेल्या भूमिकेवर शिवसेनेचे खासदार संजय राऊत यांनी जोरदार टीका केली आहे. शिवसेनेचे मुखपत्र सामनाच्या रोखठोक सदरातून मोदी- शहांवर हल्ला चढवला आहे. शेतकऱ्यांचा एक गट दिल्लीत घुसला व त्याने दंगल केली. राज्यकर्त्या पक्षाच्या प्रेरणेनेच जेव्हा दंगली होतात, तेव्हा अंहिसेवरील प्रवचने उपयोगी पडत नाहीत. शेतकऱ्यांचे आंदोलन कसे राष्ट्रदोही आहे यावर भाजपचा आयटी विभाग आता समाज माध्यमांवर प्रवचने झोडत आहे. मग शेवटी पंतप्रधान, गृहमंत्री यांची काही जबाबदारी आहे की नाही? मोदी व शहा हे आज प्रमुख घटनात्मक पदांवर बसून देशाचे नेतृत्व करीत आहेत. पंजाबच्या शेतकऱ्यांशी असे वागणे म्हणजे देशात अशांततेची नवी ठिणगी टाकणे आहे, असा आरोप राऊतांनी केला आहे. रोखठोक सदरातील महत्त्वाचे मुद्दा >> दिल्लीतील शेतकऱ्यांच्या आंदोलनात फूट पाडली जात आहे. दोन संघटना आंदोलनातून बाहेर पडल्या. लाल किल्ल्यावरील हिंसाचार हे कारण त्यासाठी दिले, लाल किल्ल्यावरील हल्ला हा त्याच राजकीय कारस्थानाचा भाग होता काय, अशी शंका त्यामुळं बळावली. शेतकऱ्यांचेआंदोलन आता पंजाब समस्येशी जोडले जात आहे. पंजाबला अशांत करु नका हे सगळ्यांचेच म्हणणे आहे. >> २६ जानेवारी रोजी दिल्लीच्या सीमेवर ठाण मांडून बसलेले शेतकरी सरळ दिल्लीत घुसले व त्यांनी काही काळासाठी लाल किल्ल्याचा ताबा घेतला. दिल्लीच्या रस्त्यांवर आणि लाल किल्ल्यावर काही काळासाठी युद्ध परिस्थितीच निर्माण झाली. हे धर्मयुद्ध आहे अशा शेरा यावर कुणीतरी मारला. >> शेतकऱ्यांना लाल किल्ल्यात घेऊन जाणारे नेते शेवटी भाजप परिवारातील निघावेत यासारखा विनोद तो कसला? दिल्लीच्या सीमेवर शेतकऱ्यांच्या आंदोलनाचा प्रश्न पंजाबमधील गाडलेल्या समस्येशी जोडला जात आहे. पंजाब अशांत करु नका, असे शरद पवारांसारखे नेते वारंवार सांगत आहेत. त्यामागचे सत्य समजून घेण्याची राज्यकर्त्यांची मानसिकता नाही. >> महाराष्ट्रातील शेतकरी पंजाबच्या शेतकऱयांना पाठिंबा देण्यासाठी मुंबईत आला. हजारो शेतकरी राजभवनाला धडक देण्यासाठी निघाले. त्यांना अडवून ठेवले. शेतकऱ्यांचे नेते राज्यपाल कोश्यारी यांना निवेदन देण्यास निघाले तेव्हा आपले महामहिम राज्यपाल हे गोव्याच्या दौऱ्यावर असल्याचे सांगण्यात आले. >> एरवी आपले राज्यपाल राज्याचे व लोकांचे प्रश्न सोडवण्यासाठी स्वतःच पुढाकार घेत असतात, पण हजारो शेतकरी स्वतःच आपले प्रश्न घेऊन राजभवनाकडे निघाले तेव्हा शेतकऱयांचे प्रश्न सोडविण्याची आयतीच संधी नाकारून राज्यपाल गोव्यास गेले.


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... म्हणून लोकल सुरु झाल्यानंतर १०० एसटी बस जाणार माघारी

म. टा. प्रतिनिधी, सोमवार, १ फेब्रुवारीपासून मर्यादित वेळेत सर्वांना लोकल प्रवासाची मुभा देण्यात आल्याने १०० मुंबईकरांच्या वाहतुकीतून माघारी बोलावण्याचा निर्णय एसटी महामंडळाने घेतला आहे. या एसटी बस पुन्हा आपल्या मूळ आगारात जाणार असल्याने मुंबईकरांच्या सुमारे २०० फेऱ्या रद्द होण्याची शक्यता आहे. मुंबईकरांच्या वाहतुकीसाठी एक हजार एसटी बस बेस्टच्या मार्गांवर धावत आहेत. शहरांतील विविध मार्गावर त्यांच्या फेऱ्या सध्या सुरू आहेत. मात्र लॉकडाउन काळात सर्वांसाठी रेल्वे वाहतुकीवरील निर्बंध आणखी शिथिल करण्यात आले असून उद्या, सोमवारपासून सर्वांसाठी लोकल सेवा सुरू होत आहे. यामुळे टप्प्याटप्प्याने एसटीच्या बस मुंबईतील वाहतुकीतून कमी करण्यात येणार आहेत, असे एसटीतील अधिकाऱ्यांनी सांगितले. मुंबईबाहेरून आलेल्या चालक-वाहकांची राहण्याची सोय ओयो रुम्स आणि कासा होम्स या ठिकाणी करण्यात आली होती. महामंडळाने त्यांच्यासोबत पत्रव्यवहार करत, हे कर्मचारी पुन्हा आपापल्या विभागांत परत जाणार आहेत, यामुळे ३१ जानेवारीपासून त्यांच्या राहण्याची व्यवस्था करू नये, असे स्पष्ट आदेश दिले आहे. कमी करण्यात आलेल्या एसटी बस रायगड, उस्मानाबाद, औरंगाबाद आणि लातूर या विभागात पाठवण्यात येतील. त्यानंतर स्थानिक विभागातील दैनंदिन फेऱ्या सुरू राहणार आहेत, अशी माहिती एसटी महामंडळाने दिली. चार आगारांतून सुटी या पार्श्वभूमीवर, काळा किल्ला, मालवणी, मालाड आणि मागठाणे या बेस्ट आगारातील प्रत्येकी २५ गाड्या कमी करण्याचा निर्णय़ घेण्यात आला आहे. १ फेब्रुवारीपासून या निर्णयाची अंमलबजावणी करण्यात येईल, असे महामंडळाच्या वाहतूक विभागाने स्पष्ट केले.


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सायबर गुन्ह्यातील गोल्डन अवर म्हणजे काय?

म. टा. खास प्रतिनिधी, देशभरात सध्या प्रथम क्रमांकावर असून यामध्ये आर्थिक फसवणुकीचे प्रमाण अधिक आहे. सायबर भामट्यांनी लाटलेले पैसे परत मिळण्याची शक्यता फारच कमी असते. अशातच मुंबई सायबर पोलिसांनी एका व्यापाऱ्याचे १० लाख ७० हजार रुपये परत मिळवून दिले आहे. फसवणूक झाल्यानंतरच्या 'गोल्डन अव्हर'मध्ये केलेली तक्रार आणि त्यावर तत्काळ कारवाई यामुळे पोलिसांनी गेल्या वर्षभरात सुमारे १५ कोटी रुपये वाचविले आहेत. वडाळा येथील व्यापारी मनोज शहा यांना एका बनावट ई-मेलद्वारे फसवण्यात आले. काही कळण्याआधीच त्यांच्या बँक ऑफ इंडियामधील खात्यामधून १२ लाख ७० हजार रुपये परस्पर वळते करण्यात आले. मात्र फसवणूक झाल्याचे लक्षात येताच त्यांनी थेट गाठले. सहायक पोलिस निरीक्षक रविकिरण नाळे, उपनिरीक्षक महादेव शिंदे आणि कॉन्स्टेबल सांगळे यांनी शहा याच्या तक्रारीवर तत्काळ कारवाई करण्यास सुरू केले. ज्या खात्यामध्ये पैसे वळवण्यात आले त्या खात्यावर फसवणूक करून घेतलेली रक्कम शिल्लक असल्याचे दिसत होते. खात्याचा तपशील पोलिसांनी थेट रिझर्व्ह बँकेकडे पाठवला आणि पैसे काढण्याआधी ही खाती ब्लॉक करण्याची विनंती केली. त्यानुसार रिजर्व्ह बँकेच्या निर्देशानुसार या बँक खात्यामधील व्यवहार बंद करण्यात आले. या तत्पर कारवाईमुळे पोलिसांना शहा यांचे १० लाख ७० हजार रुपये परत मिळवता आले. मुंबई सायबर पोलिसांनी २०२०मध्ये अशाप्रकारे सुमारे १५ कोटी रुपये वाचविल्याचे पोलिस उपायुक्त डॉ. रश्मी करंदीकर यांनी सांगितले. कुर्ला येथील एक महिला अंत्यविधीमध्ये असताना तिला एक फोन आला. बोलण्याच्या नादात तिने फोन करणाऱ्याला ओटीपी दिला आणि या महिलेच्या बँक खात्यातून पैसे वळविण्यात आले. मात्र या महिलेने विलंब न करता सायबर पोलिसांकडे धाव घेतल्याने तिचे आठ लाख पुन्हा मिळवता आहे. अमेझॉनमध्ये बक्षीस लागल्याचे सांगून अडीच लाख रुपयांचा गंडा घालण्यात आला होता. या महिलेलाही सुमारे दीड लाखाची रक्कम परत मिळवून देता आल्याचे करंदीकर म्हणाल्या. 'गोल्डन अवर' महत्त्वाचा फसवणूक झाल्यापासून वळते केलेले पैसे काढण्यापर्यंतचा कालावधी महत्त्वाचा असतो. अपघाताप्रमाणे सायबर गुन्ह्यामध्ये हा गोल्डन अवर मानला जातो. वळवण्यात आलेले पैसे काढले नसतील तर ज्या खात्यामध्ये पैसे ट्रान्सफर करण्यात आली ती गोठविण्यात येतात. तक्रार करणे, गुन्हा दाखल करणे या प्रक्रियेत वेळ घालविण्यापूर्वी बँक खात्याचा तपशील पोलिसांना द्यायला हवा.


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करोनाला हसण्यावारी नेऊ नका; अजितदादांनी फटकारले

म. टा. प्रतिनिधी, नगर 'करोनाचे संकट अद्याप संपलेले नाही. करोनाला हसण्यावारी घेऊ नका. अजूनही करोनासंबंधी काळजी घेणे आवश्यक आहे. असे असले तरी अनेक जण याकडे दुर्लक्ष करीत आहेत. बघा, येथेही हे पठ्ठे बिनामास्कचे आले आहेत,' असे सांगून, मास्क न वापरणाऱ्यांना उपमुख्यमंत्री यांनी आपल्या खास शैलीत फटकारले. पवार शनिवारी नगर जिल्ह्याच्या दौऱ्यावर आले होते. त्यांच्या हस्ते राहुरी, नगर शहर व श्रीगोंदा तालुक्यात विविध कामांची भूमिपूजने आणि उद्घाटने करण्यात आली. राहुरी तालुक्यातील कार्यक्रमात त्यांनी करोनाच्या स्थितीबद्दल भाष्य केले. ते म्हणाले, 'करोना आणि त्यासाठी करण्यात आलेल्या लॉकडाउनमुळे सर्वांचेच हाल झाले. त्यातूनही मार्ग काढत राज्य सरकारने उपाययोजना केल्या. मात्र, या काळात आर्थिक विकासाचा दर खाली आला. अर्थसंकल्पात जे ठरविले, तेवढेही पैसे येत नव्हते. केंद्र सरकारकडे २५ हजार कोटी रुपये येणे बाकी आहेत. तरीही आपले महाविकास आघाडीचे सरकार वचन पाळणारे सरकार आहे. उपलब्ध पैशांत कामे सुरूच ठेवली. राज्य सरकारचा सर्वांत मोठा खर्च पगार आणि निवृत्ती वेतनावर होतो. दरमहा सुमारे १२ हजार कोटी रुपये यासाठी लागतात. त्यानंतर उरलेल्या पैशातून कामे करावी लागतात.' 'करोनाचे संकट अद्याप संपले नसून, करोनाला हसण्यावारी घेऊ नका. अनेक जण दुर्लक्ष करीत आहेत. येथेही हे बघा अनेक पठ्ठे बिनामास्कचे आले आहेत. ज्यांनी मास्क लावले आहेत, त्यातील अनेकांनी येथे वाटलेले मास्क लावल्याचे दिसून येत आहे. असे करू नका. ब्रिटनमध्ये करोनाची दुसरी लाट आली असून, परिस्थिती गंभीर आहे. त्यामुळे सर्वांनी काळजी घ्या,' असे आवाहन पवार यांनी केले. राज्यात हाय अलर्ट दिल्लीत इस्रायली दूतावासाजवळ शुक्रवारी बॉम्बस्फोटाची घटना घडली. या पार्श्वभूमीवर राज्यात सुरक्षेच्या दृष्टीने घेण्यात आलेल्या काळजीबाबत पवार यांनी पत्रकारांना माहिती दिली. 'महाराष्ट्रात सुरक्षेच्या दृष्टीने आवश्यक ती काळजी घेण्यात आलेली आहे. मुंबई-पुण्यासह महाराष्ट्रात आवश्यक तिथे योग्य त्या सूचना दिलेल्या आहेत. राज्यातील संपूर्ण पोलिस खाते अलर्ट झाले आहे,' असे त्यांनी सांगितले.


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पु. ल. देशपांडे कुटुंबीय-'आयुका' वाद चिघळला

म. टा. प्रतिनिधी, ज्येष्ठ साहित्यिक आणि त्यांच्या पत्नी सुनीताबाई देशपांडे यांच्या मृत्युपत्रांवरून देशपांडे कुटुंबीय आणि '' यांच्यामधील वाद आता चिघळला आहे. देशपांडे कुटुंबीय 'पुलं' व सुनीताबाईंचे कायदेशीर वारस नसल्याच्या 'आयुका'चा दावा सिद्ध करण्याचे आव्हान करून देशपांडे कुटुंबीयांनी 'आयुका'ला दुसरी नोटीस पाठवली आहे. तिला 'आयुका'ने अद्याप उत्तर दिले नसल्याचा देशपांडे यांचा दावा आहे. तर 'आयुका'ने या संदर्भात पुणे सत्र न्यायालयात 'कॅव्हेट' दाखल केल्याने संभ्रमात भर पडली आहे. देशपांडे कुटुंबीयांनी आपल्या वकिलांमार्फत ३० डिसेंबर २०२० रोजी 'आयुका'ला दुसरी नोटीस पाठवली. मात्र, 'आयुका'ने भविष्यातील कायदेशीर पेचात संरक्षण मिळावे, यासाठी आपल्या वकिलांमार्फत चार डिसेंबर २०२० रोजी पुणे सत्र न्यायालयात 'कॅव्हेट' दाखल केले आहे. 'पुतणे या नात्याने आमचे काका पु. ल. देशपांडे यांची स्मृती व ख्याती जपून आमच्या हक्कांचे संरक्षणही करायचे आहे; तसेच कोणताही हक्क नसताना पुल व त्यांच्या पत्नीच्या मालमत्तेवर अधिकार सांगणाऱ्यांना रोखायचे आहे. कायदेशीर कारवाई करण्याचा हक्क असतानाही आम्ही त्यावर कार्यवाही केलेली नाही. अलिकडे न्यायालय प्रतिवादींना नोटीस दिल्याशिवाय अंतरिम आदेश काढत नसल्याची कल्पना असताना; तसेच या प्रकरणात कोणतीही घाई नसताना आयुकाने 'कॅव्हेट' दाखल केली आहे,' असे देशपांडे यांच्या नोटिशीत म्हटले आहे. सुनीताबाई देशपांडे यांनीच त्यांचे व पुलंचे मृत्युपत्र आपल्याकडे दिल्याचे 'आयुका'ने म्हटले आहे. त्यामुळे 'आयुका'कडेच या मृत्युपत्रांची मूळ प्रत असल्याचे समजते. मात्र, त्यानंतर 'आयुका'ने पाठवलेल्या पत्रात आपल्याकडे या मृत्युपत्राची प्रत असल्याचे म्हटले आहे. त्यातून 'आयुका'चा खोटेपणा सिद्ध होतो, असा दावा देशपांडे कुटुंबीयांनी केला आहे. 'आयुका'च्या मते देशपांडे कुटुंबीय हेच पुलं व सुनीताबाई देशपांडे यांचे एकमेव कायदेशीर वारस नसतील, तर पुलं व सुनीताबाई यांचे कायदेशीर वारस कोण आहेत, हे त्यांनी स्पष्ट करावे. तसे शक्य न झाल्यास ही पुलं, सुनीताबाई तसेच देशपांडे कुटुंबीयांचीही गंभीर बदनामी आहे. कोणत्याही खुलाशाशिवाय केलेल्या बदनामीकारक वक्तव्यांची गंभीर दखल घेण्याचा इशाराही देशपांडे कुटुंबीयांनी दिला आहे. 'सुनीताबाईंच्या मृत्युपत्राबाबतचे गैरसमज आम्ही दूर करू असे म्हणणाऱ्या 'आयुका'ने अद्याप आमच्याशी संपर्क साधलेला नाही. न्यायालयीन लढाईऐवजी एकमेकांचे म्हणणे समजून घेत त्यावर मार्ग काढणे आवश्यक आहे. हे प्रकरण न्यायालयापुढे येऊन शिक्षण व संशोधनाला वाहिलेल्या 'आयुका'सारख्या संस्थेच्या प्रतिमेला तडा जाऊ नये, हाच आमचा हेतू आहे, असा देशपांडे यांच्या नोटिशीत नमूद आहे. 'आयुका'ने द्यावी ही माहिती 'पुल व सुनीताबाई देशपांडे यांच्या पुस्तकांची रॉयल्टी 'आयुका'कडे आहे, हे सिद्ध करणारी कागदपत्र माहिती अधिकार कायद्याअंतर्गत उपलब्ध करून द्यावीत, अशी मागणी आम्ही केली होती. माहिती अधिकार कायद्याअंतर्गत ही माहिती देणे बंधनकारक असतानाही 'आयुका'ने ही माहिती दिलेली नाही, असा दावा देशपांडे कुटुंबीयांनी केला आहे. पुलं व सुनीताबाई देशपांडे यांच्या मृत्युपत्राचा आवक क्रमांक व तारीख याची माहिती, पुलं व सुनीताबाईंच्या मृत्युपत्रासंदर्भात 'आयुका'ने केलेल्या ठरावांची प्रमाणित प्रत, मृत्युपत्राचे वाचन केलेल्या समितीची माहिती, पुलंच्या विवादित मृत्युपत्राची प्रमाणित प्रत १५ दिवसांच्या आत सादर करावी,' अशी मागणी देशपांडे कुटुंबीयांनी आपल्या वकिलांमार्फत 'आयुका'कडे केली आहे. प्रकरण न्यायप्रविष्ट : आयुका 'हे प्रकरण न्यायप्रविष्ट असल्याने याबाबत आम्ही काहीच बोलणार नाही. आमच्याकडे ही मृत्युपत्र आहेत, असे आम्ही पूर्वीच स्पष्ट केलेले आहे,' असे 'आयुका'तर्फे सांगण्यात आले.


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मुंबई लोकल प्रवासासाठी वेळा पाळा; अन्यथा भरावा लागणार दंड

म. टा. प्रतिनिधी, मुंबई सर्वसामान्य प्रवाशांनी प्रवासी वेळ चुकवल्यास २०० रुपयांचा दंड आणि एक महिन्याचा तुरुंगवास या शिक्षेचा सामना करावा लागणार आहे. यामुळे सामान्यांना विशिष्ट वेळेतच प्रवास करावा लागणार आहे. रेल्वे स्थानकातील तिकीट खिडक्यांवरील गर्दी टाळण्यासाठी वेळेपूर्वी सामान्यांना तिकीट देण्यात येईल, अशी भूमिका रेल्वे प्रशासनाने घेतली आहे. यामुळे एकाच वेळी स्थानकातील तिकीट खिडक्यांवरील गर्दी रोखणे शक्य होईल. सकाळी ७ ते दुपारी १२ आणि दुपारी ४ ते रात्री ९ ही वेळ वगळता उर्वरित वेळेत सर्व प्रवाशांना लोकलमुभा देण्यात आलेली आहे. सध्या कार्यालयीन वेळेत बदल झालेला नाही. यामुळे सर्वसामान्य प्रवाशांनी कामावर जाण्यासाठी लोकलमध्ये प्रवेश केल्यास त्यांना रेल्वे पोलिसांच्या कारवाईचा सामना करावा लागणार आहे. साथीच्या रोगाचा कायद्याचा भंग केल्यास आपत्ती व्यवस्थापन कायद्यांतर्गत कामात अडथळा आणणे आणि सरकारी सूचनांचे पालन न केल्यास कारवाई होणार आहे. आणि कलम १८८नुसार ही कारवाई होईल. विविध कलमानुसार २०० रुपये दंडाची तरतूद आहे याच बरोबर एक महिन्यापासून तीन वर्षांपर्यंत तुरुंगवास अशा शिक्षेचादेखील समावेश आहे, असे रेल्वे पोलिसांनी सांगितले. तिकिट खिडक्यांवरील गर्दी टाळण्यासाठी सामान्यांना प्रवास वेळेपूर्वी तिकिट देण्यात येईल. प्रवासी वेळेत गर्दी विभागण्यासाठी हा निर्णय घेण्यात आला आहे, असे मध्य रेल्वेचे मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सूतार यांनी सांगितले. कार्यालयीन वेळेत बदल झालेला नसताना नेमक्या प्रवास वेळेत प्रवाशांना मुभा देण्यात आलेली नाही. सकाळी ९-१० वाजता सुरु होणाऱ्या कार्यालयात वेळेवर पोहचण्यासाठी सकाळी ७ च्या आधी घरातून बाहेर पडावे लागणार आहे. पश्चिम रेल्वेवरील ३०१ तिकिट खिडक्या ६४२ शिफ्टमध्ये सुरु राहतील. पश्चिम रेल्वेवरील सर्व एटीव्हीएम सुरु करण्यात येतील. सर्व स्थानकांतील सरकते जिने, लिफ्ट सुरु करण्यात येणार आहे. स्थानकांतील १९८ प्रवेशद्वार खुले करण्यात येतील. यामुळे स्थानकात प्रवेश करण्यासाठी एकाच ठिकाणी गर्दी होणार नाही. सध्या ८६ प्रवेशद्वार खुले आहेत. -सुमीत ठाकूर, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पश्चिम रेल्वे


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राज्यात सर्वत्र पोलीस अॅलर्टवर; उपमुख्यमंत्र्यांनी दिली 'ही' माहिती

नगर: 'महाराष्ट्रात सुरक्षेच्या दृष्टीने आवश्यक ती काळजी घेण्यात आलेली आहे. , यासह महाराष्ट्रात आवश्यक तिथे योग्य त्या सूचना दिलेल्या आहेत. राज्यातील संपूर्ण खाते हे अॅलर्ट झाले आहे,' अशी माहिती राज्याचे उपमुख्यमंत्री यांनी आज पुन्हा एकदा दिली. ( वाचा: राजधानी दिल्लीत इस्रायली दूतावासाजवळ काल बॉम्बस्फोटाची घटना घडली आहे. या पार्श्वभूमीवर राज्यात सुरक्षेच्यादृष्टीने घेण्यात आलेल्या काळजीबाबत पवार यांनी पत्रकारांना माहिती दिली. नगर येथे एका खासगी रुग्णालयाच्या उद्घाटन कार्यक्रमासाठी पवार आले होते. यावेळी त्यांनी पत्रकारांशी संवाद साधला. याप्रसंगी आमदार अरुण जगताप, आमदार संग्राम जगताप, राष्ट्रवादीचे जिल्हाध्यक्ष राजेंद्र फाळके आदी उपस्थित होते. वाचा: महाराष्ट्राच्या सुरक्षेविषयी अजित पवार यांना विचारल्यानंतर महाराष्ट्राच्या सुरक्षेसंदर्भात मुंबई-पुण्याच्या सह सर्व राज्यांमध्ये योग्य खबरदारी घेण्यात येत आहे. पोलीस प्रशासनाला सुद्धा सूचना देण्यात आलेल्या आहेत व पोलीस सुद्धा आता अलर्ट झाले आहेत, असे ते म्हणाले. दरम्यान, दिल्लीमध्ये शुक्रवारी आयईडी स्फोट घडवून आणला गेला. त्यानंतर देशातील सुरक्षेच्या दृष्टीने पावले उचलली जात आहेत. महाराष्ट्रातील महाविकास आघाडीचे सरकारी देखील अॅलर्ट झाले असून आवश्यक त्या उपाययोजना करण्यात आलेल्या आहेत. त्या संदर्भामध्ये उपमुख्यमंत्री पवार तसेच गृहमंत्री यांच्याच चर्चाही झाली होती. त्यानंतर आज नगरमध्ये पवार आले असता त्यांनी राज्यात सुरक्षेच्या दृष्टीने घेण्यात आलेल्या उपाययोजनांची माहिती दिली. वाचा:


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Nitin Gadkari: नितीन गडकरींनी केली तुकाराम मुंढेंची प्रशंसा; 'हे' कारण

नागपूर: केंद्रीय मंत्री (Nitin Gadkari) यांनी नागपूर महानगरपालिकेचे तत्कालीन आयुक्त (Tukaram Mundhe) यांचे तोंड भरून कौतुक केल्याने अनेकांच्या भुवया उंचावल्या आहेत. करोनाच्या काळात नागपूर महानगरपालिकेचे तत्कालीन आयुक्त तुकाराम मुंढे यांनी चांगले काम केल्याचे गडकरी यांनी म्हटले आहे. करोना काळात लॉकडाउनच्या अंमलबजावणीवरून तत्कालीन आयुक्त तुकाराम मुंढे आणि सर्वपक्षीय नगरसेवकांमध्ये वादंग माजले होते. त्यानंतर त्यांची बदलीही झाली होती. (union minister praised ) नागपूर महानगरपालिकेने आयोजित केलेल्या करोना योद्धा सन्मान कार्यक्रमात बोलताना नीतीन गडकरी यांनी मुंढे यांची प्रशंसा केली. करोनाच्या काळात तुकाराम मुंढे यांनी केलेले काम गडकरी यांना आवडले. मुंढे आणि आमदारांनी चांगेल काम केल्याचे गडकरी यावेळी म्हणाले. आगामी काळात नागपूर महानगरपालिकेने औषध बँक तयार करावी अशी सूचना गडकरी यांनी या कार्यक्रमात बोलताना दिली. त्याच प्रमाणे या औषध बँकेत अत्यावश्यक औषधांचा साठा तयार करावा अशी सूचनाही गडकरी यांनी यावेळी केली. क्लिक करा आणि वाचा- यावेळी कार्यकर्त्यांना देत असलेल्या सल्ल्याबाबतही गडकरी यांनी भाष्य केले. आम्ही पक्षाला जीवन देतो असे सांगणारे अनेक कार्यकर्ते माझ्याकडे येत असतात. मात्र, आधी घर नीट चालवा असे मी त्यांना सांगतो, असे गडकरी म्हणाले. जे कार्यकर्ते घर नीट चालवू शकत नाहीत ते पार्टी काय चालवणार. त्यामुळे आधी घराची जबाबदारी सांभाळा असा सल्ला मी या कार्यकर्त्यांना देत असल्याचे गडकरी म्हणाले. क्लिक करा आणि वाचा- क्लिक करा आणि वाचा-


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एल्गार परिषद: अरुंधती रॉय यांचा मोदी सरकारवर हल्लाबोल, म्हणाल्या...

पुणे: प्रसिद्ध लेखिका आणि ब्लॉगर (Arundhati Roy) यांनी एल्गार परिषदेला () संबोधित करताना भारतीय जनता पक्ष (BJP), (RSS) आणि केंद्रातील मोदी सरकारवर (Modi Government) जोरदार हल्लाबोल केला आहे. भारतीय जनता पक्ष हा जगातील सर्वात श्रीमंत राजकीय पक्ष असून तो हिंदू राष्ट्रवादाच्या नावाखाली देशावर मालकी गाजवू पाहत आहे. लपून वार करणे, तसेच दहशत निर्माण करण्याबरोबरच आणि हुकुमशाही लादण्याचे काम देशात सध्या सुरू आहे, अशा शब्दांत रॉय यांनी केंद्रातील मोदी सरकारवर नशाणा साधला आहे. (arundhati roy criticizes bjp and ) पुण्यात आयोजित एल्गार परिषदेत त्या बोलत होत्या. देशातील जातीयवाद अजून संपलेला नाही. तसेच धर्माची सर्कसही अजून संपलेली नाही, असे म्हणत आजही जाती आणि धर्माच्या दहशतीखाली सत्ता गाजवली जात असल्याचे अरुंधती रॉय म्हणाल्या. देशातील जनतेला एका संकुचित विचारसरणीत अडकवून ठेवण्याचे काम केले जात आहे. या विरोधात सर्वांना एकजुटीने लढा उभारावा लागेल. ही लढाई अस्तित्वाची आहे. आता आरएसएस विरुद्ध रेझिस्टन्स अशी ताकद उभी करावी लागेल, असे रॉय पुढे म्हणाल्या. जात, धर्म आणि पुरुषत्व याबाबत सरकारच्या मनात खदखद आहे. त्यामुळे लव्ह जिहादविरोधी निर्णय घेतले जात आहेत. मुस्लिमांची कत्तल म्हणजे त्यांचाच गुन्हा असल्याचे चित्र निर्माण केले जात आहे, असेही रॉय आपल्या भाषणात पुढे म्हणाल्या. क्लिक करा आणि वाचा- ही भारतीय राज्यघटनेविरोधी काम करणारी परिषद नाही, असे सांगतानाच रॉय यांनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघावर हल्लाबोल केला. शहरांमधील रस्त्यांवर दलितांवर खुलेआम अत्याचार करणारे तसेच लोकांमध्ये नकारात्मकता पसरवणारे आपण नाही आहोत. एकविसाव्या शतकात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ब्राह्मणवादाचे नेतृत्व करत आहे. संसद त्यांच्याच हातात आहे. त्यांचे आवडीचे औषध गोमुत्र हे आहे, असे रॉय पुढे म्हणाल्या. क्लिक करा आणि वाचा- क्लिक करा आणि वाचा-


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Farmer Protest: गणतंत्र दिवस हिंसा मामले में अब तक 38 FIR और 84 गिरफ्तारियां, सिंघु, टीकरी, लाल किले पहुंची फोरेंसिक टीम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा के बाद, दिल्ली पुलिस ने दंगा करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के विभिन्न मामलों में 38 केस दर्ज किए हैं और इस सिलसिले में 84 लोगों को गिरफ्तार किया है।

दिल्ली पुलिस द्वारा पंजाब और हरियाणा के विभिन्न स्थानों पर कई छापे मारे जा रहे हैं। गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुई बर्बरता को लेकर दिल्ली पुलिस ने शनिवार को जालंधर में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की। 

विदेशी संगठनों और व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच कर रही पुलिस
सूचना के आधार पर दो व्यक्तियों - तरनतारन के जुगराज सिंह और नवप्रीत सिंह - ने 26 जनवरी को लाल किले की प्राचीर पर निशान साहिब का झंडा फहराया था। इन्हें  गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस ने जालंधर के बस्ती जवाला खेल इलाके में भी छापे मारे। गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में भड़की हिंसा में विदेशी संगठनों और व्यक्तियों की भूमिका की भी पुलिस जांच कर रही है, जिससे जांच का दायरा और बड़ा हो गया है।

लाल किले पहुंची फोरेंसिक टीम
वहीं 26 जनवरी को हुई हिंसा के सबूत जुटाने के लिए दिल्ली क्राइम ब्रांच और फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम शनिवार को लाल किले पहुंची। यहां जांच एजेंसी ने लाल किले में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज इक्टठा किए। इस बीच, पुलिस ने मीडिया से अपील की है कि 26 जनवरी को हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान के फुटेज को जांच एजेंसी को मुहैया कराए। अपराध शाखा ने इस सिलसिले में जांच में शामिल होने के लिए नौ किसान नेताओं को नोटिस भेजे हैं।

उपद्रव में घायल पुलिसकर्मियों के परिवारों ने प्रदर्शन किया
26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुए उपद्रव में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इसके विरोध में दिल्ली पुलिस महासंघ और घायल जवानों के परिवारों के लोग शहीदी पार्क में प्रदर्शन किया। हिंसा में घायल हेड कॉन्स्टेबल अशोक कुमार ने बताया कि मैं लाल किले के गेट पर तैनात था। हम भीड़ को बाहर निकाल रहे थे, इसी दौरान उपद्रवियों ने अचानक हमला कर दिया। उनके हाथों में लाठियां और तलवारें थीं। मुझे सिर और पैरों में चोटें आईं हैं।

घायल जवानों के परिवारों के साथ ही दिल्ली पुलिस के मौजूदा और रिटायर्ड कर्मचारी भी प्रदर्शन में शामिल हुए।

किसानों का गाजीपुर पहुंचने का सिलसिला जारी
UP और हरियाणा से किसान लगातार गाजीपुर पहुंच रहे हैं, क्योंकि मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को हुई महापंचायत में यह अपील की गई थी। उधर, किसान नेता आज एक दिन का उपवास रखकर सद्भावना दिवस मना रहे हैं। इसके जरिए वे 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा का प्रायश्चित करना चाहते हैं।

सिंघु बॉर्डर पर हिंसा के मामले में 44 लोग गिरफ्तार
किसान आंदोलन के सबसे बड़े पॉइंट सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को स्थानीय लोगों और किसानों के बीच हिंसा हो गई। इसमें 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए। एक उपद्रवी ने SHO पर तलवार से हमला कर दिया था। इस मामले में अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।



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26 January violence, 38 FIRs and 84 arrests so far
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Raj Thackeray: राज ठाकरेंचा अयोध्या दौरा; नारायण राणेंनी दिली 'ही' प्रतिक्रिया

मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेनेचे अध्यक्ष (Raj Thackeray) अयोध्येचा दौरा करणार असल्याचे जाहीर झाल्यानंतर विविध पक्षाचे नेते प्रतिक्रिया व्यक्त करू लागले आहेत. भारतीय जनता पक्षाचे खासदार आणि माजी मुख्यमंत्री (Narayan Rane) यांनी राज ठाकरे यांच्या दौऱ्यावर थेट प्रतिक्रिया देणे टाळले आहे. मात्र असे असले तरी त्यांनी राज यांना त्यांच्या दौऱ्याबद्दल शुभेच्छा दिल्या आहेत. 'एखाद्या नेत्याला दर्शनाला जावे असे वाटले, तर त्यावर काय बोलणार?... पण माझ्या शुभेच्छा... त्यांचा दौरा यशस्वी होऊ दे', असे नारायण राणे यांनी राज यांच्या अयोध्या दौऱ्यावर बोलताना म्हटले आहे. ( congratulated ) प्रसारमाध्यमांच्या प्रतिनिधींनी खासदार नारायण राणे यांना राज ठाकरे यांच्या अयोध्या दौऱ्याबाबत प्रश्न विचारला असता नारायण राणे यांनी ही प्रतिक्रिया व्यक्त केली आहे. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना आणि भारतीय जनता पक्षाच्या युतीबाबतचे प्रयोजन आपल्याला माहीत नसल्याचेही राणे यांनी यावेळी सांगितले. शिवसेनेवरही सोडले टीकास्त्र यावेळी नाराययण राणे यांनी शिवसेनेवरही टीकास्त्र सोडले आहे. दिल्लीतील शेतकऱ्यांना पाठिंबा देण्यासाठी मुंबईत राज्यातील शेतकऱ्यांनी आंदोलन केले होते. या आंदोलनात मात्र शिवसेनेने सहभाग नोंदवला नाही. शिवसेना ही मागून असते. ते अंडरग्राउंड असतात, मातोश्रीवरून बटण दाबले की आलो रस्त्यावर.... शिवसेना सगळे बटन दाबून करते. मातोश्रीची सुरक्षाव्यवस्था आता कडक करण्यात आली आहे. त्यासाठी मातोश्रीला जाळ्या लावतात, अशा शब्दांत नारायण राणे यांनी शिवसेनेवर टीकास्र सोडले आहे. क्लिक करा आणि वाचा- देवेंद्र फडणवीस म्हणाले... मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे अयोध्येला जाणार आहेत ही चांगली गोष्ट असल्याचे विधानसभेतील विरोधी पक्षनेते आणि भाजप नेते देवेंद्र फडणवीस यांनी म्हटले आहे. प्रभू श्रीराम हे सर्वांचेच आराध्य दैवत आहेत. रामजन्मभूमीचा अनेक वर्षांपासूनचा वाद मिटून आता राम मंदीर उभे राहत आहे. त्यामुळे सर्वांनीच अयोध्येला जायला पाहिजे, असे सांगत आपणही स्वत: अयोध्येला जाणार असल्याचे फडणवीस म्हणाले. क्लिक करा आणि वाचा- क्लिक करा आणि वाचा-


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इजराइली दूतावास के बाहर धमाका: जैश-उल-हिंद नाम के संगठन ने ली ब्लास्ट की जिम्मेदारी, प्रोफेशनल ने बनाया था बम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजराइली दूतावास के पास शुक्रवार शाम को हुए ब्लास्ट  की जिम्मेदारी जैश-उल-हिंद नाम के संगठन ने ली है। वहीं ब्लास्ट वाली जगह एक गुलाबी रंग का कपड़ा या दुपट्टा मिला है। ये आधा जला हुआ है। गुलाबी दुपट्टे का रहस्य क्या है इसका पता लगाया जा रहा है।

इस बीच इस ब्लास्ट को लेकर एक नया खुलासा हुआ है, जिसमें कहा गया है कि रेकी के बाद आईईडी को प्लांट किया गया। जांच में पता चला है कि जिस बम का इस्तेमाल किया गया था, उसकी बनावट और दूसरे डिटेल से पता चलता है कि उसे एक प्रोफेशनल ने तैयार किया था। जांच एजेंसियों के सूत्र बताते हैं कि बम तैयार करने वाले व्यक्ति को पहले से इसकी ट्रेनिंग दी गई थी। इस धमाके की जांच के लिए देश की टॉप एजेंसियां लगी हुई हैं। NSG इस्तेमाल विस्फोटकों का विश्लेषण कर रही है, जबकि NIA और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल भी जांच कर रही है। उधर इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल के लोगों की सुरक्षा के लिए भारत पर भरोसा है। भारत इजरायलियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

ब्लास्ट के समय एम्बेसी के आसपास 45 हजार मोबाइल फोन एक्टिव थे
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार जांच में सामने आया है कि ब्लास्ट के समय आसपास के इलाके में 45 हजार मोबाइल फोन एक्टिव थे। जांच टीम को उस एरिया के मोबाइल टॉवर के यह डेटा मिला। हालांकि यह साफ नहीं है कि धमाके को अंजाम देने वाले लोग वारदात के दौरान अपने साथ फोन रखे हुए थे या नहीं। 

कैब बुक करने वालों के डेटा की हो रही पड़ताल
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर आने या यहां से जाने के लिए कैब बुक करने वालों के डेटा की पड़ताल भी कर रही है। इनमें ओला और उबर समेत दूसरी कैब सर्विस शामिल हैं। शुक्रवार दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे के बीच कैब लेने वालों की जानकारी जुटाई जा रही है। इसके अलावा पहले पूरी सड़क की सीसीटीवी 3 घंटे की ली गई थी। अब 3 दिन की फुटेज ली जा रही है।

ब्लास्ट के लिए टाइमर का इस्तेमाल किया गया
अब तक की जांच में पता चला है कि ब्लास्ट के लिए टाइमर का इस्तेमाल किया गया था। जांचकर्ताओं ने घटनास्थल से ड्राई सेल के टुकड़े इकट्ठा किए हैं। आशंका ये है कि धमाके के लिए प्रयोग में लाया गया विस्फोटक मिलिट्री ग्रैड का है। हालांकि इस बारे में फॉरेंसिक रिपोर्ट अभी भी नहीं आई है।

गुलाबी दुपट्टे की भी होगी जांच
इस्राइल दूतावास के पास जहां धमाका हुआ था वहां से बरामद लिफाफे और जले हुए पिंक कलर के दुपट्टे की पुलिस जांच कर रही है। पुलिस ने मामले में 3डी मैपिंग भी कराई है। एफएसएल की टीम ने भी मौके से आज कई साक्ष्य जुटाए हैं। पुलिस ने दो ईरानी नागरिकों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर रही है। 

इजराइल के राजदूत ने कहा- यह आतंकी हमला ही था
इजराइली दूतावास के पास शुक्रवार को हुए ब्लास्ट को इजराइल के राजदूत रॉन मलका ने आतंकी हमला करार दिया है। न्यूज एजेंसी से बात करते हुए मलका ने शनिवार को कहा, ‘हमारे पास इस पर भरोसा करने के पर्याप्त कारण हैं कि यह आतंकी हमला था। हम इससे हैरान नहीं है। खुफिया इनपुट मिलने के बाद पिछले कुछ हफ्तों से हम अलर्ट थे।’ इजराइल के डिफेंस ने हमले के पीछे ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) का हाथ बताया है।

जांच में अब तक मिले अहम सबूत

  • फॉरेंसिंक टीम की तफ्तीश में सामने आया है कि ब्लास्ट के लिए अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था।
  • मौके से क्राइम ब्रांच की टीम को आधा जला हुआ लाल रंग का दुपट्टा (scarf) और इजराइली राजदूत के नाम एक लिफाफा मिला है।
  • सूत्रों के मुताबिक, इस लिफाफे के अंदर से एक चिट्ठी भी बरामद हुई है। इसमें 'यह तो ट्रेलर है' लिखा है। फॉरेंसिक टीम अब फिंगर प्रिंट की जांच कर रही है।
  • जांच एजेंसियों ने घटनास्थल से कोल्ड ड्रिंक कैन के टूटे हुए टुकड़े और बॉल बियरिंग्स बरामद किया है। इन टुकड़ों को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है।
  • शुरुआती जांच से पता चला है कि कोल्ड ड्रिंक कैन में विस्फोटक और बॉल बियरिंग्स को ठूंस दिया गया था।


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Explosion outside Israeli embassy, organization named Jaish-ul-Hind took responsibility for the blast
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Sharad Pawar: नव्या कृषी कायद्यांबाबत शरद पवारांनी मांडले परखड मत, म्हणाले...

मुंबई: केंद्रीय अर्थसंकल्पीय अधिवेशनाला सामोरे जात असताना झालेल्या सर्वपक्षीय बैठकीनंतर शेतकरी आंदोलनाबरोबरच इतर महत्वाच्या प्रश्नांवर विरोधक आक्रमकपणे सरकारला जाब विचारणार असल्याचे स्पष्ट झाले आहे. राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्षाचे नेते, खासदार यांनी ट्विट करत याचेच संकेत दिले आहेत. नव्या केंद्रीय कृषी कायद्यांमुळे कृषी उत्पन्न बाजार समित्यांच्या अधिकारांवरच गदा येणार असल्याचे शरद पवार यांनी म्हटले आहे. या वेळी त्यांनी बाजारा समित्यांमधील सुधारणांबाबत पूर्वी मांडलेल्या भूमिकेबाबत स्पष्टीकरणही दिले आहे. ( says new agricultural laws restrict the powers of mandi system) सुधारणा ही सातत्याने घडणारी प्रक्रिया आहे. त्याप्रमाणे कृषी उत्पन्न बाजार समित्यांमध्ये होणाऱ्या सुधारणांविरोधात कोणीही भूमिका घेऊ शकत नाही. पण यावरील वादाचा अर्थ ही व्यवस्था कमजोर किंवा उद्ध्वस्त केली जावी असा होत नाही, असे शरद पवार यांनी स्पष्टपणे म्हटले आहे. पवार कृषीमंत्री असताना मांडण्यात आलेला सुधारणांचा मसुदा आणि मोदी सरकारने केलेल्या कृषी कायद्यांतील बदल यांमधील फरकही त्यांनी स्पष्ट केला आहे. कृषी उत्पन्न बाजार समिती अधिनियम २००७चा मसुदा आपल्या कार्यकाळात तयार करण्यात आला होता, असे पवार यांनी म्हटले आहे. यामध्ये विशेषत: बाजार व्यवस्थेचा उल्लेख होता. याद्वारे अस्तित्वात असलेली बाजार समित्यांची पद्धत कायम ठेऊन शेतकऱ्यांना आपला शेतमाल विकण्यासाठी पर्यायी व्यवस्था तयार करायची होती, असेही त्यांनी स्पष्ट करतानाच मात्र बाजार समित्यांच्या शक्तीवरच निर्बंध आणणारे आहेत, असे त्यांनी म्हटले आहे. या नव्या कायद्यांमधील विविध तरतुदींनुसार खासगी बाजाराकडून कर आणि शुल्क आकारणी केली जाणार असल्याचेही त्यांनी स्पष्ट केले आहे. नव्या कृषी कायद्यांमुळे किमान आधारभूत किंमतीच्या व्यवस्थेवर विपरित परिणाम होणार असल्याचे पवार यांनी म्हटले आहे. यामुळे बाजार समित्यांची पद्धत कमजोर होणार असल्याचे त्यांचे म्हणणे आहे. किमान आधारभूत किंमतीची पद्धत ही अधिक सक्षम करणं गरजेचे असल्याचे सांगत सुधारित अत्यावश्यक वस्तू कायद्याबद्दल त्यांनी चिंता व्यक्त केली आहे. याचे कारण म्हणजे, बागायती उत्पादनांत १०० टक्के तर नाशवंत वस्तूंच्या किंमतीत ५० टक्के वाढ झाली तरच या कायद्याद्वारे सरकारला किंमत नियंत्रणासाठी हस्तक्षेप करता येणार आहे, असे त्यांनी स्पष्ट केले आहे. क्लिक करा आणि वाचा- शरद पवार पुढच्या ट्विटमध्ये म्हणतात की, धान्य, डाळी, कांदा, बटाटा, तेलबिया यांच्या साठ्याची मर्यादा काढून टाकण्यात आली आहे. यामुळे कॉर्पोरेट्स क्षेत्रातील व्हेंचर्स हा माल कमी भावात विकत घेतील आणि त्याचा साठा करुन तो ग्राहकांना चढ्या किंमतीत विकतील अशी भीती पवार यांनी व्यक्त केली आहे. क्लिक करा आणि वाचा- क्लिक करा आणि वाचा-


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Anna Hazare: तुमच्या मंत्र्यांनी काय केलं होतं सांगू का?; अण्णांनी घेतला शिवसेनेचा समाचार

नगर: शिवसेनेचे मुखपत्र 'सामना'च्या अग्रलेखातून ज्येष्ठ समाजसेवक यांच्या स्थगित झालेल्या आंदोलनावर तीरकस भाष्य करण्यात आले आहे. ‘आंदोलने फक्त राजवटीतच करायची काय? बाकी आता अवतरले आहे काय,’ असा प्रश्न शिवसेनेने उपस्थित केला आहे. त्याला उत्तर देताना हजारे यांनी म्हटले आहे, ‘मी आंदोलने केली, त्यावेळी तुमचे मंत्री घरी गेले हे विसरलात काय?’ ( Latest News Update ) वाचा: हजारे यांनी आंदोलन स्थगित केल्यानंतर त्यांच्यावर टीका सुरू झाली आहे. शिवसेनेने अण्णांच्या या भूमिकेवर थेट प्रश्न उपस्थित केले आहेत. ‘लोकशाही, शेतकऱ्यांचे आंदोलन, शेतकऱ्यांचा स्वाभिमान याबाबत अण्णांना भूमिका घ्यावीच लागेल. अण्णा नक्की कोणाच्या बाजूने? या प्रश्नांची उत्तरे निदान महाराष्ट्राला तरी कळायला हवीत,' असे शिवसेनेने म्हटले आहे. यासंबंधी प्रसारमाध्यमांशी बोलताना हजारे यांनीही सडेतोड उत्तर दिले आहे. वाचा: हजारे म्हणाले, ‘गेल्या चाळीस वर्षांत २० वेळा विविध प्रश्नांवर तसेच सर्वच पक्षांच्या विरोधात छोटी मोठी अनेक आंदोलने मी केली आहेत. माझ्या आंदोलनातून आतापर्यंत सहा मंत्री घरी गेले आहेत. त्यात , काँग्रेस, व भाजपचेही नेते आहेत. तुमच्या सरकारच्या काळात मंत्र्यांनी भ्रष्टाचार केला. तेव्हा तुम्ही त्या भ्रष्ट मंत्र्यांना पाठिशी घालत होतात. तेव्हाही मी आंदोलन केले. त्यावेळी तुमचे हे भ्रष्ट मंत्री घरी गेले हे विसरलात काय? तुमच्या मंत्र्यांनी कसा भ्रष्टाचार केला. तुम्ही त्याला कसे पाठिशी घातले. याची मी सर्व माहिती देईन,’ असा इशाराही हजारे यांनी दिला आहे. वाचा: आपल्या आंदोलनाच्या पद्धतीची माहिती देताना हजारे म्हणाले, ‘आपण कधीही पक्ष-पार्टी पाहून आंदोलन करीत नाही. आतापर्यंतचा अनुभव पहाता सर्वच पक्षांच्या सरकार विरोधात आपली आंदोलने झाली आहेत. समाज व देशाच्या हितासाठी आपण वेगवेगळ्या प्रश्नांवर आंदोलन करीत आलो आहोत. दिल्लीतील भाजपच्या नेतृत्वाखालील केंद्र सरकार विरोधात २०१४ पासून अनेक वेळा मी पत्रव्यवहार केला. तेव्हापासून या सरकार विरोधात आतापर्यंत आपली सहा आंदोलने झाली आहेत. दिल्लीत वन रँक वन पेन्शनसाठी व भूमी अधिग्रहण बिलाविरोधात तसेच शेतकऱ्यांचे प्रश्न व लोकपाल - लोकायुक्त कायद्याची अमंलबजावणीसाठी आंदोलन केले. त्यानंतर राळेगणसिद्धी येथेही २०१९ मध्ये आंदोलन केले. हे त्यांना माहित नाही काय,’ असा सवाल हजारे यांनी शिवसनेला उद्देशून केला आहे. वाचा:


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Bacchu Kadu: अण्णा हजारे यांची भेट घेतल्यानंतर बच्चू कडू यांनी दिला 'हा' निर्वाणीचा इशारा

नगर: ‘उच्चाधिकार समिती नियुक्त करून सहा महिन्यांत निर्णय घेण्याचे आश्वासन केंद्र सरकारने दिल्यानंतर ज्येष्ठ समाजसेवक यांनी आपले नियोजित आंदोलन स्थगित केले. मात्र, सहा महिन्यांत या मागण्यांवर सरकारने ठोस कार्यवाही केली नाही तर आम्हीच शेतकऱ्यांना सोबत घेऊन मोठे आंदोलन उभारू,’ असा इशारा जलसंपदा व शालेय शिक्षण राज्यमंत्री यांनी दिला. बच्चू कडू यांनी आज येथे हजारे यांची भेट घेतली. त्यानंतर प्रसारमाध्यमांशी बोलताना त्यांनी हा इशारा दिला. ( Latest News Update ) वाचा: अण्णा हजारे यांनी शेतकऱ्यांशी संबंधित मागण्यांसाठी ३० जानेवारीपासून राळेगणसिद्धी येथे उपोषण करण्याचा इशारा दिला होता. मात्र, कालच यावर तोडगा निघाल्याने त्यांनी हे आंदोलन स्थगित केले. त्यानंतर आज सकाळी बच्चू कडू यांनी त्यांची भेट घेतली. शेतकऱ्यांच्या प्रश्नांसंबंधी त्यांनी हजारे यांच्याशी चर्चा केली. महाराष्ट्रातील विभागनिहाय पिकांना व मिळाले पाहिजे असे सांगून शेतकऱ्यांसाठी केलेल्या मागण्या आणि आंदोलने यावर दोघांत चर्चा झाली. वाचा: कडू यांनी नंतर माध्यमांशी संवाद साधला. ते म्हणाले, ‘स्वामीनाथन आयोगासह शेतकऱ्यांसंबंधी अन्य पंधरा मुद्द्यांवर सहा महिन्यांच्या आत उच्चाधिकार समितीच्या माध्यमातून निर्णय व्हावेत. अन्यथा सहा महिन्यानंतर पुन्हा एकदा मोठ्या प्रमाणावर शेतकऱ्यांना बरोबर घेऊन जनआंदोलन उभे केले जाईल. बाजरी, भात, कापूस या पिकांना हमीभाव व बाजार मूल्य मिळणे गरजेचे आहे. यासाठी आमचा आणि हजारे यांचाही पाठपुरावा सुरू आहे. आता केंद्र सरकारने आश्वासन दिले असल्याने हजारे यांनी आंदोलन स्थगित केले. सरकारने त्यांना सहा महिन्यांची मुदत दिली आहे. तोपर्यंत काय निर्णय होतो, ते पाहू. जर हे प्रश्न समाधानकारक पद्धतीने मार्गी लागले नाहीत तर आम्हीच पुढाकार घेऊन आंदोलन उभारणार आहोत.’ वाचा:


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Coronavirus one year: लॉकडाउन, पलायन, वैक्सीन जानें 365 दिन में कोरोना ने कैसे बदली लोगों की जिंदगी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण का पहला केस भारत में 30 जनवरी 2020 को केरल में सामने आया था। तब देश के ज्यादा लोगों को इस बीमारी के बारे में कोई जानकारी भी नहीं थी। ये वो महीना था जब कोरोना दुनियाभर में तेजी से फैल रहा था। भारत से पहले दुनिया के 18 देशों में कोरोना के केस मिल चुके थे। फरवरी में भारत में 3 केस सामने आ चुके थे, लेकिन मार्च के बाद सबकुछ बदलना शुरू हो गया था। 

पहला मरीज मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए 24 मार्च को संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया। ये भारत के इतिहास में पहली बार हुआ था। जब इतनी बड़ी आबादी को घरों में कैद कर दिया गया।ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक भारत में दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउन लगाया गया। आज कोरोना का पहला मामला आए एक साल पूरा हो चुका है। पिछले 12 महीने में कोरोना देश में बहुत कुछ बदल दिया है। कोरोना के दौर में लॉकडाउन, मजदूरों का पलायन, आत्मनिर्भर भारत, वैक्सीन से लेकर बहुत कुछ देखने को मिला। 



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Coronavirus completes one year in India coronavirus latest updates coronavirus new cases in India
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Ajit Pawar: राज्यात सर्वत्र पोलीस अॅलर्टवर; उपमुख्यमंत्र्यांनी दिली 'ही' माहिती

नगर: 'महाराष्ट्रात सुरक्षेच्या दृष्टीने आवश्यक ती काळजी घेण्यात आलेली आहे. , यासह महाराष्ट्रात आवश्यक तिथे योग्य त्या सूचना दिलेल्या आहेत. राज्यातील संपूर्ण खाते हे अॅलर्ट झाले आहे,' अशी माहिती राज्याचे उपमुख्यमंत्री यांनी आज पुन्हा एकदा दिली. ( वाचा: राजधानी दिल्लीत इस्रायली दूतावासाजवळ काल बॉम्बस्फोटाची घटना घडली आहे. या पार्श्वभूमीवर राज्यात सुरक्षेच्यादृष्टीने घेण्यात आलेल्या काळजीबाबत पवार यांनी पत्रकारांना माहिती दिली. नगर येथे एका खासगी रुग्णालयाच्या उद्घाटन कार्यक्रमासाठी पवार आले होते. यावेळी त्यांनी पत्रकारांशी संवाद साधला. याप्रसंगी आमदार अरुण जगताप, आमदार संग्राम जगताप, राष्ट्रवादीचे जिल्हाध्यक्ष राजेंद्र फाळके आदी उपस्थित होते. वाचा: महाराष्ट्राच्या सुरक्षेविषयी अजित पवार यांना विचारल्यानंतर महाराष्ट्राच्या सुरक्षेसंदर्भात मुंबई-पुण्याच्या सह सर्व राज्यांमध्ये योग्य खबरदारी घेण्यात येत आहे. पोलीस प्रशासनाला सुद्धा सूचना देण्यात आलेल्या आहेत व पोलीस सुद्धा आता अलर्ट झाले आहेत, असे ते म्हणाले. दरम्यान, दिल्लीमध्ये शुक्रवारी आयईडी स्फोट घडवून आणला गेला. त्यानंतर देशातील सुरक्षेच्या दृष्टीने पावले उचलली जात आहेत. महाराष्ट्रातील महाविकास आघाडीचे सरकारी देखील अॅलर्ट झाले असून आवश्यक त्या उपाययोजना करण्यात आलेल्या आहेत. त्या संदर्भामध्ये उपमुख्यमंत्री पवार तसेच गृहमंत्री यांच्याच चर्चाही झाली होती. त्यानंतर आज नगरमध्ये पवार आले असता त्यांनी राज्यात सुरक्षेच्या दृष्टीने घेण्यात आलेल्या उपाययोजनांची माहिती दिली. वाचा:


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किसान आंदोलन में आए बदलाव पर टिकैत ने कहा, तूफान में सूखी टहनी-डालियां टूट गईं, मजबूत स्तम्भ बरकरार 

डिजिटल डेस्क ( भोपाल)। गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर हुई घटना के बाद से आंदोलन पर काफी असर पड़ा। किसान संगठनों पर दबाब बनना शुरू हो गया और उनपर तरह-तरह के आरोप लगने लगे, हालांकि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रिय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि, एक तूफान आया था, इस तूफान में टहनी, डालियां और खोखले दऱख्त टूट गए, अब सिर्फ मजबूत स्तम्भ खड़े हैं। दरअसल, दिल्ली की सीमाओं पर इस आंदोलन की शुरूआत नवंबर 2020 में हुई। गाजीपुर बॉर्डर पर टिकैत के समर्थकों की भीड़ कम थी। हालांकि मौजूदा समय में टिकैत के ही समर्थक ज्यादा दिखाई दे रहे हैं।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आईएएनएस को बताया, ज्यादा भीड़ के लिए व्यवस्था करनी पड़ती है, खेत का काम छूटेगा और यहां कोई काम नहीं है। आंदोलन में आप पांच आदमी बिठा दो और किसान संगठन का झंडा सड़क के बीच में लगा दो, किसी सरकार की ताकत नहीं की उस झंडे को भी हाथ लगा दे। आंदोलन भीड़ से नहीं चलता, आंदोलन का मकसद क्या है उससे चलता है।

उन्होंने आगे कहा कि, इस तूफान में हल्की टहनियां, डालियां और खोखले दऱख्त थे, वह टूट गए, अब सिर्फ मजबूत स्तम्भ खड़े हैं। गाजियाबाद से भारतीय किसान यूनियन (आराजनैतिक) के बैनर तले आए विजेंदर सिंह ने आईएएनएस को बताया, हमें एमएसपी पर गारंटी चाहिए और सरकार इन तीनों कानून को वापस लेले, हम यहां से तुरन्त हट जाएंगे।

सरकार ने एक जहर का ग्लास दे दिया है, अब उसमें से एक चम्मच कम करें या दो चम्मच, जहर तो जहर होता है। बॉर्डर पर बढ़ती भीड़ पर उन्होंने कहा कि, गणतंत्र दिवस पर हम सभी परेड में शामिल होने के लिए आए थे। इसके बाद हम अपने गांव रवाना हो गए, अब फिर आन्दोलन में शामिल होने आए हैं। हमारे ऊपर प्रशासन ने दबाब बनाया, जिसके कारण हमारे नेता के आंखों में आंसू आए। उसी आक्रोश में बॉर्डर पर भीड़ बढ़ रही है और जिसके पास जैसी सहूलियत है वह उससे आ रहा है।

दरअसल, किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार नये कानूनों में संशोधन करने और एमएसपी पर खरीद जारी रखने का लिखित आश्वासन देने को तैयार है।

केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर किसान 26 नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।

 प्रधानमंत्री ने कहा  कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों से सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हैं...

सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, प्रधानमंत्री जी ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों से सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हैं। किसान नेताओं को कहा गया कि सरकार की तरफ से जो प्रस्ताव आपके सामने पेश किया गया है, जब आप मन बना लेंगे और नतीजे पर पहुंच जाएंगे तो तोमर साहब एक फोन कॉल की दूरी पर हैं। 

चौधरी ने बताया कि,  हमने कृषि कानून को वापस लेने की गुहार लगाई। बेरोजगारी, आर्थिक स्थिति और राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उठाया। हमनें जम्मू-कश्मीर का मुद्दा भी उठाया और कहा कि उसे राज्य का दर्जा दिया जाए। हम देश की सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार के साथ हैं। 



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FarmersProtest: Agri Minister assured farmers, he is a phone call away from them provided they accept govts proposal    
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जयंत पाटील जेव्हा ड्रायव्हिंग सीटवर बसतात...

यवतमाळ: 'अनेक वर्षे राजकारणात असलेल्या प्रत्येकालाच मुख्यमंत्रिपदाची इच्छा असते,' असं वक्तव्य करून राजकीय चर्चेला तोंड फोडणारे जलसंपदामंत्री व राष्ट्रवादी काँग्रेसचे प्रदेशाध्यक्ष यांनी काल चक्क स्टेअरिंग हाती घेतलं. राष्ट्रवादी काँग्रेसच्या संवाद दौऱ्यात घडलेल्या या प्रकारामुळं पुन्हा एकदा वेगळ्या चर्चेला उधाण आलं आहे. वाचा: पक्षविस्तारासाठी राष्ट्रवादीनं परिवार संवाद अभियानं सुरू केलं आहे. त्या निमित्तानं प्रदेशाध्यक्षांसह सर्व पदाधिकारी राज्यभर दौरा करत आहेत. काल जयंत पाटील हे यवतमाळमध्ये होते. दिवसभर पक्षकार्याचा आढावा, सभा, बैठका, जिल्ह्याजिल्ह्यातील पदाधिकारी, जनतेशी गाठीभेटी असा पाटील यांचा भरगच्च दिनक्रम आहे. त्यामुळं सोबत असलेल्या युवा पदाधिकाऱ्यांशी पक्षबांधणी विषयी सविस्तर चर्चा करता येत नाही. हे लक्षात आल्यानंतर शुक्रवारी रात्री जयंत पाटील यांनी स्वत: गाडीचे स्टेअरिंग हाती घेतले आणि मध्यरात्री १ ते ३.१७ वाजेपर्यंत सुमारे अडीच तास गाडी चालवली. या दरम्यान त्यांनी सोबत असलेल्या पदाधिकाऱ्यांशी विविध विषयांवर चर्चा केली. महिला प्रदेशाध्यक्षा रुपालीताई चाकणकर, युवक प्रदेशाध्यक्ष मेहबूब शेख, कार्याध्यक्ष रविकांत वर्पे, युवती प्रदेशाध्यक्षा सक्षणा सलगर, विद्यार्थी प्रदेशाध्यक्ष सुनील गव्हाणे हे त्यांच्यासोबत होते. वाचा: पक्षवाढीसाठी जयंत पाटील करत असलेल्या या प्रामाणिक प्रयत्नांमुळं युवा टीम प्रभावित झाली. त्यांनी हा अनुभव सोशल मीडियावर शेअर केला आहे. मात्र, जयंत पाटील यांचे ड्रायव्हिंग सीटवरील फोटो झळकल्यानं त्यांनी मुख्यमंत्रिपदाबद्दल केलेल्या वक्तव्याची चर्चा पुन्हा सुरू झाली आहे. वाचा:


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बोलेरो जीपची धडक लागून बाइकने पेट घेतला आणि...

ते परतवाडा मार्गावर शुक्रवारी सायंकाळी झालेल्या अपघातात दुचाकीवरील दोन तरुणांचा होरपळून मृत्यू झाला. हृदय पिळवटून टाकणारी ही घटना आसेगाव पोलीस ठाण्याच्या हद्दीत आसेगाव पूर्णा येथे घडली. निवृत्ती दीपक सोलव (वय १४) आणि राज अनंत वैद्य (वय १६) अशी मृतांची नावे आहेत. (Accident on Amravati Paratwada Highway) वाचा: निवृत्ती सोलव व राज वैद्य हे काल संध्याकाळी अचलपूर तालुक्यातील तळणी पूर्णा येथून दुचाकीने आसेगावकडे जात होते. समोरच्या दिशेने येणाऱ्या बोलेरो पिकअप (एमएच २७/ बीएक्स ३८१२) वाहनाची त्यांच्या दुचाकीला जबर धडक बसली. या अपघातानंतर दुचाकीने अचानक पेट घेतला. त्यामध्ये निवृत्ती सोलव हा मोठ्या प्रमाणावर भाजला. त्यामुळं त्याचा जागीच मृत्यू झाला, तर राज वैद्य त्याला उपचारासाठी रुग्णालयात नेले जात असताना वाटेतच त्याचा मृत्यू झाला. वाचा:


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मास्क न वापरणाऱ्यांपुढे डोके फोडून घेऊ का?; अजितदादा भडकले

अहमदनगर: काळात सुरुवातीपासून दक्षता घेणारे उपमुख्यमंत्री अद्यापही काळजी घेताना दिसतात. एवढेच नाही तर इतरांनी काळजी घ्यावी, असा त्यांचा अग्रह असतो. आज तालुक्यातील वांबोरी येथे आयोजित कार्यक्रमात मास्क नसलेले लोक पाहून पवार चांगलेच भडकले. ‘हे बघा हे पठ्ठे, येथे बिनमास्कचे फिरत आहेत. आता त्यांच्यापुढे डोके फोडून घ्यावे का,’ असा आपल्या खास शैलीत त्यांनी संताप व्यक्त केला. वाचा: उपमुख्यमंत्री पवार आज नगर जिल्ह्याच्या दौऱ्यावर आले आहेत. राहुरी तालुक्यातील वांबोरी येथील मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा प्रकल्पाचे उद्घाटन त्यांच्या हस्ते करण्यात आले. यावेळी राज्यमंत्री प्राजक्त तनपुरे उपस्थित होते. यावेळी आयोजित सभेत बोलताना पवार यांनी करोना संकट आणि त्यामुळे राज्यावर ओढावलेले आर्थिक संकट यावर भाष्य केले. वाचा: पवार म्हणाले, ‘करोना आणि त्यासाठी करण्यात आलेल्या लॉकडाउनमुळे सर्वांचेच हाल झाले. त्यातूनही मार्ग काढत राज्य सरकारने उपाययोजना केल्या. पुरेशी आरोग्य सुविधा उपलब्ध करून दिली. मात्र, या काळात आर्थिक विकासाचा दर खाली आला. सरकारी तिजोरीत पैसे येणे कमी झाले. अर्थसंकल्पात जे ठरविले, तेवढेही पैसे येत नव्हते. केंद्र सरकारकडे २५ हजार कोटी रुपये येणे बाकी आहेत. तरीही आपले महाविकास आघाडीचे सरकार वचन पाळणारे सरकार आहे. उपलब्ध पैशांत कामे सुरूच ठेवली. राज्य सरकारचा सर्वांत मोठा खर्च पगार आणि निवृत्ती वेतनावर होतो. दरमहा सुमारे १२ हजार कोटी रुपये यासाठी लागतात. त्यानंतर उरलेल्या पैशातून कामे करावी लागतात. असे असले तरी करोनाचे संकट अद्याप संपलेले नाही. करोनाला हसण्यावारी घेऊ नका. आपण करोनाची काळजी घेणे आवश्यक आहे. असे असले तरी अद्यापही अनेक जण दुर्लक्ष करीत आहेत. येथेही हे बघा अनेक पठ्ठे बिनामास्कचे आले आहेत. ज्यांनी मास्क लावले आहेत, त्यातील अनेकांनी येथे वाटलेले मास्क लावल्याचे दिसून येत आहे. असे करू नका. ब्रिटनमध्ये करोनाची दुसरी लाट आली असून परिस्थिती गंभीर आहे. त्यामुळे सर्वांनी काळजी घ्या,’ असे आवाहनही त्यांनी केले. वाचा: या सभेत पवार यांनी राजकीय टोलेबाजीही केली. अकोल्यातील ज्येष्ठ नेते मधुकर पिचड यांचा नाव न घेता त्यांनी समाचार घेतला. पवार म्हणाले, ‘नगर आणि पुणे जिल्ह्याने राष्ट्रवादीला मोठी ताकद दिली. पुण्याचे दहा तर नगरने सात आमदार दिले. अकोल्यात ऐनवेळी पक्षाला सोडून गेलेल्यांना पराभव पत्करावा लागला. राष्ट्रवादीला सोडलेल्यांची अशीच अवस्था होते. नगर जिल्ह्यात निवडून आलेले बहुतांश आमदार तरुण आहेत. त्यातच राहुरीचे आमदार तनपुरे यांना राज्यमंत्रिपद मिळाले आहे. मी जेव्हा नवीन राज्यमंत्री झालो, त्यावेळी माझ्याकडे तीनच खाती होती. आता तनपुरे यांच्याकडे किती तरी जास्त खाती आहेत. त्याचा उपयोग त्यांनी पक्षाचे आमदार असलेल्या मतदारसंघात जास्तीत जास्त करावा. नगर जिल्ह्याने आम्हाला भरभरून दिले आहे. आता त्यांचे हित जोपासणे आमची जबाबदारी आहे,’ असेही पवार म्हणाले. वाचा:


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