UP में एक और एनकाउंटर, एक लाख का इनामी बदमाश जाहिद ढेर, RPF जवानों की हत्या में था शामिल

लखनऊ: अगस्त में 2 सिपाहियों को ट्रेन से धक्का देकर हत्या के मामले में एक लाख के इनामी आरोपी को मार गिराया गया है। इन दोनों सिपाहियों ने अवैध शराब की तस्करी को रोकने की कोशिश की थी, जिस वजह से उनकी हत्या कर दी गई थी।



क्या है पूरा मामला?





पिछले महीने 19-20 अगस्त की रात में बाड़मेर गुवाहाटी एक्सप्रेस में 2 सिपाहियों जावेद ख़ान और प्रमोद कुमार को ट्रेन से धक्का दिया गया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। इसी मामले में आरोपी जाहिद का एनकाउंटर हुआ है, उस पर एक लाख रुपए का इनाम था। उसके खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज हैं। 



आरोपी जाहिद को गाजीपुर के थाना दिलदार नगर क्षेत्र से घायल अवस्था में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसे मृत घोषित कर दिया गया। वह मूल रूप से मंसूर गली पेढ़िमा बाज़ार , फुलवारीशरीफ़ पटना, बिहार का रहने वाला था। घायल बदमाश के ऊपर अपहरण, मारपीट और  शराब तस्करी के कई केस दर्ज थे।



जाहिद ने आरपीएफ के दो सिपाहियों के साथ बेरहमी से मारपीट की थी और उन्हें चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया था। जिसमें दोनों सिपाहियों की मौत हो गई थी। 







सिपाहियों के क्षत-विक्षत शव मिले थे





पीडीडीयू रेलवे जंक्शन में तैनात दो आरपीएफ जवानों के शव गहमर थाना क्षेत्र में क्षत-विक्षत स्थिति में मिले थे। दोनों जवान मोकामा (पटना) ट्रेनिंग सेंटर जा रहे थे। प्रमोद सिंह की उम्र 37 साल और मोहम्मद जावेद खान की उम्र 38 साल थी।


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आंध्र प्रदेश: लड्डू प्रसाद विवाद को लेकर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने किया महाशांति होम का आयोजन, देखें VIDEO

तिरुपति: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट का मामला सामने आने के बाद देशभर में आक्रोश है। हालही में आंध्र प्रदेश सरकार ने तीन बड़े फैसले भी लिए थे, जिसमें कहा गया था कि परंपराओं के अनुसार मंदिर का शुद्धीकरण किया जाएगा। इसके साथ ही पूरे मामले की आईजीपी स्तर पर जांच के आदेश दिए गए थे। अब मंदिर की प्रबंधन समिति में सिर्फ वही लोग रहेंगे, जिनकी भगवान के प्रति आस्था होगी। इसके अलावा सभी मंदिरों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाई जाएगी, जिसका पालन सभी मंदिरों के लिए अनिवार्य होगा।



टीटीडी ने किया महाशांति होम का आयोजन 





टीटीडी (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) ने लड्डू प्रसादम विवाद के मद्देनजर एक महा शांतिहोम का आयोजन किया है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी शमाला राव और बोर्ड के अन्य अधिकारियों ने पुजारियों के साथ होम में भाग लिया है।



बता दें कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ( टीटीडी ) भारत में एक स्वतंत्र सरकारी ट्रस्ट है, जिसका प्रबंधन आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता है । ट्रस्ट मुख्य रूप से सबसे अमीर और सबसे अधिक देखे जाने वाले धार्मिक केंद्र वेंकटेश्वर मंदिर, तिरुमाला के संचालन और वित्त की देखरेख करता है। इसका मुख्यालय आंध्र प्रदेश में तिरुमाला , तिरुपति में है।







सीएम ने ट्रस्ट पर लगाए गंभीर आरोप





आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू ने हालही में आरोप लगाया था कि पूर्ववर्ती राज्य सरकार के दौरान टीटीडी बोर्ड में नियुक्तियां जुआं की तरह हो गई थीं और ऐसे लोगों को नियुक्त करने के उदाहरण हैं, जिनकी कोई आस्था नहीं थी और बोर्ड में गैर-हिंदुओं को वरीयता दी गई। 



नायडू ने अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लड्डू के संबंध में इस खुलासे के बाद लोगों की भावनाएं आहत हुई कि उसके निर्माण में कथित तौर पर पशु चर्बी का इस्तेमाल किया। नायडू ने कहा, ‘‘आईजी (महानिरीक्षक) स्तर या उससे ऊपर के अधिकारी की निगरानी में एसआईटी का गठन किया जाएगा। यह सभी कारणों, सत्ता के दुरुपयोग की जांच करेगी और सरकार को रिपोर्ट देगी।' 


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टीम इंडिया का बल्लेबाजी संकट, भारत का अगला सुपरमैन कौन?

भारतीय क्रिकेट इस वक्त बदलाव के दौर से गुजर रहा है। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज और स्टार खिलाड़ी आने वाले तीन चार साल तक ही टेस्ट मैच खेल पाएंगे, इसके बाद उन्हें जाना होगा। जो नए और युवा आ भी रहे हैं, वो अभी तक अपने आपको उस तरह से साबित नहीं कर पाए हैं, जैसे करना चाहिए। एक वक्त होता था, जब टीम इंडिया मिडल ऑर्डर में इतनी मजबूत हुआ करती थी कि टेंशन की कोई बात ही नहीं थी। ज्यादा पीछे ना जाते हुए अगर साल 2000 के बाद से ही बात करें तो भारतीय क्रिकेट इस वक्त जिस खालीपन से गुजर रहा है, वो इससे पहले कभी देखने को नहीं मिला। इसी पर आज हम इंडिया टीवी बिग स्टोरी संडे स्पेशल में बात करेंगे। साथ ही जानने की कोशिश करेंगे कि आने वाले वक्त में वे कौन से खिलाड़ी होंगे जो भारतीय क्रिकेट के लिए सुपरमैन बनने की क्षमता रखते हैं। 







सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने टीम इंडिया को संभाला 





बात अगर साल 2000 से ही करें तो उस वक्त टीम इंडिया के मिडल ऑर्डर में एक से बढ़कर एक बल्लेबाज हुआ करते थे। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की ऐतिहासिक टेस्ट पारियों को आखिर कौन भूल सकता है। जब तक ये खिलाड़ी रहे, पूरा भरोसा रहता था कि टीम इंडिया जीतकर ही मैदान से वापस आएगी। कई बार इन्होंने इसे साबित भी किया और फंंसे हुए मैच को विरोधी टीम के जबड़े से खींचने का काम किया। इसे भारतीय क्रिकेट की त्रिमूर्ति भी कहा जाता था। एक तरह से कहें तो ये भारतीय क्रिकेट का स्वर्णिम दौर था। सचिन तेंदुलकर साल 2013 में टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर देते हैं। राहुल द्रविड़ इससे पहले ही साल 2012 में संन्यास का ऐलान करते हैं। वहीं बात अगर वीवीएस की करें तो वे भी साल 2012 में रिटायर हो जाते हैं। लेकिन इस दौरान अच्छी बात ये रही कि विराट कोहली आ चुके होते हैं। इतना ही नहीं चेतेश्वर पुजारा ने भी साल 2010 में अपना टेस्ट डेब्यू कर लिया था। इसलिए सचिन, लक्ष्मण और द्रविड़ की ज्यादा कमी नहीं खेली। साल 2013 में अजिंक्य रहाणे का भी डेब्यू होता है। यानी खालीपन का अहसास नहीं होता और पुरानी त्रिमूर्ति की जगह नई त्रिमूर्ति ले लेती है।



चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे का दौर खत्म 





अब की बात करें तो भले विराट कोहली ने अभी केवल टी20 इंटरनेशनल से ही रिटायरमेंट का ऐलान किया हो और टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं, लेकिन इस त्रिमूर्ति के उनके बाकी जोड़ीदार यानी चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे टेस्ट टीम में नहीं हैं। ये बात और है कि रहाणे और पुजारा ने अभी रिटायरमेंट नहीं लिया है, लेकिन अभी के हालात देखकर ऐसा नहीं लगता कि बीसीसीआई की ओर से उनकी वापसी अब कराई जाएगी। कुछ वक्त के इंतजार के बाद हो सकता है कि पुजारा और रहाणे रिटायरमेंट का अधिकारिक ऐलान कर दें। 







श्रेयस अय्यर और केएल राहुल नहीं कर पा रहे खालीपन दूर





अब सवाल यही है कि चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे की जगह लेगा कौन। इसके लिए वैसे तो अभी तक बहुत सारे प्लेयर्स को आजमाया जा चुका है। इसमें श्रेयस अय्यर और केएल राहुल के अलावा नया नाम सरफराज खान का जुड़ा है। श्रेयस अय्यर जहां फिर से टीम से बाहर हो गए हैं, वहीं केएल राहुल भले टीम में हों, लेकिन उनका प्रदर्शन उस तरह का नहीं है, जिससे संतोष किया जा सके। सरफराज ने निश्चित तौर पर शानदार डेब्यू किया है, लेकिन अभी उनका परखा जाना बाकी है। यानी उनकी परीक्षा होनी है। हो सकता है कि ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान वे टीम में शामिल हों, तभी पता चलेगा कि क्या वे भविष्य के सितारे हो सकते हैं। रजत पाटीदार और ईशान किशन को भी परखा जा चुका है, लेकिन अब वे भी टीम से बाहर हैं, यानी वे अभी तक अपने आपको साबित नहीं कर पाए हैं। 







रोहित शर्मा के बाद कौन करेगा टीम इंडिया के लिए ओपनिंग 





संकट इतना ही नहीं है। मामला यहां ओपनिंग पर भी फंसा है। रोहित शर्मा के बाद टीम इंडिया के लिए पारी का आगाज कौन करेगा। अभी यशस्वी जायसवाल उनके जोड़ीदार हैं। लेकिन अभी उनका भी असली टेस्ट बाकी है। भारत में तो कई बड़ी और विस्फोटक पारियां उन्होंने खेली हैं, लेकिन क्या ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका में भी वे इसी तरह से खेल पाएंगे, ये देखना काफी दिलचस्प होगा। मान लेते हैं कि वे खुद को साबित कर भी देते हैं, तो फिर उनका जोड़ीदार कौन होगा। क्योंकि हमने आपको पहले ही बताया कि रोहित शर्मा आने वाले दो तीन साल ही और खेल पाएंगे, क्योंकि उनकी भी अब उम्र हो रही है। 



मयंक अग्रवाल बीती बात,  रुतुराज गायकवाड और अभिमन्यु ईश्वर को करना है डेब्यू 





अभी तक ओपनिंग स्लॉट के लिए मयंक अग्रवाल को अजमाया जा चुका है, उन्होंने ठीक ठाक खेल भी दिखाया, लेकिन अब वे पूरी तरह से पिक्चर से गायब हैं। वे डोमेस्टिक क्रिकेट खेल रहे हैं, लेकिन वहां भी उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं। रुतुराज गायकवाड और अभिमन्यु ईश्वर अगले दावेदार हो सकते हैं, जो अभी तक टेस्ट डेब्यू नहीं कर पाए हैं। उनके आंकड़े आपके सामने हैं कि वे अब तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कैसा प्रदर्शन कर पाए हैं। लेकिन ताज्जुब की बात ये है कि इन दो तीन प्लेयर्स के अलावा दूर दूर तक कोई दिखाई तक नहीं दे रहा है। पहले इनको आजमाया जाएगा और अगर कहीं फ्लॉप रहे तो प्लान बी क्या होगा, ये अभी तक किसी को भी नहीं पता है। ये ज्यादा दिक्कत तलब बात है। 







अश्विन और जडेजा की जगह भी हो सकती है खाली 





ये तो रही टॉप और मिडल ऑर्डर की कहानी। लेकिन अश्विन और रवींद्र जडेजा जब जाएंगे तो कौन आएगा। यानी उनकी भरपाई कौन करेगा। अभी लाइन में अक्षर पटेल हैं, जो निश्चित तौर पर जडेजा के रिप्लेसमेंट हो सकते हैं। वहीं बात अगर वॉशिंगटन सुंदर की करें तो वे अब तक चार टेस्ट खेल चुके हैं, लेकिन वे अक्सर इंजरी से परेशान रहते हैं। यानी अश्विन जब जाएंगे, तो इतना खाली हो चुका होगा कि जिसे भर पाना कतई आसान नहीं होने वाला। बीसीसीआई और टीम इंडिया के चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर का प्लान क्या है, इसको लेकर अभी तक कुछ भी नहीं पता है। 







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मुंबई पुलिस की दरियादिली आई सामने, प्रेगनेंट महिला की सड़क पर कराई डिलीवरी, हॉस्पिटल में भी करवाया एडमिट

मुंबई: मुंबई पुलिस की निर्भया स्कवॉड ने प्रसव पीड़ा में महिला की सड़क पर डिलीवरी कराई है। पेट्रोलिंग टीम ने मां और बच्चों को हॉस्पिटल भी पहुंचाया। दोनों पूरी तरह सुरक्षित हैं। मुंबई के डोंगरी पुलिस स्टेशन के निर्भया दस्ते ने बीते शुक्रवार को झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली एक 45 वर्षीय महिला को सड़क पर बच्चे को जन्म देने में मदद की। बाद में महिला और उसके नवजात शिशु को जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत अच्छी बताई जा रही है। 


पुलिस ने क्या बताया?




पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब चार बजे इलाके में पेट्रोलिंग के दौरान निर्भया दस्ते को पता चला कि डोंगरी के चार नल जंक्शन पर फुटपाथ पर एक महिला को प्रसव पीड़ा हो रही है, और खून बह रहा है। इसके बाद दस्ते में शामिल महिला पुलिसकर्मी तुरंत कार्रवाई में जुट गईं।





चूंकि महिला को रक्तस्राव हो रहा था और एम्बुलेंस को आने में कुछ समय लग सकता था, इसलिए उन्होंने महिला को ढकने के लिए पोस्टर और बैनर एकत्र किए और लोकल लोगों की मदद से वे महिला को एक लड़के को जन्म देने में मदद करने में सफल रहे।


साथ ही पुलिस कर्मचारियों ने पूरी एहतियात बरती और महिला और उसके नवजात बच्चे को पेट्रोलिंग वैन से इलाज के लिए मुंबई के जेजे अस्पताल ले गए। मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक फणसालकर ने निर्भया स्कवॉड  को बधाई देते हुए यह जानकारी साझा की।


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लेजंडरी एक्टर को देखते ही पहले आराध्या बच्चन ने जोड़े हाथ, फिर मां ऐश्वर्या के एक इशारे पर छुए पैर

साउथ इंडियन इंटरनेशनल मूवी अवार्ड्स 2024 का हाल में ही दुबई में आयोजन हुआ। इस अवॉर्ड फंक्शन में आराध्या बच्चन ने अपनी मां ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ शिरकत की। इस दौरान वो अपनी मां को चियर अप करतीं और सपोर्ट करती नजर आईं। इस मेगा इवेंट में ऐश्वर्या राय ने बेस्ट एक्ट्रेस क्रिटिक्स का अवॉर्ड अपने नाम किया था। इसी दौरान आराध्या का चुलबुला अवतार भी देखने को मिला। इसके अलावा उनकी समझदारी की भी खूब चर्चा हुई, लेकिन अब आराध्या के संस्कारों की चर्चा हो रही है। हाल में ही एक वीडियो सामने आया है, जिसमें आराध्या बच्चन दिग्गज एक्टर के पैर छूती नजर आ रही हैं। इस दौरान उनके साथ मां ऐश्वर्या और उनके को-स्टार चियान विक्रम भी मौजूद हैं। 


आराध्या ने छुए दिग्गज के पैर 




सामने आए इस वीडियो ने बहुत लोगों को प्रभावित किया है और इसे देखने के बाद ऐश्वर्या और आराध्या दोनों कि विनम्र छवि की बातें हो रही हैं। दुबई में आयोजित पुरस्कार समारोह के दौरान आराध्या ने दिग्गज अभिनेता शिव राजकुमार के पैर छुए जो भारतीय संस्कृति में सम्मान का प्रतीक है। यह दिल को छू लेने वाला पल कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बन गया और सोशल मीडिया पर प्रशंसा होने लगी। वीडियो में आप देख सकते हैं कि जब ऐश्वर्या राय बेस्ट एक्ट्रेस क्रिटिक्स का अवॉर्ड लेकर चियान विक्रम के साथ नीचे आईं तो वहां से शिव राजकुमार गुजर रहे थे। चियान विक्रम उनसे बात करने लगे, जिस पर जैसे ही ऐश्वर्या राय की नजर पड़ी वो भी गई और उन्हें प्रणाम किया। इसके बाद उन्होंने अपनी बेटी आराध्या का भी परिचय कराया। मां के इशारों पर आराध्या ने पहले हाथ जोड़कर प्रणाम किया फिर छुककर पैर भी छुए। सभी मौजूद लोग ये देखते रह गए और शिव राजकुमार ने आराध्या को आशीर्वाद भी दिया। 


यहां देखें वीडियो







लोगों का रिएक्शन




फिल्मी दुनिया में जहां अक्सर सांस्कृतिक मूल्यों को नजरअंदाज कर दिया जाता हैं, वहीं ऐश्वर्या राय हमेशा अपने इन मूल्यों को संजोने के लिए जानी जाती हैं। वो इनके साथ ही अपनी बेटी का भी पालन-पोषण कर रही हैं। आराध्या का ये वीडियो देखने के बाद सभी ऐश्वर्या के साथ आराध्या की भी तारीफ कर रहे हैं।  वायरल पोस्ट के कमेंट सेक्शन में प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। इसमें एक यूजर ने लिखा, 'ऐश्वर्या ने एक संस्कारी बेटी की परवरिश की है।' वहीं एक यूजर ने कहा, 'बच्चन परिवार और ऐश्वर्या दोनों के संस्कार आराध्या में आए हैं।' इतना ही नहीं कई लोग आराध्या की तुलना बाकी स्टराकिड्स से भी कर रहे हैं।  


कुछ ऐसा था दोनों का आउटफिट




SIIMA 2024 में ऐश्वर्या और आराध्या की एक साथ मौजूदगी ने इस कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। खूबसूरत परिधानों में सजी दोनों ने रेड कार्पेट पर चलते हुए लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा और अपने स्टाइल के लिए भी खूब तारीफें बटोरीं। ऐश्वर्या राय बच्चन ब्लैक और गोल्डन गाउन में नजर आईं, वहीं आराध्या ने ब्लैक और सिल्वर टू पीस आउटफिट कैरी किया था।


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दीपावली से पहले सुधरेंगी राज्य की सड़कें, डिप्टी सीएम ने PWD अधिकारियों को दिए 2 माह तक फील्ड में रहने के निर्देश

राज्य की डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को अगले 2 महीने तक लगातार फील्ड में मॉनिटरिंग करके बरसात से खराब हुई सड़कों को दीपावली से पहले सही करवाने के निर्देश दिए हैं। डिप्टी सीएम ने निर्माण भवन में आयोजित विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी मुख्य अभियंताओं को 7-7 दिन लगातार फील्ड में रहकर सड़क कार्यों की मॉनिटरिंग करें। डिप्टी सीएम ने इस अवसर पर राजस्थान पीडब्ल्यूडी सेवा ऐप भी लॉन्च किया। 


सड़क टूटने पर बनाने वाला ठीक करेगा 


दिया कुमारी ने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि सड़कों की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। ऐसी व्यवस्था की जाए की सड़क बनाने वाला ठेकेदार ही गांरटी अवधि के दौरान सड़क खराब होने पर सड़क को सुधारे। यदि इसके लिए नियमों में कोई संशोधन करना हो तो वह भी करें। उन्होनें सड़कों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना मॉडल के प्रावधानों को शामिल करने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही कहा कि सड़क की रिपेयरिंग के दौरान भी वही सामग्री इस्तेमाल की जाए जो निर्माण के दौरान इस्तेमाल की गई हो।  


निश्चित समय में काम पूरा करे विभाग 


डिप्टी ने आगे कहा कि यह सीधा जनता से जुड़ा हुआ विभाग है। हमें कमिटमेंट पर खरा उतरना है और उसको पूरा भी कराना है। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसा सिस्टम बनाया जाए जिसमें डीपीआर बनाने से लेकर, कार्य आदेश जारी होने एवं निर्माण पूरा होने तक के लिए एक निश्चित टाइम-टेबल सेट किया जाए जिससे लोगों को सुविधाओं का समय पर लाभ मिल सके।


कैसे होगा काम?


निर्देश में स्पष्ट किया गया कि संबंधित अधिकारी को साल में 2 बार (6 माह में एक बार) सड़क के हर एक किलोमीटर एवं भवन का नियमित निरीक्षण किया जाना अनिवार्य है। संबधित अधिकारी द्वारा किए गए निरीक्षण की जियो टेगिग फोटो ऐप पर अपलोड की जानी चाहिए। साथ  ही अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान की गई टिप्पणी जैसे संतोषप्रद, असंतोषप्रद सहित फोटो और जरूरी कार्य का विवरण संबधित संवेदक को उसकी ईमेल पर मिलेगा।





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धवन, रैना, हरभजन और दिनेश कार्तिक की लगी लॉटरी, अचानाक बन गए अलग-अलग टीमों के कैप्टन

लीजेंड्स लीग क्रिकेट 2024 की शुरुआत 20 सितंबर से हो रही है। इसमें ज्यादातर वह प्लेयर्स खेलते हुए दिखाई देंगे, जो इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायर हो चुके हैं। ऐसे में फैंस को एक बार फिर अपने हीरोज को देखने का मौका मिलेगा। इस बार टूर्नामेंट में 6 टीमें खेलती हुई दिखाई देंगी और अब सभी 6 टीमों के कैप्टन का ऐलान कर दिया है। शिखर धवन ने हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया था। अब वह लीजेंड्स लीग में खेलते हुए नजर आएंगे। उन्हें गुजरात ग्रेट्स का कैप्टन बनाया गया है। 



लीजेंड्स लीग में 5 पूर्व भारतीय प्लेयर बने 





शिखर धवन के अलावा हरभजन सिंह को मनिपाल टाइगर्स, इरफान पठान को कोणार्क सूर्या ओडिशा, सुरेश रैना को टोयम हैदराबाद, दिनेश कार्तिक को साउदर्न सुपरस्टार्स और इयान बेल को इंडिया कैपिटल्स की कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लीग में टीमों की कमान पांच पूर्व भारतीय प्लेयर्स के हाथों में है। वहीं एक विदेशी कैप्टन शामिल है। 







लीजेंड्स लीग क्रिकेट 2024 में पहला मुकाबला जोधपुर के बरकतुल्ला खां स्टेडियम में कोर्णाक सूर्या ओडिशा की टीम और मनिपाल टाइगर्स के बीच होगा। जोधपुर में लीग के कुल 6 मुकाबले खेले जाएंगे और इसके लिए बड़े क्रिकेटर जोधपुर पहुंचना शुरू हो गए हैं। पहले मैच के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और ऑनलाइन टिकट भी बिकने शुरू हो गए हैं। पिछली बार लीग में कुल 4 टीमों ने हिस्सा लिया था। इस बार टीमों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है। कोणार्क सूर्या ओडिशा और साउदर्न सुपरस्टार्स नई टीमें जुड़ी हैं। LLC 2024 टूर्नामेंट 20 सितंबर से शुरू होकर 26 अक्टूबर तक चलेगा।











लीजेंड्स लीग क्रिकेट 2024 में खेलने वाली सभी टीमों का स्क्वाड: 





इंडिया कैपिटल्स: इयान बेल, ड्वेन स्मिथ, एश्ले नर्स, धवल कुलकर्णी, ध्रुव रावल, बरिंदर सरां, रवि बोपारा, परविंदर अवाना, नमन ओझाक, क्रिस्टोफर मोफू, इकबाल अब्दुल्लाह, किर्क एडवर्क्स, पंकज सिंह, पवन सुयाल, राहुल शर्मा, गणेश्वरा राव, फैज फजल, कॉलिन डी ग्रान्डहोम, भरत चिप्ली, बेन डंक



गुजरात ग्रेट्स: क्रिस गेल, लियाम प्लंकेट, मोर्ने वान विक, लेंडल सिमंस, असोहर अफोहान, जेरोम टेलर, पारस खाडा, सीकुगे प्रसन्ना, कमाउ लेवररॉक, साइब्रांड एनोएलब्रेक्ट, शैनन गेब्रियल, समर क्वाड्री, मोहम्मद कैफ, श्रीसंत और शिखर धवन



कोणार्क सूर्या ओडिशा: इरफान पठान, यूसुफ पठान, केविन ओ ब्रायन, रॉस टेलर, विनय कुमार, रिचर्ड लेवी, दिलशान मुनावीरा, शाहबाज नदीम, फिदेल एडवर्ड्स, बेन लॉफलिन, राजेश बिश्नोई, प्रवीण तांबे, दिवेश पठानिया, केपी अपन्ना, अंबाती रायडू और नवीन स्टीवर्ट



मनिपाल टाइगर्स: हरभजन सिंह, रॉबिन उथप्पा, थिसारा परेरा, शेल्डन कॉटरेल, डैन क्रिश्चियन, एंजेलो परेरा, मनोज तिवारी, असेला गुणरत्ने, सोलोमन मायर, अनुरीत सिंह, अबू नेचिम, अमित वर्मा, इमरान खान, राहुल शुक्ला, अमितोज सिंह, प्रवीण गुप्ता और सौरभ तिवारी



साउदर्न सुपरस्टार्स: दिनेश कार्तिक, एल्टन चिगुंबुरा, हैमिल्टन मसाकाद्जा, पवन नेगी, जीवन मेंडिस, सुरंगा लकमल, श्रीवत्स गोस्वामी, हामिद हसन, नाथन कूल्टर नाइल, चिराग गांधी, सुबोथ भाटी, रॉबिन बिष्ट, जेसल कारी, चतुरंगा डी सिल्वा और मोनू कुमार।



टोयम हैदराबाद: सुरेश रैना, गुरकीरत सिंह, पीटर ट्रेगो, समीउल्लाह शिनवारी, जॉर्ज वर्कर, इसुरु उदाना, रिक्की क्लार्क, स्टुअर्ट बिन्नी, जसकरन मल्होत्रा, चैडविक वाल्टन, बिपुल शर्मा, नुवान प्रदीप और योगेश नागर। 


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PM मोदी और अमिताभ बच्चन का साथ है पुराना, जानिए उनके बारे में कुछ रोचक बातें

नई दिल्ली: हिन्दी फिल्मों में बिग बी के नाम से मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन एक ऐसे कलाकार हैं जिनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रिश्ता बेहद पुराना है। मोदी सरकार के द्वारा चलाई गई योजनाओं में  उनका साथ रहा है, चाहे वह साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुरू किया गया स्वच्छता अभियान हो या फिर साल 2020 में कोरोना महामारी में लोगों की कॉलर ट्यून बन कोरोना के प्रति जागरूक करने की योजना।



गुजरात टूरिज्म के वीडियो शूट के नहीं लिए पैसे





प्रधानमंत्री जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो बिग बी गुजरात टूरिज्म के ब्रांड एंबेसडर भी थे। गुजरात टूरिज्म के दौरान उन्होंने जो वीडियो शूट कराया था। इसके लिए उन्होंने एक भी पैसे नहीं लिए थे। इस बारे में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अमिताभ ने इसके लिए मुफ्त में काम किया था। हालांकि, क्या आपको पता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली बार मुलाकात अमिताभ बच्चन से कैसे हुई थी।



अमर सिंह ने कराई थी अमिताभ और पीएम मोदी की मुलाकात





स्वर्गीय अमर सिंह ने एक बार बताया था कि साल 2016 में उन्होंने अमिताभ बच्चन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात कराई थी। तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। अमिताभ तब अपनी फिल्म ‘पा’ का प्रमोशन कर रहे थे। अमिताभ से मिलने के बाद ही नरेंद्र मोदी ने उन्हें गुजरात टूरिज्म का ब्रांड एंबेसडर बनने का ऑफर दिया था। अमिताभ बच्चन ने सालों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर एक किस्सा शेयर कर सुनाया था कि साल 2016 में जब उनसे मुलाकात हुई थी तो उन्होंने कहा, चलो फिल्म देखने चलते हैं। वह मुझे अपनी गाड़ी से थिएटर तक लेकर गए। हमने फिल्म देखी, साथ में खाना खाया।



जब भीड़ से घिरे अमिताभ के पास पहुंचे पीएम मोदी





साल 2023 में अमिताभ बच्चन ने पीएम मोदी के एक पोस्ट पर रिपोस्ट करते हुए कहा कि, उनकी भी इच्छा कैलाश जाने की है। इस पोस्ट पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा था, आने वाले दिनों में रण उत्सव शुरू हो रहा है और मैं आपसे कच्छ की यात्रा करने का आग्रह करता हूं। आपकी स्टैचू ऑफ यूनिटी की यात्रा भी नहीं हुई है।



22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कर रहे थे। इस समारोह में अमिताभ बच्चन भी बतौर अतिथि मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां अपने संबोधन के बाद कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों से बारी-बारी मिल रहे थे। उन्होंने, भीड़ से घिरे अमिताभ बच्चन से भी हाल-चाल लिया था। (IANS इनपुट्स के साथ)


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शेख हसीना का दावा सही, बांग्लादेश में अमेरिका ने ही कराया तख्तापलट! सीक्रेट दस्तावेज से बड़ा खुलासा

ढाका:  शेख हसीना को बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से हटाने की योजना के पीछे अमेरिका का हाथ था। इसका पता एक अमेरिकी सरकार के एक सीक्रेट दस्तावेज से चलता है जो अब सार्वजनिक हुआ है। इस दस्तावेज के मुताबिक शेख हसीना को  बांग्लादेश की प्रधानमंत्री पद से हटाने की योजना 2019 में ही शुरू हो गई थी। बस एक उचित अवसर का इंतजार किया जा रहा था। इस पूरी योजना की देखरेख करने वाले वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों में क्रिस मर्फी, सुमोना गुहा, डोनाल्ड लू, सारा मार्गन और फ्रांसिस्को बेनकोस्मे शामिल थे।



अमेरिका ने आरोपों को किया था खारिज





खुद शेख हसीना ने भी अमेरिका पर खुद को सत्ता से हटाने का आरोप लगाया था। लेकिन उस वक्त अमेरिका ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। हालांकि जब मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की सत्ता संभाली तो लोगों का शक अमेरिका के प्रति गहरा हो गया था। क्योंकि मोहम्मद यूनुस को अमेरिका का खास माना जाता है।



IRI, NED, USAID जैसी एजेंसियां शामिल





द संडे गार्जियन को उपलब्ध कराए गए आंतरिक दस्तावेजों से यह पता चलता है कि इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट (IRI) नेशनल एंडोमेंट फॉर डेमोक्रेसी (NED) और यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) जैसी एजेंसियां इस प्लान में शामिल थी। इसमें सबसे प्रमुख थी  इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट (IRI)  जिसने मंगोलिया (1996), हैती (2001) और युगांडा (2021) के बाद बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन कराया। ये दस्तावेज़ यह भी दर्शाते हैं कि भारत के हस्तक्षेप को काउंटर करने लिए यह का प्रतिकार करने के लिए यह परियोजना कैसे जरूरी थी।



अमेरिका की वित्त पोषित संस्थाओं का हाथ





वाशिंगटन स्थित IRI का घोषित उद्देश्य "लोकतांत्रिक संस्थाओं, राजनीतिक दलों, नागरिक समाज और चुनावी प्रक्रियाओं का समर्थन करके लोकतंत्र को बढ़ावा देना" है और यह लोकतांत्रिक शासन को बढ़ाने के उद्देश्य से USAID द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं के लिए कार्यान्वयन भागीदार के रूप में कार्य करता है। IRI, NED के चार मुख्य संस्थानों में से एक है, जिसमें नेशनल डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूट (NDI), सेंटर फॉर इंटरनेशनल प्राइवेट एंटरप्राइज (CIPE) और सॉलिडैरिटी सेंटर शामिल हैं। इसी तरह, NED "लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं को मजबूत बनाने" के उद्देश्य से विभिन्न परियोजनाओं के लिए IRI को अनुदान प्रदान करता है। जबकि NED 1983 में स्थापित एक निजी, गैर-लाभकारी संगठन है, जिसे मुख्य रूप से अमेरिकी कांग्रेस द्वारा वित्तपोषित किया जाता है जो अमेरिकी सरकार से स्वतंत्र रूप से संचालित होता है। USAID एक सरकारी एजेंसी है जो विदेशी सहायता और विकास सहायता को प्रशासित करने के लिए जिम्मेदार है। 



2019 से ही जारी थी कोशिश





मार्च 2019 में, IRI ने USAID और NED से अपनी गतिविधियों के लिए अनुदान प्राप्त करने के बाद, ढाका में शासन परिवर्तन लाने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया। उस  कार्यक्रम का नाम "जवाबदेही, समावेशिता और लचीलापन समर्थन कार्यक्रम को बढ़ावा देना" (PAIRS) रखा गया था और यह जनवरी 2021 तक 22 महीने तक चला। IRI ने कहा कि यह कार्यक्रम "बांग्लादेश के नागरिकों की राजनीतिक भागीदारी को बढ़ाने और सत्तावाद विरोधी आवाज़ों को बढ़ाने के लिए" आवश्यक था, जिसके लिए "IRI ने एक व्यापक-सामाजिक सशक्तिकरण परियोजना को लागू किया, जिसने राजनीतिक जुड़ाव के लिए नागरिक-केंद्रित, स्थानीय और गैर-पारंपरिक मंचों को बढ़ावा दिया और उनका विस्तार किया।"



पानी की तरह बहाया पैसा





इस तरह अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए अमेरिका की एजेंसियों ने पानी तरह पैसों को बहाया। सरकार विरोधी काम करने के लिए हर सामाजिक या प्रेशर ग्रुप को अनुदान दिए गए। सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाए गए और उसके बदले पैसे दिए गए। हर समूह को टारगेट किया गया ताकि वह किसी न किसी तरह से सरकार के खिलाफ काम कर सके। 16 मार्च को नेशनल डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूट (NDI), एक अन्य वाशिंगटन स्थित संगठन और IRI के तकनीकी मूल्यांकन मिशन (TAM) ने 2024 के राष्ट्रीय चुनाव पर एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि शेख हसीना ने धांधली से चुनाव जीता जबकि विपक्ष इस चुनाव में पूरी तरह से अनुपस्थित रहा। साथ ही सरकार पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप भी लगाया गया। यह भी कहा गया कि सत्तारूढ़ दल पूरे चुनावी प्रक्रिया में हावी रहा और विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए हिंसा का सहारा लिया गया। 


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'सरकार बातचीत के लिए गंभीर नहीं', ममता के आवास से मायूस होकर लौटे जूनियर डॉक्टर

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में हड़ताली जूनियर डॉक्टर और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मीटिंग नहीं हो पाई। जूनियर डॉक्टर्स को प्रतिनिधिमंडल सीएम आवास पहुंच चुका था। लेकिन मीटिंग के लाइव प्रसारण के मुद्दे पर गतिरोध बना रहा और अंतत: यह मीटिंग नहीं पाई। इस बीच प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील पर वे सीधे प्रसारण की अपनी मांग से पीछे हटते हुए बैठक में शामिल होने पर सहमत हो गये थे लेकिन उन्हें ‘‘असंवेदनशील तरीके से’’ कार्यक्रम स्थल से चले जाने को कहा गया। 



वीडियो रिकार्डिंग या लाइव प्रसारण की मांग 





मुख्यमंत्री आवास से जाने से पहले एक आंदोलनकारी डॉक्टर ने कहा कि वे सीधा प्रसारण या वीडियो रिकार्डिंग के बिना ही बैठक में शामिल होने पर राजी हो गये थे जैसा कि बनर्जी ने अनुरोध किया था। यह वार्ता मुख्यमंत्री निवास में रखी गयी थी। इन डॉक्टर ने कहा, ‘‘ जब हम यहां आये थे तब हमने वार्ता की वीडियो रिकार्डिंग या लाइव प्रसारण की मांग की थी। हमें उसकी अनुमति नहीं दी गयी। तब मुख्यमंत्री बाहर आयीं और उन्होंने यह वादा करते हुए हमसे वार्ता में शामिल होने की अपील की कि हमें बैठक का पूरा विवरण मिलेगा। हमने आपस में इस प्रस्ताव पर चर्चा की और हम बिना सीधे प्रसारण या वीडियो रिकार्डिंग के बैठक में शामिल होने पर राजी हो गये।’’ 







उन्होंने कहा, ‘‘जब हमने स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य को यह बात बताई तो हमें वहां से चले जाने को कहा गया क्योंकि बहुत देर हो चुकी थी और वे तीन घंटे से हमारा इंतजार कर रहे थे। हमें असंवेदनशील तरीके से वहां से चले जाने को कहा गया।’’ कैमरे के सामने आंखों में आंसू लिये एक अन्य डॉक्टर ने कहा कि इस घटना से राज्य सरकार की ‘असली मंशा’ सामने आयी। उन्होंने कहा, ‘‘ यह दर्शाता है कि इस वार्ता के प्रति कौन गंभीर नहीं है।’’ 



जूनियर डॉक्टरों ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें नजर आ रहा है कि भट्टाचार्य उनसे वहां से चले जाने को कह रही हैं क्योंकि काफी देर हो चुकी हैं। वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘‘हम तीन घंटे से इंतज़ार कर रहे हैं पर आप लोग अन्दर नहीं आए। अब बहुत देर हो चुकी है।’’ इस वीडियो की प्रमाणिकता की ‘पीटीआई-भाषा’ स्वतंत्र रूप पुष्टि नहीं कर सकती है। बनर्जी और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के बीच यह निर्धारित बैठक उसके सीधे प्रसारण के विषय पर गतिरोध के कारण नहीं हो सकी । ये डॉक्टर आरजी कर घटना को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। बनर्जी ने गतिरोध के बावजूद जूनियर डॉक्टर से बैठक में शामिल होने की अपील की थी। (भाषा)


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हिमाचल प्रदेश: नाहन में BJP प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में साधु-संतों को दिलवाई गई सदस्यता

नाहन: भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के तहत शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के नाहन जिले में 400 साल पुराने प्राचीन काली माता मंदिर में सेवारत साधु संतों को भाजपा की सदस्यता दिलवाई गई। इस कार्यक्रम की अगुवाई भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने की। इस कार्यक्रम में मंदिर परिसर में एक साथ कई साधु-संतों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इसके बाद यहां कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।



राजीव बिंदल ने क्या कहा?





कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए राजीव बिंदल ने बताया कि जिले के 400 साल पुराने काली स्थान मंदिर में मौजूद साधु-संतों का आज भाजपा को आशीर्वाद मिला है। यहां उपस्थित साधु-संतों को भाजपा की सदस्यता ग्रहण करवाई गई है।



उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति में आप्त पुरुष की संज्ञा सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। वह व्यक्ति जो निष्पक्ष है, निर्लिप्त है और जो न्याय करता है, वह सर्वश्रेष्ठ होता है। धर्मदंड्योष्य में जो भी राज्य है, उस राज्य के ऊपर सदैव धर्म का दंड होना चाहिए। यानी धर्म और धर्म का पालन करने वाले साधु संत राजा को सदैव जागृत रखें और उसको सही दिशा देते रहें। आज हमारे लिए यह गौरव का विषय है कि आज हमारे नाहन क्षेत्र के प्राचीन मंदिर में हमारे साधु-संतों ने भारतीय जनता पार्टी को अपना आशीर्वाद दिया। हम सभी संतों का आभार व्यक्त करते हैं। आप देश और प्रदेश की राजनीति को हमेशा सही दिशा देते रहेंगे। पूरा देश आपके मार्गदर्शन में आगे बढ़ेगा।



अभी तक 2 करोड़ से ज्यादा लोग बन चुके हैं BJP के सदस्य





बता दें कि भाजपा देशभर में बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय सदस्यता अभियान चला रही है। पार्टी ने इस राष्ट्रीय सदस्यता अभियान को 'संगठन पर्व सदस्यता अभियान-2024' का नाम दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अभियान का शुभारंभ दो सितंबर को नई दिल्ली से किया था। यह 40 दिन का अभियान है। इस अभियान को शुरू हुए 11 दिन हो चुके हैं। इस सदस्यता अभियान में अभी तक दो करोड़ से ज्यादा लोग भाजपा के सदस्य बन चुके हैं। (IANS इनपुट्स के साथ)


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हरियाणा चुनाव के लिए बीजेपी ने जारी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट, पीएम मोदी समेत 40 नेताओं के नाम

चंडीगढ़ः हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, मनोहर लाल खट्टर समेत 40 नेताओं के नाम शामिल है।



ये बड़े नेता करेंगे चुनाव प्रचार



बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और अन्य नेता भी हरियाणा में चुनाव प्रचार करने आएंगे। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा भाजपा उम्मीदवारों के लिए वोट मांगने आएंगे। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर, राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को भी स्टार प्रचार बनाया गया है। 



बीजेपी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट




*   नरेंद्र मोदी

*  जगत प्रकाश नड्डा

*   राजनाथ सिंह

*  अमित शाह

*   नितिन गड़करी

*  नायब सिंह सैनी

*  मोहन लाल बड़ौली

*  मनोहर लाल खटटर

*  शिवराज सिंह चौहान

*  धर्मेन्द्र प्रधान

*  योगी आदित्यनाथ

*  सतीश पूनिया

*   बिप्लब कुमार देब

*  सुरेंद्र सिंह नागर

*  पीयूष गोयल

*   अर्जुन राम मेघवाल

*   हरदीप सिंह पुरी

*   डॉ. सुधा यादव

*   भजन लाल शर्मा

*  डॉ. मोहन यादव

*   पुष्कर सिंह धामी

*   हिमंत बिस्वा सरमा

*   राव इन्द्रजीत सिंह

*   कृष्णपाल गुर्जर

*   वसुन्धरा राजे सिन्धिया

*   स्मृति ईरानी

*  जयराम ठाकुर जी

*   रवनीत सिंह बिट्टू

*  अनुराग ठाकुर

*   दीया कुमारी

*   हेमा मालिनी

*   किरण चौधरी

*  धर्मबीर सिंह

*  नवीन जिन्दल

*   अशोक तंवर

*  मनोज तिवारी

*   डॉ. संजीव बालियान

*   कुलदीप बिश्नोई

*  राम चंदर जांगड़ा

*   बबीता फोगाट


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यूपीः अवैध धर्मांतरण मामले में मौलाना उमर गौतम समेत 12 दोषियों को उम्रकैद, 4 को 10-10 साल की सजा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एनआईए की विशेष अदालत ने अवैध धर्म परिवर्तन के मामले में दोषी करार दिये गये मोहम्मद उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 12 लोगों को बुधवार को उम्रकैद और चार अन्य दोषियों को 10-10 वर्ष कैद की सजा सुनायी। अदालत ने सभी को मंगलवार को दोषी करार दिया था और बुधवार को सजा का ऐलान किया गया।


अदालत की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक, विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने मोहम्मद उमर गौतम, मौलाना कलीम सिद्दीकी, इरफान शेख, सलाउद्दीन जैनुद्दीन शेख, प्रकाश रामेश्वर कावड़े उर्फ आदम, भुप्रिय बन्दो उर्फ अर्सलान मुस्तफा, कौशर आलम, फराज वाबुल्लाशाह, धीरज गोविंद राव जगताप, सरफराज अली जाफरी, काजी जहांगीर और अब्दुल्ला उमर को भारतीय दंड संहिता की धारा 121 ए (राष्ट्रद्रोह) के तहत आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी।


आदेश के मुताबिक, मामले में बाकी चार अभियुक्तों मोहम्मद सलीम, राहुल भोला, मन्नू यादव और कुणाल अशोक चौधरी को ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन (प्रतिषेध) अधिनियम’ की धारा-पांच के तहत 10-10 वर्ष की कैद और 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी। उप निरीक्षक विनोद कुमार ने 20 जून 2021 को इस मामले में लखनऊ के एटीएस थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इन सभी आरोपियों पर तत्कालीन भारतीय दंड संहिता की धारा 417, 120 बी, 121ए, 123, 153ए, 153बी, 295ए और 298 के साथ ही उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 की धारा 3/5/8 के तहत आरोप लगाए गए थे।


विशेष लोक अभियोजक एमके सिंह के मुताबिक, उमर गौतम और मामले के अन्य अभियुक्त एक साजिश के तहत धार्मिक उन्माद, वैमनस्य और नफरत फैलाकर देशभर में अवैध धर्मांतरण का गिरोह चला रहे थे। उनके तार दूसरे देशों से भी जुड़े हैं। सिंह ने बताया कि इसके लिए आरोपी हवाला के जरिए विदेशों से धन भेजे जाने के मामले में भी लिप्त थे। वे आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं और दिव्यांगों को लालच देकर और उन पर अनुचित दबाव बनाकर बड़े पैमाने पर उनका धर्म परिवर्तन करा रहे थे।


पुलिस के मुताबिक, मोहम्मद उमर गौतम को मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी के साथ 20 जून 2021 को दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि वे एक संगठन का संचालन कर रहे थे जो उत्तर प्रदेश में मूक- बधिर छात्रों और गरीब लोगों को इस्लाम में धर्मांतरित कराने में शामिल था और इस बात की आशंका है कि इसके लिए उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से धन मिलता था। मौजूदा पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार उस समय एटीएस के अपर पुलिस महानिदेशक का दायित्व संभाल रहे थे।


उन्होंने बताया था कि उमर गौतम पहले हिंदू था लेकिन उसने मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया और धर्मांतरण कराने में सक्रिय हो गया। उन्होंने उमर के हवाले से बताया था कि उसने करीब एक हजार गैर मुस्लिम लोगों को इस्लाम में धर्मांतरित कराया और उनकी मुस्लिमों से शादी कराई है। यह अभियान जामिया नगर में स्थित इस्लामिक दावा सेंटर नामक संस्था के जरिये चलाया जा रहा था।


इनपुट- भाषा


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'नीतीश ने बोला- हमारी 'गधापंती' जो BJP के साथ गए, मां से गिड़गिड़ा कर मांगी थी माफी', तेजस्वी यादव का बड़ा बयान

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए पिछले दिनों कई दिशा-निर्देश जारी किए। इसमें कहा गया कि कार्यकर्ता हरे गमछे का इस्तेमाल करने से बचें। पार्टी की ओर से इसका कारण नहीं बताया गया है। तेजस्वी यादव ने इन सब सवालों पर इंडिया टीवी से खास बातचीत की है।



हमारी बातें अच्छे से समझ सकें





तेजस्वी यादव ने कहा, 'कार्यकर्ताओं को जो दिशा-निर्देश दिए गए हैं, उनमें हरे रंग से कोई मतलब नहीं है। हरी तो टोपी भी है। गमछे से भी कोई परहेज नहीं है। कहीं भी रहें तो एक व्यवस्थित तरीके से रहें। ताकि किसी की बात हम अच्छे से सुन सकें और समझ सकें। हमारी बातें लोग समझ सकें और कार्यकर्ता समझ सकें।'



 जनता का इंट्रेक्शन कार्यकर्ताओं से होना चाहिए





तेजस्वी यादव ने कहा कि मेन मकसद ये है कि कहीं होर्डिंग नहीं लगाना है। पोस्टर नहीं लगाना है। कहीं स्वागत नहीं करना है। ये चीजें तो ठीक हैं। लेकिन जो जनता का इंट्रेक्शन कार्यकर्ताओं से होना चाहिए, वो मेन मकसद है। वो पूरा होना चाहिए। इसलिए ये सारी चीजें हैं।



क्या पुरानी छवि से पार्टी को बाहर निकाला जा रहा?





जब उनसे सवाल किया गया, 'कई लोग ऐसा देख रहे हैं कि आरजेडी का एक नया चेहरा तेजस्वी यादव गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। जो एक पुरानी छवि रही है। क्या उस छवि से पार्टी को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है?' 



बिहार में BJP सबसे बेकार पार्टी





इस पर तेजस्वी ने कहा, 'इन सब का कोई मतलब नहीं है। हमारी पार्टी हमेशा से ही मजबूत रही है। हमारी पार्टी किसी दल से कमजोर है क्या? कमजोरी में देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) से भी ज्यादा कोई बिहार में कमजोर पार्टी है क्या? बिहार में बीजेपी सबसे बेकार पार्टी है।'



RJD को साथ लेकर की गलती- नीतीश कुमार





तेजस्वी से पूछा गया कि नीतीश कुमार बार-बार कई कार्यक्रमों में इस तरह की बात करते हैं कि आरजेडी को दो बार साथ लेकर हमसे गलती हुई है। आगे उनसे ऐसी गलती नहीं होगी। नीतीश कुमार ऐसा क्यों कह रहे हैं?



इधर आते ही 1973 से हो जाते हैं संबंध





इस सवाल के जवाब में तेजस्वी यादव ने कहा, 'इधर आते हैं तो वह कहते हैं कि बीजेपी को लेकर गलती कर दी थी। जब यहां आते हैं तो हम लोगों से 1973 से संबंध हो जाते हैं। नीतीश जब बीजेपी में जाते हैं तो 1995 से संबंध हो जाता है। जब उधर (बीजेपी) जाते हैं तो बोलते हैं कि हमसे गलती हो गया है।'



नीतीश ने मां से मांगी थी माफी





तेजस्वी ने कहा, 'नीतीश कुमार हमारे घर पर ही आए थे। जब सब विधायक यहां थे तो वह मां से गिड़गिड़ा कर माफी मांग रहे थे। इसका वीडियो भी है। नीतीश कुमार सदन में कई बार माफी मांग चुके हैं।'







हमारी गधापंती जो बीजेपी के साथ गए- नीतीश कुमार





तेजस्वी ने बगैर नीतीश कुमार का नाम लेते हुए कहा कि उन्होंने (नीतीश कुमार) बोला था कि हमारी गधापंती थी की हम भाजपा के साथ चले गए थे। ये बात कौन बोला है? ये सब ऑन रिकॉर्ड है।  नीतीश कुमार की इन सब बातों को छुठला नहीं सकते हैं।  तेजस्वी ने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर नीतीश कुमार का सम्मान करते हैं। लेकिन राजनीतिक विश्वसनियता नीतीश कुमार की अब खत्म हो गई है।


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इस राज्य के 6000 सरकारी स्कूलों में एक-एक टीचर के जिम्मे 5-5 क्लासेस; शिक्षा मंत्री कर रहे इनकार

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं हालांकि सरकार की तरफ से एमपी की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के दावे तो किए जाते रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि एमपी के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को ही सरकार अब तक दूर नहीं कर पाई तो शिक्षा के स्तर को कैसे सुधारे? स्कूल चलो हम समेत तमाम नारों के साथ स्कूल शिक्षा विभाग अभियान चलता है बच्चों को स्कूल तक ले जाने का लेकिन प्रदेश के ज्यादातर जिले ऐसे हैं जहां कई स्कूलों में सिर्फ एक ही शिक्षक है जिसके ऊपर पहली से 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई की जिम्मेदारी है।



क्या है स्कूलों का हाल?





ग्रामीण इलाकों में चल रहे सरकारी स्कूलों का हाल जानने इंडिया टीवी की टीम भोपाल से 25 किलोमीटर दूर दौलतपुर ठिकरिया गांव पहुंची। यहां हमें गुलाब सिंह मीणा मिले जो बच्चों को पढ़ा रहे थे। पूछने पर उन्होंने बताया कि स्कूल को 2 टीचर अलॉट है। दूसरे टीचर बीएड की पढ़ाई के चलते स्कूल नहीं आते लिहाजा उनके ऊपर ही पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने का दारोमदार है। गुलाब सिंह की मानें तो किसी एक शिक्षक के लिए यह संभव ही नहीं है कि वो एक साथ इतनी क्लासेस को पढ़ाए और कोर्स भी पूरा कर दे। असली समस्या तब आती है जब उन्हें अचानक से छुट्टी लेना पढ़ जाती है तो ऐसे में स्कूल बिना शिक्षक के ही रहता है और उस दिन छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो जाता है।



अब जरा भोपाल जिले के रातीबड़ गांव का भी हाल जान लीजिए। यह भी इकलौती टीचर पहले से पांचवीं तक के 19 बच्चों को पढ़ाने का मुश्किल काम करते दिखाई दी, इंडिया टीवी से बातचीत में कहा यह संभव ही नहीं सारे बच्चों का कोर्स एक साथ पूरा कर दें अगर हम छुट्टी ले ले तो आफत, यहां बच्चे भी पढ़ने नहीं आते हैं।



शिक्षा अधिकारी भी मान रहे शिक्षकों की कमी





राजगढ़ जिले के झंझारपुर के स्कूल के हालात भी ऐसे ही हैं यहां के मीडिल स्कूल में एक शिक्षक छठवीं, 7वीं और 8वीं के बच्चों को पढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां दो गेस्ट टीचर तैनात हैं पर वह पढ़ाने आते ही नहीं है इसलिए अकेले पढ़ाना पड़ता है। इस मामले पर राजगढ़ के शिक्षा अधिकारी करण सिंह भिलाला ने कहा कि राजगढ़ जिले में 26 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है वहीं 244 ऐसी शालाएं हैं जिनमें एक शिक्षक के द्वारा बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।



क्या कह रहे आंकड़ें?





अब तक आपने मध्यप्रदेश का एजुकेशन मॉडल जान लिया, अब जरा आंकड़ों पर नज़र डालतें हैं। शिक्षा विभाग के पोर्टल के मुताबिक, मध्यप्रदेश के 47 जिलों में सिंगल टीचर स्कूल हैं। पूरे प्रदेश में ऐसे स्कूलों की संख्या 6,858 है। शिवपुरी जिले में सबसे ज्यादा 420 सिंगल टीचर वाले स्कूल हैं। वहीं, सतना और रीवा जिले में भी सिंगल टीचर स्कूलों की संख्या 400 से ज्यादा है। जबकि हैरानी की बात यह है कि प्रदेश के 46 जिलों के 1,275 स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है। राज्य में 79000 शिक्षकों की कमी है।



मध्यप्रदेश शासकीय शिक्षक संगठन के उपेंद्र कौशल बताते हैं कि प्रदेश में 70 से 80 हजार शिक्षकों की कमी है जिसके चलते स्कूल चलो अभियान जैसे कार्यक्रम फ्लॉप हो रहे हैं एक शिक्षक पहले से 5वीं तक के बच्चों को न पढ़ा पाता है ना उन्हें अच्छी शिक्षा दे पता है।"



शिक्षा मंत्री कर रहे इनकार





इस बारे में जब हमने स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह से बात की कि कई स्कूलों में एक ही शिक्षक हैं जिससे छुट्टी लेने पर स्कूल बंद हो जाते हैं ऐसे में मंत्री जी ने कहा मैं आपकी बात से सहमत नहीं हूं। आगे उन्होंने बताया कि हम कोशिश कर रहे हैं कि बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दें। 80000 शिक्षकों की कमी पर उन्होंने कहा बच्चों की संख्या शिक्षकों की उपलब्धता ध्यान में रखकर हम काम कर रहे हैं जल्दी शिक्षकों की भर्ती भी निकालेंगे।



कांग्रेस ने घेरा





वहीं, इस पूरे मामले में कांग्रेस के मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने मोहन सरकार को घेरते हुए कहा है कि जिस राज्य में पिछले 20 सालों से एक ही पार्टी की सरकार है और वह अब भी शिक्षकों की कमी को पूरा नहीं कर पा रही है तो जाहिर है उनके पास शिक्षा को लेकर कोई सोच ही नहीं है और यही वजह है कि प्रदेश में शिक्षक वर्ग बुरी तरह से प्रताड़ित है।



बता दें कि मध्यप्रदेश में सरकार जल्द ही 70 हजार पदों पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती करने वाली है यानी सरकार को इतना तो मालूम है कि प्रदेश में शिक्षकों की कमी है। अब सवाल यह है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि सरकार शिक्षकों के पदों पर भर्ती से बचती आ रही है? 



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BJP नेता ने कंधे में फिट कराई गोली और बना दिया फर्जी केस, पुलिस को आरोपियों के साथ तमंचा भी मिल गया, अब खुली पोल

उत्तर प्रदेश के चंदौसी में बीजेपी नेता को गोली मारने के केस में पुलिस ने पहले बड़ी गलती कर दी थी। पुलिस ने नामजद निर्दोषों को गिरफ्तार कर कर जेल भेज दिया था। मामले की गूंज जब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तक पह़ुंची तो पुलिस की नींद टूटी। जांच में बीजेपी नेता खुद गोलीकांड का षडयंत्रकारी निकला। पुलिस ने अब बीजेपी नेता और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, निर्दोषों को न्यायिक अभिरक्षा से बरी कराया है।



29 जुलाई को चंदौसी कोतवाली इलाके में बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के नगर अध्यक्ष प्रेमपाल ने 112 नंबर पर फोन कर सूचना दी थी कि मौहल्ले के लोगों ने गोली मार कर उन्हें घायल कर दिया है। पुलिस ने आनन-फानन घायल बीजेपी नेता को इलाज के लिए भेजा, जहां से उसे मुरादाबाद रेफर कर दिया गया। एसपी ने भी मौके का मुआयना किया। पुलिस ने आनन-फानन में कार्रवाई कर मोहल्ले के ही दो भाइयों समेत तीन लोगों को घटना में प्रयुक्त तमंचे और डंडे के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।



पुलिस ने नहीं सुनी विधवा मां की फरियाद





घटना के तुरंत बाद अपराधियों को पकड़ने और कार्रवाई करने को लेकर युपी पुलिस की खूब वाहवाही हुई। इस बीच जेल गए दो भाइयों की विधवा मां अधिकारियों को बताती रही कि उसके लड़कों समेत जेल भेजे गए तीनों लोग निर्दोष हैं। आरोप है कि पुलिस ने मां की एक नहीं सुनी और आरोपियों को गिरफ्तार कर ले गई।



केशव प्रसाद मौर्य से शिकायत के बाद खुला मामला





जेल में बंद दोनों भाइयों की मां ने डिप्टी सीएम के केशव प्रसाद मौर्य से फरियाद की तब पुलिस को अपनी गलती का अहसास हुआ। पुलिस ने केस की पुनर्विवेचना की तो पता चला कि गोलीकांड का षडयंत्रकारी बीजेपी नेता ही है। पुलिस ने घटना का दोबारा खुलासा करते हुए बताया कि बीजेपी नेता ने दो कंपाउंडरों से कंधे में गोली फिट कराई फिर पुलिस को सूचना दी पुलिस ने बीजेपी नेता और दो कंपाउंडरों समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है। एक आरोपी की गिरफ्तारी बाकी है, वहीं पहले गिरफ्तार किए गए तीन निर्दोषों को पुलिस ने न्यायिक अभिरक्षा से बरी कराया है।



कहां से आया डंडा और तमंचा





अब बड़ा सवाल ये है कि जिन निर्दोषों से पुलिस ने डंडा और तमंचा बरामद किए वह कहां से आए। कानूनी जानकारों का मानना है कि यदि इस मामले की न्यायिक जांच हो तो पुलिस के कई अधिकारी कर्मचारियों की गर्दन फंस सकती है।







(संभल से रोहित व्यास की रिपोर्ट)


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लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में भरभराकर गिरी बिल्डिंग, मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका

लखनऊः प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में एक इमारत भरभराकर गिर गई। मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, सरोजनीनगर के ट्रांसपोर्ट नगर में एक बिल्डिंग गिरने से हड़कंप मच गया। मौके पर एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम राहत बचाव कार्य में जुटी है। 



सीएम योगी ने संज्ञान लिया



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरोजनी नगर बिल्डिंग हादसे का संज्ञान लिया है। साथ ही मौके पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम को पहुंचने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने अधिकारियों से कहा है कि राहत एवं बचाव कार्य शीघ्र शुरू किए जाएं।



 


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पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट कांग्रेस में शामिल, पार्टी अध्यक्ष खरगे भी रहे मौजूद

नई दिल्लीः ओलंपियन पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में दोनों पहलवान कांग्रेस में शामिल हुए। इस मौके पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी नेता पवन खेड़ा, हरियाणा कांग्रेस प्रमुख उदय भान और हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया भी मौजूद रहे। 



सूत्रों के अनुसार, बजरंग पुनिया को कांग्रेस के स्टार प्रचारक के अलावा कांग्रेस संगठन में उचित पद दिया जाएगा। लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा। 



 



 


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सड़क हादसे में 4 सैनिकों की मौत, पेडोंग से जुलुक जाते समय सिल्क रूट पर हुआ हादसा

पश्चिम बंगाल के पाकयोंग जिले में सेना का एक वाहन सड़क हादसे का शिकार हो गया। इस हादसे में चार जवानों की मौत हो गई। सेना का वाहन सिल्क रूट के जरिए पेडोंग से जुलुक जा रहा था। इसी दौरान यह हादसा हुआ। इस हादसे में जान गंवाने वाले सैनिकों में मध्य प्रदेश के ड्राइवर प्रदीप पटेल, मणिपुर के शिल्पकार डब्ल्यू पीटर, हरियाणा के नायक गुरसेव सिंह और तमिलनाडु के सूबेदार के थंगापंडी शामिल हैं। 



भारतीय सेना के एक अधिकारी ने हादसे की जानकारी देते हुए बताया कि ड्राइवर समेत सभी मृतक सैन्यकर्मी पश्चिम बंगाल के बिनागुरी की एक यूनिट के थे। 



 


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रिटायरमेंट के बाद शिखर धवन ने शुरू किया ये नया काम, अब लोगों को इस तरह बनाएंगे हेल्दी

भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार ओपनिंग बल्लेबाज शिखर धवन ने पिछले महीने इंटरनेशनल और घरेलू क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया था। इससे ये भी साफ हो गया था कि वह अब इंडियन प्रीमियर लीग में भी खेलते हुए नहीं दिखाई देंगे। धवन के रिटायरमेंट के बाद उनके उनके जीवन में फिटने एक खास अहम पहलू अभी भी  है। धवन ने अपने पूरे करियर के दौरान फिटनेस पर काफी ध्यान दिया है जिसके चलते वह लंबे समय तक टीम इंडिया का हिस्सा भी रहे हैं। वहीं अब संन्यास के लिए बाद भी वह अपनी फिटनेस पर पूरा ध्यान दे रहे हैं, जिसमें उन्होंने वर्ल्ड न्यूट्रिशन वीक पर इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें धवन ने घर के खाने के महत्व के बारे में बताया है।



गब्बर का खाना, घर का खाना





शिखर धवन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर जो पोस्ट शेयर किया है, उसमें वह खाना खाते दिखाई दे रहे हैं जिसमें उनके खाने में राजमा चावल, उबले अंडे और सलाद शामिल है। धवन ने इस फोटो के साथ एक कैप्शन भी पोस्ट में शेयर किया है जिसमें उन्होंने लिखा कि 'देसी मुंडा ते देसी खाना।' इस पोस्ट के जरिए शिखर धवन ने अपनी बेहतरीन फिटनेस का राज सभी फैंस से साझा किया है। जिसमें उन्होंने ये भी संदेश फैंस को दिया है कि घर का बना खाना पौष्टिक और सेहतमंद होता है। धवन ने अपने पोस्ट के जरिए सभी फॉलोअर्स को उनके खाने के विकल्पों के बारे में भी विचार करने का आग्रह किया है। कड़ी ट्रेनिंग के साथ सही भोजन का भी काफी महत्व होता है। इसमें घर के बने भोजन को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के महत्व के बारे में भी बताया है।







शानदार रहा है धवन का इंटरनेशनल करियर





इंटरनेशनल क्रिकेट में शिखर धवन को गब्बर के नाम से भी पहचाना जाता है, जिन्होंने लंबे समय तक भारतीय टीम के लिए ओपनिंग में अहम जिम्मेदारी को निभाया है। शिखर धवन साल 2013 में जब भारतीय टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी को अपने नाम किया था तो उस समय उन्होंने बतौर ओपनर काफी अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा आईसीसी टूर्नामेंट में भी उनका बल्ला जमकर बोलता हुआ दिखाई दिया है। धवन के नाम वनडे में जहां 17 शतकीय पारियां दर्ज हैं तो वहीं टेस्ट में उन्होंने 7 शतक लगाए हैं। अब रिटायरमेंट के बाद शिखर धवन लीजेंड्स लीग क्रिकेट में गुजरात की टीम से खेलते हुए दिखाई देंगे जिसकी शुरुआत 20 सितंबर से होगी।



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क्या हरियाणा में कांग्रेस और AAP के बीच होगा गठबंधन, जानें आप सांसद संजय सिंह ने क्या कहा?

हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव आयोग ने बिश्नोई समुदाय के सदियों पुराने त्योहार को ध्यान में रखते हुए शनिवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख को 1 अक्तूबर से बढ़ाकर 5 अक्तूबर कर दी। आयोग ने कहा था कि जम्मू कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों की मतगणना अब 4 अक्तूबर के बजाय 8 अक्तूबर को होगी। बता दें कि हरियाणा की 90 सीटों पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। भाजपा हो या कांग्रेस या आम आदमी पार्टी सभी हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं। इस बीच कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच क्या हरियाणा में गठबंधन होगा, अब ये देखने वाली बात होगी। 


राहुल गांधी पर संजय सिंह ने क्या कहा?




इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं उनके इस कथन का स्वागत करता हूं। निश्चित रूप से भाजपा को हराना हम सबकी प्राथमिकता है। उनकी नफरत की राजनीति, उनकी जन विरोधी, किसान विरोधी, नौजवानों के खिलाफ भाजपा की नीति और महंगाई के खिलाफ हमारा मोर्चा है। निश्चित रूप से उनको हराना हमारी प्राथमिकता है। लेकिन इसके बारे में अधिकारिक तौर पर हमारे हरियाणा के प्रभारी और प्रदेश अध्य7 आगे की बातचीत के आधार पर इसकी सूचना अरविंद केजरीवाल को देंगे और फिर इस पर कुछ बात आगे की जाएगी।"


क्या कांग्रेस और AAP का होगा गठबंधन?




क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन हरियाणा और दिल्ली दोनों जगहों पर होगा? इस सवाल के जवाब में संजय सिंह ने कहा कि ये हरियाणा चुनाव से संबंधित बात है। ये लोकसभा चुनाव से संबंधित नहीं है। किसी दूसरे राज्य की बात भी नहीं है। इसलिए हरपार्टी का संगठन जिस तरह काम करता है, उसी तरह हमारी हरियाणा का संगठन इस पर बातचीत करेगा और अरविंद केजरीवाल के साथ बात कर इसपर फैसला लेगा। बता दें कि हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। 


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'धोनी खिलाड़ियों से बात नहीं करते', हरभजन सिंह ने रोहित शर्मा के साथ कप्तानी की तुलना कर किए कई खुलासे

भारतीय क्रिकेट टीम ने तीन कप्तानों के अंडर वर्ल्ड कप का खिताब जीता है। जिसमें कपिल देव के अलावा एमएस धोनी और रोहित शर्मा का नाम भी शामिल है। एमएस धोनी और रोहित शर्मा की कप्तानी को लेकर सोशल मीडिया से लेकर क्रिकेट फैंस के बीच कई बातें की जाती है। इसी बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह का मानना है कि एमएस धोनी और रोहित शर्मा दोनों ही अलग-अलग तरीके के कप्तान हैं, जिनकी अपनी खासियतें हैं। उन्होंने बताया कि एमएस धोनी खिलाड़ियों को उनकी गलतियों से सीखने का मौका देते हैं, जबकि रोहित शर्मा खिलाड़ियों से संवाद करते हैं और उन्हें भरोसा दिलाते हैं।



धोनी की कप्तानी का अंदाज 





हरभजन ने एमएस धोनी और रोहित शर्मा को लेकर अपनी राय "फाइंड अ वे विद तरुवर कोहली" पॉडकास्ट में साझा किया है। जहां हरभजन ने आईपीएल के एक वाकये को याद किया जब वे चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के लिए खेल रहे थे। उन्होंने बताया कि एक मैच के दौरान, जब केन विलियमसन ने शार्दुल ठाकुर की लगातार दो गेंदों पर बाउंड्री लगाई, तो उन्होंने धोनी को सलाह दी कि शार्दुल को अलग लेंथ पर गेंदबाजी करने के लिए कहें। धोनी ने जवाब दिया कि पाजी, अगर मैं उसे अभी बता दूंगा, तो वह कभी नहीं सीखेगा। उसे खुद से सीखने दो। धोनी का मानना था कि खिलाड़ी अपनी गलतियों से जल्दी सीखते हैं।



रोहित शर्मा की कप्तानी धोनी से अलग 



रोहित शर्मा के बारे में हरभजन ने कहा कि वे बहुत अलग हैं। रोहित हर खिलाड़ी से व्यक्तिगत रूप से बात करते हैं और उन्हें भरोसा दिलाते हैं कि वे अपने काम को बखूबी कर सकते हैं। रोहित के लिए एक बेहतर कप्तान बनने का सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी शुरू की। हरभजन का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट में कप्तान को अधिक सोच-समझकर रणनीतियां बनानी पड़ती हैं और यही बात रोहित की कप्तानी में सुधार का कारण बनी। पॉडकास्ट में राजस्थान रॉयल्स के पूर्व खिलाड़ी तरुवर कोहली ने रोहित शर्मा की कप्तानी की तुलना शेन वॉर्न से की। उन्होंने कहा कि जैसे शेन वॉर्न हर खिलाड़ी के पास जाकर उनकी भूमिका के बारे में बताते थे, उसी तरह रोहित शर्मा भी टीम के खिलाड़ियों से बात करते हैं और उन्हें प्रेरित करते हैं।



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School Closed: कल यहां बंद रहेंगे सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल, जानें क्या है वजह

School Closed: देश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश ने कोहराम मचा रखा है। कई जगहों पर हो रही लगातार बारिश से आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त सा हो गया है। कुछ ऐसी ही हालत अभी हैदराबाद की भी है। हैदराबाद में भी भीषणम बारिश हो रही है। इस बीच हैदराबाद के सभी स्कूलों को कल के लिए बंद करने का आदेश जारी किया गया है। इस संबंध में जानकारी हैदराबाद के कलेक्टर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपने @Collector_HYD हैंडल से दी। 



उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, "हैदराबाद जिले में भारी बारिश के पूर्वानुमान के कारण, बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती उपाय के रूप में, सभी प्रबंधन (सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी) के तहत सभी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में सोमवार, 02-09-2024 को अवकाश घोषित किया जाता है।"







बता दें कि हैदराबाद सहित तेलंगाना के कई हिस्सों में रविवार को भी भारी बारिश का दौर जारी रहा। इसको लेकर राज्य के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने मंत्रियों, अधिकारियों और निर्वाचित सदस्यों के साथ इमरजेंसी समीक्षा भी की। लगातार हो रही बारिश की वजह से राज्य के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है और गांवों के बीच सड़क का संपर्क भी बाधित हो गया है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने जिला कलेक्टरों को जान-माल की हानि रोकने के लिए उपाय लागू करने का निर्देश दिया है।



रेड अलर्ट जारी





जानकारी दे दें कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार यानी 1 सितंबर को तेलंगाना के सभी जिलों के लिए रेड, ऑरेंज और येलो(Yellow) अलर्ट जारी किया है।



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