अयोध्या में बाबर का क्या काम- मौलाना रशीदी पर महंत राजू का वार, पलटवार में इस्लामिक स्कॉलर ने मुसलमान राजाओं के गिनाए काम
मंदिर मस्जिद विवाद के बीच महंत राजू दास ने कहा कि अगर हम ये कहें कि मक्का में मंदिर बनाने की अनुमति दी जाए तो क्या ये संभव है। उनका कहना था कि ऐसे ही अयोध्या में बाबर का क्या काम। राम मंदिर बन रहा है और देश के लोगों को बहुत ज्यादा खुशी हो रही है कि राम मंदिर बन रहा है।
आजतक पर डिबेट के दौरान हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने ज्ञानवापी के मसले पर कहा है कि मौलाना रशीदी की संविधान में आस्था नहीं है। उनका कहना था कि हिंदू एकमत हैं कि उन्हें अयोध्या के साथ काशी और मथुरा में भी उनका हक मिलना चाहिए। भारत एक हिंदू राष्ट्र है। यहां पर मंदिरों का बनाया जाना कोई ऐसा कदम नहीं है जो हैरत भरा हो। हां मक्का मदीना में हम ऐसी मांग करें तो ये गलत लगेगा। ऐसे ही मुस्लिमों को भारत में मस्जिदों की मांग नहीं करनी चाहिए।
दरअसल वो एंकर श्वेता सिंह के उस सवाल पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिसमें उन्होंने पूछा था कि क्या अयोध्या का फैसला कंप्रोमाईज था। इसमें कुछ ऐसा था कि अयोध्या ले लो लेकिन बाकी काशी और मथुरा के बारे में कोई बात नहीं की जाएगी।
मुस्लिम स्कॉलर मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि अयोध्या के मंदिर को मुसलमान राजाओं और नवाबों ने जगह दी थी। उनका कहना था कि महंत राजू दास को हकीकत पता नहीं है। ये केवल भावनाएं भड़काने का काम करने में जुटे हैं।
ध्यान रहे कि सर्वे का वीडियो सामने आया तो हिंदू पक्ष और मजबूती से ज्ञानवापी के मंदिर होने का दावा करने लगा। ज्ञानवापी के भीतर की नई तस्वीरों के साथ नए सबूतों का दम भी भरा जाने लगा। AIMIM दिल्ली के चीफ कलीमुल हफीज ने कहा कि जब ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे चल रहा था तो कई चीजें जानबूझकर लीक की गईं। उनका कहना था कि 1991 के एक्ट को सभी पक्षों को मानना चाहिए।
उनका कहना था कि अभी मामला कोर्ट में विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट में हमारी बात सुनी गई। हमें पूरी उम्मीद है कि बनारस की कोर्ट भी हमारी बात सुनेगी। कुछ लोग मामले से जुड़ी रिपोर्ट लीक करके देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग पीएम मोदी और जेपी नड्डा की भी नहीं सुन रहे। इनका केवल एक मकसद है मुस्लिमों को भड़काना।
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