जामा मस्जिद के नीचे हिंदू देवी-देवताओं की मूर्ति, स्‍वामी चक्रपाणि की इमाम से मांग- खुदाई करने की अनुमति दें

May 18, 2022 0 Comments

ज्ञानवापी, कुतुबमीनार, ताजमहल और दीपू सुल्तान के जमाने की मस्जिद के बाद हिंदू संगठनों के निशाने पर अब दिल्ली की जामा मस्जिद आ गई है। हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि का दावा है कि जामा मस्जिद के नीचे हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां हैं। उनका कहना है कि शाही इमाम से हमारी मांग है कि जामा मस्जिद की खुदाई कराने की अनुमति दें। इससे जो भी सच है वो सभी लोगों के सामने आ जाएगा।

वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान वजूखाने में शिवलिंग मिलने पर उनका कहना है कि इससे ये बात 100 फीसदी पुख्ता हो गई कि वहां हिंदू मंदिर था। कोर्ट ने भी इसे मानकर आदेश दिया है कि जिस स्थान पर शिवलिंग मिला है, उसे सील कर दिया जाए। वहां किसी को न जाने दिया जाए।

हालांकि ये पहली बार नहीं है जब स्वामी चक्रपाणि ने कोई विवादित बयान दिया है। उनकी मांग थी कि दिल्ली का नाम बदलकर इंद्रप्रस्थ रखा जाना चाहिए, क्योंकि नाम का बहुत महत्व होता है। स्वामी चक्रपाणि का दावा है कि अगर दिल्ली का नाम बदलकर इंद्रप्रस्थ किया जाएगा तो दिल्ली में बारिश भी होगी और खुशहाली भी आएगी। जब देश का दिल यानी की राजधानी खुशहाल रहेगी तो पूरा देश ही खुशहाल होगा।

चक्रपाणि के मुताबिक तोमर वंश के राजा के महल का पाइप ढीला था। उन्होंने इसका नाम ढीली रख दिया था, जो बाद में दिल्ली हो गया था। उन्होंने कहा था कि राजधानी का नाम बदलना चाहिए। इसके लिए हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे और मामले को केंद्र सरकार के सामने रखेंगे। चक्रपाणि इससे पहले ये दावा भी कर चुके हैं कि डॉन दाऊद इब्राहिम उन्हें मरवाना चाहता है, क्योंकि वो हिंदुओं के हित की बात करते हैं।

अंग्रेजों ने कब्जा किया तो पूरा देश खड़ा हो गया

जामा मस्जिद का असली नाम मस्जिद-ए-जहांनुमा है। पाकिस्तान के लाहौर की बादशाही मस्जिद दिल्ली की जामा मस्जिद से मिलती जुलती है। बादशाही मस्जिद के वास्तुशिल्प का काम शाहजहां के बेटे औरंगजेब ने किया था। दिल्ली की जामा मस्जिद का निर्माण शाहजहां के वजीर सदाउल्लाह खान की देखरेख में हुआ था। इसको पांच हजार से ज्याद मजदूरों ने बनाया था। इस पर लगभघ 10 लाख रुपये का खर्च आया था।

इसमें प्रवेश के लिए तीन बड़े दरवाजे हैं। मस्जिद में दो मीनारें हैं जिनकी ऊंचाई 40 मीटर है। यहां एक साथ 25000 लोग बैठ कर नमाज पढ़ सकते हैं। मस्जिद के निर्माण का काम वर्ष 1650 में शुरू हुआ था और यह 1656 में बनकर तैयार हुई थी। ये मस्जिद एकता की मिसाल के रूप में भी उभरी। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में जीत हासिल करने के बाद अंग्रेजों ने जामा मस्जिद पर कब्जा कर लिया था। अंग्रेज मस्जिद तोड़ना चाहते थे। लेकिन लोगों के विरोध के सामने उनको झुकना पड़ा।

https://ift.tt/ZIgaDqM

Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

0 Comments: