India WPI Inflation In April: महंगाई ने तोड़ा पिछले एक दशक का रिकॉर्ड, खाने-पीने की चीजें 4.5 से 24 फीसदी तक महंगी
देश में महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है और हर दिन नए रिकॉर्ड कायम कर रही है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी अप्रैल माह में थोक मुद्रास्फीति 15.08 की दर पहुंच गई है, जो लगभग एक दशक का उच्चतम स्तर है।
आंकड़ों के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक (WPI) मार्च में 14.55 के स्तर पर थी जबकि फरवरी में यह 13.11 फीसदी थी। वहीं, पिछले साल अप्रैल में यह 10.74 फीसदी थी। यह लगातार 13 वां महीना है जब थोक महंगाई दोहरे अंक में रही है।
सरकार की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि अप्रैल में महंगाई की उच्च दर मिनरल ऑयल, जिंसों, क्रूड पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, खाद्य पदार्थों, गैर- खाद्य पदार्थों, खाने-पीने की चीजों और केमिकल उत्पादों की कीमत में बढ़ने के कारण रही हैं।
खाने- पीने की चीजों पर बढ़ी महंगाई: जारी आकड़ों के अनुसार, अप्रैल माह में खाने- पीने की चीजों पर महंगाई की दर 8.35 फीसदी रही जो मार्च में 8.06 फीसदी थी। खाद्य पदार्थों में महंगाई की बड़ी वजह सब्जियों की कीमत में इजाफा होना है।
अप्रैल माह में सब्जियों में महंगाई की दर 23.24 फीसदी रही जो मार्च में 19.88 फीसदी थी। आलू के दामों में 19.84 फीसदी का इजाफा हुआ जबकि प्याज के दाम 4.02 फीसदी तक गिर गए हैं। इसके साथ फलों के दामों में भी 10.89 फीसदी का इजाफा हुआ है जो मार्च में 10.62 फीसदी रही। वहीं, गेहूं के कीमत में 10.70 फीसदी का उछाल देखा गया जो पिछले महीने करीब 14.04 फीसदी था। अंडे, मीट और मछली के दामों में 4.50 फीसदी का इजाफा हुआ है जो मार्च में 9.42 फीसदी था।
तेल-गैस की कीमत बढ़ी: फ्यूल और पावर सेक्टर के दामों में 38.66 फीसदी का इजाफा हुआ है जो मार्च में 34.52 फीसदी था। हाई स्पीड डीजल के दाम में अप्रैल में 66.14 फीसदी का इजाफा हुआ है जबकि इस दौरान एलपीजी के दाम में 38.48 फीसदी का इजाफा हुआ है।
इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की कीमत में 10.85 फीसदी का इजाफा हुआ है जो मार्च में 10.71 फीसदी थी।
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