त्रिपुराः कभी नेपाल और श्रीलंका में भी बीजेपी सरकार बनाने की ख्वाहिश रखते दिख रहे थे बिप्लब, जानें उनके वो बयान जिनसे मची थी हलचल

May 15, 2022 0 Comments

बिप्लब कुमार देब ने शनिवार को त्रिपुरा के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। बताया जा रहा है कि त्रिपुरा भाजपा के कई विधायक उनसे नाराज थे और उन्होंने इसकी शिकायत आलाकमान से की थी। वहीं शुक्रवार को बिप्लब देब ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी। इस मुलाकात के बाद उन्होंने 14 मई को त्रिपुरा के राज्यपाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया। उनकी जगह बीजेपी ने अब माण‍िक साहा जो क‍ि त्र‍िपुरा बीजेपी अध्‍यक्ष भी हैं, उन्हें सीएम के लिए चुना है।

गौरतलब है कि बिप्लब देब उन नेताओं में से हैं जिनके बयानों की भी खूब चर्चा रही है। दरअसल अपने अजीबोगरीब बयानों के चलते बिप्लब देब सुर्खियों में भी खूब रहे हैं। जुलाई 2020 में उन्होंने पंजाब के लोगों को लेकर कुछ ऐसा बयान दिया था जिससे हलचल मच गई थी।

पंजाबियों पर बयान: उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर हम पंजाब के लोगों की बात करें तो हमारा कहना होता है कि वो सरदार होते हैं और सरदार किसी से नहीं डरता। बिप्लब देब ने कहा कि सरदार बहुत मजबूत तो होते हैं लेकिन उनके पास दिमाग कम होता है। उन्हें ताकत की जगह प्यार से जीता जा सकता है।

नेपाल और श्रीलंका पर बयान: इसके अलावा उनका नेपाल और श्रीलंका को लेकर दिया गया बयान भी काफी चर्चा में रहा। दरअसल राज्यों में भाजपा के बेहतर प्रदर्शन से उत्साहित होकर बिप्लव देव ने एक कार्यक्रम में अमित शाह के हवाले से कहा था कि भाजपा भारत में ही नहीं बल्कि श्रीलंका और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में भी अपने विस्तार की योजना बना रही है।

सिविल सेवा को लेकर दिया बयान: विवादित बयान देने में माहिर बिप्लब देब ने कहा था कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने वाले छात्रों का चयन सिविल सेवाओं में नहीं होना चाहिए। सिविल इंजीनियरों के पास समाज के निर्माण का ज्ञान होता है। ऐसे में उन्हें ही सिविल सेवाओं में मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा था कि जो लोग प्रशासन में हैं उन्हें समाज का निर्माण करना है।

बेरोजगार युवा पान की दुकान खोलें: साल 2018 में ही 29 अप्रैल को बेरोजगारी को लेकर बिप्लब देब ने कहा था कि बेरोजगार युवाओं को नौकरी पाने के लिए दौड़ लगाने की जगह पान की दुकान खोलनी चाहिए। उन्होंने सलाह दी थी कि सरकारी नौकरी पाने के लिए राजनीतिक दलों के पीछे जाने की जगह युवा पान की दुकान लगाते तो खाते में अबतक पांच लाख रुपये जमा हो जाते।

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Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

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