कोर बायोमेट्रिक जानकारी किसी के भी साथ नहीं होगी शेयर, Aadhar Card को लेकर UIDAI ने कोर्ट से कही बड़ी बात https://ift.tt/veiB9lI

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को जानकारी दी कि आधार अधिनियम के तहत प्राधिकरण द्वारा जमा किए गए बायोमेट्रिक जानकारी किसी भी कारण से किसी के साथ शेयर नहीं करेगी। UIDAI ने कहा कि वह फोरेंसिक उद्देश्यों के लिए उपयुक्त तकनीक, स्टैंड या प्रक्रिया के आधार पर बायोमेट्रिक जानकारी एकत्र नहीं करता है। आधार बनाने वाली संस्‍था की ओर से कोर्ट में हलफनामा पेश किया गया है।

यूआईडीएआई ने उच्च न्यायालय में दायर किए गए हलफनामें में कहा कि आधार अधिनियम की धारा 2 (J) में मूल बायोमेट्रिक जानकारी के बारे में पूरी जानकारी दी गई है और कहा गया है कि फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन या किसी व्यक्ति अन्‍य जानकारी, जिसका इस्‍तेमाल गलत चीजों के लिए किया जा सकता है। इस कारण ऐसे कोर बायोमेट्रिक्स शेयर करना या उपयोग करना पूरी तरीके से बैन है।

दरअसल कोर्ट में यूआईडीएआई द्वारा हलफनामा पेश करने की वजह 2018 के डकैती और हत्या के मामले में अदालत के सवाल के जवाब के रूप में आया है, जिसमें आधार डेटाबेस से मिलान करने के लिए साइट पर एकत्र किए गए कुछ बायोमेट्रिक डेटा की मांग की गई थी।

आधार जारी करने वाली संस्‍था यूआईडीएआई ने कहा कि बायोमेट्रिक जानकारी एक व्यक्ति के लिए अद्वितीय है और इसलिए ये संवेदनशील जानकारी है। इस कारण दुरुपयोग की किसी भी संभावना को विफल करने के लिए इसे संरक्षित करने की आवश्यकता है।

जानकारी का उपयोग करना या शेयर करना नहीं उद्देश्‍य
संस्‍था ने कहा कि बायोमेट्रिक जानकारी साझा करना या बायोमेट्रिक जानकारी का उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं है। आधार अधिनियम के तहत आधार संख्या और प्रमाणीकरण की अनुमति नहीं है। इसके अलावा, कोई भी आधार डेटा किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा किसी व्यक्ति या संस्था के साथ उस विशेष उद्देश्य के लिए निवासी की सहमति के बिना साझा नहीं किया जा सकता है।

बिना आधार के जानकारी लेना संभव नहीं
यूआईडीएआई अधिनियम के दायरे के तहत कहा गया है कि आधार तकनीक केवल बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण की अनुमति देती है, जिसके लिए किसी व्यक्ति का आधार नंबर होना आवश्यक है। यूडीआईएआई ने कहा इस कारण हाथ की अंगुलियों के निशान और फोटो जैसी जानकारी लेना बिना आधार संख्‍या या जनसांख्यिकीय विवरण के, दायरे से परे है और तकनीकी रूप से संभव भी नहीं है।



Amol Kote

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