चुनावों से पहले, हिमाचल से लेकर राजस्थान-MP तक… राजनीतिक दल कर रहे परशुराम की ‘जय-जय’ https://ift.tt/veiB9lI
भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाने वाले परशुराम की जयंती पर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार (3 मई) को भोपाल में परशुराम प्रतिमा का अनावरण किया। साथ ही सीएम शिवराज ने ऐलान किया कि स्कूलों भगवान परशुराम का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। उसी दिन, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांगड़ा में भगवान श्री परशुराम संस्कृत भवन की आधारशिला रखी।
हालिया समय में राजनीतिक दलों के बीच भगवान परशुराम चर्चा का केंद्र रहे हैं। राजनीतिक दलों द्वारा ‘ब्राह्मणों के आइकॉन’ परशुराम की जयंती पर तरह-तरह के ऐलान को इस वर्ग को लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। साल 2020 में जब 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार जोर पकड़ रहा था, उस वक्त समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी दोनों ने सत्ता में आने पर परशुराम की भव्य प्रतिमाएं लगाने का वादा किया था।
चुनावों से पहले एक विजय रथ यात्रा के दौरान, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के एक नेता द्वारा बनाए गए परशुराम मंदिर में प्रार्थना की थी और सोशल मीडिया पर पशुराम का फरसा हाथ में पकड़े हुए तस्वीरें भी शेयर की थीं। यह राम मंदिर मुद्दे पर भाजपा का मुकाबला करने और पार्टी के खिलाफ ब्राह्मणों की ‘नाराजगी’ को भुनाने की एक कोशिश थी, जिसके बारे में माना जा रहा था कि समुदाय को ठाकुर मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ द्वारा दरकिनार किया गया था।
वहीं, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में होने वाले आगामी चुनावों के बीच, सभी राजनीतिक दल भगवान परशुराम का ‘इस्तेमाल’ ब्राह्मण मतदाताओं के बीच पकड़ मजबूत करने के लिए करते दिखाई दे रहे हैं। हिमाचल में 90 फीसदी आबादी हिंदू है, जिनमें से 50 फीसदी सवर्ण हैं। राजस्थान में भी अगले साल चुनाव होने हैं और यहां भी परशुराम जयंती को लेकर राजनीतिक दल खासे सक्रिय दिखाई दिए हैं। जोधपुर में परशुराम जयंती से पहले एक सामाजिक संगठन द्वारा रैली निकाली गई थी, जिसमें बसपा, कांग्रेस और भाजपा के नेता शामिल हुए थे।
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