चीनी खतरे को देख सेना ने 6 डिवीजनों को पाकिस्तानी मोर्चे से हटाया, लद्दाख से नार्थ ईस्ट रीजन तक हुआ फेरबदल
थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने पूर्वी लद्दाख में कुछ दुर्गम स्थानों का दौरा किया। चीन के साथ सीमा विवाद के बीच तीन दिवसीय लद्दाख दौरे के दौरान जनरल मनोज पांडे भारत की सैन्य तैयारियों की समीक्षा की। चीनी खतरे के मद्देनजर भारतीय सेना ने 6 डिवीजनों को पाकिस्तानी मोर्चे से हटा दिया है, ये सभी डिवीजन पहले आतंकवाद विरोधी भूमिकाओं में तैनात थीं।
चीन के साथ भारत का सीमा विवाद पिछले दो साल से ज्यादा समय से चल रहा है, जब चीनी सेना ने भारतीय चौकियों के आसपास बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात कर दिया था। जिसके बाद अब भारतीय सेना अपनी फोर्स का पुनर्गठन कर रही है। ऐसे में जो डिवीजन पहले उत्तरी सीमाओं पर पाकिस्तान से आने वाली चुनौतियों और खतरों का सामना करने के लिए लगाए गए थे। उन्हें अब पाकिस्तानी मोर्चे से हटाकर चीन की तरफ तैनात किया गया है।
सरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया कि पिछले दो सालों में इस रीबैलेंस के बाद, दो डिवीजन (लगभग 35,000 सैनिक) अब चीन सीमा पर तैनात हैं। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय राइफल्स से एक डिवीजन को जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद विरोधी भूमिकाओं से हटा दिया गया और अब इसे पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात किया गया है, जहां पहले से ही 3 डिवीजन तैनात हैं।
असम की डिवीजन को पूर्वोत्तर चीन की सीमा का जिम्मा: तेजपुर बेस्ड गजराज कोर के तहत आने वाली असम की एक डिवीजन को राज्य में उग्रवाद विरोधी भूमिका से हटा दिया गया है। अब इसका काम पूर्वोत्तर में चीन की सीमा की देखभाल करना है। सूत्रों के मुताबिक 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स जो पहले लद्दाख सेक्टर में काम करती थीं, अब केवल पूर्वोत्तर तक ही सीमित हैं और उन्हें झारखंड से बाहर एक और डिवीजन दिया गया है। डिवीजन को पहले पश्चिमी मोर्चे के संचालन का जिम्मा सौंपा गया था।
उत्तर प्रदेश की दो सेना डिवीजनों को भी अब लद्दाख थिएटर के लिए उत्तरी कमान को सौंपा गया है। ये दोनों फॉर्मेशन को पहले युद्ध की स्थिति में पश्चिमी मोर्चे पर लड़ने का काम सौंपा गया था। इसी तरह, उत्तराखंड स्थित एक स्ट्राइक कोर के डिवीजन को पूरे सेंट्रल सेक्टर की देखभाल के लिए सेंट्रल कमांड को फिर से सौंपा गया है, जहां चीनी सेना कई मौकों पर उल्लंघन का प्रयास कर चुकी है।
पाकिस्तान की सीमा से हटाकर चीन बॉर्डर पर तैनाती: सूत्रों के मुताबिक रीबैलेंस के परिणामस्वरूप चीन की सीमा पर भारतीय सेना के चार स्ट्राइक कोर में से दो तैनात किए गए हैं, जबकि अप्रैल-मई, 2022 से पहले उनमें से तीन पाकिस्तान की सीमा पर तैनात थे। सूत्रों ने बताया कि भारत के इस तरह एलएसी पर भारी मात्रा में सैनिकों की तैनाती से चीनी सेना को संदेश भी पहुंचा है कि एलएसी पर घुसपैठ करने का कोई भी प्रयास संभव नहीं होगा। भारतीय सीमा पर भारी संख्या में चीनी सेना के तैनात होने के बाद भारत ने भी उसी तरह से सैनिकों की तैनाती की और लगभग 50,000 सैनिकों को वहां भेजा।
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