Taj Mahal Vs Tejo Mahaylay: कोर्ट के ऑर्डर से पहले ASI ने ताज महल के अंडर ग्राउंड सेल तस्वीरें कीं शेयर, देखें
ताजमहल के 22 कमरों को खुलवाने की याचिका रद्द होने के छह दिनों बाद ASI (आर्कियोलॉजिकल ऑफ इंडिया) ने कुछ फोटो जारी किए हैं। इनमें कमरों के भीतरी हिस्से के साथ बाहर के दृश्य को भी दर्शाया गया है। ASI का कहना है कि दिसंबर 2021 और फरवरी 2022 के बीच इन कमरों के संरक्षण का काम किया गया था। ये फोटो संरक्षण को लेकर हुए काम से पहले और बाद के हैं। उनका दावा है कि उन्हें कभी भी इन कमरों में ऐसा कुछ नहीं दिखा, जो किसी मंदिर में होता है।
ताज के 22 कमरों को खोले जाने की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ ने बेंच तीखी टिप्पणी कर उसे खारिज कर दिया। हाईकोर्ट में ये याचिका बीजेपी की अयोध्या यूनिट के मीडिया इचार्ज रजनीश सिंह की तरफ से दायर की गई थी। अदालत ने ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि आप दरवाजे खोलने के लिए आदेश की मांग करके कोर्ट का समय बर्बाद कर रहे हैं।
इस याचिका में मांग की गई थी कि सालों से बंद पड़े ताजमहल के 22 कमरों को खुलवाया जाए और ASI से उसकी जांच कराई जाए। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि याचिकाकर्ता अपनी याचिका तक ही सीमित रहें। कोर्ट ने कहा कि आप आज ताजमहल के कमरे देखने की मांग कर रहे हैं। कल को आप कहेंगे कि हमें जज के चेंबर में को भी देखने जाना है।
उधर, ASI का कहना है कि उन्हें ताज के भीतर मौजूद कमरों की दीवारों पर कोई धार्मिक चिन्ह नहीं दिखा। ये हुमायूं और सफदरजंग के मकबरे जैसे ही हैं। 22 कमरों की दीवारें खाली हैं। उनका कहना है कि पहली बार ताज का जिक्र बादशाहनामा में हुआ। ये शाहजहां के समय का आधिकारिक विवरण है। जो नक्काशी यहां है वो ताजमहल के बनने से 50 साल पहले नहीं बनाई जा सकती थी।
ASI के आगरा सर्किल के एक अफसर का कहना है कि वो जब भी संरक्षण का काम करते हैं फोटो जरूर ली जाती हैं। इन्हें दिल्ली स्थित मुख्यालय को भेजा जाता है। कुछ फोटो न्यूजलैटर में भी रखी जाती हैं। उनका कहना है कि केवल ताजमहल के मामले में ही ये नियम नहीं है बल्कि जामा मस्जिद, आगरा फोर्ट और इत्माद-उद-दौला को लेकर भी ये पॉलिसी बनाई गई है।
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