Presidential Election 2022: बापू के पोते ने भी विपक्ष का उम्मीदवार बनने से कर दिया इनकार, जानें क्या दिया कारण

June 21, 2022 0 Comments

महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी ने विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया है। उन्होंने सोमवार (20 जून 2022) को बयान जारी कर कहा कि वह संयुक्त विपक्ष की ओर से अपने नाम की पेशकश किए जाने को लेकर आभारी हैं। गोपाल कृष्ण ने कहा कि मैं विपक्ष से गुजारिश करूंगा कि वह किसी और नाम पर विचार करे, जो मुझसे कहीं बेहतर राष्ट्रपति साबित हो सकता हो।

महात्मा गांधी के पोते ने कहा, ‘‘विपक्षी दलों के कई नेताओं ने राष्ट्रपति पद के आगामी चुनावों में विपक्ष का उम्मीदवार बनने के लिए उनके नाम पर विचार किया जो उनके लिए सम्मान की बात है। मैं उनका अत्यंत आभारी हूं। लेकिन इस मामले पर गहराई से विचार करने के बाद मैं देखता हूं कि विपक्ष का उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो विपक्षी एकता के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर आम सहमति पैदा करे।’’

अपने बयान में 77 वर्षीय गोपाल कृष्ण गांधी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि और भी लोग होंगे जो मुझसे कहीं बेहतर काम करेंगे। इसलिए मैंने नेताओं से अनुरोध किया है कि ऐसे व्यक्ति को अवसर देना चाहिए।” इससे पहले एनसीपी नेता शरद पवार और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला भी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं।

विपक्ष के बीच सहमति नहीं: राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर विपक्ष के बीच अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। हाल ही में नेशनल कॉफ्रेंस के प्रमुख फारुख अब्दुल्ला ने विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस लेने की घोषणा की थी। 18 जून को इसका ऐलान करते हुए फारूख अब्दुल्ला ने कहा था, “मैं भारत के राष्ट्रपति के लिए संभावित संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस लेता हूं। मेरा मानना ​​​​है कि जम्मू और कश्मीर एक महत्वपूर्ण मोड़ से गुजर रहा है और इन अनिश्चित समय से बाहर निकालने और लोगों की मदद करने के लिए यहां मेरी जरूरत है।”

शरद पवार ने किया था इनकार: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर 15 जून 2022 को कांस्टीट्यूशन क्लब में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की बुलाई गयी बैठक में संभावित उम्मीदवार को लेकर गहन मंथन हुआ था। इस दौरान ममता बनर्जी ने फारुख अब्दुल्ला और महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी के नाम का प्रस्ताव रखा था। बैठक में सभी दलों ने शरद पवार के नाम का भी सुझाव दिया था लेकिन वहां मौजूद पवार ने खुद ही उम्मीदवारी से मना कर दिया था।

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Amol Kote

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