हमारे कहने पर सुनवाई नहीं, पर कतर बोला तो नूपुर शर्मा पर एक्शन- मोदी को घेर बोले ओवैसी; नकवी ने कहा- सलेक्टिव मानवधिकार की बात करने वालों की आंखें बंद
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र के लातूर में मंगलवार ( 7 जून, 2022) को कहा कि 10 दिन बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने नूपुर शर्मा को सस्पेंड करने की बात कही। जब हम बात कर रहे थे, कोई कार्रवाई नहीं की गई। कतर, सऊदी अरब, बहरीन समेत जब दूसरे देशों में सोशल मीडिया पर नाराजगी सामने आयी तब कार्रवाई की गयी। वहीं केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि जो लोग सलेक्टिव मानवधिकार की बात कर रहे हैं। जहां पर मानवधिकार की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, अल्पसंख्यकों पर खुलेआम कत्लेआम, जुर्म और जुल्म की पराकाष्ठा पर आंख बंद करे हुए हैं।
ओवैसी ने नुपुर और जिंदल को गिरफ्तार करने की मांग की
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित विवादित टिप्पणियां करने को लेकर नूपुर शर्मा एवं नवीन कुमार जिंदल के विरूद्ध मामला दर्ज किया जाए। ओवैसी ने औरंगाबाद के लातूर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इन दोनों नेताओं के बयानों के विरूद्ध दूसरे देशों में नाराजगी व्यक्त किये जाने के बाद ही भाजपा ने प्रवक्ता नूपुर शर्मा को निलंबित किया एवं जिंदल को निष्कासित किया।
ओवैसी कहा, ‘‘ हम नाराज हैं कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने मुसलमानों पर ध्यान नहीं दिया जो इस देश के बाशिंदे हैं, लेकिन जब दूसरे देशों में सोशल मीडिया पर नाराजगी सामने आयी तब कार्रवाई की गयी।’’ ओवैसी ने शर्मा और जिंदल का नाम लिये बगैर कहा कि कथित टिप्पणियों के 10 दिनों बाद भाजपा ने कार्रवाई की। उन्होंने कहा, ‘‘ यदि आप सोचते हैं कि वे ट्वीट और इस्तेमाल की गयी भाषा गलत थी तब यह सरकार की जिम्मेदारी थी कि उनके विरूद्ध मामला दर्ज किया जाए एवं उन्हें गिरफ्तार किया जाए, तब इंसाफ होगा। ’’ नूपुर शर्मा को मिल रही धमकियों पर ओवैसी ने दावा किया कि यह तो भाजपा है जिसने उन्हें जारी निलंबन पत्र में उनका संबोधन प्रकाशित किया। हालांकि एआईएमआईम प्रमुख ने कहा , ‘‘ किसी को कानून नहीं तोड़ना चाहिए।’’
भाजपा के प्रवक्ता नुपुर, जिंदल पर कार्रवाई के मसले पर बोलने से कतराते नजर आये
पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर भाजपा द्वारा हाल में अपने दो प्रवक्ताओं – नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद पार्टी के कई नेता उन मुद्दों पर बोलने से कतराते नजर आए, जिन्हें सांप्रदायिक या धार्मिक रंग देने वाला कहा जा सकता है। हालांकि, कुछ नेता कार्रवाई का सामना करने वाले पदाधिकारियों के समर्थन में भी सामने आए हैं। पार्टी द्वारा कोई निर्देश या दिशानिर्देश जारी नहीं करने का हवाला देते हुए कुछ नेताओं ने कहा कि पार्टी के प्रवक्ता स्वयं ही अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा के निलंबन और पार्टी की दिल्ली मीडिया इकाई के प्रमुख नवीन कुमार जिंदल के निष्कासन पर सीधे टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। इस बीच, पार्टी के अधिकांश नेता शर्मा के खिलाफ कार्रवाई पर चुप्पी साधे रहे।
मशहूर वकील और सांसद महेश जेठमलानी ने कहा कि नूपुर ने उत्तेजना में आकर एक असंवेदनशील बयान दिया। जेठमलानी ने ट्वीट किया, ‘‘नुपुर शर्मा एक ‘फ्रिंज’ (अराजक) राजनेता नहीं हैं। उत्तेजना में आकर उन्होंने एक असंवेदनशील बयान दिया, जिस पर उन्होंने खेद जताया है। वास्तविक अराजक वे हैं जिन्होंने सार्वजनिक मंचों पर उनकी गलती से पैदा हुई आग को भड़काया और मामले की भरपायी तथा विदेशों में भारत की छवि को बहाल करने के भारत सरकार के प्रयासों को नुकसान पहुंचाया।’’ भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीबी कई लोग सोशल मीडिया पर शर्मा के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं और उनके पक्ष में अभियान शुरू किया है।
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