हम खरीद फरोख्त नहीं करते, कोई समर्थन दे तो क्या बुराई, बीजेपी नेता की बात पर पैनलिस्ट ने संविधान संशोधन का मशविरा दे कही ये बात
महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार पर मंडरा रहे संकट के बीच बीजेपी भी काफी एक्टिव हो गई है। इसे लेकर एक टीवी डिबेट में जब एंकर ने सवाल किया तो बीजेपी प्रवक्ता के के शर्मा बोले कि हम खरीद फरोख्त नहीं करते, लेकिन अगर खुद कोई समर्थन दे तो उसमें क्या बुराई है।
उन्होंने कहा कि अगर महाराष्ट्र में ऐसी कोई स्थिति है और हम सबसे बड़े विपक्षी दल हैं, तो हमारा ये दायित्व बनता है। उन्होंने कहा, “वहां की जनता ने हमें जनमत दिया है, तो हम क्या पीछे भाग जाएं। जनता के समर्थन का सम्मान नहीं करेंगे? अगर हमें सेवा करने का मौका मिलता है तो 100 प्रतिशत करेंगे।”
वहीं, 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 13 दिन बाद ही केंद्र में सत्ता छोड़ने और 1999 में दोबारा चुनाव कराने की बात याद कराते हुए एंकर ने कहा कि 25-30 सालों में बीजेपी के चालचरित्र चहेरे में काफी बदलाव आया है। इस पर बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि दोनों घटनाओं और इस घटना में अंतर है। उन्होंने कहा कि माननीय अटल बिहारी वाजपेयी ने भरे सदन में कहा था कि अगर 1 वोट से मेरी सरकार जाती हो तो जाए, लेकिन हम खरीद फरोख्त नहीं करेंगे, आज भी हम कहते हैं कि खरीद फरोख्त नहीं करेंगे, लेकिन अगर हमें समर्थन मिलेगा तो लेंगे।
वहीं, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने विभिन्न राज्यों में पिछले कुछ सालों में हुए तख्तापलट को लेकर बीजेपी पर हमला बोला और एक मशविरा भी दिया। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि संविधान के अंदर दो-तिहाई बहुमत से ये अमेंडमेंट पास कर देना चाहिए कि इस देश के अंदर जो सत्ता पक्ष है उसकी सरकारें ही सारे राज्यों में रहेंगी और वो सबको मान लेना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “कर्नाटक में सरकार बनती है आप गिरा देते हैं, मध्य प्रदेश में सरकार बनती है आप गिरा देते हैं, राजस्थान में सरकार बनती है तो उसको गिराने की कोशिश करते हो, झारखंड की सरकार को गिराने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। महाराष्ट्र सरकार तकरीबन गिर गई है। उत्तराखंड में सरकार थी वो गिराई गई सुप्रीम कोर्ट ने उसको पलटा। अरूणाचल प्रदेश में सरकार थी वो भी गिराई गई। अब ये जो विधायक अचानक इधर-उधर जा रहे हैं क्या सबकी अंतरआत्मा अचानक से जाग जाती है। लोकतंत्र का सबसे बड़ा सवाल यही है।”
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