हर साल हजारों जवान समय से पहले रिटायरमेंट लेते हैं, उनसे किसी ने पूछा कि वो क्या करेंगे- अग्निपथ स्कीम का बचाव कर बोली सेना
अग्निपथ योजना के लेकर देश में बवाल मचा हुआ है। इसे लेकर अब सरकार भी एक्शन मोड़ में दिखाई रही है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह लगातार समीक्षा बैठक कर रहे हैं। वहीं, रविवार को अग्निपथ योजना को लेकर देश के तीनों सेना प्रमुख सामने आए और कहा कि यह योजना सशस्त्रबालों की औसत आयु घटाने के लिए हैं।
प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा सरकार अग्निपथ योजना को लागू करने जा रही है और वह देश के युवाओं के अपील करना चाहते हैं कि आंदोलन को समाप्त करें। अग्निपथ योजना का बचाव में उन्होंने कहा कि सेना के जवानों की औसत आयु घटना में यह योजना मदद करेंगी, जो कारगिल रिव्यु कमेटी की मुख्य ऑब्जरवेशन में से एक था।
आगे उन्होंने कहा कि आज के समय में भारतीय सेना में बड़ी संख्या में जवानों की उम्र 30 साल के आसपास है, इस योजना के जरिए हमारा मकसद युवाओं को अपने साथ जोड़ना है। अग्निपथ योजना के बचाव में उन्होंने कहा कि हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे।
पुरी ने कहा कि सभी अग्निवीरों को सियाचीन और अन्य इलाकों में तैनाती पर वह सभी भत्ते मिलेंगे, जो मौजूदा समय में एक आम सैनिक को मिलते हैं। उनके साथ कोई भी भेदभाव नहीं किया जाएगा। अगर ड्यूटी के दौरान किसी अग्निवीर शहीद हो जाता है, तो उसके परिवार को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।
पुरी ने आगे कहा कि सेना में हिंसा करने और उपद्रव मचाने के लिए कोई जगह नहीं है। सेना में भर्ती होने वाले नौजवान को एक सर्टिफिकेट पेश करना होता है कि वह पहले किसी भी प्रदर्शन और उपद्रव में शामिल नहीं रहा है।
नौसेना के वाइस एडमिरल डी.के. त्रिपाठी ने कहा कि हमने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। 25 जून तक हमारा एडवरटाइजमेंट सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा। एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 21 नवंबर को हमारे पहले अग्निवीर हमारे ट्रेनिंग संस्थान में रिपोर्ट करेंगे।
वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि इस साल 21 नवंबर से पहला नौसैनिक ‘अग्निवीरों’ का बैच को ओडिशा में आईएनएस चिल्का पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। महिला और पुरुष दोनों अग्निवीर इसके लिए पात्र हैं।
वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने यह भी कहा कि भारतीय नौसेना में वर्तमान में 30 महिला अधिकारी हैं जो विभिन्न भारतीय नौसेना के जहाजों पर तैनात हैं। उन्होंने कहा, “हमने तय किया है कि अग्निपथ योजना के तहत हम महिलाओं की भी भर्ती करेंगे। उन्हें युद्धपोतों पर भी तैनात किया जाएगा।”
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