ज्ञानवापी केस: जुनैद हारिस बोले- मैंने 84 में नमाज पढ़ी है, गौरव भाटिया ने तुरंत पूछा- तब फव्‍वारा चल रहा था? मिला ये जवाब

May 20, 2022 0 Comments

ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहा विवाद दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। सभी राजनीतिक दल इसे लेकर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। अब इस्लामिक स्कॉलर जुनैद हारिस ने इसकी हिस्टोरियन और आर्किटेक्ट से रिसर्च की बात कही है। टीवी चैनल आज तक की एक डिबेट में उन्होंने कहा कि जनता ओपिनियन बनाने से ज्यादा जरूरी है कि इतिहासकार और आर्किटेक्ट वहां की जांच करें।

उन्होंने यह भी कहा, “1984 में मैंने वहां नमाज पढ़ी थी।” उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सवाल करते हुए कहा, तब फव्वारा चल रहा था?

आस्था और कानून अलग हो गए और ये सिर्फ सियासत का विषय बनकर रह गया
इस डिबेट में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम भी मौजूद थे उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर अब आस्था और कानून अलग हो गया और सियासत पर चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि जांच पड़ताल जनता के बीच तब आनी चाहिए थी जब कोर्ट इस पूरे मुद्दे पर कोई फैसला ले लेती।

उन्होंने कहा, “पांच महिलाओं ने कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद के निरीक्षण की मांग की और कोर्ट ने सर्वे का ऑर्डर दे दिया। अब जांच पड़ताल पब्लिक डोमेन में तब आनी चाहिए थी जब सर्वे की रिपोर्ट आ जाती और कोर्ट फैसला देती कि वहां शिवलिंग और ये चीजें मिली हैं, तो हम नमन करते। हमें करना भी चाहिए क्योंकि काशी तो हमारी आस्था का आधार है।”

एंकर ने सवाल किया कि ये हिंदू बनाम मुसलमान क्यों है और मुगल बनाम इंडियंस क्यों नहीं है? इस पर कांग्रेस नेता ने कहा कि हिंदू बनाम मुसलमान इसलिए हो रहा है क्योंकि एक पार्टी है जो अपने आप को मुसलमानों की इकलौती पार्टी सिद्ध करना चाहती है और दूसरी पार्टी है जो हिंदुओं की इकलौती पार्टी सिद्ध करना चाहती है। जिस वजह से ये आस्था और कानून का नहीं, सियासत का विषय बनकर रह गया है।

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Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

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