Farmer Protest: कानून वापसी के लिए सरकार ने मांगा 8 जनवरी तक का समय, तोमर बोले- चर्चा का माहौल अच्छा था परन्तु बात बनी नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की कई सीमाओं समेत हरियाणा के कई जिलों में चल रहे किसान आंदोलन का 40वां दिन है। किसान कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए ठंड, बारिश, कोहरे और शीतलहर का प्रकोप झेल कर भी डटे हुए हैं। आज सरकार और अन्नदाताओं के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई। सातवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं, लेकिन सरकार संशोधन तक ही जा रही है। अब दोनों पक्षों के बीच 8 जनवरी को एक बार फिर से बात होगी।
किसान नेता दर्शन पाल ने सरकार के साथ मुलाकात के बाद कहा कि 'सरकार को यह बात समझ आ गई है कि किसान संगठन कृषि क़ानूनों को रद्द किए बिना कोई बात नहीं करना चाहते हैं। हमसे पूछा गया कि क्या आप क़ानून को रद्द किए बिना नहीं मानेंगे, हमने कहा हम नहीं मानेंगे'।
चर्चा जिस हिसाब से चल रही है, किसानों की मान्यता है कि सरकार इसका रास्ता ढूंढे और आंदोलन समाप्त करने का मौका दे: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर #farmersrprotest https://t.co/7q0DEFMWE2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 4, 2021
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वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के बाद कहा कि 'हम चाहते हैं कि किसान यूनियन की तरफ से वो विषय आए जिस विषय में किसान को कोई परेशानी होने वाली है, उस विषय पर सरकार खुले मन से विचार करने को तैयार है'।
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