उन्होंने तो नूपुर को निकाल दिया, आप क्यों नहीं लेते महुआ पर एक्शन, एंकर के सवाल पर बोले तृणमूल प्रवक्ता- वो बहुत ऊपर, नहीं मानतीं कोर्ट को भी
देवी काली पर टिप्पणी कर विवादों में आईं तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। एक तरफ उनकी गिरफ्तारी की मांग उठ रही है तो वहीं, मोइत्रा पर कोई कार्रवाई ना करने के लिए टीएमसी पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इसे लेकर चल रही एक टीवी डिबेट में जब एंकर ने सवाल किया कि पैगंबर विवाद में बीजेपी ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निकाल दिया, लेकिन टीएमसी कोई एक्शन क्यों नहीं ले रही है।
इस पर टीएमसी प्रवक्ता मानव जायसवाल से कहा कि महुआ मोइत्रा बहुत ऊपर हैं वो किसी कोर्ट को नहीं मानती हैं। उन्होंने कहा, “नूपुर जी से तुलना करने की तो कोई आवश्यकता ही नहीं है, वो बहुत ऊपर हैं, वो किसी कोर्ट और थाने को नहीं मानती हैं। उनके लिए बाकायदा वाई और जेड कैटेगरी सर्विसेज दिए जा रहे हैं।”
मानव जायसवाल ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, “आप भारतीय जनता पार्टी के किसी भी प्रवक्ता को देख लीजिए वो गलत से गलत की ही तुलना करते हैं। हम कडी निंदा करते हैं, हम देश और देशवासियों के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम हर उस कार्य का निर्वाह करते हैं, जिससे हमारा देश सुरक्षित हो और महिलाओं का सशक्तिकरण हो।”
बता दें कि टीएमसी सांसद की टिप्पणी को लेकर बीजेपी उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रही है। इस पर एंकर ने डिबेट में मौजूद बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी से सवाल किया कि जब नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी नहीं हुई तो महुआ मोइत्रा की गिरफ्तारी की मांग क्यों की जा रही है।
इस पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “नूपुर शर्मा ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली, तो कोई एफआईआर या गिरफ्तारी बनती है क्या? जब वो उस पर स्टैंड नहीं कर रही हैं, जैसे महुआ मोइत्रा कर रही हैं। मोइत्रा अपना बयान ना वापस ले रही हैं और ना ही माफी मांग रही हैं। वहीं, नूपुर शर्मा पर बीजेपी ने कार्रवाई की और उन्हें प्राथमिक सदस्यता से भी हटा दिया।”
गौरतलब है कि मंगलवार (5 जुलाई, 2022) को टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने देवी काली को लेकर एक बयान दिया था, जिसके बाद बवाल खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि उनके लिए काली मांस-मदिरा स्वीकार करने वाली देवी हैं, उन्हें नहीं लगता कि इससे किसी की भावनाएं आहत होंगी। उनका कहना था कि कोई अपने भगवान की कल्पना किस तरह करता है ये उसकी आजादी है, जिस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
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