महाराष्ट्रः अजित पवार असेंबली के नए नेता विपक्ष बने, लेंगे बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस की जगह
एक कहावत है कि कभी नाव गाड़ी पर तो कभी गाड़ी नाव पर। महाराष्ट्र के संदर्भ में ये सोलह आने खरी उतरती दिख रही है। राकांपा नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार अब असेंबली के नए नेता विपक्ष होंगे। वो देवेंद्र फडणवीस की जगह लेंगे, जो अब सूबे के नए डिप्टी सीएम बन चुके हैं। खास बात है कि MVA सरकार में अजित पवार भी डिप्टी सीएम थे।
असेंबली के स्पीकर राहुल नर्वेकर ने ये घोषणा करते हुए कहा कि फिलहाल सदन में सबसे बड़ी पार्टी राकांपा है। लिहाजा नेता विपक्ष का पद उसके पास ही जाएगी। फडणवीस ने 30 जून को सूबे के नए डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। सीएम एकनाथ शिंदे ने अजित पवार को परिपक्व नेता बताया है।
महाराष्ट्र में कुल विधायकों की तादाद 288 है। 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली थी। इस लिहाज से देखा जाए तो बीजेपी के बाद शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी थी लेकिन एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद उद्धव की पार्टी टूटकर बिखऱ गई। अब शिवसेना अपने वजूद को बचाने के लिए लड़ रही है। उधर उद्धव की पार्टी में फूट का सीधा फायदा राकांपा को मिला। अब राकांपा सदन में दूसरे नंबर की पार्टी बन गई है। जब MVA सरकार थी तब ये दर्जा बीजेपी को हासिल थी। यही वजह थी कि उस दौरान नेता विपक्ष का पद बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस को मिल गया।
ध्यान रहे कि 2019 में अजित पवार ने बगावत करके देवेंद्र फडणवीस को सीएम बना दिया था। तब उन्होंने डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली थी। लेकिन शरद पवार ने बाजी पलट दी। देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद छोड़ना पड़ा तो अजित के हाथों से भी डिप्टी सीएम की कुर्सी चली गई। हालांकि उसके बाद जब शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की मिलीजुली सरकार बनी तो अजित पवार को उद्धव ठाकरे के डिप्टी का ओहदा मिला।
बारामती में चलता है अजित का सिक्का
राजनीतिक गलियारों में अजित दादा के नाम से मशहूर हैं। उन्होंने शरद पवार से राजनीति के गुर सीखे। 1991 में बारामती विधानसभा सीट से पहली बार उपचुनाव लड़े। तब से वो लगातार सात बार इस पारिवारिक सीट से जीत का परचम लहरा चुके हैं। इस बार विधानसभा चुनाव में वो सबसे अधिक 1.65 लाख वोटों के अंतर से जीतकर आए थे। अजित 1991 में सुधाकरराव नाइक की सरकार में पहली बार राज्य मंत्री बने। 2010 में वो पहली बार राज्य के उप मुख्यमंत्री बने। उन पर सिंचाई घोटाले में शामिल होने के आरोप लगे तो ईडी ने भी एक मुकदमा भी दर्ज किया है। उनके पिता अनंतराव पवार ने जानेमाने फिल्मकार वी शांताराम के साथ काम किया था।
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