‘आप अमेरिका चले जाइए जब आपको यहां का कानून पसंद नहीं’, बीच डिबेट में वारिस पठान ने अश्विनी उपाध्याय को ऐसा क्यों कहा?
देवी काली पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की टिप्पणी के बाद नूपुर शर्मा विवाद फिर शुरू हो गया है। बीजेपी ने महुआ मोइत्रा को लेकर टीएमसी को घेरना शुरू किया तो, बीजेपी पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। इस पर चल रही एक टीवी डिबेट में जब पैनलिस्ट अश्विनी उपाध्याय ने अमेरिकी कानूनों का हवाला देते हुए भारतीय कानून की खामियाां गिनवाना शुरू किया तो एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि अमेरिका ही चले जाओ जब यहां का कानून पसंद नहीं तो।
वारिस पठान ने कहा कि इन्हें अमेरिका का कानून मालूम ही नहीं, वहां 7 साल मतलब डे और नाइट गिने जाते हैं और हिंदुस्तान में 3 साल पूरे कैलंडकर ईयर के गिने जाते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका ही चले जाओ आपका देश में काम नहीं है, जब देश के कानून को ही पसंद नहीं करते हो।
इससे पहले अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि शासक कितना भी अच्छा हो, लेकिन अगर कानून अच्छा नहीं तो अराजकता फैलेगी और वो फैल रही है। उन्होंने अमेरिका का फेडरल पीनल कोड दिखाते हुए कहा कि भारत में जिस तरह की चीजें हो रही हैं, वैसा अमेरिका में किसी की करने की हिम्मत नहीं है।
उन्होंने कहा, “वहां कोई बदजुबानी नहीं होती है। वहां कोई क्यों नहीं कहता कि 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो मैं सारे अमेरिका वालों को काटकर फेंक दूंगा। वहां कोई ईसामसीह का अपमान इसलिए नहीं करता क्योंकि वहां 50 साल से लेकर 100 साल तक की सजा होती है। यहां चूंकि 1860 का वो घटिया इंडियन पीनल कोड चल रहा है, जिसे मैकाले ने बनाया था।”
उन्होंने भारतीय कानून की खामियां गिनाते हुए कहा कि इसमें इतना झोल है कि अच्छा वकील होगा तो कोई बच जाएगा, नहीं तो 2-3 साल की सजा काटनी पड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में जब तक इंडियन पीनल कोड है इसी तरह देवी-देवताओं का अपमान होता रहेगा।
उन्होंने कानून में बदलाव की वकालत करते हुए कहा, “अगर हमें विदेशी कानूनों से ही देश चलाना है तो 150 साल पुराने अंग्रेजी कानून से क्यों? आज जो अमेरिका में चल रहा है उसे लागू करो ना। अगर कोई गलती करता है तो उसे तुरंत सजा दो, ताकि लोगों में डर हो। वरना 10 साल तक केस चलेगा वो और इस दौरन 10 गलतियां और करेगा।”
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