Rajinder Nagar bypoll: AAP ने दिल्ली उपचुनाव में एंटी इनमबैंसी से कैसे पाई निजात, जानें

June 27, 2022 0 Comments

दिल्ली के राजेंद्रनगर उप चुनाव में आप के सामने कई चुनौतियां थी। लेकिन इन सबसे पार पाकर केजरीवाल की पार्टी ने बीजेपी को शिकस्त देकर सीट पर फिर से कब्जा कर लिया। यहां के लोग पानी की समस्या के साथ सड़कों की बदहाली से परेशान हैं। बावजूद इसके कि राजेंद्र नगर से विधायक रहे (अभी राज्यसभा सदस्य) राघव चड्ढा दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे थे। लेकिन फिर भी आप ने बाजी मार ली।

दरअसल आप की जीत के पीछे कई कारण रहे। पार्टी जानती थी कि पानी की समस्या उसे भारी पड़ सकती है। सीएम अरविंद केजरीवाल खुद जब प्रचार के लिए गए तो उन्होंने समस्या का जिक्र कर कहा कि जल्दी इसका समाधान होगा। केजरीवाल का चेहरा आप की ताकत है। प्रचार के दौरान उन्हें आगे करके ही स्लोगन तैयार किया गया था कि केजरीवाल की सरकार, केजरीवाल का विधायक। पार्टी को पता था कि सीएम को सामने रखकर ही वो सारे समीकरण ध्वस्त कर सकती है।

आप सरकार की फ्री बिजली-पानी योजना ने लोअर मिडिल क्लास तबके को अपनी तरफ खींचने का काम किया। दिल्ली में लोगों को फिलहाल 20 हजार लीटर पानी और 200 यूनिट बिजली पर कोई पैसा नहीं देना पड़ रहा है। ये योजना आप के लिए मुफीद साबित हुई। चुनाव में इसका असर साफ दिखा। बीजेपी को चुनाव के दौरान पॉश अर्बन इलाकों जैसे राजेंद्र नगर, न्यू राजेंद्र नगर में समर्थन मिला वहीं आप को लोअर मिडिल क्लास जैसे पांडव नगर, जेजे कालोनी में वोट मिले।

2020 में इस विधानसभा क्षेत्र में 58.72 फीसदी वोट पड़े थे जबकि उप चुनाव के दौरान मतदान 43.75 फीसदी हुआ। राजेंद्र नगर, न्यू राजेंद्र नगर में मतदान कम देखने को मिला जबकि ये इलाके पंजाबी बहुल्य माने जाते हैं। बीजेपी ने राजेश भाटिया को मैदान में उतारा था। वो इसी समुदाय से हैं। आप ने दुर्गेश पाठक को मैदान में उतारा। वो पूर्वांचल के हैं। उन्हें पंजाबियों के अलावा बाकी समुदाय के जमकर वोट मिले।

बीजपी की हार की सबसे बड़ी वजह टिकट के लिए लंबी लाईन होना भी रहा। कई नेता टिकट चाहते थे। उनका नंबर नहीं लगा तो वो चुनाव प्रचार में अनमने ढंग से उतरे। कई तो दिखे ही नहीं। ये चीज बीजेपी की हार का सबसे बड़ा कारण रही।

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Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

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