Free Electricity: केंद्रीय मंत्री ने दिया वन कंट्री, वन ग्रिड का मंत्र, मुफ्त बिजली की पॉलिटिक्स तोड़ रही पावर सेक्टर की कमर, जानें

June 08, 2022 0 Comments

One Country One Grid: आज के दैनिक जीवन में बिजली हर किसी के जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है। हम एक पूरी तरह से बिजली पर निर्भर होते जा रहे हैं। हम चाहे जहां की बात करें अगर थोड़ी देर के लिए बिजली चली जाए तो पूरा माहौल खराब हो जाता है। ऐसे में बिजली का महंगा होना भी स्वाभाविक है। वहीं सियासी दलों ने मुफ्त बिजली देने की प्रतियोगिता शुरू कर दी है। इसी को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने वन कंट्री-वन ग्रिड की बात कही है।

वन कंट्री, वन ग्रिड का मंत्र-अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट मिरर नाऊ से बातचीत करते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह बताया उन्होंने बिजली को लेकर एक नया प्लान दिया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया,”देश में बिजली की कमी थी जब मोदी सरकार सत्ता में आई, तब से हमने लगभग 106 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन बढ़ाया है। किसी अन्य देश ने इतने कम समय में इतनी क्षमता नहीं बढ़ाई है। हम कन्याकुमारी के एक सिरे से लेकर लेह और लद्दाख से सीधे जुड़े हुए हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हम एक राज्य से दूसरे राज्य में बहुत बड़ी मात्रा में ऊर्जा स्थानांतरित कर सकते हैं और वन कंट्री, वन ग्रिड विचार के लिए समर्पित हैं।”

ऊर्जा उत्पादन के लिए 2000 करोड़ रूपयों का निवेश– ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने यह भी बताया कि भारत अब दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता अक्षय ऊर्जा क्षेत्र है। यह न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए भी फायदेमंद होने जा रहा है। इससे हम अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम कर देंगे, जिससे जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।” सिंह ने आगे कहा, “हमने भारत को ऊर्जा उत्पादन में वैश्विक नेता बनाने में लगभग 2000 करोड़ रुपयों का निवेश किया है।”

मुफ्त बिजली ऑफर करने वाले राजनेताओं पर साधा निशाना– यह पूछे जाने पर कि बिजली का पर्याप्त उत्पादन होने के बावजूद हमारे पास अभी भी बिजली कटौती क्यों है, सिंह ने कहा, “हमारे पास बिजली उत्पादन क्षमता है लेकिन इसका एक बड़ा हिस्सा अभी भी कोयले से चलता है। यदि आपके पास कोयले की कम आपूर्ति है, तो आप पॉवर सप्लाई कैसे पा सकते हैं।” इसके अलावा केंद्रीय ऊर्जामंत्री ने मुफ्त बिजली का लालच देने वाले सभी राजनेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, इस तरह का काम बेहद गैर जिम्मेदाराना और देश के विकास के लिए हानिकारक होगा।

केंद्र और राज्य का अपना-अपना नियंत्रण– भारत में राज्य और केंद्र की बिजली पर अपनी अलग-अलग नीतियां हैं। वो उसी के हिसाब से चलती हैं। राज्यों में वितरण का अधिकार राज्य सरकारों के पास है। यही कारण है कि कई राज्यों में बिजली की सब्सिडी दी जाती है तो वहीं कई राज्यों में बिजली काफी महंगी है।

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Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

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