तीन दिन ट्रेनिंग हो, सर्टिफिकेट मिले, जिसके पास प्रमाण पत्र होगा सिर्फ उसका ही पढ़वाएंगे निकाह…जब बोले मदनी
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने तीन तलाक को खत्म करने के मुद्दे पर कहा कि हम चाहते हैं कि तलाक ही नहीं होना चाहिए। हम तो चाहते हैं कि निकाह से पहले सभी जोड़ों को तीन दिन की ट्रेनिंग दी जाए। सर्टिफिकेट नहीं देने वालों की शादी नहीं होनी चाहिए।
आजतक के थर्ड डिग्री प्रोग्राम में उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग के दौरान बताया जाना चाहिए कि वर व वधू के क्या हक हैं। तीन तलाक तो दूर वो एक तलाक भी नहीं होना चाहिए। उनका कहना था कि वो भी मानते हैं कि महिलाओं को बराबरी का हक मिले। उनके साथ किसी तरह का अन्याय न हो। मदनी से बैक टू बैक गौरव सावंत, चित्रा त्रिपाठी और नेहा बाथम ने कई मसलों पर तीखे सवाल पूछे। उन्होंने सभी का सिलसिलेवार जवाब दिया।
लाउडस्पीकरों से अजान के मुद्दे पर मदनी ने माना कि ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए अजान का वॉल्यूम तय सीमा के भीतर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि यूपी सरकार ने बिना किसी भेदभाव के उन सभी धार्मिक स्थलों के खिलाफ कार्रवाई की, जो लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर रहे थे। लेकिन अजान को निशाना बनाने की कोशिश गलत है।
काशी ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे पर मौलाना मदनी ने कहा कि इस मुद्दे को या तो बातचीत या फिर अदालत के जरिए सुलझाया जा सकता है। ज्ञानवापी को राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश करके लोगों को आपस में न बांटें। मुसलमानों की संपत्तियों पर बुल्डोजर चलाए जाने के मुद्दे पर मदनी ने कहा कि हम कोर्ट में इस मामले को लड़ेंगे। खरगोन के साथ-साथ तमाम बाकी जगहों पर सरकार ने निष्पक्ष तरीके से काम नहीं किया।
यूपी सरकार के किसी भी नए मदरसे को अनुदान न देने के फैसले पर मौलाना मदनी ने कहा कि वो चाहते हैं कि सरकार सभी मौजूदा मदरसों को भी अनुदान रोक दे। मैनेजमेंट को खुद फंड की व्यवस्था करके मदरसे चलाने चाहिए। सरकार को मुस्लिम बहुल इलाकों में स्कूल बनाना चाहिए। मुस्लिम समुदाय के सभी बच्चों को अनिवार्य रूप से स्कूल भेजना चाहिए।
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