एयर इंडिया की टिकट बुकिंग में 50 लाख की धोखाधड़ी, कोविड की सेकेंड वेव के कारण सामने आया BPO स्‍कैम

June 10, 2022 0 Comments

मिहिर मिश्रा, प्रणव मुकुल।

पिछले साल फरवरी में चंडीगढ़ का एक ट्रैवल एजेंट एयर इंडिया के कस्टमर केयर सेंटर में फोन मिलाता है, काठमांडू फ्लाइट के बारे में जानकारी मांगता है। इस कॉल के साथ ही वह एक बड़े रैकेट हिस्सा का बन जाता है और करीब 50 लाख रुपये का अपना नुकसान भी करवा लेता है। ये रैकेट चल रहा था आईजीटी सॉल्यूशंस नाम के दो दशक पुराने एक बीपीओ कंपनी के जरिए। एयर इंडिया ने आईजीटी सॉल्यूशंस को कस्टमर केयर सेंटर को संभालने की जिम्मेदारी दे रखी थी। एयरलाइन को भुगतान किए बिना लोगों को यात्रा करवाने का ये फ्रॉड चल ही रहा था, तभी देश कोविड की दूसरी लहर की चपेट में आया और एक बड़ा खुलासा हुआ।

पिछले फरवरी में एक ट्रैवल एजेंट काठमांडू जाने वाली फ्लाइट के लिए टिकट बुक कर रहा था। उसने गुरुग्राम में पंजीकृत एयर इंडिया के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल किया। टिकट से जुड़ी जानकारी मांगी। ट्रैवल एजेंट का कॉल उठाने वाले ने बताया कि उन्हें सहायक अधिकारी की तरफ से कॉलबैक किया जाएगा। जल्द ही एजेंट को एक व्यक्ति का फोन आता है जो दावा करता है कि वह एयर इंडिया का प्रतिनिधि है और मदद करना चाहता है।

थोड़ी देर बाद एजेंट को फिर से उसी प्रतिनिधि का फोन आया। इस बार उसके पास एक ऑफर था। एजेंट ने बताया, ”उस आदमी ने एयर इंडिया से होने का दावा किया और मुझसे पूछा कि काठमांडू की टिकट के लिए कितना रुपये लगते हैं । जब मैंने उसे राशि बताई, तो उसने मुझे वही टिकट 10,000 रुपये कम में देने की बात कही।”

एजेंट ने आगे बताया, ”मैंने अपने सीनियर ट्रैवल एजेंट दोस्तों से बात की। उन्होंने सलाह दिया कि मैं ये ऑफर ले लूं। लेकिन पैसा तब ही दूं जब पैसेंजर उस टिकट पर ट्रैवल कर ले।” कथित एयर इंडिया प्रतिनिधि ने एजेंट की शर्त मान ली और टिकट बुक कर भेज दिया। एजेंट के ग्राहक ने बिना किसी परेशानी काठमांडू की यात्रा की। इसके बाद एयर इंडिया के कथित प्रतिनिधि को तय राशि दे दी गई।

एजेंट बताता है, ”अगले 15 दिनों तक हमने यही तरीका अपनाया। ट्रिप पूरा होने के बाद ही पेमेंट किया। अब चूंकि वह व्यक्ति कभी असफल नहीं हुआ इसलिए मैंने बुकिंग के समय भुगतान करने का फैसला किया। फिर मेरे अलावा दूसरे ट्रैवल एजेंट्स ने भी उस व्यक्ति के जरिए टिकट बुकिंग शुरू कर दी।”

ये तब तक चलता रहा, जब तक भारत मई 2021 में कोविड की दूसरी लहर की चपेट में नहीं आ गया। दूसरी लहर ने एक बार फिर लोगों के ट्रैवल प्लान को प्रभावित किया। लोगों ने टिकट रद्द कराना शुरू कर दिया। एजेंट के कुछ ग्राहकों ने रिफंड की उम्मीद में कनाडा जाने तक की टिकट को रद्द कर दिया। लेकिन एजेंट के पास रिफंड आया नहीं की वो अपने ग्राहकों को वापस कर सके। अन्य ट्रैवल एजेंट्स ने भी खुद को इस जाल में फंसा पाया। एजेंट का कहना है, ”आज की तारीख में लगभग 60 टिकटों (ज्यादातर कनाडा के लिए) का कुल 52 लाख रुपये का रिफंड बकाया है। …और इतना तो सिर्फ मेरा है। मेरे जैसे कई और भी हैं।”

इस बीच एयर इंडिया को भी रिकॉर्ड में गड़बड़ी दिखी। उसके पास आईजीटी सॉल्यूशंस की ओर से बुक किए टिकटों के पैसे नहीं आ रहे थे। जब पड़ताल हुई तो पता चला कि टिकट तो कंपनी की ओर से बुक किये जा रहे थे लेकिन ये काम कंपनी के सिस्टम से नहीं किया जा रहा था। कोई बाहरी व्यक्ति पूरे सिस्टम को हैक करके मुफ्ट में टिकट जारी कर रहा था।

एयर इंडिया के एक अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ”जारी किए गए टिकट असली थे लेकिन एयरलाइन को उसका भुगतान नहीं किया गया। आमतौर पर इस तरह की दिक्कत होती है। लेकिन तब कुछ दिनों, हफ्तों या महीनों में इसका समाधान कर लिया जाता था। लेकिन ये समस्या जब लंबे समय तक बनी रही तो हमने आईजीटी सॉल्यूशंस से संपर्क किया और मामले की पड़ताल करने को कहा”

पिछले महीने आईजीटी सॉल्यूशंस ने अज्ञात के खिलाफ साइबर अपराध पुलिस स्टेशन, गुरुग्राम में एफआईआर दर्ज करवायी। एफआईआर में बताया, ”एयर इंडिया के सिस्टम से कई टिकट बुक किये गये लेकिन एयरलाइन को उन टिकटों का भुगतान नहीं किया गया।”

कंपनी का आरोप है कि ”आईजीटी कर्मचारियों के ‘लॉग-इन आईडी और पासवर्ड’ का इस्तेमाल कर इन टिकटों को बुक किया गया। जबकि इन कर्मचारियों को टिकट जारी करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया था, न ही प्रशिक्षित किया गया था। कई मामलों तो ऐसे टिकट बनाए जाने के समय वह कर्मचारी शिफ्ट में भी नहीं थे।”

इंडियन एक्सप्रेस की ओर से इस संबंध में भेजे गए प्रश्नों का उत्तर आईजीटी सॉल्यूशंस ने नहीं दिया। आईजीटी सॉल्यूशंस पहले इंटरग्लोब टेक्नोलॉजीज था, तब इसका स्वामित्व बजट एयरलाइन इंडिगो के अरबपति प्रमोटर राहुल भाटिया के पास था। साल 2019 में कंपनी को AION Capital ने अधिग्रहित कर लिया।

इंडियन एक्सप्रेस की ओर से भेजे गए सवालों के जवाब में, एयर इंडिया के प्रवक्ता ने फर्जी टिकट बुकिंग में अपने कर्मचारियों के शामिल होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा है, ”जैसा कि हम जानते हैं, आईजीटी ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है न कि एयर इंडिया के किसी कर्मचारी के खिलाफ। एक गड़बड़ी देखी गई है। आईजीटी प्रक्रिया का पालन कर रहा है।”

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Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

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