राहुल गांधी ने पढ़ाया, देशभक्ति, देशद्रोह, राजधर्म और राजहठ का पाठ तो भड़के उठे किरण रिजिजू करते गए ट्वीट पर ट्वीट, बोले- UPA का रिकॉर्ड सबसे खराब

May 12, 2022 0 Comments

देशद्रोह कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि वह अदालत और उसकी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं, लेकिन एक लक्ष्मण रेखा है जिसे पार नहीं किया जा सकता है। वहीं, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा कि सच बोलना देशभक्ति है, देशद्रोह नहीं। सच कहना देश प्रेम है, देशद्रोह नहीं। सच सुनना राजधर्म है,सच कुचलना राजहठ है। डरो मत।

अपने इस ट्वीट के साथ राहुल गांधी ने टाइम्‍स ऑफ इंडिया की खबर का हवाला दिया था। राहुल का ये ट्वीट केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू को पसंद नहीं आया और उन्होंने इसके जवाब में ट्वीट्स की बौछार कर दी।

कांग्रेस हमेशा भारत को तोड़ने वाली ताकतों के साथ: किरण रिजिजू ने कांग्रेस नेता के शब्‍दों को खोखला बताया। रिजिजू बोले, ‘अगर कोई एक पार्टी है जो स्वतंत्रता, लोकतंत्र और संस्थानों के सम्मान की विरोधी है, तो वह कांग्रेस है।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा भारत को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़ी रही है। उसने भारत को विभाजित करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है।

उपदेश देने का अधिकार नहीं: किरण रिजिजू ने बीजेपी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार हमेशा भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करेगी। यह हमारे संविधान में निहित मूल्यों की भी रक्षा करेगा। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस पार्टी और उसके टुकड़े-टुकड़े गैंग के इको-सिस्टम को दूसरों को उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है।

कांग्रेस ने अपने कामों की जांच की? कानून मंत्री ने आगे लिखा, “यूपीए सरकार का देशद्रोह के मामले दर्ज करने का सबसे खराब ट्रैक रिकॉर्ड है। 2012 में ‘रिकाउंटिंग मिनिस्टर’ पी. चिदंबरम की चौकस निगाहों में हजारों लोगों के खिलाफ देशद्रोह के मामले दर्ज किए गए थे। उन्होंने आगे लिखा, “यह इंदिरा गांधी सरकार थी जिसने भारत के इतिहास में पहली बार धारा 124A को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में डाला था। यह नई दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 में हुआ जो कि 1974 में लागू हुई। क्या कांग्रेस ने अपने पिछले कामों की जांच की है?

कोर्ट का सम्मान करना चाहिए: राजद्रोह कानून पर कोर्ट की रोक के बाद किरण रिजिजू ने कहा कि हमने अपनी बातों को स्पष्ट कर दिया है और कोर्ट के सामने प्रधानमंत्री का इरादा भी बताया है। अब इसके बाद क्या होता है मुझे नहीं पता लेकिन मैं ये कहना चाहता हूं कि हमें कोर्ट का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम भारतीय संविधान के प्रावधानों के साथ-साथ मौजूदा कानूनों का भी सम्मान करें।

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Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

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