शेयर बाजार से जुड़े रोजगार में आई तेजी https://ift.tt/rIUMqWg

आज जब बैंकों की सावधि जमा (फिक्स्ड डिपाजिट) की ब्याज दर में लगातार कमी हो रही हैं तो ऐसे में निवेशकों का ध्यान एक बार फिर शेयर बाजार ने अपनी ओर आकर्षित किया है। वहीं, कोरोना काल के बाद विश्व के कई देशों में आई वैश्विक मंदी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में जो तेजी देखी गई है, उसने दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियों का ध्यान भारतीय शेयर बाजारों की ओर खींचा है। ऐसे में शेयर बाजार का कारोबार तेजी से बढ़ने से इसमें भारी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा हुए है। शेयर बाजार में भले ही उतार-चढ़ाव होता रहे, लेकिन रोजगार के नजरिए से यह क्षेत्र लगातार बुलंदी की ओर बढ़ता जा रहा है।

व्यवसाय संबंधी गतिविधियां बढ़ने से शेयर बाजार में भी सरगर्मी बढ़ी है, परिणामस्वरूप अब शेयर बाजार का धंधा बड़े शहरों से निकलकर बी और सी श्रेणी के शहरों में भी तेजी से फैलता जा रहा है। निवेशकों द्वारा शेयर बाजार में पैसा लगाने की प्रवृति इस कदर बढ़ रही है कि अब बड़ी कंपनियों के ‘पब्लिक इश्यू’ या आइपीओ बाजार में आते ही कुछ घंटों में ‘ओवर सब्सक्राइब’ हो जाते हैं।

पहले जहां शेयर बाजार में केवल बड़े निवेशक ही पैसा लगाते थे, वहीं अब आम लोग भी तेजी से पैसा कमाने के लिए भारी संख्या में निवेश कर रहे है। शेयर बाजार की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए अब इस क्षेत्र में बिचौलियों, शेयर बाजार विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री, एकाउंटेंट, वित्तीय विश्लेषक, निवेश योजनाकार आदि की मांग खूब बढ़ गई है।

पाठ्यक्रम
शेयर बाजार का पूरा व्यवसाय आर्थिक लेन-देन और अकूत धन के कारण इसमें कई तरह के पेशेवर कार्यों की जरूरत होती है। यही कारण है कि आज सक्षम युवा इस क्षेत्र के प्रति बहुत तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। इस क्षेत्र की विशेष बात यह है कि युवा स्नातक करने के बाद शेयर बाजार से संबंधित पाठ्यक्रम करके किसी भी बड़ी ‘शेयर ब्रोकिंग फर्म’ से जुड़ सकते हैं। साथ ही कोई भी व्यक्ति दो-तीन वर्ष का अनुभव हासिल करके अपना स्वयं का काम भी शुरू कर सकता है।

वैसे तो अर्थशास्त्र और वाणिज्य में स्नातक युवाओं के लिए शेयर बाजार से संबंधित पाठ्यक्रम बहुत ही अच्छा है लेकिन इसमें व्यवसाय की समझ रखने और पैसों के लेनदेन की जानकारी रखने वाला कोई भी व्यक्ति इसका पाठ्यक्रम कर सकता है। कुछ बड़ी कंपनियों को छोड़ दें जो एमबीए डिग्रीधारी युवाओ को ही प्राथमिकता देती हैं, तो इसमें स्नातक स्तर का कोई भी युवा सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम कर सकता हैं। ये पाठ्यमक्रम प्राय: ‘नेशनल स्टाक एक्सचेंज’ और ‘बांबे स्टाक एक्सचेंज’ द्वारा कराया जाते हैं।

जैसे ‘नेशनल स्टाक एक्सचेंज’ का एनसीएफएम आनलाइन सर्टिफिकेशन कार्यक्रम है। इसमें दाखिला लेने वाले उम्मीदवार के लिए गणित और अंग्रेजी की अच्छी जानकारी अपेक्षित मानी जाती हैं। अब तो बाजार में कई ऐसे अन्य संस्थान भी खुल गए है जो इस तरह के पाठ्यक्रम कराते हैं। इन संस्थानों से मिली डिग्री को प्राप्त करके भी शेयर बाजार में काम किया जा सकता है।

रोजगार के अवसर

‘स्टाक ब्रोकर्स’ : शेयर बाजार का सबसे अधिक काम यही ‘स्टाक ब्रोकर्स’ ही करते हैं। वास्तव में ‘स्टाक ब्रोकर्स’ और ककैपिटल बाजार एक्सपर्ट्सत ही वे योग्य विशेषज्ञ होते हैं जो एक निवेशक को शेयरों की खरीद और बिक्री के बारे में सलाह देते हैं। इस तरह की सलाह देने वाली आज कई ब्रोकिंग कंपनियां भी हैं जिसमें अर्थशास्त्री, एकाउंटेंट, वित्तीय विश्लेषक और अन्य पेशेवर काम करते हैं।

कैपिटल बाजार विशेषज्ञ : कैपिटल बाजार विशेषज्ञ का काम म्यूच्यूअल फंड और वित्तीय निवेश से संबंधित कंपनियों पर नजर रखना होता है। इनका काम प्राय: बाजार के उभरते ट्रेंड पर नजर रखते हुए पूंजी निवेश संबंधी सलाह देना होता है।

प्रतिभूति विश्लेषक : प्रतिभूति विश्लेषक का काम निवेश सलाहकार का होता है जो ब्रोकरेज कंपनियों, बैंकों, बीमा कंपनियों और अन्य बड़ी वित्तीय संस्थाओं में बाजार और उद्योग के बारे में सही और सटीक जानकारी देने का काम करते। इस तरह का काम प्राय: अर्थशास्त्र और वाणिज्य में स्नातक लोग करते हैं।

निवेश प्रबंधक : इनका काम आर्थिक नीतियों से संबंधित उद्योग की प्रगति का आकलन और निगरानी करना होता है जिसके आधार पर वो अपने निवेशकों का सही मार्गदर्शन करते हैं।

प्रतिभूति प्रतिनिधि : अधिकांश फर्म बड़ी निवेशक कंपनियां प्रतिभूति प्रतिनिधियों की नियुक्ति करती हैं जिनका काम नए ग्राहकों का अकाउंट खोलना और शेयरों की बिक्री और खरीद करने संबंधी जानकारी देना होता है।

खुद भी बन सकते है ब्रोकर : कोई भी व्यक्ति इससे संबंधित पेशेवर डिग्री प्राप्त करने के बाद अपना स्वयं का स्टाक ब्रोकिंग फर्म या स्टाक एक्सचेंज से संबंधित निवेश कंपनी खोल सकता है और अपनी वित्तीय एजंसी अथवा ब्रोकिंग फर्म भी चला सकता है। इसके लिए आपको स्टाक एक्सचेंज से सदस्यता लेनी पड़ती है और कुछ प्रतिभूति रकम जमा करवानी पड़ती है। इसके लिए एक व्यक्ति को कम से कम दो साल का अनुभव भी होना चाहिए।

अगर आपके पास आवश्यक योग्यता है तो फिर इस क्षेत्र में रोजगार की कमी नहीं है। आप अपनी पसंद और योग्यता के अनुसार इस क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर प्रयास कर सकते हैं, जैसे स्टाक एक्सचेंज, सेबी, निवेशक फर्म आदि। इसके अलावा आप अपनी वित्तीय सलाह कंपनी भी खोल सकते है।

शेयर बाजार और इससे जुड़े क्षेत्रों में कमाई बेहद आकर्षक है। कामर्स या अर्थशास्त्र स्नातक और शेयर बाजार की जानकारी रखने वाले युवाओं का प्रारंभिक वेतन 20 से 25 हजार रुपए प्रति माह तक मिल सकता है। वहीं, जिनके पास इस क्षेत्र में थोड़ा बहुत अनुभव हो जाता है, उनकी मांग और बढ़ जाती है और उनका वेतन 50 से 75 हजार रुपए महीने तक हो सकती है। कुछ कंपनियां अपने लाभ में से भी कर्मचारियों को शेयर देती हैं। जो कुछ लोग अपनी निवेशक कंपनी चलाते है और जिन्हें शेयर बाजार का अच्छा ज्ञान होता है, उनकी कमाई की तो कोई सीमा ही नहीं होती है।

  • संजय सिंह बघेल (शिक्षक, दिल्ली विश्वविद्यालय)


Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

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