अजमेर शरीफ दरगाह में मंदिर होने का दावा कर महाराणा प्रताप सेना ने जारी की फोटो, चैनल का दावा- ये तस्वीर ढाई दिन के झोपड़े की है
अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच एक न्यूज चैनल ने बड़ा दावा किया है। महाराणा प्रताप सेना ने एक फोटो जारी कर सर्वे की मांग की है। अब एबीपी न्यूज चैनल ने दावा किया है कि संगठन ने जो तस्वीर साझा की है, वो असल में अजमेर शरीफ दरगाह की है ही नहीं। चैनल का कहना है कि यह तस्वीर ढाई दिन का झोपड़ा है, जो अब खंडहर बन चुका है और यह सैकड़ों साल पुराना है।
बता दें कि देशभर में धार्मिक स्थलों को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब अजमेर शरीफ दरगाह में शिवालय होने का दावा किया जा रहा है। महाराणा प्रताप सेना ने दरगाह की जगह मंदिर होने का दावा कर दरगाह के सर्वे की मांग की है। हिंदू संगठन ने फोटो जारी करते हुए कहा कि दरगाह के दरवाजों और जालियों में स्वास्तिक के निशान बने हैं।
हिंदू संगठन के राजवर्धन सिंह परमार ने कहा कि दरगाह की दीवारों व खिडकियों में हिन्दू धर्म से संबंधित चिह्न हैं। उन्होंने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की ओर से दरगाह का सर्वे करवाया जाये।
वहीं, दरगाह पर सेवकों की कमिटी ने हिंदू संगठने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि वहां इस तरह का कोई चिन्ह नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंदू और मुस्लिम दोनों समाज के लोग दरगाह में आते हैं। उन्होंने कहा कि दरगाह 850 सालों से है। इस तरह का कोई सवाल आज तक उठा ही नहीं हैं। आज देश में एक विशेष तरह का माहौल है जो पहले कभी नहीं था।
दरगाह पर सवाल उठाना करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना है
वहीं, उन्होंने कमिटी ने कहा कि ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर सवाल उठाने का मतलब उन करोड़ो लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना है, जो अपने-अपने धर्म को मानने वाले हैं और यहां आते हैं। कमेटी के सचिव वाहिद हुसैन चिश्ती ने कहा कि ऐसे सभी तत्वों को जवाब देना सरकार का काम है। देश में धार्मिक स्थलों को लेकर चल रहे विवाद को लेकर उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश का आरोप लगाया है।
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