सिर्फ बुल्‍डोजर के सामने ही खड़ी नहीं हुईं वृंदा करात, लंदन में मिनी स्‍कर्ट के खिलाफ भी उठा चुकी हैं आवाज, पढ़ें उनके बगावत वाले किस्‍से https://ift.tt/KYGLC5f

दिल्ली की जहांगीरपुरी हिंसा के बाद बुधवार को अतिक्रमण अभियान के दौरान भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी की नेता वृंदा करात बुल्डोजर को रोकते हुए नजर आईं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर अवैध निर्माण पर चलाए जा रहे बुल्डोजर को रोकने के लिए आवाज उठाई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में अतिक्रमण पर रोक के आदेश दिए गए थे। ये कोई पहला मामला नहीं है जब वृंदा करात ने किसी मामले पर इस तरह से विरोध जताया है। यूनिफॉर्म के रूप में मिनी स्कर्ट को अनिवार्य करने पर एयर इंडिया का विरोध हो या 2009 का वह प्रदर्शन जब वे तमिलनाडु पुलिस के सामने डटकर खड़ी हो गई थी या फिर फादर स्टेन स्वामी की हिरासत में विरोध के खिलाफ वृंदा का अभियान हो। इतना ही नहीं एक बार उन्होंने तत्कालीन सीजेआई एसए बोबडे को पत्र लिख उनकी टिप्पणी को लेकर आपत्ति जताई थी। आईए जानते हैं ऐसे ही कुछ किस्से जब वृंदा करात ने बहादुरी के साथ अपनी आवाज उठाई-

एयर इंडिया में महिलाओं के लिए मिनी-स्कर्ट अनिवार्य यूनिफॉर्म के खिलाफ उठाई आवाज
वृंदा करात ने 1967 में लंदन में एयर इंडिया में नौकरी के दौरान कंपनी के यूनिफॉर्म कोड को लेकर आपत्ति जताते हुए विरोध किया था। कंपनी की तरफ से महिला कर्मचारियों के लिए मिनी स्कर्ट अनिवार्य कर दी गई थी, जिसके खिलाफ वृंदा करात ने आवाज उठाई। इसके बाद, एयर इंडिया प्रबंधन को अपने यूनिफॉर्म कोड में संशोधन करने और महिला कर्मचारियों को साड़ी या स्कर्ट का विकल्प देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। तब से यही प्रथा चली आ रही है।

योग-गुरु बाबा रामदेव को दी चुनौती
साल 2005-06 में योग गुरु बाबा रामदेव समर्थित आयुर्वेदिक दवा कंपनी के खिलाफ वृंदा ने सनसनीखेज आरोप लगाए थे। साल 2005 में उन्होंने दावा किया कि फर्म द्वारा तैयार की गई दवाओं में जानवरों के अंग और मानव हड्डियां मिलाई जा रही हैं। इसके बाद साल 2006 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का हवाला देते हुए दावा किया कि बाबा रामदेव समर्थित कंपनी ने लाइसेंसिंग और लेबलिंग प्रावधानों का उल्लंघन किया है।

CJI बोबडे की टिप्पणी
मार्च 2021 में वृंदा करात ने देश के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को उनकी टिप्पणी को लेकर पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने सीजेआई से अपनी टिप्पणी को वापस लेने की मांग की थी। दरअसल, मुख्य न्यायाधीश ने एक मामले में टिप्पणी करते हुए बलात्कार के आरोपी से पूछा था कि क्या वह शिकायतकर्ता से शादी करेगा।

वृंदा करात ने अपने पत्र में कहा, “जब यह लड़की सिर्फ 16 साल की थी तब इस अपराधी ने उसका बलात्कार किया। अपराधी ने बार-बार उसके साथ यह किया। लड़की ने आत्महत्या करने की भी कोशिश की। क्या यह सहमति दिखाता है? किसी भी मामले में, कानून स्पष्ट है कि सहमति का कोई मुद्दा नहीं है।” उन्होंने तत्कालीन सीजेआई बोबडे से कहा कि पीड़ितों के मानस पर इस तरह के सवालों के प्रभाव को देखते हुए अपनी टिप्पणी वापस ले लें।

स्टेन स्वामी
जुलाई 2021 में, झारखंड में एक जेसुइट पुजारी और आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी की हिरासत में मौत के बाद वृंदा करात ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के खिलाफ एक अभियान शुरू किया। स्टेन स्वामी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में गिरफ्तार किया था। उन पर यूएपीए प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए थे। अक्टूबर 2020 में रांची के पास नामकुम में अपने बगैचा आवास से गिरफ्तारी के बाद से वह तलोजा सेंट्रल जेल में बंद थे। उनकी जमानत याचिकाओं का एनआईए द्वारा बार-बार विरोध किया गया, उनके वकीलों की तरफ से कई बार स्वास्थ्य समस्याओं और खराब चिकित्सा सुविधाओं का भी हवाला दिया गया। 5 जुलाई, 2021 को मुंबई के होली फैमिली अस्पताल में इलाज के दौरान स्टेन स्वामी का निधन हो गया।



from National News in Hindi, Latest India’s News in Hindi, Hindi National News, नेशनल न्यूज़ - Jansatta | Jansatta https://ift.tt/PTHnh0X
via IFTTT

Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

0 Comments: