गोविंद देव मंदिर: हिंदू घृणा के कारण औरंगजेब ने जिसे आधा ढाह दिया… और उसके ऊपर इस्लामिक गुंबद बना नमाज पढ़ी

August 01, 2021 0 Comments

वृंदावन का गोविंद देव मंदिर

--- गोविंद देव मंदिर: हिंदू घृणा के कारण औरंगजेब ने जिसे आधा ढाह दिया… और उसके ऊपर इस्लामिक गुंबद बना नमाज पढ़ी लेख आप ऑपइंडिया वेबसाइट पे पढ़ सकते हैं ---

मुगल आक्रांता औरंगजेब ने अपने शासनकाल के दौरान कई ऐसे हिन्दू मंदिरों को नष्ट कर दिया था, जिनका प्राचीन इतिहास हुआ करता था और जो अपने वैभव के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध हुआ करते थे। ऐसा ही एक मंदिर वृंदावन में मौजूद है, जो औरंगजेब के इस्लामिक कट्टरपंथ की कहानी कहता है। उत्तर भारत का सबसे सुंदर और विशाल गोविंद देव मंदिर जो अपनी बनावट और दिव्यता के लिए कभी सनातनियों का गौरव हुआ करता था, वहाँ आज भी उस कट्टरपंथी विचारधारा के निशान मौजूद हैं, जिनके कारण कई हिन्दू मंदिर नष्ट कर दिए गए। कहा जाता है कि इस मंदिर में भूतों का भी निवास है।

इतिहास

स्थानीय इतिहासकारों का मानना है कि भगवान गोविंद देव अर्थात श्रीकृष्ण का यह मंदिर वृंदावन के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। वैष्णव संप्रदाय के इस मंदिर का निर्माण राजा मानसिंह ने सन् 1590 में कराया था। गोविंद देव मंदिर का निर्माण सनातन गुरु और महान कृष्णभक्त श्री कल्याणदास जी की देखरेख में हुआ था। हालाँकि मंदिर निर्माण का पूरा खर्च राजा मानसिंह द्वारा ही उठाया गया था। निर्माण के समय मंदिर 7 मंजिला हुआ करता था और सबसे ऊपरी मंजिला पर एक विशालकाय दीपक का निर्माण कराया गया था और इस दीपक में प्रतिदिन बाती की लौ को जलाए रखने के लिए 50 किलोग्राम से अधिक देसी घी का उपयोग होता था।

यही कारण था मंदिर कई किलोमीटर (किमी) दूर से ही दिखाई देता था। मंदिर के इसी विशालकाय दीपक की चमक इसकी शत्रु साबित हुई। मंदिर के इस दीपक की लौ को देखकर तत्कालीन मुगल आक्रांता औरंगजेब के मन में ईर्ष्या का भाव उत्पन्न हो गया और इस भव्य मंदिर की सुंदरता उसे खटकने लगी। इसी ईर्ष्या और हिंदुओं के प्रति अपनी घृणा के चलते उसने अंततः एक दिन अपनी सेना को इस गोविंद देव मंदिर को तोड़ने का आदेश दे दिया। किसी दैवीय कृपा के कारण मंदिर के पुजारी को औरंगजेब की इस योजना का भान हो गया और उन्होंने मंदिर में स्थापित भगवान गोविंद की पुरातन प्रतिमा को वृंदावन से बहुत दूर, जयपुर भेज दिया, जहाँ उनकी स्थापना कनक बाग में स्थित गोविद देव मंदिर में हुई।

खैर, औरंगजेब अपनी सेना के साथ मंदिर को तोड़ने पहुँचा। मंदिर की भव्यता इतनी थी कि औरंगजेब की सेना 4 मंजिल ही गिरा सकी। इसके बाद औरंगजेब ने मंदिर को खंडित और अपवित्र करने के प्रयास में यहाँ नमाज पढ़ी और शेष बचे मंदिर पर मस्जिद की संरचनाएँ और गुंबद आदि बनवा दिए। हालाँकि 1873 तक मंदिर उसी अवस्था में रहा, जिस अवस्था में औरंगजेब द्वारा इसे छोड़ा गया था लेकिन इसके बाद मंदिर का जीर्णोद्धार प्रारंभ हुआ और मंदिर के साथ छेड़छाड़ करते हुए औरंगजेब ने जो निर्माण किया था, उसे हटा दिया गया और मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया। मंदिर 200 फुट लंबा और 120 फुट चौड़ा था। साथ ही मंदिर की ऊँचाई 110 फुट थी।

स्थानीय मान्यताएँ

कहा जाता है कि औरंगजेब के द्वारा इस मंदिर को तोड़ दिए जाने के बाद इस मंदिर में भक्तों का आना-जाना बंद हो गया। कई सालों तक मंदिर वीरान अवस्था में रहा और इसी के चलते यहाँ भूतों का निवास हो गया। हालाँकि कहा जाता है कि इन भूतों द्वारा कभी भी किसी को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया गया। इसके अलावा स्थानीय लोग तो यह भी मानते हैं कि इस मंदिर के निर्माण में भी भूतों का योगदान रहा है क्योंकि इस मंदिर की भव्यता और कारीगरी ऐसी है कि इसे 5 से 10 सालों में इंसान द्वारा बनाया जाना बहुत मुश्किल प्रतीत होता है।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में बताया गया है कि मंदिर में मौजूद संतों का यह कहना है कि मथुरा में कृष्णजन्मभूमि पर जिस मस्जिद का निर्माण किया गया है, उसमें इस मंदिर को तोड़कर प्राप्त किए गए पत्थरों का भी उपयोग किया गया है। कहा जाता है कि मस्जिद के अधिकांश हिस्सों के पत्थर और गोविंद देव मंदिर के पत्थर एक जैसे ही हैं।

मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद यहाँ भक्तों का आगमन शुरू हुआ और इसी के साथ यहाँ भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा की स्थापना की गई। अब नियमित तौर पर इस मंदिर में भगवान की पूजा-पाठ और आरती का आयोजन किया जाता है। भले ही यहाँ के वास्तविक प्रतिमाओं को जयपुर के गोविंद वल्लभ मंदिर में स्थानांतरित कर दिया गया हो लेकिन वृंदावन के लोगों के लिए इस मंदिर का महत्व बिल्कुल वैसा ही है, जैसा पहले हुआ करता था। अब इस मंदिर में अनेकों त्यौहार भी धूमधाम से मनाए जाते हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, राधा अष्टमी, श्रीरामनवमी और दीपावली यहाँ के प्रमुख त्यौहार हैं।

कैसे पहुँचें?

वृंदावन का नजदीकी हवाईअड्डा आगरा में स्थित है, जो यहाँ से लगभग 78 किमी की दूरी पर है। इसके अलावा यहाँ से दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की दूसरी लगभग 170 किमी है। वृंदावन, आगरा-दिल्ली रेलमार्ग पर स्थित है।

वृंदावन में दो रेलवे स्टेशन हैं। मुख्य स्टेशन से गोविंद देव मंदिर की दूरी लगभग 1.5 किमी ही है। इसके अलावा सड़क मार्ग से भी वृंदावन पहुँचना काफी आसान है। वृंदावन दिल्ली और आगरा समेत उत्तर प्रदेश के कई शहरों से सड़क मार्ग से भली-भांति जुड़ा हुआ है।



IFTTT Tags: Video, medico, itmedi, medium definition, media go, media one, mediam, on the media, what is media, medical news, media pa, media buying, define media, define media, media net, media news, media wiki, the media, media meaning, news media, mediasite, definition of media, www media markt, media watchdog, www media, web media, Narendra Modi, India Media, News, Rahul Gandhi, Hindutva, Maharashtra, Mumbai, Tamilnadu, Uttar Pradesh, Yogi Adityanath, Baba Ramdev, IMA, Patanjali, Ayurveda,Homeopathy, Allopathy,

Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

0 Comments: