हासन का होयसलेश्वर मंदिर: अद्भुत नक्काशी, क्या निर्माण में होयसल राजाओं ने करवाया था मशीनों का उपयोग

August 02, 2021 0 Comments

कर्नाटक, होयसलेश्वर मंदिर

--- हासन का होयसलेश्वर मंदिर: अद्भुत नक्काशी, क्या निर्माण में होयसल राजाओं ने करवाया था मशीनों का उपयोग लेख आप ऑपइंडिया वेबसाइट पे पढ़ सकते हैं ---

कर्नाटक के हासन (Hassan) जिले के हलेबिड नामक स्थान पर स्थित है होयसलेश्वर मंदिर। हलेबिड का प्राचीन नाम द्वारसमुद्र था जो राजा विष्णुवर्धन के समय में होयसल साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। कई सदियों वर्ष पुराना मंदिर अपनी महानतम वास्तुशैली के लिए प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि इसे बनाने में मशीनों का उपयोग किया गया था, क्योंकि मंदिर में जिस प्रकार की नक्काशी और कलाकारी की गई है वह मनुष्य के हाथों से संभव नहीं है।

इतिहास

होयसल राजाओं ने अपने शासनकाल में लगभग 1,500 मंदिरों का निर्माण कराया जिनमें से अधिकांश मंदिर भगवान शिव को समर्पित थे। होयसलेश्वर मंदिर भी उनमें से एक है जिसका निर्माण सन् 1121 में हुआ था। इस मंदिर का निर्माण होयसल राजा विष्णुवर्धन के शासनकाल में हुआ था और निर्माण का योगदान जाता है विष्णुवर्धन के एक अधिकारी केटामल्ला को। हालाँकि मंदिर के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था राजा विष्णुवर्धन ने ही कराई थी, लेकिन केटामल्ला ने मंदिर की संरचना और अद्भुत निर्माण में अपना पूरा योगदान दिया।

मंदिर और उसके आसपास स्थित शिलालेखों से यह जानकारी मिलती है कि समय के साथ कई बार मंदिर का जीर्णोद्धार होता रहा। मंदिर के ऊपर एक शिखर की मौजूदगी के प्रमाण मिलते हैं जो अब नहीं है। मंदिर ने कई बार आक्रमण भी झेला है। 14 वीं शताब्दी की शुरुआत में दिल्ली सल्तनत के अलाउद्दीन खिलजी और मुहम्मद बिन तुगलक के द्वारा द्वारसमुद्र में आक्रमण किया गया। इस दौरान उन दोनों के द्वारा भयानक विध्वंस मचाया गया। इसके बाद यहाँ विजयनगर साम्राज्य स्थापित हुआ।

संरचना

होयसलेश्वर मंदिर का निर्माण एक ऊँचे प्लेटफॉर्म पर हुआ है और इस प्लेटफॉर्म पर 12 नक्काशीदार परतें बनी हुई हैं। यह होयसल वास्तुशिल्प का बेहतरीन उदाहरण है कि इन 12 परतों को जोड़ने में न तो चूना सीमेंट का उपयोग हुआ और न किसी अन्य तरह के पदार्थ का, बल्कि इन्हें इंटरलॉकिंग तकनीक के माध्यम से आपस में जोड़ा गया है। मंदिर की बाहरी दीवार पर बेहद खूबसूरत नक्काशी की गई है और प्रतिमाओं का निर्माण किया गया है। होयसलेश्वर मंदिर में स्थापित मूर्तियों को बनाने में सॉफ्ट स्टोन का उपयोग किया गया है जो समय के साथ कठोर हो जाता है।

होयसलेश्वर मंदिर की वास्तुकला ‘बेसर शैली’ से प्रेरित मानी जाती है। यह मंदिर निर्माण की द्रविड़ शैली और नागर शैली, दोनों से ही भिन्न है और इस शैली का उपयोग अक्सर होयसल राजा ही किया करते थे। मंदिर के अंदर पत्थर के स्तंभ स्थित हैं और इन स्तंभों पर गोलाकार डिजाइन बनाई गई है। इसके अलावा मंदिर में भगवान शिव की एक मूर्ति विराजमान है। शिव जी की इस मूर्ति के मुकुट पर मानव खोपड़ियाँ बनी हैं, जो मात्र 1 इंच चौड़ी हैं। इन छोटी-छोटी खोपड़ियों को इस तरह से खोखला किया गया है कि उससे गुजरने वाली रोशनी आँखों के सुराख से होती हुई मुँह में जाकर कानों से बाहर लौट आती हैं।

भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर की नक्काशियों और उत्कृष्ठ कलाकृतियों को देखकर ही इस मंदिर के संबंध में अक्सर यह कहा जाता है कि मंदिर के निर्माण में मशीनों का उपयोग किया गया था। क्योंकि जिस तरीके से मंदिर की दीवारों पर मूर्तियों को उकेरा गया है और स्तंभों की गोलाई को जिस सूक्ष्मता से बनाया गया है, वह मनुष्य के हाथों से बनाया जाना थोड़ा मुश्किल मालूम होता है। हालाँकि मंदिर के निर्माण में किसी भी प्रकार की मशीन के उपयोग की कोई पुख्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन स्थानीय मान्यताएँ ऐसा ही कुछ कहती हैं।

होयसलेश्वर मंदिर परिसर में दो जुड़वा मंदिर हैं जिनके गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित हैं और दोनों ही मंदिरों के गर्भगृह पूर्वाभिमुख हैं। दोनों ही गर्भगृह के बाहर नंदी हॉल है जहाँ अपने आराध्य की ओर मुख किए हुए नंदी विराजमान हैं। मुख्य मंदिर होयसलेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है और दूसरा जुड़वा मंदिर शांतलेश्वर मंदिर। मुख्य मंदिर से जुड़ा हुआ एक सूर्य तीर्थ भी है। हालाँकि इतिहासकारों का मानना है कि इस पूरे परिसर में कई अन्य छोटे मंदिर भी थे जो अब यहाँ मौजूद नहीं हैं।

कैसे पहुँचे?

होयसलेश्वर मंदिर कर्नाटक के हासन जिले में स्थित है, जहाँ का निकटतम हवाईअड्डा मैसूर में स्थित है। होयसलेश्वर मंदिर से मैसूर हवाईअड्डे की दूरी लगभग 150 किमी है। साथ बेंगलुरु का अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा यहाँ से 229 किमी दूर है। रेलमार्ग से भी हासन पहुँचना संभव है। हासन रेलवे जंक्शन कर्नाटक समेत दक्षिण भारत के लगभग सभी बड़े शहरों से रेलमार्ग के माध्यम से जुड़ा हुआ है। हासन जंक्शन, होयसलेश्वर मंदिर से मात्र 30 किमी दूर है। इसके साथ ही सड़क मार्ग से भी होयसलेश्वर मंदिर तक पहुँचा जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 75 पर स्थित हसन, देश के अन्य हिस्सों से सड़क मर्ग से जुड़ा हुआ है। कर्नाटक की राज्य परिवहन की बसों के द्वारा हासन पहुँचना बहुत ही सरल है।



IFTTT Tags: Video, medico, itmedi, medium definition, media go, media one, mediam, on the media, what is media, medical news, media pa, media buying, define media, define media, media net, media news, media wiki, the media, media meaning, news media, mediasite, definition of media, www media markt, media watchdog, www media, web media, Narendra Modi, India Media, News, Rahul Gandhi, Hindutva, Maharashtra, Mumbai, Tamilnadu, Uttar Pradesh, Yogi Adityanath, Baba Ramdev, IMA, Patanjali, Ayurveda,Homeopathy, Allopathy,

Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

0 Comments: