200 साल पहले ‘जहर’ थी टमाटर, मुकदमा चला, लाल रंग भी मुसीबत: जानिए, कैसे हुई रसोईघर में एंट्री
--- 200 साल पहले ‘जहर’ थी टमाटर, मुकदमा चला, लाल रंग भी मुसीबत: जानिए, कैसे हुई रसोईघर में एंट्री लेख आप ऑपइंडिया वेबसाइट पे पढ़ सकते हैं ---
भारत में लगभग हर सब्जी में टमाटर का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही टमाटर का सूप, जूस और सलाद को भी बड़े चाव से खाया-पीया जाता है, लेकिन क्या आप इसका इतिहास जानते हैं? आपको जानकार हैरानी होगी कि आज हर किसी की रसोई में अपनी खास जगह बना चुके टमाटर को करीब 200 साल पहले 28 जून 1820 को यूरोप में बिना जहर वाली सब्जी घोषित किया गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूरोप और अमेरिका में लंबे समय तक टमाटर को जहरीला माना जाता था। इसमें ज्यादा मात्रा में लैड पाया जाता था, इसलिए इसे पॉइजन एपल निक नेम दिया गया था। 15वीं सदी से लेकर 18वीं सदी तक यानी करीब तीन सदियों तक टमाटर से लोग नफरत करते रहे, जिसके चलते पश्चिमी दुनिया में इसे ‘पापी’ फल का खिताब मिल गया था। हिस्ट्री चैनल की एक वेबसाइट पर लिखे लेख के अनुसार टमाटर शब्द यूटो-एज़्टेकन नहुआट्ल शब्द ( Uto-Aztecan Nahuatl word), ‘टोमैटल‘ से लिया गया है, जिसका अर्थ है swelling fruit।
लाल रंग के फल इंसानों के लिए सही नहीं
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के न्यू जर्सी के सेलम में जॉन गेराड नाम के एक सर्जन थे, जो फलों की खेती भी करते थे। बताया जाता है कि उन्होंने जब पहली बार टमाटर की खेती की, तो उसमें टोमैटिन नाम का एक टॉक्सिन बेहद कम मात्रा में पाया गया है। दरअसल, टोमैटिन होने की वजह से ही टमाटर को लोग जहरीला मानते थे, लेकिन उससे किसी को नुकसान नहीं पहुँचता है। बताया जाता है कि टमाटर से नफरत करने का एक और कारण था उसका लाल रंग। उन दिनों लाल रंग के फलों को इंसानों के लिए सही नहीं माना जाता था।
28 जून 1820 को अदालत में बुलावा
इससे भी ज्यादा हैरानी वाली बात यह है कि टमाटर पर जहरीला होने का आरोप लगाकर उसके ऊपर केस तक कर दिया गया था। साल 1820 में न्यू जर्सी के सेलम के एक कोर्ट में टमाटर पर मुकदमा किया गया और उसे पेश होने के लिए कहा गया था। 28 जून, 1820 को अदालत में टमाटर को बुलाया गया था। उस दौरान हर कोई टमाटर पर जहरीले होने का आरोप लगा रहा था और उससे जवाब माँग रहा था। वहीं, एक इंसान ऐसा भी था, जिसने टमाटर का पक्ष लिया था। उसका नाम कर्नल रॉबर्ट गिबन जॉनसन था। उन्होंने अदालत में टमाटर को बेकसूर साबित किया था।
टमाटर की पेशी वाले दिन खचाखच भरी अदालत में जॉनसन अपने हाथों में एक टमाटर से भरी हुई टोकरी लेकर पहुँचे थे। हर कोई टकटकी लगाकर बस उन्हें ही देखे जा रहा था, क्योंकि सब तो टमाटर के पेश होने का इंतजार कर रहे थे। बस फिर क्या था, जॉनसन ने ना आव देखा ना ताव वह अदालत में सबके सामने एक-एक करके टमाटर खाने लगे। इस दौरान वहाँ मौजूद लोगों को लगा कि आज तो जॉनसन नहीं बचने वाला है. वह आत्महत्या करने पर उतारू है।
जहरीला नहीं, इसके कई फायदे
इस रोचक कहानी में मोड़ तब आया, जब टमाटर खाने के काफी देर बाद भी जॉनसन को कुछ नहीं हुआ। ये सब देखकर सभी लोग हैरान रह गए। जॉनसन ने उन्हें बताया कि टमाटर जहरीला नहीं है, बल्कि इसके कई फायदे हैं। इसके बाद से लोगों के मन से टमाटर का खौफ निकल गया। पश्चिमी दुनिया में टमाटर की खेती ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया और आज वहाँ लगभग हर बगीचे में आपको टमाटर दिख जाएँगे।
आपने शायद ही सोचा होगा कि टमाटर जैसे रसदार फल के जहरीला होने के पीछे ये कारण हो सकता है। खैर, अब आप इसका इतिहास जान चुके हैं, तो जमकर सब्जी में टमाटर का इस्तेमाल किजिए, सलाद खाइए। इससे ना केवल आपके खाने का स्वाद बढ़ेगा, बल्कि टमाटर का जूस आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करेगा। साथ ही आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी, जिससे आपका शरीर किसी भी वायरस या बीमारी से लड़ने में सक्षम होगा।
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