भविष्य बद्री ही होगा कलियुग का भविष्य तीर्थ: जब बद्रीनाथ का बंद होगा मार्ग… तो भविष्य बद्री होगा भगवान विष्णु का निवास स्थान

May 29, 2021 0 Comments

भविष्य बद्री उत्तराखंड

--- भविष्य बद्री ही होगा कलियुग का भविष्य तीर्थ: जब बद्रीनाथ का बंद होगा मार्ग… तो भविष्य बद्री होगा भगवान विष्णु का निवास स्थान लेख आप ऑपइंडिया वेबसाइट पे पढ़ सकते हैं ---

देवभूमि उत्तराखंड की महानता किसी से छुपी हुई नहीं है। हिमालय की तलहटी में बसा हुआ उत्तराखंड अनेकों दिव्य एवं महान मंदिरों का मूल स्थान है। उत्तराखंड में हिंदुओं के परम पावन तीर्थ गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से चारधाम कहा जाता है। इनके अलावा भी उत्तराखंड में कई प्रमुख नगर, मंदिर, नदियाँ और देवस्थल हैं जिनका हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है। हालाँकि देश-विदेश के हिन्दू इन धार्मिक स्थलों की यात्रा करने के लिए उत्तराखंड आते रहते हैं लेकिन कई ऐसे भी धर्मस्थल हैं जो आज भी दुर्गम हैं और जिनके बारे में भक्तों को बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। इनमें से एक है, भविष्य बद्री जो उत्तराखंड में पंच बद्री कहे जाने वाले तीर्थ क्षेत्रों में से एक है।

पंच बद्री :

बद्रीनाथ (विशाल बद्री) के उत्तर-पश्चिमी भाग में 24 किमी दूर स्थित सतोपंथ से दक्षिण में नंदप्रयाग तक का क्षेत्र ‘बद्रीक्षेत्र’ कहलाता है। इस क्षेत्र में भगवान विष्णु को समर्पित पाँच मंदिर हैं जो सामूहिक रूप से पंच बद्री कहे जाते हैं। बद्रीनाथ या विशाल बद्री प्रमुख मंदिर है। इसके अलावा चार अन्य मंदिर हैं, योगध्यान बद्री, भविष्य बद्री, वृद्ध बद्री और आदि बद्री।

भविष्य बद्री ही होगा कलियुग का भविष्य तीर्थ

जोशीमठ से लगभग 25 किमी और बद्रीनाथ से लगभग 56 किमी की दूरी पर स्थित है, भविष्य बद्री। यह स्थान भविष्य के बद्री तीर्थ के रूप में जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जब सम्पूर्ण संसार में अधर्म फैल जाएगा, नर और नारायण पर्वत अवरोध से घिर जाएँगे और बद्रीनाथ जाने का रास्ता बंद हो जाएगा तब भगवान विष्णु इसी भविष्य बद्री मंदिर में निवास करेंगे और नरसिंह के रूप में पूजे जाएँगे।

उत्तराखंड का भविष्य बद्री (फोटो साभार : उत्तराखंड पर्यटन)

ऐसी मान्यता है कि जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर में भगवान नरसिंह की मूर्ति के हाथ लगातार पतले हो रहे हैं और एक दिन ऐसा आएगा जिस दिन ये हाथ मूर्ति से अलग हो जाएँगे और उसी दिन बद्रीनाथ जाने का रास्ता भी बंद हो जाएगा। तब भविष्य बद्री अपने पूरे प्रभाव से सबके सामने आएगा। जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में ही बद्रीनाथ के पट बंद हो जाने के बाद भगवान विष्णु निवास करते हैं।

पत्थर पर उभर रही है भगवान विष्णु की मूर्ति

भविष्य में जिस स्थान पर भगवान विष्णु के दर्शन होंगे, वह भविष्य बद्री घने देवदार के जंगलों के बीच स्थित है। भविष्य बद्री के पुजारी सुनील डिमरी बताते हैं कि धीरे-धीरे मंदिर के एक पत्थर पर भगवान विष्णु और बद्रोश पंचायतन के सभी देवी-देवताओं की आकृति उभर रही है। हालाँकि यह प्रक्रिया इतनी धीमी है कि इसे शायद ही कोई प्रत्यक्ष देख पाए लेकिन भविष्य बद्री क्षेत्र के निवासी और सनातन धर्म के जानकार इस बात पर पूरा भरोसा करते हैं। मान्यता है कि जिस दिन कलियुग चरम पर होगा, भगवान पूरी तरह से सामने आ जाएँगे। वर्तमान में सुभाई गाँव में भविष्य बद्री का संकेत मंदिर है, जहाँ पूजा होती है।

कैसे पहुँचे?

हालाँकि उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति ही ऐसी है कि यहाँ परिवहन के साधन बहुत सीमित हैं। जोशीमठ के सबसे नजदीक स्थित हवाई अड्डा देहरादून स्थित जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है जो लगभग 268 किमी की दूरी पर है। ऋषिकेश, जोशीमठ का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है जो लगभग 250 किमी की दूरी पर है।

हालाँकि जोशीमठ के बाद भविष्य बद्री की दूरी लगभग 25 किमी ही रह जाती है लेकिन यही मार्ग अत्यंत दुर्गम है। जोशीमठ से 19 किमी दूर स्थित सलधार तक सड़क मार्ग द्वारा किसी वाहन से पहुँचा जा सकता है लेकिन सलधार से भविष्य बद्री तक 6 किमी का पैदल सफर करना होता है। इस पैदल सफर में घने जंगलों और धौली गंगा के किनारे कठिन रास्ते पर लगभग 3 किमी का सफर तय करना होता है।



IFTTT

Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

0 Comments: