मध्य प्रदेश में आदिवासी बहुल इलाके में कोविड-19 ड्यूटी के दौरान ईसाई धर्म का प्रचार करती पकड़ी गईं नर्स
--- मध्य प्रदेश में आदिवासी बहुल इलाके में कोविड-19 ड्यूटी के दौरान ईसाई धर्म का प्रचार करती पकड़ी गईं नर्स लेख आप ऑपइंडिया वेबसाइट पे पढ़ सकते हैं ---
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में 22 मई को सरकारी ड्यूटी के दौरान धर्म प्रचार का मामला सामने आया है। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, बाजाला के आदिवासी बहुल विकास खंड में एक नर्स को कोविड -19 महामारी के बीच लोगों को आहार योजनाओं के बारे में सूचित करने के बहाने ईसाई धर्म का प्रचार करने वाले प्रचार पुस्तिका के साथ पकड़ा गया। नर्स को स्थानीय निवासियों ने पकड़ लिया और पुलिस और प्रशासन को उसकी हरकत से अवगत कराया।
प्रारंभिक जाँच में पुलिस ने धार्मिक प्रचार-प्रसार के आरोपों को सही पाया। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में कोविड-19 प्रसार को नियंत्रित करने के लिए डोर-टू-डोर सर्वेक्षण किया जा रहा है। सरकार ने अभियान के लिए एएनएम, नर्सों, आँगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं की टीमों को तैनात किया है।
आरएसएस कार्यकर्ताओं ने नर्स को पकड़ा
नर्स की पहचान बाजना में रैपिड रिस्पॉन्स टीम की संध्या तिवारी के रूप में की गई। शनिवार (मई 22, 2021) को, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं को नर्स के बारे में पता चला, जो सरकारी ड्यूटी के दौरान ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार कर रही थी। जब वह क्षेत्र में सर्वेक्षण कर रही थीं तो लोगों ने धार्मिक प्रचार पर आपत्ति जताई। आरएसएस और अन्य हिंदू संगठन भी मौके पर पहुँचे।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ नर्स का वीडियो
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें नर्स से पूछताछ की जा रही है। भाजपा नेता सोमेश पालीवाल द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में आप देख सकते हैं कि जब नर्स से बार-बार पूछा जाता है कि वो डाइट प्लान चार्ट के साथ धार्मिक पर्चे क्यों बाँट रही हैं तो उन्होंने कार्यकर्ता से कहा कि वो फालतू का मुद्दा न बनाएँ।
#कील_कोरोना अभियान के दौरान रतलाम के आदिवासी बाहुल्य बाजना क्षेत्र में एक सरकारी महिला स्वास्थ्यकर्मी द्वारा धर्म विशेष का प्रचार किया जा रहा है। @drnarottammisra जी कृपया इसे संज्ञान में लेवें।@ChouhanShivraj@DrMohanYadav51 @RatlamCollector @VishvasSarang @rajneesh4n https://t.co/xRhmdi83cX pic.twitter.com/6smjgv2oLt
— Somesh Paliwal (@SomeshBJP) May 22, 2021
जब कार्यकर्ता ने नर्स को बताने के लिए जोर दिया कि वो ऐसा क्यों कर रही हैं, तो उन्होंने कहा कि वह सभी को यीशु के बारे में नहीं बता रही थीं ‘केवल उन लोगों को बता रही थीं, जिन्हें इसकी आवश्यकता है’ और दावा किया कि वह डाइट प्लान भी बता रही थीं, इसलिए वह जो कर रही थीं, उसमें कुछ भी गलत नहीं था। इसके बाद कार्यकर्ता ने आसपास के लोगों से पूछा कि क्या वे अपने क्षेत्र में ऐसा उपदेश चाहते हैं, जिससे उन्होंने इनकार किया और उसके कार्यों पर आपत्ति जताई।
नर्स एक घंटे से अधिक समय तक पुलिस से बहस करती रही
पुलिस जब उन्हें थाने ले आई और उनसे पूछताछ की तो वह करीब एक घंटे तक पुलिस से बहस करती रहीं कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। तहसीलदार भगवानदास ठाकुर भी थाने पहुँचे और नर्स पर लगे आरोपों की जानकारी ली। घटना की रिपोर्ट सैलाना की सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) कामिनी ठाकुर को भेजी गई, जिसमें तहसीलदार ने कहा कि शिकायत शुरुआती तौर पर सही पाई गई। एसडीएम ठाकुर ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली है और प्रारंभिक जाँच में इसे सही पाया गया है। इसे आगे की कार्रवाई के लिए कलेक्टर को भेज दिया गया है।
बाँटे जा रहे पर्चे का कंटेंट
नर्स जो पर्चे बाँट रही थीं, उसमें ईसाई धर्म टीवी चैनल शो, वेबसाइटों और बहुत कुछ की जानकारी थी। इसमें प्रार्थना आदि की भी जानकारी थी। नर्स झूठे दावे कर रही थीं कि यीशु से प्रार्थना करके लोग खुद को कोविड-19 संक्रमण से बचा सकते हैं।
हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए IMA प्रमुख की आलोचना
हाल ही में, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रमुख डॉ जेए जयलाल को ईसाई धर्म फैलाने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा। वह ईसाई धर्म अपनाने के लिए अस्पतालों का उपयोग करना चाहते थे। डॉ जयलाल ने कहा था कि वे चाहते हैं कि IMA ‘जीसस क्राइस्ट के प्यार’ को साझा करे और सभी को भरोसा दिलाए कि जीसस ही व्यक्तिगत रूप से रक्षा करने वाले हैं।
डॉ जेए जयलाल ने कहा था कि चर्चों और ईसाई के दया भाव के कारण ही विश्व में पिछली कई महामारियों और रोगों का इलाज आया। डॉ जयलाल चाहते थे कि उनकी पेशेवर योग्यताएँ और हाल ही में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रमुख के रूप में प्राप्त पद का उपयोग ईसाई मिशनरियों द्वारा किए जाने वाले ईसाई प्रचार को आगे बढ़ाने के लिए किया जाए।
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