जहीन की चारों बेटियाँ शिक्षक तो 18 से कम उम्र में ही अरमान की बहाली: आज़मगढ़ के मदरसों में शिक्षक घोटाला, SIT करेगी जाँच

May 24, 2021 0 Comments

आज़मगढ़, मदरसों, शिक्षक भर्ती घोटाला

--- जहीन की चारों बेटियाँ शिक्षक तो 18 से कम उम्र में ही अरमान की बहाली: आज़मगढ़ के मदरसों में शिक्षक घोटाला, SIT करेगी जाँच लेख आप ऑपइंडिया वेबसाइट पे पढ़ सकते हैं ---

उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ में सारे नियम-कानूनों को ताक पर रख कर नियुक्तियों का खेल चल रहा था। इसमें अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा मदरसा के संचालक भी शामिल थे। तीसरे दर्जे से पास लोगों को भी शिक्षक बना दिया गया। एक मदरसे के अध्यक्ष ने तो अपनी चारों बेटियों को बतौर शिक्षक बहाल कर दिया। कई ऐसे शिक्षक भी हैं, जिनके पास किसी मान्यताप्राप्त संस्थान का प्रमाण पत्र तक नहीं है।

अब इस मामले की जाँच SIT को सौंपी गई है, जो 1974 से वर्ष 2013 के बीच आज़मगढ़ में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में तैनात रहे अधिकारियों और कर्मचारियों का ब्यौरा खँगालेगी। SIT ने आज़मगढ़ के 20 मदरसों का निरीक्षण किया है। जब्त किए गए दस्तावेजों, दर्ज किए गए बयानों और जुटाए गए तथ्यों से खुलासा हुआ है कि कई शिक्षकों के प्रमाण पत्र ऐसे संस्थान के हैं, जिन्हें तो तो केंद्र और न ही राज्य सरकार की मान्यता प्राप्त है।

नियम के अनुसार जो पूरी तरह अपात्र थे, उन्हें भी मदरसों में शिक्षक बना कर बिठा दिया गया। नियमानुसार ‘अध्यापक आलिया’ के लिए ‘फाजिल’ शैक्षिक योग्यता 55% अंक के साथ उत्तीर्ण होनी चाहिए, लेकिन अधिकतर शिक्षकों के मार्क्स इससे कम ही थे। एक शिक्षक को तो तीसरे दर्जे से भी उत्तीर्ण होने के लिए 1 अंक के ग्रेस मार्क की ज़रूरत पड़ी थी। ये घोटाला कई वर्षों से यूँ ही चला आ रहा था।

उदाहरण के लिए, एक शिक्षक ने मऊ के चिरैयाकोट के सेराजनगर स्थित सेराजुल ओलुम मदरसा से वर्ष फरवरी 28, 2004 में फाजिल का तीन वर्ष का शिक्षण अनुभव दिखाया जबकि इस मदरसा को तब तक मान्यता मिली ही नहीं थी। इसी तरह नवंबर 6, 1981 को अरमान अहमद नामक शिक्षक की नियुक्ति हुई। 18 वर्ष से कम की उम्र में ही उसे सहायक शिक्षक के रूप में बहाल कर दिया गया। नियमों का खुला उल्लंघन किया गया।

मोहम्मद मेहंदी नामक प्रधानाचार्य ‘सहायक अध्यापक आलिया’ की नियुक्ति जनवरी 9, 1996 को हुई जबकि उनका अनुभव प्रमाण पत्र मार्च 21, 1996 का था। इसी तरह मुबारकपुर का मदरसा जामिया नुरूल ओलुम अंजुमन सिद्दीकीया जामिया नुरूल ओलुम सोसायटी द्वारा चलाया जाता है। सोसाइटी व चयन समिति के अध्यक्ष जहीन अहमद ने अपनी चारों बेटियों को प्रधानाचार्य सहित अन्य पदों पर बिठा दिया।

जिले के जिन मदरसों की जाँच हुई है उनमें मुबारकपुर के मदरसा जामिया नुरुल उलूम, मदरसा अशरफिया सिराजुल उलूम नेवादा अमिलो, अरबिया दारूतालीम सोफीपुरा, बाबुल ईल्म निस्वाँ, जफरपुर का मदरसा अरबिया जियाउल उलूम मंदे, बम्हौर का मदरसा मदरसतुल आलिया शेख रज्जब अली, जामिया अरबिया तनवीर उल उलूम नौशहरा, अरबिया कासिमुल मगराँवा, इस्लामिया जमीअतुल कुरैश जालंधरी समेत कुल 20 मदरसे शामिल है।



IFTTT

Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

0 Comments: