SC की टिप्पणी: महिला के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्या लिव-इन कपल के बीच सेक्सुअल इंटिमेसी को दुष्कर्म कहा जा सकता है

March 02, 2021 0 Comments

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लिव इन में रहने वाले दंपति के बीच यौन संबंधों के लिए सहमति के एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पूछा कि क्या उनके बीच संभोग को दुष्कर्म कहा जा सकता है।

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यदि कोई दंपति एक साथ पति और पत्नी की तरह रह रहे हैं ..पति क्रूर हो सकता है, लेकिन जोड़े के बीच संभोग को क्या दुष्कर्म करार दिया जा सकता है?

2 साल दोनों लिव इन में रहे, फिर पुरुष ने दूसरी शादी कर ली
2 साल साथ रही एक महिला ने तब पुरुष पर रेप का आरोप लगाया, जब उसने दूसरी महिला से शादी कर ली। इसके बाद व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। उसकी ओर से सीनियर एडवोकेट विभा दत्ता मखीजा ने कहा कि दोनों एक साथ काम करते थे। वे 2 साल से लिव इन रिलेशनशिप में थे। शिकायत करने वाली महिला ने 2 और लोगों के साथ भी ऐसा ही किया था।

महिला की दलील- धोखे में रखकर सहमति ली
शिकायत करने वाली महिला की ओर से वकील आदित्य वशिष्ठ ने कहा, ‘कपल रोमांटिक रिलेशनशिप में था। उन्होंने दलील दी कि उनके मुवक्किल की सहमति के साथ धोखाधड़ी की गई। दोनों एक बार मनाली गए थे। वहां उन्होंने शादी की रस्म में हिस्सा लिया। याचिका दायर करने वाले शख्स ने इस बात से इनकार किया कि उनकी शादी हुई थी। वे दोनों की सहमति से लिव इन रिलेशनशिप में थे।

हाईकोर्ट ने नहीं की थी सुनवाई
इस व्यक्ति ने 2019 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपने खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने की याचिका लगाई थी। हाई कोर्ट ने उस पर सुनवाई से इनकार कर दिया था। इसके बाद वह हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट चले गए। महिला के वकील ने दावा किया कि याचिकाकर्ता ने साथ रहने के दौरान महिला के साथ मारपीट की थी। धोखे में रखकर फिजिकल रिलेशनशिप के लिए सहमति ली गई, क्योंकि उसे भरोसा था कि दोनों की शादी वास्तविक है।

इस पर बेंच ने वकील से कहा कि आप मारपीट और वैवाहिक क्रूरता के लिए मामला क्यों दर्ज नहीं करते? रेप का मामला क्यों दर्ज कराया है? बेंच ने कहा कि किसी को भी शादी का झूठा वादा नहीं करना चाहिए और इसे तोड़ना नहीं चाहिए, लेकिन यह कहना अलग है कि सेक्सुअल रिलेशन बनाना रेप है।

गिरफ्तारी पर 8 हफ्ते की रोक
शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा, याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर आठ सप्ताह की अवधि तक रोक रहेगी। इसके बाद, ट्रायल कोर्ट याचिकाकर्ता की स्वतंत्रता के सवाल पर फैसला करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यूपी सरकार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि याचिकाकर्ता की पत्नी के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दायर नहीं किया है। इसे देखते हुए, विभा दत्ता मखीजा द्वारा विशेष अवकाश याचिका को वापस लेने की अनुमति प्रदान की जाती है।



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Supreme Court asked- Can sexual intimacy between live in couples be called rape
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from दैनिक भास्कर हिंदी

Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

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