लोकसभा: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक पास, राज्य के अधिकारी अब केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर का हिस्सा

February 15, 2021 0 Comments

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में शनिवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2021 पारित हो गया है। इसके साथ ही मौजूदा जम्मू-कश्मीर कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारी अब अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर का हिस्सा होंगे।

इससे पहले सदन में जम्मू-कश्मीर को लेकर लंबी चर्चा हुई। विपक्ष ने भी तमाम सवाल उठाए। धारा 370 हटाए जाने के बाद राज्य के हालातों पर भी सवाल उठाए गए, साथ ही पूछा गया कि वहां क्या बदल गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के उठाए सभी सवालों पर विस्तार से जवाब दिया। अमित शाह ने पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर कहा कि उपयुक्त समय पर किया जाएगा।

लद्दाख सांसत ने किया स्वागत
लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने विधेयक के पारित होने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास हुआ इससे राज्य के अधिकारियों को दूसरी जगह जाकर सेवा करने का मौका मिलेगा और दूसरी जगह से अधिकारियों को आकर राज्य में सेवा करने का मौका मिलेगा। इससे अनुभव और कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी। 

इन राज्यों के कैडर में शामिल हुआ जम्मू-कश्मीर
केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए भविष्य के सभी अधिकारियों के आवंटन अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर से होंगे। विधेयक के अनुसार अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर के अधिकारी केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार कार्य करेंगे।

शनिवार को ही लोकसभा में पेश किया था
इस विधेयक को सरकार ने शनिवार को ही चर्चा व पारित करने के लिए लोकसभा में पेश किया था। इसमें मौजूदा जम्मू-कश्मीर कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर का हिस्सा बनाने का प्रावधान है। यह विधेयक जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) अध्यादेश का स्थान लेगा, जो पिछले महीने जारी किया गया था।

राज्य सभा में पहले ही पारित हो चुका है विधेयक
यह विधेयक राज्यसभा में पारित हो चुका है। विधेयक को लोकसभा में चर्चा और पारित करने के लिए रखते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नागरिकों का सपना पूरा किया है और दोनों राज्यों को विकास की ओर ले जाने का प्रयास जारी है।

70 सालों तक आपने क्या किया?
धारा 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में 17 महीनों में क्या हुआ, इस बारे में विपक्ष के सवाल पर मंत्री ने सवाल किया कि आप अपने 70 साल के शासन के बारे में बताइए , अगर आप हमारे काम के बारे में पूछ रहे हैं? मुझे यह सवाल पूछने से पहले उन्हें अपने बारे में सोचना चाहिए।

17 महीनों में बहुत काम किया 
केंद्र सरकार के काम को गिनाते हुए अमित शाह ने कहा कि 17 महीने में स्वास्थ्य क्षेत्र में कई काम हुए। पनबिजली परियोजनाओं में 3490 मेगावाट का काम हुआ है। लगभग सभी घरों को बिजली दी गई है।  3 लाख 57 हजार परिवारों को बिजली दी गई है। हर किसान को 6 हजार रुपये उनके खाते में मिल रहा है। 8 लाख छात्रों को DBT के माध्यम से छात्रवृति दी जा रही है। आज बच्चों के हाथों में बंदूक की बजाय बैट है, साल 2022 तक कश्मीर को रेल सेवा से जोड़ने का प्रस्ताव है।

इंटरनेट बैन पर कही ये बात 
अमित शाह ने सदन में कहा कि इस देश के फैसले इस देश की संसद करती है। अफवाहें न फैलाई जाए। आप (कांग्रेस) 2जी 4जी की बात करते हो, आपने तो मोबाइल फोन ही बंद कर दिए थे 20 साल तक। स्कूल किसके टाइम जले, मुझसे हिसाब मांग रहे हो। 

कश्मीरी पंडितों पर बोले शाह 
गृह मंत्री ने सदन में कहा कि 44 हजार कश्मीरी पंडितों को 13 रुपये को हर महीने सरकार देती है। उन्होंने कहा कि 3000 कश्मीरी पंडितों को नौकरियां दी गई है। और 2022 में 6 हजार कश्मीरी पंडितों को घर के साथ बसाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर 70 साल में आपने कुछ दिया है तो बताइए। गृह मंत्री ने विपक्षी दलों से अपील की कि जम्मू कश्मीर को राजनीति का मुद्दा न बनाएं, कुछ दूसरे मुद्दे पर दो दो हाथ कर लें। 
 



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Lok Sabha: Jammu and Kashmir Reorganization Amendment Bill passed
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from दैनिक भास्कर हिंदी

Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

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