किसान आंदोलन पर इंटरनेशनल मीडियाः न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा, 'लाल परेड से केंद्र सरकार को सीधी चुनौती' 

January 27, 2021 0 Comments

डिजिटल डेस्क ( भोपाल)। देश में पहली बार गणतंत्र दिवस पर किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली, जो कुछ हुड़दंगियों की वजह से हिंसा में बदल गई। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने दिल्ली के किसानों की हिंसा पर लिखा कि दिल्ली में हिंसा के दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जबकि दिल्ली और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़पों में दिल्ली पुलिस के 80 जवान घायल हो गए। 

किसानों ने मंगलवार को अपने निर्धारित समय से बहुत पहले ट्रैक्टर परेड शुरू कर दिया था, और पुलिस के साथ हुए समझौते को दरकिनार करते हुए राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश किया और करनाल बाईपास, मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, अक्षरधाम, गाजीपुर और टिकरी सीमा पर कई मोचरें का प्रतिनिधित्व किया। वहीं तलवारों से लैस कुछ किसान पुलिस के साथ भी भिड़ते दिखे।

जैसे ही किसान आईटीओ चौराहे पर पहुंचे और लाल किले की ओर बढ़ने की कोशिश की, कई किसान पुलिस कर्मियों से भिड़ गए और उन पर लाठी और लोहे की रॉड से हमला किया। किसानों ने अपने ट्रैक्टरों के साथ कई वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। 

न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा... 

न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि, नई दिल्ली में किसानों पर पुलिस को आंसू गैस के गोल छोड़ने पड़े और किसान रैली को अराजकता में बदल दिया, जो केंद्र सरकार को "सीधी चुनौती" देने निकले थे। वेबसाइड ने आगे लिखा कि, 'यह स्पष्ट नहीं है कि सुरक्षा बल या खेतिहर नेता में से किसने नियंत्रण खोया। प्रदर्शनकारियों को शहर के बाहर धकेल सकते थे। पिछले दो महीनों से राजधानी की सीमाओं पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परेड की सलामी ले रहे थे और दूसरी तरफ कुछ ही दूरी पर यह आंदलोन चल रहा था। 

एक समाचार रिपोर्ट में, बीबीसी ने इस घटना की रिपोर्ट करते हुए कहा कि कई जगह किसान सहमत हुए मार्गों पर ट्रैक्टर परडे निकालते हुए दिखाई दिए। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का एक वर्ग पुलिस बैरिकेड तोड़कर राजधानी में प्रवेश कर गया। बीबीसी ने हैडिंग दी कि ट्रैक्टर रैलीः बड़ी संख्या में किसान लाल किले पर पहुंचे। 

दी गार्जियन ने लिखा कि ने मंगलवार को  देश के गणतंत्र दिवस समारोह से ज्यादा "अराजक और हिंसक" दृश्यों की चर्चा रही। 


दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों के विरोध-प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए ब्रिटिश लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी ने कहा है कि कुछ प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के दृश्यों को देखकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने ट्वीट में कहा, उल्लेखनीय है कि मंगलवार को बड़ा ट्रैक्टर परेड और चल रहे महीनों लंबा संघर्ष (वर्तमान में दुनिया में सबसे बड़ा विरोध) शांतिपूर्ण और अस्तित्व के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित करने वाला रहा। 



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Republic Day and protesting farmers: international media covered Delhis farmers protest 
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from दैनिक भास्कर हिंदी

Amol Kote

Some say he’s half man half fish, others say he’s more of a seventy/thirty split. Either way he’s a fishy bastard.

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